क्रांतिक कोण

  1. क्रांतिक कोण किसे कहते हैं
  2. क्रांतिक कोण
  3. क्रांतिक कोण किसे कहते हैं, सूत्र, मान, संबंध
  4. क्रांतिक कोण , पूर्ण आन्तरिक परावर्तन , शर्तें , उदाहरण
  5. क्रांतिक कोण किसे कहते है?
  6. क्रांतिक कोण
  7. क्रांतिक कोण किसे कहते है?
  8. क्रांतिक कोण , पूर्ण आन्तरिक परावर्तन , शर्तें , उदाहरण
  9. क्रांतिक कोण किसे कहते हैं
  10. क्रांतिक कोण किसे कहते हैं, सूत्र, मान, संबंध


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क्रांतिक कोण किसे कहते हैं

क्रांतिक कोण किसे कहते हैं? (What is a critical angle) हम जानते हैं जब कोई प्रकाश-किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में जाती है, तो वह अभिलंब से दूर हट जाती है| ऐसी स्थिति में अपवर्तन कोण का मान आपतन कोण के मान से अधिक होता है| अब यदि आपतन कोण के मान को बढ़ाया जाये तो अपवर्तन कोण का मान भी बढ़ता जाता है| एक स्थिति ऐसी आती है कि अपवर्तन कोण का मान 90° हो जाता है| इस स्थिति में आपतन कोण को क्रांतिक कोण कहा जाता है| इसे“C” से प्रदर्शित करते हैं| आपतन कोण का वह विशेष मान जिसके संगत अपवर्तन कोण का मान 90° हो जाता है| आपतन कोण का वह विशेष मान ही क्रांतिक कोण कहलाता है| क्रांतिक कोण और अपवर्तनांक में संबंध ( relation between critical angle and refractive index) :माना कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम(glass) से विरल माध्यम(air) में प्रवेश कर रही है| सघन माध्यम में आपतन कोण का मान i तथा विरल माध्यम में अपवर्तन कोण का मान r है| सघन माध्यम के सापेक्ष विरल माध्यम का कांच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक gμa = sini/sinr••••••••••(1) यदि आपतन कोण i= क्रांतिक कोण C हो, तो अपवर्तन कोण r= 90° समीकरण (1) से, gμa = sinC/sin90° gμa = sinC [sin90°=1] [प्रकाश के उत्क्रमणीयता के सिद्धांत से,gμa=1/aμg] 1/ aμg = sinC aμg = 1/sinC aμg = cosec C यही क्रांतिक कोण और माध्यम के अपवर्तनांक में संबंध है| क्रांतिक कोण की निर्भरता: क्रांतिक कोण का मान निम्न कारकों पर निर्भर करता है- 1. प्रकाश के रंग पर- बैंगनी रंग के लिए अपवर्तनांकसर्वाधिक होता है, अतः क्रांतिक कोण का मान बैंगनी रंग के लिए सबसे कम होगा| लाल रंग के लिए अपवर्तनांक सबसे कम होता है, अतः क्रांतिक कोण का मान लाल रंग के लिए सबसे अधिक होगा| 2. ताप पर- ताप...

