मानवीय पर्यावरण क्या है

  1. पर्यावरण क्या होता है ?
  2. पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा Environment Meaning In Hindi
  3. मानवीय पर्यावरण क्या है ? What is human environment? In Hindi
  4. 07: मानवीय पर्यावरण: बस्तियाँ; परिवहन एवं संचार / Hamara Paryavaran
  5. एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 भूगोल पाठ 7 मानवीय पर्यावरण बस्तियाँ परिवहन
  6. पर्यावरण किसे कहते है?
  7. पर्यावरणीय भूगोल/मानव पर्यावरण संबंध
  8. मानवीय भावों का उद्दीपक : पर्यावरण
  9. Class 7th Geography Chapter


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पर्यावरण क्या होता है ?

पर्यावरण क्या है? पर्यावरण हमारे चारों ओर भौतिक, जैविक और सामाजिक दुनिया है। इसमें वह सब कुछ शामिल है जिसे हम देख सकते हैं, सुन सकते हैं, छू सकते हैं, सूंघ सकते हैं और चख सकते हैं। यह प्राकृतिक दुनिया है जो जीवन का समर्थन करती है और हम जिस हवा में सांस लेते हैं उससे लेकर हम जो पानी पीते हैं, उसमें सब कुछ शामिल है। पर्यावरण हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमें भोजन, पानी और आश्रय प्रदान करता है। यह उस हवा का स्रोत है जिसमें हम सांस लेते हैं, जिस मिट्टी में हम खेती करते हैं, और जिस लकड़ी से हम अपना घर बनाते हैं। यह विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों का भी घर है, जिनमें से कुछ पर हम अपने अस्तित्व के लिए निर्भर हैं। पर्यावरण के प्रकार पर्यावरण को दो मुख्य घटकों में बांटा गया है: प्राकृतिक पर्यावरण और निर्मित पर्यावरण। प्राकृतिक पर्यावरण में दुनिया की सभी जीवित और निर्जीव चीजें शामिल हैं जो मनुष्यों द्वारा नहीं बनाई गई हैं। दूसरी ओर, निर्मित पर्यावरण में मानव निर्मित सभी चीजें जैसे सड़कें, इमारतें और बुनियादी ढाँचे शामिल हैं। प्राकृतिक पर्यावरण में पृथ्वी के वायुमंडल, भूमि और पानी से लेकर उस पर रहने वाले पौधों और जानवरों तक सब कुछ शामिल है। इसमें ग्रह पर होने वाली प्राकृतिक प्रक्रियाएँ भी शामिल हैं, जैसे जल चक्र, प्रकाश संश्लेषण और नाइट्रोजन चक्र। ये प्राकृतिक प्रक्रियाएं पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं, जो सभी जीवित चीजों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। दूसरी ओर, निर्मित पर्यावरण में वह सब कुछ शामिल है जो मनुष्य ने बनाया है, जैसे भवन, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढाँचे। यह मानव सभ्यता की भौतिक अभिव्यक्ति है और इसे हमारी जरूरतों और चा...

पर्यावरण का अर्थ व परिभाषा Environment Meaning In Hindi

वेबस्टर शब्दकोश में पर्यावरण को एक जीवधारी या जीवधारियों के समूह के अस्तित्व, वृद्धि तथा कल्याण को प्रभावित करने वाली सभी परिस्थतियाँ के समूह के रूप में परिभाषित(Defined) किया गया हैं. इस प्रकार इनवायरमेंट में जीवधारियों के अस्तित्व, वृद्धि तथा कल्याण से सम्बन्धित परिवेश के सभी घटक और परिस्थतियाँ शामिल हैं. इसे यों भी कहा जा सकता हैं कि पर्यावरण एक जीवन अवलब तंत्र (life support system) हैं, क्योंकि जैव-मंडल (Biosphere) के सभी घटक जीवधारियों का अस्तित्व तथा सातत्य (Perpetuation) इसी पर निर्भर हैं. पर्यावरण और जीवधारियों की परस्पर क्रियाओं से सम्बन्धित विज्ञान को पारिस्थितिकी (Ecology) कहते हैं. जीवधारी अपने पर्यावरण में अन्तः स्थापित (Embedded) रहते हैं, जो (पर्यावरण) इनके अनुरक्षण तथा सदा बने रहने के लिए आवश्यक सभी संसाधन (Resource) उपलब्ध कराता हैं. Telegram Group जीवधारियों के संपोषण तथा सांतत्य से सम्बन्धित आवश्यकताएं उनके जीवन चक्र (Life Cycle) में जन्म से म्रत्यु तक की अवस्थाओं में स्थिर नहीं रहती हैं अर्थात परिवर्तनशील हैं. पर्यावरण के कारक भी दिककाल (दिक्= दिशा या अवकाश या स्थान+काल= समय) (space and time) के साथ परिवर्तनशील हैं. अतः किसी विशेष स्थान और समय में एक जीवधारी का अस्तित्व और सातत्य उसकी (जीवधारी) परिवर्तनीय (बदलने वाली) आवश्यकताओं तथा पर्यावरण की गति के बीच समाकलन पर निर्भर हैं. जीवधारी को आवृत करने वाले वर्तमान पर्यावरण के भौतिकी (Physical), रासायनिक (Chemical), जैविक (Biological), वैज्ञानिक (Scientific) तथा प्रोद्योगिकी (technological) घटकों (Componets) को निम्नलिखित तीन उपसंकुलों (Subcomplexes) में विभाजित किया जा सकता हैं. • अजैविक उपसंकुल (abioticSub...

