Loose motion बच्चों के दस्त की दवा syrup

  1. लूजमोशन (दस्त) रोकने के लिए घरेलू उपाय: Home remedies for Diarrhea in Hindi
  2. दस्त (लूज मोशन) का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार और दवा
  3. दस्त(लूज मोशन) रोकने के घरेलू उपाय
  4. दस्त रोकने और पेट की मरोड़ का इलाज के 10 आसान उपाय
  5. बच्चों को उल्टी दस्त व डायरिया से बचाने के उपाय %%page%% %%sep%% TheHealthSite Hindi
  6. दस्त (लूस मोशन) रोकने के उपाय
  7. शिशुओं में दस्त


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लूजमोशन (दस्त) रोकने के लिए घरेलू उपाय: Home remedies for Diarrhea in Hindi

दस्त की बीमारी किसी को भी हो सकती है। दस्त के कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है। अगर समय पर दस्त को नहीं रोका गया तो हॉस्पिटल जाने की नौबत भी आ सकती है। इसलिए आमतौर पर जब भी किसी को दस्त होती है, तो व्यक्ति सबसे पहले दवाई का सेवन कर दस्त पर नियंत्रण पाने की कोशिश करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दस्त रोकने के लिए घरेलू उपाय से भी दस्त पर तुरंत नियंत्रण (Home Remedies for Loose Motion) पाया जा सकता है? अधिकांश लोग दस्त रोकने के घरेलू इलाज के बारे में नहीं जानते होंगे। आयुर्वेद में दस्त रोकने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया गया है। आप भी इन उपायों के बारे में जान लीजिए, क्योंकि इन तरीकों से आप दस्त पर रोक लगा सकते हैं। Contents • 1 दस्त क्या है? (What is Diarrhea or Loose Motion in Hindi?) • 2 दस्त होने के कारण (Diarrhea or Loose Motion Causes in Hindi) • 3 छोटे बच्चों को दस्त क्यों होता है? (Causes of Diarrhea or Loose Motion in Kids) • 4 दस्त के कारण होने वाली अन्य बीमारियां (Diseases Caused by Diarrhea) • 4.1 दस्त के कारण त्वचा में झुर्रियां • 4.2 दस्त से शरीर में पानी की कमी • 4.3 दस्त के कारण उल्टी की परेशानी • 4.4 दस्त के कारण एनीमिया की संभावना • 4.5 दस्त से सांस फूलने की बीमारी • 4.6 दस्त के कारण हो सकता है बुखार • 5 दस्त रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Diarrhea (Loose Motion) in Hindi) • 5.1 दस्त को रोकने के लिए धनिया का प्रयोग (Dhaniya : Home Remedy to Treat Diarrhea in Hindi) • 5.2 कचनार के इस्तेमाल से दस्त का घरेलू इलाज (Kachnar : Home Remedy to Stop Loose Motion in Hindi) • 5.3 नींबू से दस्त पर रोक (Lemon : Home Remedies for Loose Mo...

दस्त (लूज मोशन) का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार और दवा

आयुर्वेद में न पचने वाला भोजन और अमा (विषाक्‍त पदार्थों) पेट में जम जाता है जिसकी वजह से तीनों दोषों में से कोई एक दोष खराब होने लगता है। इसके कारण (और पढ़ें - दस्‍त के अमा को साफ करने के लिए किसी भी तरह की दवा लेने से पहले दस्‍त के इलाज के लिए शुंथि ( हल्‍का भोजन लेने से भी सेहत बेहतर करने में मदद मिल सकती है। दस्‍त के आयुर्वेदिक उपचार से न केवल लक्षणों से राहत मिलती है बल्कि सेहत में भी सुधार आता है और दस्‍त की समस्‍या दोबारा नहीं होती है। हालांकि, इस स्थिति के संपूर्ण उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की सलाह मानना जरूरी है। • • • • • • • अतिसार जठरांत्र संबंधी विकार है जिसमें पेट और गुदा मार्ग में असहजता के साथ पतला मल आने की समस्‍या रहती है। हालांकि, ये समस्‍या दीर्घकालिक भी हो सकती है। त्रिदोष – (और पढ़ें - दस्‍त की समस्‍या अधिकतर शरीर में अमा या माइक्रोबियल इंफेक्‍शन की वजह से होती है। डर या दुख के कारण भी दस्‍त हो सकते हैं। अत्‍यधिक खाने, खानपान से संबंधित गलत आदतों, खाना न पचने, अनुचित खाद्य पदार्थ एक साथ खाने से भी दोष खराब हो सकते हैं और दस्‍त लग सकते हैं। कारण के आधार पर दस्‍त को प्रमुख 6प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: • वात अतिसार: इस प्रकार का अतिसार वात दोष के खराब होने के कारण होता है। इसमें • पित्त अतिसार: इस स्थिति में प्रमुख तौर पर पित्त दोष खराब होता है। इस प्रकार के दस्‍त के लक्षणों में पीले या हरे रंग का मल आता है और • कफ अतिसार: इस स्थिति के लिए कफ दोष का खराब होना जिम्‍मेदार है। इसमें पेट दर्द और • सन्निपतज: तीनों दोषों के बीच असंतुलन आने पर ये समस्‍या होती है और इस स्थिति में मिले-जुले लक्षण देखे जाते हैं। • शोकज और भयज: दुख या किसी चीज़ से डर...