क्रांतिक कोण

क्रांतिक कोण (critical angle in hindi):- सघन माध्यम में आपतन कोण का वह मान जिसके लिए विरल माध्यम में आपवर्तन कोण 90 degree होता है। क्रान्तिक कोण कहते है। नोट:- 1. काँच और हवा के लिए क्रान्तिक कोण का मान लगभग 42 डिग्री होता है। 2. हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.2 डिग्री होता है। 3. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की घटना में 100 % (प्रतिशत) आपतित ऊर्जा परावर्तित हो जाती है। पूर्ण आन्तरिक परावर्तन(Full internal reflection in hindi):- यदि सघन माध्यम में आपतित किरण को क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित कराये तो यह उसी माध्यम में लौट जाती है इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते है। शर्तें (conditions):- 1. किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम के पृष्ठ पर पड़नी चाहिए। 2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए। प्रश्न 2 : पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण समझाइये ? (1)मरीचिका:- चित्र गर्मी के दिनों में जब तेज गर्मी पड़ती है तो पृथ्वी का धरातल गर्म हो जाता है और हवा की परते भी गर्म हो जाती है। गर्म होने पर हवा की परतों का अपवर्तनांक कम हो जाता है। अतः पृथ्वी तल से जैसे जैसे ऊपर की ओ जाते हैं हवा की परतों का अपवर्तनांक बढ़ता जाता है। जब किसी पेड़ से प्रकाश की किरणे नीचे की ओर आती है तो सघन से विरल माध्यम में जाने के कारण उत्तरोत्तर अभिलम्ब से दूर हटती जाती है और पृथ्वी के निकट आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो जाने के कारण पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है और प्रेरक्षक को ये किरणे पृथ्वी के पृष्ठ के नीचे से आती हुई इस प्रकार मालूम पड़ती है जैसे कि वहाँ तालाब या पोखर से परावर्तित किरणे पहुच रही हो इस प्रकार वह जल होने की भ्रम की स्थिति हो जाती है जिसे मरीचिका कहते ह...

क्रांतिक कोण किसे कहते हैं, सूत्र, मान, संबंध

जब विरल माध्यम में बने अपवर्तन कोण का मान 90° होता है। तब सघन माध्यम में बने आपतन कोण को क्रांतिक कोण कहते हैं। इसे C से प्रदर्शित करते हैं। क्रांतिक कोण और अपवर्तनांक के बीच संबंध यदि दूसरे माध्यम के सापेक्ष पहले माध्यम का अपवर्तनांक = 2n 1 जहां 1- पहले माध्यम तथा 2- दूसरे माध्यम को दर्शाता है। तब स्नेल के नियम से 2n 1 = \large \frac जहां 1n 2– पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक है यही अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण के बीच संबंध का सूत्र है। क्रांतिक कोण का मान • कांच-वायु के लिए क्रांतिक कोण का मान 41.4° होता है। • जल-वायु के लिए क्रांतिक कोण का मान 48.3° होता है। • हीरा-वायु के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.4° होता है। अतः स्पष्ट है कि क्रांतिक कोण का मान अलग-अलग माध्यमों के लिए अलग अलग होता है। क्रांतिक कोण का मान लाल रंग के लिए सबसे अधिक तथा बैगनी रंग के लिए सबसे कम होता है।

क्रांतिक कोण , पूर्ण आन्तरिक परावर्तन , शर्तें , उदाहरण

नोट:- 1. काँच और हवा के लिए क्रान्तिक कोण का मान लगभग 42 डिग्री होता है। 2. हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.2 डिग्री होता है। 3. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की घटना में 100 % (प्रतिशत) आपतित ऊर्जा परावर्तित हो जाती है। पूर्ण आन्तरिक परावर्तन(Full internal reflection):- यदि सघन माध्यम में आपतित किरण को क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित कराये तो यह उसी माध्यम में लौट जाती है इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते है। शर्तें (conditions):- 1. किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम के पृष्ठ पर पड़नी चाहिए। 2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए। प्रश्न 2 : पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण समझाइये ? (1) मरीचिका:- चित्र गर्मी के दिनों में जब तेज गर्मी पड़ती है तो पृथ्वी का धरातल गर्म हो जाता है और हवा की परते भी गर्म हो जाती है। गर्म होने पर हवा की परतों का अपवर्तनांक कम हो जाता है। अतः पृथ्वी तल से जैसे जैसे ऊपर की ओ जाते हैं हवा की परतों का अपवर्तनांक बढ़ता जाता है। जब किसी पेड़ से प्रकाश की किरणे नीचे की ओर आती है तो सघन से विरल माध्यम में जाने के कारण उत्तरोत्तर अभिलम्ब से दूर हटती जाती है और पृथ्वी के निकट आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो जाने के कारण पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है और प्रेरक्षक को ये किरणे पृथ्वी के पृष्ठ के नीचे से आती हुई इस प्रकार मालूम पड़ती है जैसे कि वहाँ तालाब या पोखर से परावर्तित किरणे पहुच रही हो इस प्रकार वह जल होने की भ्रम की स्थिति हो जाती है जिसे मरीचिका कहते है। (2) हीरा (Diamond):- हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.20 होता है। अतः हीरे में प्रकाश की किरण यदि अन्दर पहुँच जाती है तो बार बार उसका पूर्ण आन्तरिक परावर्तन...

