माइटोकॉन्ड्रिया किसे कहते हैं

  1. प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर
  2. माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना, संख्या और कार्य क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
  3. संज्ञा किसे कहते हैं
  4. माइटोकांड्रिया क्या है, इसकी खोज किसने की
  5. हिन्दी व्याकरण
  6. माइटोकॉन्ड्रिया किसे कहते हैं?
  7. What is Mitochondria
  8. माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना, संख्या और कार्य क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
  9. What is Mitochondria
  10. प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर


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प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर

ये भी पढ़ें- संघ पोरीफेरा : सामान्य लक्षण एवं इसके प्रमुख जंतु / information of porifera phylum in hindi डीएनए अणु मुक्त रूप से कोशिका द्रव्य में पड़े रहते हैं। कोशिका द्रव्य में आरएनए अणु मुक्त रूप से मिलते हैं। प्रोकैरियोटिक कोशिका में हिस्टोन प्रोटीन नहीं होती इनमें माइटोकांड्रिया हरित लवक (क्लोरोप्लास्ट),गाल्जीकाय, लाइसोसोम भी नहीं होते है। प्रोकैरियोटिक कोशिका के उदाहरण (1) हरी नीली शैवाल (2) जीवाणु आपको यह भी पढ़ना चाहिए यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते है वे कोशिकाएं जिनमें केंद्रक कला युक्त केंद्रक तथा सुविकसित कोशिकांग जैसे माइटोकांड्रिया, गाल्जीकाय, अन्तर्द्रव्यी जालिका तथा लवक आदि पाए जाते हैं यूकैरियोटिक कोशिकाएं कहलाते हैं। इस कोशिका में केंद्रकीय पदार्थ कोशिका द्रव्य के सीधे संपर्क में नहीं रहते। इन कोशिकाओं के गुणसूत्र में हिस्टोन प्रोटीन पाई जाती है। इनमें 70s 80s प्रकार के राइबोसोमस पाए जाते हैं। यूकैरियोटिक कोशिका के उदाहरण किस प्रकार की कोशिकाएं सामान्य हैं तथा यह सभी पौधों ,जंतुओं एवं शैवालों (नीले हरे शैवालों को छोड़कर) में पाई जाती है। प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर || difference between prokaryotic and Eukaryotic प्रोकैरियोटिक कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका इसमें कोशाद्रव्य सम्पूर्ण कोशिका में फैला रहता है। कोशाद्रव्य केन्द्रक एवं कोशिका कला के मध्य फैला होता है। राइबोसोम 70S प्रकार के होते हैं। 70S व 80S दोनों प्रकार के होते है। रिक्तिका नहीं होती । रिक्तिका होती है। लाइसोसोम अनुपस्थित होते है। उपस्थित होते है। इनमें श्वसन जीवद्रव्य कला द्वारा होता है। श्वसन माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा होता है। इस कोशिका में कोशिकांग जैसे गाल्जीकाय,अंतर्द्रव्यी जलिका,ल...

माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना, संख्या और कार्य क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉण्ड्रिया की खोज 1890 ई. में अल्टमेन (Altman) नामक वैज्ञानिक ने की थी। अल्टमेन ने इसे बायोब्लास्टतथा बेण्डा ने माइटोकॉण्डियाकहा। जीवाणु एवं नील हरित शैवाल को छोड़कर शेष सभी सजीव पादप एवं जंतु कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अनियमित रूप से बिखरे हुए दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकांगों (organelle) को सूत्रकणिका या माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) कहा जाता हैं। कोशिका के अंदर सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखने में ये गोल, लम्बे या अण्डाकार दिखते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया सभी प्राणियों में और उनकी हर प्रकार की कोशिकाओं में पाई जाती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में की एक बहुत महत्वपूर्ण रचना है जो की कोशिकाद्रव्य में बिखरी रहती है। माइटोकॉण्ड्रिया दोहरी झिल्ली के आवरण से घिरी हुई रचनाएँ होती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया का आकार ( size) और आकृति ( shape) परिवर्तन होता रहता है । माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना और विशेषताएँ क्या है ? प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिया एक बाहरी झिल्ली एवं एक अन्तः झिल्ली से चारों ओर घिरी रहती है तथा इसके बीच में एक तरलयुक्त गुहा होती है, जिसे माइटोकॉण्ड्रियल गुहा (Mitochondrial cavity)कहते हैं। बाहरी झिल्ली की सतह पर वृंतविहीन कण पाये जाते है, जिन्हें पारर्सन की उपइकाई (subunits of parson) कहा जाता है। माइटोकॉण्ड्रिया की बाहरी झिल्ली सपाट और अन्दर वाली झिल्ली मैट्रिक्स की ओर ऊँगली समान नलिकाओं (पादपों में) अथवा क्रिस्टी (जन्तुओं में) जैसी रचनाएँ बनाती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में कणों ( Chondriomits), सूत्रों ( Filament), छड़ों ( Chondriconts) और गोलकों ( Chondriospheres) के रूप में बिखरा रहता है। बाहरी झिल्ली माइटोकॉन्ड्रिया की बा...