दस्त(लूज मोशन) रोकने के घरेलू उपाय

दस्त या डायरिया एक ऐसी स्थिति है, जिसे बीमारी कहना सही नहीं होगा। दस्त कभी भी किसी को भी लग सकते हैं। फिर चाहे वो कुछ गलत खा लेने की वजह से हो या फिर शरीर में पानी की कमी के चलते। दस्त से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार मल त्याग करने जाना पड़ता है। या सामान्य मॉल से अत्यधिक पतले और प्रकृति में ढीले, नरम और थोड़े पानी वाले होते हैं। कुछ मामलों में, दस्त से तेज दुर्गंध आ सकती है। यह आम तौर पर तीन दिनों से अधिक नहीं रहता है। वहीं अगर आप दस्त के गंभीर लक्षणों से पीड़ित हैं तो आपको चिकित्सा सहायता लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। मगर डॉक्टर से सलाह करने से पहले बेहतर होता है कि हम घरेलू तरीकों से घर पर ही दस्त रोकने के घरेलू उपाय आजमा कर देख लें। हम यहां आपको पतले दस्त रोकने के घरेलू उपाय (loose motion ka ilaj) बता रहे हैं। Table of Contents • • • • • दस्त होने के लक्षण – Symptoms of Loose Motion in Hindi दस्त के लिए घरेलू उपाय जानने से पहले बेहतर होगा हम दस्त होने के लक्षण (Symptoms of Loose Motion in Hindi) के बारे में जान लें। हम यहां आपको दस्त के लुक लक्षणों के बारे में बता रहे हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है तो यह दस्त है। यह लक्षण कुछ इस प्रकार हैं: – ढीला पानी वाला मल – पेट में दर्द दस्त होने के कारण – Causes of Loose Motion in Hindi आमतौर पर दस्त तब होते हैं जब आंतें अत्यधिक तरल पदार्थ का स्राव करती हैं या यह शरीर के तरल पदार्थों को अवशोषित करने में विफल रहता है, जिससे तरल पदार्थ की अत्यधिक हानि होती है और डिहाइड्रेशन हो जाता है। इसके अलावा भी कुछ ऐसे कारण हैं, जिस वजह से आपको दस्त लगने की शिकायत हो सकती है। – खान-पान की खराब आदतें – फूड पॉइज़निंग – किसी तरह का सं...