क्रांतिक कोण किसे कहते है?

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क्रांतिक कोण

क्रांतिक कोण (critical angle in hindi):- सघन माध्यम में आपतन कोण का वह मान जिसके लिए विरल माध्यम में आपवर्तन कोण 90 degree होता है। क्रान्तिक कोण कहते है। नोट:- 1. काँच और हवा के लिए क्रान्तिक कोण का मान लगभग 42 डिग्री होता है। 2. हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.2 डिग्री होता है। 3. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की घटना में 100 % (प्रतिशत) आपतित ऊर्जा परावर्तित हो जाती है। पूर्ण आन्तरिक परावर्तन(Full internal reflection in hindi):- यदि सघन माध्यम में आपतित किरण को क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित कराये तो यह उसी माध्यम में लौट जाती है इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते है। शर्तें (conditions):- 1. किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम के पृष्ठ पर पड़नी चाहिए। 2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए। प्रश्न 2 : पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण समझाइये ? (1)मरीचिका:- चित्र गर्मी के दिनों में जब तेज गर्मी पड़ती है तो पृथ्वी का धरातल गर्म हो जाता है और हवा की परते भी गर्म हो जाती है। गर्म होने पर हवा की परतों का अपवर्तनांक कम हो जाता है। अतः पृथ्वी तल से जैसे जैसे ऊपर की ओ जाते हैं हवा की परतों का अपवर्तनांक बढ़ता जाता है। जब किसी पेड़ से प्रकाश की किरणे नीचे की ओर आती है तो सघन से विरल माध्यम में जाने के कारण उत्तरोत्तर अभिलम्ब से दूर हटती जाती है और पृथ्वी के निकट आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो जाने के कारण पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है और प्रेरक्षक को ये किरणे पृथ्वी के पृष्ठ के नीचे से आती हुई इस प्रकार मालूम पड़ती है जैसे कि वहाँ तालाब या पोखर से परावर्तित किरणे पहुच रही हो इस प्रकार वह जल होने की भ्रम की स्थिति हो जाती है जिसे मरीचिका कहते ह...

क्रांतिक कोण किसे कहते है?

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क्रांतिक कोण , पूर्ण आन्तरिक परावर्तन , शर्तें , उदाहरण

नोट:- 1. काँच और हवा के लिए क्रान्तिक कोण का मान लगभग 42 डिग्री होता है। 2. हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.2 डिग्री होता है। 3. पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की घटना में 100 % (प्रतिशत) आपतित ऊर्जा परावर्तित हो जाती है। पूर्ण आन्तरिक परावर्तन(Full internal reflection):- यदि सघन माध्यम में आपतित किरण को क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित कराये तो यह उसी माध्यम में लौट जाती है इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते है। शर्तें (conditions):- 1. किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम के पृष्ठ पर पड़नी चाहिए। 2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए। प्रश्न 2 : पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के उदाहरण समझाइये ? (1) मरीचिका:- चित्र गर्मी के दिनों में जब तेज गर्मी पड़ती है तो पृथ्वी का धरातल गर्म हो जाता है और हवा की परते भी गर्म हो जाती है। गर्म होने पर हवा की परतों का अपवर्तनांक कम हो जाता है। अतः पृथ्वी तल से जैसे जैसे ऊपर की ओ जाते हैं हवा की परतों का अपवर्तनांक बढ़ता जाता है। जब किसी पेड़ से प्रकाश की किरणे नीचे की ओर आती है तो सघन से विरल माध्यम में जाने के कारण उत्तरोत्तर अभिलम्ब से दूर हटती जाती है और पृथ्वी के निकट आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो जाने के कारण पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है और प्रेरक्षक को ये किरणे पृथ्वी के पृष्ठ के नीचे से आती हुई इस प्रकार मालूम पड़ती है जैसे कि वहाँ तालाब या पोखर से परावर्तित किरणे पहुच रही हो इस प्रकार वह जल होने की भ्रम की स्थिति हो जाती है जिसे मरीचिका कहते है। (2) हीरा (Diamond):- हीरे और हवा के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.20 होता है। अतः हीरे में प्रकाश की किरण यदि अन्दर पहुँच जाती है तो बार बार उसका पूर्ण आन्तरिक परावर्तन...

