कवन सो काज कठिन जग माही चौपाई अर्थ

  1. Kavan so kaj difficult jag mahi jo nahi hoi tat tumh pahi
  2. रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान


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Kavan so kaj difficult jag mahi jo nahi hoi tat tumh pahi

कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहि होई तात तुम्ह पाहीं की चौपाई का स्वर सुंदरकांड पाठ समिति के वार्षिकोत्सव में गुंजायमान हो गया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम और पवन पुत्र हनुमान के जयकारे लगाये। इसके साथ ही यज्ञ कुंड में आहूतियां डालकर सुख समृद्धि की कामनायें कीं। एसबीआई गली के एक सभा भवन में सुंदरकांड पाठ का संगीतमय पाठ हुआ। इससे पहले यज्ञ में सैकड़ों लोगों ने आहूतियां डालकर अपने जीवन को कृतार्थ किया। आचार्य मदन मुरारी मिश्रा ने यज्ञ कराया। यजमान अशोक मिश्रा और बीना वर्मा थे। प्रशांत सिंह, कमलेश दीक्षित, अनुराग सिंह निर्मल दीक्षित, चंदन शुक्ला, सुबोध मिश्रा, अभय दुबे, फूल सिंह, पवन गुप्ता, अजीत सिंह ने सस्वर पाठ किया। घनश्याम ने व्यास लोगों से पाठ कराया। अध्यक्ष बृजकिशोर सिंह किशोर ने बताया कि राम का नाम उनके जीवन का सूत्र है और राम का काम उस सूत्र की व्याख्या। उनका अवरतण ही इसी के लिए हुआ है। भगवान श्रीराम के साथ ही हनुमान जी के खूब जयकारे गूंजते रहे। अपने जिले के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक अनुष्ठान में भागीदारी की। नवीन कौशल ने भंडारे की व्यवस्था संभाली तो वहीं रामवीर सिंह ने भक्तों का स्वागत किया। भारत सिंह, आरती रस्तोगी, विवेक दीक्षित, प्रभात गुप्ता, अशोक मिश्रा, विष्णु नरायन शुक्ल, पुतिन सिंह, पिंकी सिंह, कीर्ति वर्मा, दीप्ति शुक्ला आदि ने सहयोग किया।

रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान

आवश्यकता के अनुरूप कोई मंत्र लेकर एक माला जपें तथा एक माला का हवन करें। जप के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लें तो शुभ रहेगा। जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि सम्पुट में इनका प्रयोग करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी। नवरात्रि में एक दिन सुंदरकांड अवश्य करें। Pitro ki shanti ke upay : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है। आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन का बहुत महत्व माना गया है। इस हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। इसके बाद गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो जाता है। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है। Vastu tips fro shoe and slipper: पहले के जमाने में लोग अपने जूते चप्पल घर के बाहर उतारक ही घर में जाते थे। घर में सभी बगैर चप्पल के रहते थे। परंतु आजकल कई लोग घर में चप्पल पहनकर रहते हैं। कुछ लोग तो घर में ही ही बाहर के जूते पहनकर आ जाते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वास्तु के अनुसार घर में चप्पल पहनना चाहिए या नहीं। अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है। इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है। अ शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है। दुख दूर करता है, संताप हरता है। कष्टों से मुक्ति देता है। अशोक के वृक्ष के कई लाभ हैं सबसे पहला तो यही कि शोक यानी दुख को सोख लेता है। अगर यह घर में है तो नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं। चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है, जिन्होंने भी इस नीति का पालन किया वह सुखी हो गया है। आचार्य चाणक्य ने धर्म, राजनीति, अर्थ, राज्य, देश, जीवन, स्त्री, पुरुष सभी विषयों पर अपने विचार चाणक्य नीति में व्य...