दस्त रोकने और पेट की मरोड़ का इलाज के 10 आसान उपाय

दस्त रोकने के उपाय इन हिंदी दस्त (लूज मोशन) पेट से संबंधित रोग है जिसे डायरिया भी कहते है जो पाचन तंत्र बिगड़ने के कारण हो सकती है। बड़े और बच्चे, दस्त और पेट में मरोड़ की समस्या से कोई भी प्रभावित हो सकता है। बदहज़मी और खाने पीने की गलत आदतें दस्त के प्रमुख कारण है। इसके इलावा जादा गर्मी और सर्दी लगने से भी पतले दस्त हो सकते है। छोटे बच्चों और नवजात शिशु के दस्त अगर जल्दी ठीक ना हो तो तुरंत डॉक्टर से मिले और जाँच करवा के ट्रीटमेंट शुरू करे, बिना जानकारी के बच्चों को दस्त रोकने की दवा ना दे। ■ इसे पीते ही बवासीर (piles) जड़ से ख़त्म हो जाएगी..!! आज इस लेख में हम जानेंगे घरेलू उपाय और देसी नुस्खे अपना कर पतले दस्त का इलाज कैसे करे, natural ayurvedic home remedies tips for loose motion treatment in hindi. लंबे समय तक पतले दस्त रहने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिससे बॉडी में डिहाइड्रेशन होने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए जरुरी है की प्रयाप्त मात्रा में पानी पीते रहे। इसके इलावा नींबू पानी और ओआरएस का घोल पिने से भी डायरिया में राहत मिलती है। शरीर में पानी की कमी पूरा करने और दस्त से छुटकारा पाने के लिए ये जानना भी जरुरी है की दस्त लगने पर क्या करे और क्या खाये। पेट में मरोड़ उठना पेट में मरोड़ उठने के बहुत से कारण हो सकते है जैसे खराब खाना, फ़ूड पॉयजनिंग, दस्त लगना, बिना पक्का हुआ कच्चा खाना खाने से। इन बातों का ख्याल रख कर पेट में मरोड़ का इलाज कर सकते है। ■ घुटनो का दर्द कैसा भी हो इसे दूर करे केवल सात दिनों में दस्त रोकने के उपाय और घरेलू नुस्खे Loose Motion Treatment in Hindi 1. पांच ग्राम जीरा और पांच ग्राम सौंफ लेकर बारीक पीस ले और इसका चूर्ण बना ले। 1 गिलास...

बच्चों को उल्टी दस्त व डायरिया से बचाने के उपाय %%page%% %%sep%% TheHealthSite Hindi

बच्चों में उल्दी दस्त अगर लगातार हो रहा है तो डॉक्टर के पास ले जायें. क्योंकि बच्चों के लिए डायरिया बहुत खतरनाक होता है. डायरिया से बच्चों की जान का खतरा रहता है. बच्चों को उल्टी दस्त, डायरिया की रोकथाम, डायरिया के लक्षण, बच्चे के दस्त का इलाज, बच्चे को दस्त रोकने के उपाय, नवजात शिशु को दस्त रोकने के उपाय. Written by |Updated : June 30, 2019 7:09 PM IST • • • • • बच्चों को उल्टी दस्त व डायरिया का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. कुछ बच्चे तो ठीक से साफ-सफाई का ध्यान न देने की वजह से डायरिया के शिकार होते हैं. डायरिया पेट से जुड़ी एक मुख्य बीमारी है. यह संक्रमित खाने या पीने के कारण होता है. डायरिया से मरने वाले बच्चों में लगभग 88% बच्चे ऐसे होते हैं जो गन्दगी से भरे हुए माहौल में रहने के कारण और गन्दा पानी पीने के कारण सफाई का विशेष ध्यान रखें माता-पिता के लिये यह बहुत ज़रूरी है कि घर को हमेशा साफ़ सुथरा रखें। बच्चों को खिलाने से पहले अपने हाथों को साबुन या सेनेटाइजर की मदद से अच्छे से धो लें। किसी गन्दी चीज को छू लेने के बाद या किसी दूसरे के घर से आने के बाद भी अपने हाथों को ज़रूर धो लें। Also Read • • • बच्चों को साफ पानी पिलायें यह सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है की आप पीने वाले पानी को किस तरीके से शुद्ध करते हैं। पीने वाला पानी अच्छे से उबला हुआ हो और फ़िल्टर करके साफ़ सुथरी जगह पर स्टोर किया गया हो। आप भी पानी में क्लोरीन टेबलेट डालकर उसे पीने योग्य बना सकते हैं। बच्चों को हमेशा हाइड्रेटेड रखें बच्चों को बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन के कारण आपको ब्रेन डैमेज या किसी अंग के ख़राब होने जैसी गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसलिये ज़रूरी है कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट ...

