कोटि

  1. कोटि (Koti) meaning in English
  2. 33 करोड़ या 33 कोटि देवी
  3. Koti, Koṭi, Koṭī, Kôti: 26 definitions
  4. कोटि तथा आणविकता में अंतर तथा अणु संख्यता या आणविकता क्या है समझाइये – 11th , 12th notes In hindi
  5. Atal Bihari Vajpayee
  6. कोटि
  7. रामचरितमानस संपूर्ण सुन्दरकाण्ड चौपाई पाठ
  8. कोटि कोटि हिन्दुजन का हम ज्वार उठा कर मानेंगे


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कोटि (Koti) meaning in English

Definition of कोटि • स्त्री० [सं०√कुट्+इञ्०] १. धनुष का सिरा। २. अर्द्ध-चंद्र का सिरा। ३. अस्त्र की नोक या धार। ४. एक ही प्रकार की वस्तुओं या लोगों की वह श्रेणी या वर्ग जो क्रमिक उत्कृष्टता के विचार से बनाया गया हो। (ग्रेड) ५. किसी वाद-विवाद का पूर्व पक्ष। ६. किसी विचारणी या विवादग्रस्त बात के पक्ष और विपक्ष में कही जानेवाली हर तरह की बात या विचार। जैसे—इन सभी कोटियों में एक तत्त्व समान रूप से पाया जाता है। ७. उत्कृष्टता। ८. किसी ९॰ अंश के चाप के दो भागों में से एक। ९. किसी त्रिभुज या चतुर्भुज के आधार और कर्ण से भिन्न रेखा। १॰. राशि चक्र का तीसरा अंस या खंड। ११. असबर्ग नामक ओषधि। वि०=करोड़ (संख्या) [Source: Pustak.org] Information provided about कोटि ( Koti ): कोटि (Koti) meaning in English (इंग्लिश मे मीनिंग) is DEGREE (कोटि ka matlab english me DEGREE hai). Get meaning and translation of Koti in English language with grammar, synonyms and antonyms by ShabdKhoj. Know the answer of question : what is meaning of Koti in English? कोटि (Koti) ka matalab Angrezi me kya hai ( कोटि का अंग्रेजी में मतलब, इंग्लिश में अर्थ जाने) Tags: English meaning of कोटि , कोटि meaning in english, कोटि translation and definition in English. English meaning of Koti , Koti meaning in english, Koti translation and definition in English language by ShabdKhoj (From HinKhoj Group). कोटि का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी (इंग्लिश) में जाने | कोटि के इंग्लिश मीनिंग: degree, rate, grade, quality, category, ordinate, order, gradation, rank Synonym/Similar Words: पइंट पर तैनात खिलाड़ी , कार्य क्षेत्र , द्विग्बिंद...

33 करोड़ या 33 कोटि देवी

• 4 hours ago • 6 hours ago • 7 hours ago • 7 hours ago • 9 hours ago • 9 hours ago • 9 hours ago • 10 hours ago • 10 hours ago • 12 hours ago • 13 hours ago • 13 hours ago • 14 hours ago • 15 hours ago • 16 hours ago • 18 hours ago • 21 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 38.8°C शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ अक्सर आप ने लोगों को कहते सुना होगा कि कुछ लोग का मानना है कि हिंदू धर्म में कुल 33 करोड़ देवी-देवता हैं। तो वहीं कुछ का मानना है कि 33 करोड़ नहीं बल्कि हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी-देवता है। हम जानते हैं अब आपके मन में ये प्रश्न आया होगा कि आख़िर इन दोनों में से कौन तथ्य सच है। बहुत से लोग आज तक इसी संदर्भ को लेकर उलझन में है। कुछ लोग तो इस लेकर आपस में बहस करने लग जाते हैं। परंतु सवाल ये है आख़िर इससा सच है क्या। चलिए आज हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी खास जानकारी जिसे पढ़ने के बाद शायद आप में से बहुत से लोगों की असमंजस दूर हो सकती है। दरअसल, हिंद धर्म के ग्रंथों में कोटि देवभाषा संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है प्रकार। यानि इसका अर्थात हुआ हिंदू धर्म में 33 करोड़नहीं बल्कि 33 कोटि यानि प्रकार के देवी-देवता हैं। तो आप में से जो भी लोग आज तक ये सोचे बैठे हैं कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं तो इस बात को अपने दिमाग से निकाल दें। अब बारी आती है इन प्रकारों को जानने की- Rahu Ketu Transit 2023-24:18 महीने के लिए होने जा रहा है राहु-केतु का गोचर जानें, कन्या राशि का हाल • Guru Pradosh: शत्रु को अपना मित्र बनाने के लिए आज करें यह आस...