मानवीय पर्यावरण क्या है ? What is human environment? In Hindi

मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता है और उसमें अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करता है। प्रारंभिक मानव ने स्वयं को प्रकृति के अनुरूप बना लिया था। उनका जीवन सरल था एवं आस-पास की प्रकृति से उनकी आवश्यकताएँ पूरी हो जाती थी। समय के साथ कई प्रकार की आवश्यकताएँ बढ़ीं। मानव ने पर्यावरण के उपयोग और उसमें परिवर्तन करने के कई तरीके सीख लिए। उसने फ़सल उगाना (पशु पालना एवं स्थायी जीवन जीना सीख लिया। पहिए का आविष्कार हुआ, आवश्यकता से अधिक अन्न उपजाया गया, वस्तु विनिमय पद्धति का विकास हुआ, व्यापार आरंभ हुआ एवं वाणिज्य का विकास हुआ। औद्योगिक क्रांति से बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रारंभ हो गया। परिवहन तेज़ गति से प्रारंभ हुआ। सूचना क्रांति से पूरे विश्व में संचार, सहज और द्रुत हो गया। रवि की कक्षा में मिज़ोरम की एक लड़की है, नूरी। वह अकसर अपने स्थान की हरियाली की बात करती रहती है। खेल का मैदान नष्ट होने के कारण रवि की उदासी देखकर, नूरी ने उसे आने वाली छुट्टियों में अपने घर मिजोरम आने को कहा। रवि के शिक्षक ने सभी बच्चों से कहा कि छुट्टियों में वे जिन स्थानों पर जाएँगे, वहाँ के भू-दृश्य, घरों एवं लोगों के क्रियाकलापों का चित्र बनाकर लाएँ। जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलामीटर है। यह मुख्यतः निकल एवं लोहे की बनी होती है तथा इसे निफे (नि-निकिल तथा फे-फैरस) कहते हैं। केंद्रीय क्रोड का तापमान एवं दाब काफ़ी उच्च होता है।

07: मानवीय पर्यावरण: बस्तियाँ; परिवहन एवं संचार / Hamara Paryavaran

क्या आप जानते हैं ? वे स्थान जहाँ भवन अथवा बस्तियाँ विकसित होती हैं उसे बसाव स्थान कहते हैं। आदर्श बसाव स्थान के चयन के लिए प्राकृतिक द शाएँः • अनुकूल जलवायु • जल की उपलब्धता • उपयुक् त भूमि • उपजाऊ मिट्टी बस्तियाँ, वे स्थान हैं जहाँ लोग अपने लिए घर बनाते हैं। प्रारंभिक मनुष्य वृक्षों एवं गुफाओं में निवास करते थे। जब उन्होंने फ़सलें उगाना आरंभ किया, तो उनके लिए एक जगह स्थायी घर बनाना आवश्यक हो गया। बस्तियों का विकास नदी घाटियों के निकट हुआ, क्योंकि वहाँ पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध था एवं भूमि उपजाऊ थी। व्यापार, वाणिज्य एवं विनिर्माण के विकास के साथ ही मानव बस्तियाँ बड़ी होती गईं। नदी घाटी के निकट बस्ती पनपने लगीं एवं सभ्यता का विकास हुआ। क्या आपको सिंधु, टिगरिस, नील एवं ह्वांग-ही नदियों के किनारे विकसित हुई सभ्यताओं के नाम याद हैं? चित्र 7.1:मानव बस्ती बस्तियाँ, स्थायी या अस्थायी हो सकती हैं। जो बस्तियाँ कुछ समय के लिए बनाई जाती हैं, उन्हें अस्थायी बस्तियाँ कहते हैं। घने जंगलों, गर्म एवं ठंडे रेगिस्तानों तथा पर्वतों के निवासी अकसर अस्थायी बस्तियों में रहते है। वे आखेट, संग्रहण, स्थानांतरी कृषि एवं ऋतु-प्रवास करते हैं। यद्यपि अधिकांश बस्तियाँ आज स्थायी बस्तियाँ हैं। इन बस्तियों में लोग रहने के लिए घर बनाते हैं। शब्दावली ऋतु-प्रवास:लोगों के मौसमी आवागमन को ऋतु-प्रवास कहते हैं। जो लोग पशु पालते हैं, वे मौसम में परिवर्तन के अनुसार नए चरागाहों की खोज में निकल जाते हैं। मैरी का जन्मदिन था। केक काटने के लिए वह अपने मित्रों के साथ गुरप्रीत की प्रतीक्षा कर रही थी। आखिरकार थकी, खाँसती और हाँफती हुई गुरप्री त पहुँची। उसने बताया कि अत्यधिक यातायात ज़ाम था। मैरी की माँ मिसेस थॉमस ने गुर...