दस्त (लूस मोशन) रोकने के उपाय

लूस मोशन रोकने के उपाय दस्त जो कि किसी को भी पसंद नहीं होते पेट से संबंधित बीमारी है। इसे डायरिया भी कहते हैं दस्त होना एक प्रकार से पेट के लिए लाभदायक होता है। क्योंकि यह आपके शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। लेकिन अगर दस्त 2 दिन से ज्यादा होते हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए आज हम आपको दस्त रोकने के घरेलू उपाय बताने वाले हैं। जिनका उपयोग कर आप बड़े आसानी से घर पर ही दस्त से राहत पा सकते हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • दस्त ( लूस मोशन) के कारण – Loose Motions ke Karan in Hindi डायरिया या दस्त के आम कारण खाने का सही से ना पच पाना होता है दस्त के अन्य कारणों में बैक्टीरिया और वायरस इंफेक्शन के कारण भी आपकी पाचन तंत्र में समस्या उत्पन्न हो सकती है जिससे दस्त लगने की संभावना बढ़ जाती है दस्त लगने पर हमारे शरीर से लगातार पानी की कमी होती रहती है जिससे हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होने पर उल्टी और इसके अलावा केले के साथ (और पढ़ें – बच्चे के दस्त रोकने का उपाय है दही – Yogurt for Loose Motions in Hindi खाने के साथ दही का सेवन दस्त से उबरने में मदद करने का एक प्रभावी तरीका होता है। दस्त में पाए जाने वाले बैक्टीरिया आपकी आंत में जाकर सुरक्षा प्रदान करने वाली एक परत बनाते हैं और आपके अंदर के विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसलिए जब भी आप को दस्त हो तो आप दही (yogurt) का सेवन करें जब तक आपके पेट और पाचन तंत्र से संबंधित बीमारी जिसमें दस्त भी शामिल है। जब तक आप ठीक नहीं हो जाते तब तक दही के अलावा अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन ना करें। क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य को और बिगाड़ सकते हैं। किंतु आप दही का सेव...

शिशुओं में दस्त

जब शिशु बार– बार पानी जैसा पतला और श्लेम– युक्त मलत्याग करता है, तो उसे दस्त लगना कहते हैं। यह आमतौर पर किसी जीवाणु या विषाणु के संक्रमण या कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता के कारण होता है। अगर शिशु के शरीर मे पानी की कमी हो जाए तो नवजात शिशुओं में दस्त बहुत गंभीर हो सकते हैं। यदि शिशु के शरीर में पानी की कमी होने लगे, तो आपको शिशु को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है। इसके बावजूद कुछ सावधानियाँ बरतने से आप दस्त लगने और शरीर में पानी की कमी होने को टाल सकते हैं। 4. खाद्य एलर्जी अगर शिशु का प्रतिरक्षा तंत्र आमतौर पर हानिरहित माने जाने वाले खाद्य प्रोटीन के प्रतिकूल प्रतिक्रिया करता है, जिससे गैस, पेट दर्द, दस्त और मल में रक्त जैसे लक्षण पैदा होते हैं, उसे खाद्य एलर्जी कहते हैं। सबसे आम एलर्जी पैदा जरने वाले खाद्यों में से एक है दूध का प्रोटीन जो डेयरी उत्पादों और डेयरी उत्पाद युक्त बेबी फार्म्यूला में होता है। 5. खाद्य असहिष्णुता यह एलर्जी से अलग हैं, और इन खाद्य असहिष्णुता प्रतिक्रियाओं में प्रतिरक्षा तंत्र शामिल नहीं होता। सबसे जानी– मानी है लैक्टोज़ असहिष्णुता। हालांकि शिशुओं में ये असामान्य है, लैक्टोज़ असहिष्णुता, लैक्टेज़ एंज़ाइम के उत्पादन में कमी के कारण होता है। गाय के दूध और डेयरी उत्पादों में मौजूद लैक्टोज नाम की शक्कर को पचाने के लिए लैक्टेज़ आवश्यक होता है। इसके लक्षण हैं दस्त, फुलाव, पेट में मरोड़ और गैस। • बच्चा सामान्यसे अधिक बार मल कर रहा है • मल बहता– हुआ, बदबूदार और श्लेम– युक्त है • शिशु को बुखार है और उसका वजन कम होता जा रहा है • शिशु चिड़चिड़ा हो गया है और उसे भूख नही लगती • शरीर में पानी की कमी होने के लक्षण जैसे कि धँसी हुई आँखें, सूखा मुँह, गहर...