माँ कालरात्रि मंत्र

  1. Maa Kaalratri Ki Upasana
  2. माँ कालरात्रि की कथा, मंत्र एवं पूजा विधि नवरात्र का सातवां दिन
  3. Shardiya Navratri 2022: मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, आरती, प्रिय भोग और महत्व, जानें नवरात्रि सातवें दिन की जरूरी बातें
  4. Maha Saptami 2017 Know Maa Kalratri Puja Vidhi Mantra And Jap
  5. नवरात्र में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र, Navdurga Beej Mantra In Hindi, नवदुर्गा बीजमंत्र


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Maa Kaalratri Ki Upasana

Navratri Ke Saatve Din Kare Maa Kaalratri Ki Upasana नवरात्रि के सातवें दिन करें माँ कालरात्रि की उपासना नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा किये जाने का विधान हैं। आदिशक्ति देवी दुर्गा का सातवाँ स्वरूप है माँ कालरात्रि। हिंदु धर्मग्रंथों में माँ कालरात्रि को देवी पार्वती के समान ही माना जाता हैं। माँ कालरात्रि की उपासना करने से जातक सभी प्रकार के भय से मुक्त हो जाता हैं। माँ कालरात्रि विषम परिस्थितियों का नाश करने वाली हैं। माँ कालरात्रि को साहस और वीरता का प्रतीक माना जाता हैं। माता ने यह रूप दुष्टों का नाश करने के लिये धारण किया था। माँ कालरात्रि के विभिन्न नाम: काली, महाकाली, भद्रकाली, चामुंडा, चंडी, भैरवी, दुर्गा, मृत्यु, रुद्राणी, रौद्री और धुमोरना। Maa Kaalratri Ka Swaroop माँ कालरात्रि का स्वरूप • माता कालरात्रि के शरीर का रंग बिल्कुल रात्रि के समान काला हैं। उनके बाल बिखरे हुये हैं। • देवी कालरात्रि ने गले में विद्युत की माला धारण की हैं। • माँ कालरात्रि के तीन आँखें हैं। • माँ कालरात्रि की सवारी गदर्भ (गधा) हैं। • देवी कालरात्रि ने चतुर्भुज रूप धारण किया हैं। जिसमें देवी के चार हाथ है, दाहिनी तरह का एक हाथ अभय मुद्रा में है, जिससे वो अपने भक्तों को निर्भय करती हैं। और दाहिनी तरह का दूसरा हाथ वर मुद्रा धारण किया है, जिससे वो अपने भक्तों को मनोवांछित वरदान प्रदान करती हैं। माँ कालरात्रि ने बायी ओर के एक हाथ वज्र धारण किया हुआ है और दूसरे में गंड़ासा धारण किया हुआ हैं। Maa Kaalratri Ki Katha माँ कालरात्रि की पौराणिक कथा पौराणिक कथानुसार शुंभ और निशुंभ नाम के दो दैत्यों ने अपनी शक्ति के बल पर स्वर्गलोक पर अधिकार कर लिया और देवताओं को वहाँ से अपदस्थ कर दिया। श...

माँ कालरात्रि की कथा, मंत्र एवं पूजा विधि नवरात्र का सातवां दिन

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Shardiya Navratri 2022: मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, आरती, प्रिय भोग और महत्व, जानें नवरात्रि सातवें दिन की जरूरी बातें

आज मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. मां दुर्गा ने रक्तबीज के वध के समय कालरात्रि का स्वरूप धारण किया था. इस देवी की आराधना से अकाल मृत्यु का डर भी भाग जाता है. 7th Day Of Navratri Maa Kalratri Puja Vidhi: आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है. आज मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही विकराल और डरावना है. उनका वर्ण काला है. वह शत्रुओं में भय पैदा कर देने वाली देवी हैं. शत्रुओं का काल हैं. इस वजह से उनको कालरात्रि कहा जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि मां दुर्गा ने रक्तबीज के वध के समय कालरात्रि का स्वरूप धारण किया था. गर्दभ पर सवार, खुले केश वाली, हाथों में कटार और व्रज धारण करने वाली मां कालरात्रि की पूजा करने से भय दूर होता है, संकटों से रक्षा होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. शुभफल प्रदान करने के कारण इनका एक नाम शुभंकरी भी है. इस देवी की आराधना से अकाल मृत्यु का डर भी भाग जाता है, रोग और दोष भी दूर होते हैं. यहां जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, भोग आदि के बारे में. मां कालरात्रि का प्रिय फूल और रंग इस देवी को लाल रंग प्रिय है. इसलिए इनकी पूजा में लाल गुलाब या लाल गुड़हल का फूल अर्पित करना चाहिए. हालांकि इनको रातरानी का फूल भी चढ़ाना शुभ होता है. मां कालरात्रि का प्रिय भोग नवरात्रि के सातवे दिन की पूजा में माता कालरात्रि को आप गुड़ का भोग लगाएं. इससे देवी कालरात्रि प्रसन्न होती है. मां कालरात्रि की पूजा का महत्व 1. मां कालरात्रि भयानक ​दिखती हैं लेकिन वे शुभ फल देने वाली हैं. 2. मां कालरात्रि से काल भी भयभीत होता है. ये देवी अपने भक्तों को ...