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 भूगोल पाठ 7 मानवीय पर्यावरण बस्तियाँ परिवहन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 भूगोल अध्याय 7 मानवीय पर्यावरण: बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार के सभी प्रश्न उत्तर तथा अभ्यास के लिए अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर सत्र 2023-2024 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल के लिए दिए गए समाधान सीबीएसई और उन राजकीय बोर्ड के लिए उपयोगी हैं जो एनसीईआरटी पुस्तकों से पाठ्यक्रम को पूरा कर रहें हैं। पाठ को ठीक प्रकार से समझने के लिए छात्र विडियो की मदद भी ले सकते हैं। बस्तियाँ, वे स्थान हैं जहाँ लोग अपने लिए घर बनाते हैं। प्रारंभिक मनुष्य वृक्षों एवं गुफाओं में निवास करते थे। जब उन्होंने फसलें उगाना आरंभ किया, तो उनके लिए एक जगह स्थायी घर बनाना आवश्यक हो गया। बस्तियों का विकास नदी घाटियों के निकट हुआ, क्योंकि वहाँ पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध था एवं भूमि उपजाऊ थी। व्यापार, वाणिज्य एवं विनिर्माण के विकास के साथ ही मानव बस्तियाँ बड़ी होती गर्इं। नदी घाटी के निकट बस्ती पनपने लगीं एवं सभ्यता का विकास हुआ। बस्तियां स्थायी या अस्थायी हो सकती हैं। जो बस्तियाँ कुछ समय के लिए बनाई जाती हैं, उन्हें अस्थायी बस्तियाँ कहते हैं। घने जंगलों, गर्म एवं ठंडे रेगिस्तानों तथा पर्वतों के निवासी अक्सर अस्थायी बस्तियों में रहते है। वे आखेट, संग्रहण, स्थानांतरी कृषि एवं ऋतु-प्रवास करते हैं। यद्यपि अधिकांश बस्तियाँ आज स्थायी बस्तियाँ हैं। इन बस्तियों में लोग रहने के लिए घर बनाते हैं। परिवहन लोगों एवं सामान के आवागमन के साधन होते हैं। पुराने समय में अधिक दूरी की यात्रा करने में अत्यधिक समय लगता था। उस समय लोग पैदल चलते थे एवं अपने सामान को ढोने के लिए पशुओं का उपयोग करते थे। पहिए की खोज से परिवहन आसान हो गया। समय के साथ परिवहन के विभिन्न साधनों का विकास ह...

पर्यावरण किसे कहते है?