संज्ञा किसे कहते हैं

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माइटोकांड्रिया क्या है, इसकी खोज किसने की

माइटोकॉन्ड्रिया क्या है, माइटोकॉन्ड्रिया का खोज किसने किया. माइटोकॉन्ड्रिया का आकार तथा इसके कार्य सबके जवाब माइटोकॉन्ड्रिया क्या है यह केवल यूकैरियोटिक कोशिका में पाई जाती है जिसका मुख्य कार्य श्वसन क्रिया को संपादित करना है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में माइटोकॉण्ड्रिया के समरूप रचनाएँ मीसोसोम (Mesosome) पाई जाती हैं, जो श्वसन तथा कोशिका विभाजन का कार्य करती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया में ऑक्सीजन की उपस्थिति में भोजन के विखंडन से ऊर्जा मुक्त होती है जो ATP (Adenosine triphosphate) के रूप में संचित रहती है। यही कारण है कि माइटोकॉण्ड्रिया को ‘कोशिका का पावरहाउस’ कहा जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु. • की खोज स्विट्जरलैंड के शरीर-रचना एवं शरीर-क्रिया विज्ञानी अल्बर्ट वॉन कोलिकर (Albert von Kolliker) द्वारा सन् 1857 में किया गया था। • माइटोकॉन्ड्रिया का नासके खोज के 47 वर्षों बाद जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट कार्ल बेंडा (Carl Benda) द्वारा सन् 1898 में किया गया था। • माइटोकॉन्ड्रिया का मुख्य कार्य कोशिका के लिए ऊर्जा का उत्पादन करना है। • माइटोकॉन्ड्रिया का आकार 0.5 से लेकर 10 माइक्रोमीटर (μm) तक हो सकता है। • Monocercomonoides यह एक ऐसा यूकैरियोटिक जीव है जिसमे माइटोकॉण्ड्रिया नहीं पाया जात है. ये भी पढ़ें: • • • प्रकाश संश्लेषण क्या है – परिभाषा , चित्र , क्रिया विध… • जंतु कोशिका और पादप कोशिका का चित्र तथा इनमे अंतर • श्वसन किसे कहते है, श्वसन की परिभाषा Respiration meaning hin… • मोनेरा जगत क्या है, लक्षण, उदाहरण, विशेषताएं | Monera jagat … • कोशिका भित्ति क्या है, कहाँ पाई जाती है | कोशिका भित्ति के क… • जीव विज्ञान क्या है जीव विज्ञान की परिभाषा हिंदी में • जीवाणु क...