Koti, Koṭi, Koṭī, Kôti: 26 definitions

[ Kavya glossary archive.org: Naisadhacarita of Sriharsa 1) Koṭi (कोटि) refers to “end”, “extremity”, “limit”, “alternative”, and is mentioned in the Naiṣadha-carita 13.36. Here koṭi means “alternative”. Cf. the word bhūtakoṭi ,“the true limit or alternative” used to described the Ultimate Reality of the Mādhyamikas (Bodhicaryāvatārapañjikā, p. 354). The word koṭi may be taken to mean also “theory or doctrine” in Naiṣadha 13.36. The word is taken in this sense by Śaṃkara in his commentary on Gauḍapādakārikā. 2) Koṭi (कोटि) refers to (in the Buddhist sense) “a mode of predication” or “a category of existence”, and is mentioned in the Naiṣadha-carita 21.88. The four koṭis are mentioned [in a verse] quoted in Bodhicaryāvatārapañjikā, p. 359 and Advayavajrasaṃgraha, p. 19.10. See also Notes 21.88 and Appendix I, sections IV (c) and V (b). Cf. Laṅkāvatārasūtra. 3) Koṭi (कोटि) refers to “a series”, “a succession” and is mentioned in the Naiṣadha-carita 21.44. Cāṇḍūpaṇḍita, however, explains the word as “resemblance”. Vidyādhara nad Īśānadeva take koṭi as an adjective and explain it as samāna (‘similar’). context information Kavya (काव्य, kavya) refers to Sanskrit poetry, a popular ancient Indian tradition of literature. There have been many Sanskrit poets over the ages, hailing from ancient India and beyond. This topic includes mahakavya, or ‘epic poetry’ and natya, or ‘dramatic poetry’. [ Jyotisha glossary Wikibooks (hi): Sanskrit Technical Terms Koṭi (कोटि).—(or koṭī) 1. Verti...

कोटि तथा आणविकता में अंतर तथा अणु संख्यता या आणविकता क्या है समझाइये – 11th , 12th notes In hindi

molecularity ( अणु संख्यता या आणविकता (molecularity) : क्रियाकारक के अणु – परमाणु या आयन की वह संख्या जो किसी प्राथमिक अभिक्रिया के घटित होने पर परस्पर पर टकराते है। नोट : यदि किसी अभिक्रिया के घटित होने में एक/ दो /तीन अणु टकराते है तो उस अभिक्रिया को क्रमशः एकाणुक /द्विअणुक /त्रिअणुक अभिक्रिया कहते है। उदाहरण : NH 4NO 2 = N 2 + 2H 2O (एकाणुक) 2HI = H 2 + I 2 (द्विअणुक) 2NO + O 2 = 2NO (त्रिअणुक) कोटि तथा आणविकता में अंतर लिखिए : कोटि आणविकता 1. यह प्रायोगिक मान है। यह सैद्धांतिक मान है। 2. इसका मान शून्य हो सकता है। इसका मान कभी भी शून्य नहीं हो सकता। 3. इसका मान भिन्नाक में हो सकता है। इसका मान पूर्णांक में होता है। 4. प्रयोग द्वारा निर्धारित वेग समीकरण में सांद्रता पदों के घातो का योग कोटि कहलाता है। क्रिया कारको के अणुओं की संख्या जो प्रथम अभिक्रिया के घटित होने पर टकराते है। 5. प्राथमिक व जटिल दोनों अभिक्रिया के लिए यह प्रायोगिक वेग समीकरण से ही ज्ञात की जाती है। जटिल जटिल अभिक्रियाओं के लिए इसका कोई अर्थ नहीं होता।

Atal Bihari Vajpayee

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कोटि

कोटि धागु ल्याखंयागु छगु अंक ख। थुकियात ल्याखँय् १,००,००,००० धका च्वइ। खँग्वःयागु उत्पत्ति व छ्येलेज्या [ ] उत्पत्ति व विकास [ ] थ्व खँग्वयागु छ्येलेज्या दक्ले न्ह्य संस्कृतय् जुगु ख। लिपा थ्व खँग्वयागु छ्येलेज्या [ ] थ्व खँग्वयागु छ्येलेज्या संस्कृतय् व संस्कृत नाप स्वापू दुगु व संस्कृत नं बुया वगु भाषे जुगु खने दु। मेमेगु भाषे छ्येलिगु रुप [ ] मेमेगु भाषे थ्व खँग्वयात छ्येलिगु रुप थ्व कथलं दु • • • • • • • • • • • • • • • • मेमेगु भाषा: स्वया दिसँ [ ] • पिनेयागु स्वापू [ ] (थ्व भाषा नाप स्वापू दुगु चीहाकगु च्वसु खः। थ्व च्वसुय् अप्व तथ्य तनादीत ईनाप दु।)