Maha Saptami 2017 Know Maa Kalratri Puja Vidhi Mantra And Jap

नई द‍िल्‍ली : नवरात्र के सातवें दिन महा सप्‍तमी होती है. इस दिन काल रात्र‍ि का स्‍वरूप शास्त्रों के अनुसार देवी कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयंकर है. देवी कालरात्रि का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों का नाश करने के लिए है. मां कालरात्रि अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करने वाली होती हैं इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है. देवी कालरात्रि का रंग काजल के समान काले रंग का है जो अमावस की रात्रि से भी अधिक काला है इनका वर्ण अंधकार की भांति कालिमा लिए हुए है. देवी कालरात्रि का रंग काला होने पर भी कांतिमय और अद्भुत दिखाई देता है. भक्‍तों के लिए अत्‍यंत शुभ है मां का ये रूप शास्त्रों में देवी कालरात्रि को त्रिनेत्री कहा गया है. इनके तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल हैं, जिनमें से बिजली की तरह किरणें प्रज्वलित हो रही हैं. इनके बाल खुले और बिखरे हुए हैं जो की हवा में लहरा रहे हैं. गले में विद्युत की चमक वाली माला है. इनकी नाक से आग की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती हैं. इनकी चार भुजाएं हैं. दाईं ओर की ऊपरी भुजा से महामाया भक्तों को वरदान दे रही हैं और नीचे की भुजा से अभय का आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं. बाईं भुजा में मां ने तलवार और खड्ग धारण की है. शास्त्रों के अनुसार देवी कालरात्रि गधे पर विराजमान हैं. देवी कालरात्रि का विचित्र रूप भक्तों के लिए अत्यंत शुभ है अत: देवी को शुभंकरी भी कहा जाता है. महा सप्‍तमी पूजा की व‍िध‍ि दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व है. इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां के द्वार खुल जाते हैं. पूजा शुरू करने के लिए माँ कालरात्रि के परिवार के सदस्यों, नवग्रहों, दशदिक्पाल को प्रार्थना कर आमंत्रित कर लें. सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी-देव...

नवरात्र में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र, Navdurga Beej Mantra In Hindi, नवदुर्गा बीजमंत्र

बीज मंत्र सभी मंत्रों का प्रमुख होता हैं (Maa Durga Beej Mantra In Hindi)। जिस प्रकार इस विश्व तथा ब्रह्मांड में सभी चीज़ों की उत्पत्ति बीज से ही हुई हैं उसी प्रकार बीज मंत्र भी उक्त सभी मंत्रों का मूल होता है। ॐ को सभी मंत्रों का बीज मंत्र माना जाता हैं, उसी प्रकार नवरात्र में नवदुर्गा के सभी नौ रूपों के नौ बीज मंत्र होते हैं (Nav Durga Ka Beej Mantra)। इन बीज मंत्रों का जाप करने से ज्यादा लाभ की प्राप्ति होती है (Nav Durga Beej Mantra)। प्रत्येक दिन माता रानी के स्वरुप के अनुसार उनके मंत्रों तथा आरती के साथ-साथ बीज मंत्र का भी उच्चारण आवश्यक रूप से करेंगे तो माता रानी का आशीर्वाद हम पर बना रहेगा व किसी प्रकार का कोई संकट नही आएगा। आइए जानते हैं नवदुर्गा के नौ रूपों के अनुसार नौ बीज मंत्र। नवदुर्गा के 9 रूपों के 9 बीज मंत्र (Nav Durga Beej Mantra In Hindi) #1. माँ शैलपुत्री बीज मंत्र (Devi Shailputri Beej Mantra) ह्रीं शिवायै नम:।। #2. माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र (Devi Brahmcharini Beej Mantra) ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।। #3. माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र (Devi Chandraghanta Beej Mantra) ऐं श्रीं शक्तयै नम:।। #4. माँ कूष्मांडा बीज मंत्र (Devi Kushmanda Beej Mantra) ऐं ह्री देव्यै नम:।। #5. माँ स्कंदमाता बीज मंत्र (Devi Skandmata Beej Mantra) ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।। #6. माँ कात्यायनी बीज मंत्र (Devi Katyayani Beej Mantra) क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।। #7. माँ कालरात्रि बीज मंत्र (Devi Kalratri Beej Mantra) क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।। #8. माँ महागौरी बीज मंत्र (Devi Mahagauri Beej Mantra) श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।। #9. माँ सिद्धिदात्री बीज मंत्र (Devi Siddhidatri Beej Mantra...