हिन्दी व्याकरण

अनुक्रम • 1 वर्ण विचार • 1.1 वर्ण • 1.2 स्वर • 1.3 व्यंजन • 1.4 विदेशी ध्वनियाँ • 2 शब्द विचार • 3 विशेषण • 3.1 संज्ञा • 3.2 सर्वनाम • 3.3 विशेषण • 3.4 क्रिया • 3.5 क्रिया विशेषण • 3.6 समुच्चय बोधक • 3.7 विस्मयादि बोधक • 3.8 पुरुष • 3.9 वचन • 3.10 लिंग • 3.11 कारक • 3.12 उपसर्ग • 3.13 प्रत्यय • 3.14 संधि • 3.15 समास • 4 वाक्य विचार • 4.1 वाक्य • 4.2 काल • 4.3 पदबंध • 5 छन्द विचार • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ वर्ण विचार [ ] मुख्य लेख: वर्ण विचार हिंदी व्याकरण का पहला खंड है, जिसमें भाषा की मूल इकाई ध्वनि तथा वर्ण पर विचार किया जाता है। वर्ण विचार तीन प्रकार के होते हैं। इसके अंतर्गत हिंदी के मूल अक्षरों की परिभाषा, भेद-उपभेद, उच्चारण, संयोग, वर्णमाला इत्यादि संबंधी नियमों का वर्णन किया जाता है। वर्ण [ ] स्वर [ ] हिन्दी भाषा में कुल 12 स्वर हैं जो मूल रूप से उपस्थित हैं और वे बगल की सारणी में निम्नलिखित हैं। आगे बीच पीछे दीर्घ ह्रस्व दीर्घ ह्रस्व बंद ई इ उ ऊ बंद-मध्य ए ओ खुला-मध्य ऐ ऍ अ औ खुला आ स्वरों को कुछ इस प्रकार बाँटा जा सकता है — • मूल स्वर — ये ऐसे स्वर हैं जो एक ही स्वर से बने हैं। • अ, इ, उ, ओ • संयुक्त स्वर — ये ऐसे स्वर हैं जिन्हें संस्कृत भाषा में दो मूल स्वर के मेल की तरह उच्चारित किया जाता था। मगर आधुनिक हिंदी में इन्हें तकनिकी रूप से मूल स्वर ही कहा जाएगा क्योंकि हिंदी में इनका उच्चारण मूल स्वरों में बदल गया है। • आ = अ + अ • ऐ = अ + इ • औ = अ + उ • ऐलोफ़ोनिक स्वर — ये ऐसे स्वर होते हैं जो किन्हीं शब्दों के व्यंजनों के कारण दूसरे स्वर का स्थान ले लेते हैं। हिंदी में ऐसे दो स्वर हैं — • ऍ — ये स्वर हिंदी की वर्णमाला में नहीं पाया जाता है।...

माइटोकॉन्ड्रिया किसे कहते हैं?

माइटोकॉन्ड्रिया किसे कहते हैं? यूकैरियोटिक कोशिकाओं का भाग, कोशिशद्रव्य में अनेक सूक्ष्म गोलाकार, छड़ या कण के आकार की संरचनाएं पाई जाती हैं, जिनको माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया सूत्रकणिका या काँड्रियोसोम भी बोलते हैं। इनको सबसे पहले वैज्ञानिक कोलिकर ने सन् 1850 में और फ्लेमिंग (Flemming) ने सन् 1882 में देखा था। उसके बाद सन् 1890 में वैज्ञानिक अल्टमान (Altmann) ने इनका वर्णन बायोब्लास्ट (bioblast) के नाम से किया था। इसके बाद सन् 1897 में बेन्डा ने इनको माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) नाम दिया था। यह Mitos व Chondrion नामक दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें से Mitos को thread - तन्तुऔर Chondrion को granule - कण कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया बैक्टीरिया तथा नीली-हरी शैवालों की कोशिकाओं को छोड़कर पौधों तथा जन्तुओं की सामान्यतः समस्त जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं। इनकी लंबाई सामान्यतः 1.5 माइक्रोन से 5 माइक्रोन तक होती है और इनका व्यास 0.5 माइक्रोन से 1.0 माइक्रोन तक होता है। माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या प्रत्येक कोशिकाओं में अलग-अलग होती है। माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना का वर्णन यह 60 एंगस्ट्राम मोटी व वसा-प्रोटीन द्वारा बनी बाहरी व भीतरी दो झिल्लियों द्वारा घिरी रहती है। माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना इकाई झिल्ली (Unit Membrane) की तरह होती है। बाहरी झिल्ली प्लेन अर्थात् सपाट होती है लेकिन भीतरी झिल्ली अंदर की तरफ माइटोकॉन्ड्रिया की गुहा में बहुत-सी हाथ की अंगुलियों की भांति की रचनाएं बनाती हैं, जिनको क्रिस्टी (Cristae) कहते हैं। अंदर की झिल्ली माइटोकॉन्ड्रिया को दो विभिन्न कोष्ठों में बांटती है- • बाहरी कोष्ठ • भीतरी कोष्ठ बाहरी कोष्ठ (Outer chamber) यह भीतरी व ...