रामचरितमानस संपूर्ण सुन्दरकाण्ड चौपाई पाठ

॥श्रीगणेशायनमः ॥ ॥श्रीजानकीवल्लभोविजयते ॥ ॥श्रीरामचरितमानस ॥ पञ्चमसोपान सुन्दरकाण्ड श्लोक शान्तंशाश्वतमप्रमेयमनघंनिर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशंवेदान्तवेद्यंविभुम्। रामाख्यंजगदीश्वरंसुरगुरुंमायामनुष्यंहरिं वन्देऽहंकरुणाकरंरघुवरंभूपालचूड़ामणिम्।।1।। नान्यास्पृहारघुपतेहृदयेऽस्मदीये सत्यंवदामिचभवानखिलान्तरात्मा। भक्तिंप्रयच्छरघुपुङ्गवनिर्भरांमे कामादिदोषरहितंकुरुमानसंच।।2।। अतुलितबलधामंहेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुंज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानंवानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तंवातजातंनमामि।।3।। जामवंतकेबचनसुहाए।सुनिहनुमंतहृदयअतिभाए।। तबलगिमोहिपरिखेहुतुम्हभाई।सहिदुखकंदमूलफलखाई।। जबलगिआवौंसीतहिदेखी।होइहिकाजुमोहिहरषबिसेषी।। यहकहिनाइसबन्हिकहुँमाथा।चलेउहरषिहियँधरिरघुनाथा।। सिंधुतीरएकभूधरसुंदर।कौतुककूदिचढ़ेउताऊपर।। बारबाररघुबीरसँभारी।तरकेउपवनतनयबलभारी।। जेहिंगिरिचरनदेइहनुमंता।चलेउसोगापातालतुरंता।। जिमिअमोघरघुपतिकरबाना।एहीभाँतिचलेउहनुमाना।। जलनिधिरघुपतिदूतबिचारी।तैंमैनाकहोहिश्रमहारी।। दो0- हनूमानतेहिपरसाकरपुनिकीन्हप्रनाम। रामकाजुकीन्हेंबिनुमोहिकहाँबिश्राम।।1।। –*–*– जातपवनसुतदेवन्हदेखा।जानैंकहुँबलबुद्धिबिसेषा।। सुरसानामअहिन्हकैमाता।पठइन्हिआइकहीतेहिंबाता।। आजुसुरन्हमोहिदीन्हअहारा।सुनतबचनकहपवनकुमारा।। रामकाजुकरिफिरिमैंआवौं।सीताकइसुधिप्रभुहिसुनावौं।। तबतवबदनपैठिहउँआई।सत्यकहउँमोहिजानदेमाई।। कबनेहुँजतनदेइनहिंजाना।ग्रससिनमोहिकहेउहनुमाना।। जोजनभरितेहिंबदनुपसारा।कपितनुकीन्हदुगुनबिस्तारा।। सोरहजोजनमुखतेहिंठयऊ।तुरतपवनसुतबत्तिसभयऊ।। जसजससुरसाबदनुबढ़ावा।तासुदूनकपिरूपदेखावा।। सतजोजनतेहिंआननकीन्हा।अतिलघुरूपपवनसुतलीन्हा।। बदनपइठिपुनिबाहेरआवा।मागाबिदाताहिसिरुनावा।। मोहिसुरन्हजेहिलागिपठावा।...

कोटि कोटि हिन्दुजन का हम ज्वार उठा कर मानेंगे

कोटि कोटि हिन्दुजन का, हम ज्वार उठा कर मानेंगे, सौगंध राम की खाते हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को भव्य बनाएंगे।। भ्रष्टाचार से मुक्त हो भारत, ऐसी अलख जगाएंगे, देश द्रोह करने वालो को, मिलकर सबक सिखाएंगे, हमें अपनी भारत माँ के, वैभवशाली गीत गूंजाएंगे, जो रचे यहाँ आतंकी रचना, भेंट मौत के चढाएंगे, सोने की चिडिया भारत माँ हो, ऐसा स्वप्न सजाएंगे, सौगंध राम की खातें हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को भव्य बनाएंगे।। जन जन के मन में राम रमे, हर प्राण प्राण मे सीता है, कंकर कंकर शंकर इसका, हर स्वास स्वास मे गीता है, जीवन की धड़कन रामायण, पग पग पर बनी पुनीता है, यदि राम नही स्वासो मे, तो प्राणो का घट रिता है, नर नाहर श्री पुरूषोत्तम का, हम रामराज फिर लाएंगे, सौगंध राम की खातें हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को भव्य बनाएंगे।। जो नीती अपावन शासन की, वह नीती तोड़ कर मांगेगे, वो सत्ता पद मे भरा हुआ, वह कुंभ फोड कर मांगेगे, जो फैल रही है आंगन में, विष वेल कुचल कर मानेगे, जो स्वप्न देखते बाबर के, अरमान मिटा कर मानेगें, कितना पशुबल है दानव मे, हम उसे तोल कर मानेगे, सौगंध राम की खातें हैं, भारत को भव्य बनाएंगे, भारत को भव्य बनाएंगे।।