क्रांतिक कोण किसे कहते हैं

क्रांतिक कोण किसे कहते हैं? (What is a critical angle) हम जानते हैं जब कोई प्रकाश-किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में जाती है, तो वह अभिलंब से दूर हट जाती है| ऐसी स्थिति में अपवर्तन कोण का मान आपतन कोण के मान से अधिक होता है| अब यदि आपतन कोण के मान को बढ़ाया जाये तो अपवर्तन कोण का मान भी बढ़ता जाता है| एक स्थिति ऐसी आती है कि अपवर्तन कोण का मान 90° हो जाता है| इस स्थिति में आपतन कोण को क्रांतिक कोण कहा जाता है| इसे“C” से प्रदर्शित करते हैं| आपतन कोण का वह विशेष मान जिसके संगत अपवर्तन कोण का मान 90° हो जाता है| आपतन कोण का वह विशेष मान ही क्रांतिक कोण कहलाता है| क्रांतिक कोण और अपवर्तनांक में संबंध ( relation between critical angle and refractive index) :माना कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम(glass) से विरल माध्यम(air) में प्रवेश कर रही है| सघन माध्यम में आपतन कोण का मान i तथा विरल माध्यम में अपवर्तन कोण का मान r है| सघन माध्यम के सापेक्ष विरल माध्यम का कांच के सापेक्ष वायु का अपवर्तनांक gμa = sini/sinr••••••••••(1) यदि आपतन कोण i= क्रांतिक कोण C हो, तो अपवर्तन कोण r= 90° समीकरण (1) से, gμa = sinC/sin90° gμa = sinC [sin90°=1] [प्रकाश के उत्क्रमणीयता के सिद्धांत से,gμa=1/aμg] 1/ aμg = sinC aμg = 1/sinC aμg = cosec C यही क्रांतिक कोण और माध्यम के अपवर्तनांक में संबंध है| क्रांतिक कोण की निर्भरता: क्रांतिक कोण का मान निम्न कारकों पर निर्भर करता है- 1. प्रकाश के रंग पर- बैंगनी रंग के लिए अपवर्तनांकसर्वाधिक होता है, अतः क्रांतिक कोण का मान बैंगनी रंग के लिए सबसे कम होगा| लाल रंग के लिए अपवर्तनांक सबसे कम होता है, अतः क्रांतिक कोण का मान लाल रंग के लिए सबसे अधिक होगा| 2. ताप पर- ताप...

क्रांतिक कोण किसे कहते हैं, सूत्र, मान, संबंध

जब विरल माध्यम में बने अपवर्तन कोण का मान 90° होता है। तब सघन माध्यम में बने आपतन कोण को क्रांतिक कोण कहते हैं। इसे C से प्रदर्शित करते हैं। क्रांतिक कोण और अपवर्तनांक के बीच संबंध यदि दूसरे माध्यम के सापेक्ष पहले माध्यम का अपवर्तनांक = 2n 1 जहां 1- पहले माध्यम तथा 2- दूसरे माध्यम को दर्शाता है। तब स्नेल के नियम से 2n 1 = \large \frac जहां 1n 2– पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक है यही अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण के बीच संबंध का सूत्र है। क्रांतिक कोण का मान • कांच-वायु के लिए क्रांतिक कोण का मान 41.4° होता है। • जल-वायु के लिए क्रांतिक कोण का मान 48.3° होता है। • हीरा-वायु के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.4° होता है। अतः स्पष्ट है कि क्रांतिक कोण का मान अलग-अलग माध्यमों के लिए अलग अलग होता है। क्रांतिक कोण का मान लाल रंग के लिए सबसे अधिक तथा बैगनी रंग के लिए सबसे कम होता है।