What is Mitochondria

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Mitochondria-माइटोकांड्रिया या सूत्रकणिका डबल मेम्ब्रेन, सेमी-ऑटोनोमॉस (double membranous, semiautonomous cell organelles) सेल ओर्गानेल्स है, और कुछ को छोड़कर (such as mature RBC) सभी यूकेरियोट्स सेल में पाई जाती है। ऐतिहासिक पहलू Historical view-माइटोकॉन्ड्रिया एरोबिक यूकेरियोट्स के कोशिका अंग हैं जो एरोबिक श्वसन की (site of aerobic respiration) साइट है। माइटोकॉन्ड्रिया में ऑक्सीडेटिव डीकार्बाक्सिलेशन, फॉस्फोराइलेशन और एरोबिक श्वसन का क्रेब्स चक्र (oxidative decarboxylation, phosphorylation and aerobic Respiration) होता है। इसलिए कोशिका के शक्ति गृह (power hose of the cell)कहलाते हैं, क्योंकि वे वायुजीवी श्वसन में ऊर्जा मुक्त करने के प्रमुख केंद्र हैं। माइटोकॉन्डिया को पहली बार कोल्लिकर (kollicker) ने 1880 में देखा था। बेंडा (Benda-1897) ने माइटोकॉन्ड्रिया का वर्तमान नाम दिया (Greek word- mitos-thread, chondrion-grain) माइटोकॉन्ड्रिया को जेनस ग्रीन डाई के साथ स्टेन या कलर किया जा सकता है और प्रकाश माइक्रोस्कोप की मदद से आसानी से पहचाना जा सकता है। अल्ट्रास्ट्रक्चर का अध्ययन केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के तहत किया जा सकता है। प्रोकैरियोट्स और एनारोबिक यूकेरियोट्स (prokaryotes & Anaerobic eukaryotes) में माइटोकॉन्ड्रिया अनुपस्थित होती हैं। स्तनधारियों की परिपक्व माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या Number of mitochondia-माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या अलग अलग सेल में भिन्न होती है। माइटोकॉन्ड्रिया संख्या सेलुलर गतिविधियों (metabolic activity of cell) पर निर्भर करती है। निष्क्रिय बीजों (non germinating seed) की कोशिकाओं में बहुत कम माइटोकॉन्ड्र...

माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना, संख्या और कार्य क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) क्या है ? माइटोकॉण्ड्रिया की खोज 1890 ई. में अल्टमेन (Altman) नामक वैज्ञानिक ने की थी। अल्टमेन ने इसे बायोब्लास्टतथा बेण्डा ने माइटोकॉण्डियाकहा। जीवाणु एवं नील हरित शैवाल को छोड़कर शेष सभी सजीव पादप एवं जंतु कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में अनियमित रूप से बिखरे हुए दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकांगों (organelle) को सूत्रकणिका या माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) कहा जाता हैं। कोशिका के अंदर सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखने में ये गोल, लम्बे या अण्डाकार दिखते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया सभी प्राणियों में और उनकी हर प्रकार की कोशिकाओं में पाई जाती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में की एक बहुत महत्वपूर्ण रचना है जो की कोशिकाद्रव्य में बिखरी रहती है। माइटोकॉण्ड्रिया दोहरी झिल्ली के आवरण से घिरी हुई रचनाएँ होती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया का आकार ( size) और आकृति ( shape) परिवर्तन होता रहता है । माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना और विशेषताएँ क्या है ? प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिया एक बाहरी झिल्ली एवं एक अन्तः झिल्ली से चारों ओर घिरी रहती है तथा इसके बीच में एक तरलयुक्त गुहा होती है, जिसे माइटोकॉण्ड्रियल गुहा (Mitochondrial cavity)कहते हैं। बाहरी झिल्ली की सतह पर वृंतविहीन कण पाये जाते है, जिन्हें पारर्सन की उपइकाई (subunits of parson) कहा जाता है। माइटोकॉण्ड्रिया की बाहरी झिल्ली सपाट और अन्दर वाली झिल्ली मैट्रिक्स की ओर ऊँगली समान नलिकाओं (पादपों में) अथवा क्रिस्टी (जन्तुओं में) जैसी रचनाएँ बनाती हैं। माइटोकॉण्ड्रिया कोशिकाद्रव्य में कणों ( Chondriomits), सूत्रों ( Filament), छड़ों ( Chondriconts) और गोलकों ( Chondriospheres) के रूप में बिखरा रहता है। बाहरी झिल्ली माइटोकॉन्ड्रिया की बा...

What is Mitochondria

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Mitochondria-माइटोकांड्रिया या सूत्रकणिका डबल मेम्ब्रेन, सेमी-ऑटोनोमॉस (double membranous, semiautonomous cell organelles) सेल ओर्गानेल्स है, और कुछ को छोड़कर (such as mature RBC) सभी यूकेरियोट्स सेल में पाई जाती है। ऐतिहासिक पहलू Historical view-माइटोकॉन्ड्रिया एरोबिक यूकेरियोट्स के कोशिका अंग हैं जो एरोबिक श्वसन की (site of aerobic respiration) साइट है। माइटोकॉन्ड्रिया में ऑक्सीडेटिव डीकार्बाक्सिलेशन, फॉस्फोराइलेशन और एरोबिक श्वसन का क्रेब्स चक्र (oxidative decarboxylation, phosphorylation and aerobic Respiration) होता है। इसलिए कोशिका के शक्ति गृह (power hose of the cell)कहलाते हैं, क्योंकि वे वायुजीवी श्वसन में ऊर्जा मुक्त करने के प्रमुख केंद्र हैं। माइटोकॉन्डिया को पहली बार कोल्लिकर (kollicker) ने 1880 में देखा था। बेंडा (Benda-1897) ने माइटोकॉन्ड्रिया का वर्तमान नाम दिया (Greek word- mitos-thread, chondrion-grain) माइटोकॉन्ड्रिया को जेनस ग्रीन डाई के साथ स्टेन या कलर किया जा सकता है और प्रकाश माइक्रोस्कोप की मदद से आसानी से पहचाना जा सकता है। अल्ट्रास्ट्रक्चर का अध्ययन केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के तहत किया जा सकता है। प्रोकैरियोट्स और एनारोबिक यूकेरियोट्स (prokaryotes & Anaerobic eukaryotes) में माइटोकॉन्ड्रिया अनुपस्थित होती हैं। स्तनधारियों की परिपक्व माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या Number of mitochondia-माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या अलग अलग सेल में भिन्न होती है। माइटोकॉन्ड्रिया संख्या सेलुलर गतिविधियों (metabolic activity of cell) पर निर्भर करती है। निष्क्रिय बीजों (non germinating seed) की कोशिकाओं में बहुत कम माइटोकॉन्ड्र...

प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर

ये भी पढ़ें- संघ पोरीफेरा : सामान्य लक्षण एवं इसके प्रमुख जंतु / information of porifera phylum in hindi डीएनए अणु मुक्त रूप से कोशिका द्रव्य में पड़े रहते हैं। कोशिका द्रव्य में आरएनए अणु मुक्त रूप से मिलते हैं। प्रोकैरियोटिक कोशिका में हिस्टोन प्रोटीन नहीं होती इनमें माइटोकांड्रिया हरित लवक (क्लोरोप्लास्ट),गाल्जीकाय, लाइसोसोम भी नहीं होते है। प्रोकैरियोटिक कोशिका के उदाहरण (1) हरी नीली शैवाल (2) जीवाणु आपको यह भी पढ़ना चाहिए यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते है वे कोशिकाएं जिनमें केंद्रक कला युक्त केंद्रक तथा सुविकसित कोशिकांग जैसे माइटोकांड्रिया, गाल्जीकाय, अन्तर्द्रव्यी जालिका तथा लवक आदि पाए जाते हैं यूकैरियोटिक कोशिकाएं कहलाते हैं। इस कोशिका में केंद्रकीय पदार्थ कोशिका द्रव्य के सीधे संपर्क में नहीं रहते। इन कोशिकाओं के गुणसूत्र में हिस्टोन प्रोटीन पाई जाती है। इनमें 70s 80s प्रकार के राइबोसोमस पाए जाते हैं। यूकैरियोटिक कोशिका के उदाहरण किस प्रकार की कोशिकाएं सामान्य हैं तथा यह सभी पौधों ,जंतुओं एवं शैवालों (नीले हरे शैवालों को छोड़कर) में पाई जाती है। प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर || difference between prokaryotic and Eukaryotic प्रोकैरियोटिक कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका इसमें कोशाद्रव्य सम्पूर्ण कोशिका में फैला रहता है। कोशाद्रव्य केन्द्रक एवं कोशिका कला के मध्य फैला होता है। राइबोसोम 70S प्रकार के होते हैं। 70S व 80S दोनों प्रकार के होते है। रिक्तिका नहीं होती । रिक्तिका होती है। लाइसोसोम अनुपस्थित होते है। उपस्थित होते है। इनमें श्वसन जीवद्रव्य कला द्वारा होता है। श्वसन माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा होता है। इस कोशिका में कोशिकांग जैसे गाल्जीकाय,अंतर्द्रव्यी जलिका,ल...