• प्राकृतिक पर्यावरण • मानवीय पर्यावरण प्राकृतिक पर्यावरण किसे कहते है? भूमि, जल, वायु, पेड़ पौधे एवं जीव जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं। स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल एवं जैव मंडल से आप पहले से ही परिचित होंगे। पृथ्वी की ठोस या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढका होता है। इन्हें भी पढ़ें:- यह पहाड़, पठार, मैदान में घाटी आदि जैसे विभिन्न स्थल आकृतियों वाला विषम धरातल होता है। स्थलमंडल वह क्षेत्र है जो हमें कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि पशुओं को चढ़ने के लिए घास स्थल प्रदान करता है या खनिज संपदा का भी एक स्रोत है। पृथ्वी के चारों ओर फैली बाई की पतली परत को वायुमंडल कहते हैं। पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल अपने चारों और के वायुमंडल को था में रहता है। यह सूर्य की झुलसने वाली गर्मी एवं हानिकारक किरणों से हमारी रक्षा करता है। मानवीय पर्यावरण किसे कहते है? मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता है और उसमें अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करता है। प्रारंभिक मानव ने स्वयं को प्रकृति के अनुरूप बना लिया था। उनका जीवन सरल था एवं आसपास की प्रकृति से उनकी आवश्यकताएं पूरी हो जाती थी। समय के साथ कई प्रकार की आवश्यकताएं बड़ी मानव ने पर्यावरण के उपयोग और उसमें परिवर्तन करने के कई तरीके सीख लिए। फसल उगाना पशुपालन एवं स्थाई जीवन जीवन सीख लिया पहिए का आविष्कार हुआ आवश्यकता से अधिक उप जाया गया। वस्तु विनिमय पद्धति का विकास हुआ व्यापार आरंभ हुआ एवं वाणिज्य का विकास हुआ। औद्योगिक क्रांति से बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रारंभ हो गया परिवहन तेज गति से प्रारंभ हुआ सूचना क्रांति से पूरे विश्व में संचार सहज हो गया। इन्हे...

पर्यावरणीय भूगोल/मानव पर्यावरण संबंध

← मानव पर्यावरण संबंध प्रकृति में वायु, जल, मृदा, पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तु सभी सम्मिलित रूप में पर्यावरण की रचना करते हैं। सामान्यतः किसी स्थान विशेष में मानव के चारों तरफ (स्थल, जल, वायु, मृदा आदि) का वह आवरण जिससे वह घिरा है, वह पर्यावरण (Environment) कहलाता है। अर्थात् पर्यावरण से अभिप्राय आसपास या पासपड़ोस अर्थात् हमारे चारों ओर फैले हुए मानव, जन्तुओं या पौधों के उस वातावरण एवं परिवेश से है, जिससे हम घिरे हुए हैं। सामग्री • १ पर्यावरण के प्रकार • १.१ प्राकृतिक या भौतिक पर्यावरण • १.२ सांस्कृतिक अथवा मानवीय • २ मानव पर्यावरण सम्बन्ध • २.१ पर्यावरण से सामंजस्य • २.१.१ आर्थिक सामंजस्य • २.१.२ सामाजिक एवं सांस्कृतिक सामंजस्य • २.१.३ राजनीतिक समंजन • २.२ पर्यावरण से अनुकूलन • २.२.१ भौतिक या शारीरिक अनुकूलन • २.२.२ साम्प्रदायिक (सामाजिक) अनुकूलन • ३ संबंधित प्रश्न • ४ सन्दर्भ पर्यावरण के प्रकार [ ] भूगोल में पर्यावरण के अध्ययन के अनुसार इसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- • प्राकृतिक या भौतिक पर्यावरण • मानवीय या सांस्कृतिक पर्यावरण प्राकृतिक या भौतिक पर्यावरण [ ] प्राकृतिक पर्यावरण को भौतिक पर्यावरण भी कहते हैं। भौतिक पर्यावरण जैविक और अजैविक तत्वों का दृश्य और अदृश्य समूह है जो जीवमण्डल को परिवृत किए हुए है। प्राकृतिक पर्यावरण प्राकृतिक उपादानों, जैव एवं अजैव घटकों का समुच्चय होता है जो धरातल से लेकर आकाश तक व्याप्त रहता है। भौतिक पर्यावरण की शक्तियां :- इन शक्तियों के अन्तर्गत सौर ताप, पृथ्वी की दैनिक एवं वार्षिक परिभ्रमण की गतियां, गुरुत्वाकर्षण शक्ति, ज्वालामुखी क्रियाएं, भूपटल की गति तथा जीवन सम्बन्धी दृश्य सम्मिलित किए गए हैं। इन शक्तियों द्वारा पृथ्वी पर अनेक प्...

मानवीय भावों का उद्दीपक : पर्यावरण

पर्यावरण मनुष्य के जीवन को संतुलित एवं नियंत्रित रखता है। प्रकृति प्रदत्त समस्त उपादानों के साथ खेलकर मनुष्य आनंद ले रहा है, वह भूलकर कि हमारे इस अन्याय के लिए प्रकृति हमें क्या दंड देगी, हमारे बाह्य एवं आंतरिक भाव के वातावरण को प्रकृति ही संतुलित करती है। वनस्पति, जीव-जंतुओं, धरती, पानी, हवा, प्रकाश का दोहन अंधाधुध हो रहा है। साथ ही मानवीय भाव, प्रेम, संवेदना, उदात्तता का भी दोहन दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। प्रकृति प्रदत्त पर्यावरण मानवजाति के अस्तित्व के लिए जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी मानवीय भाव और संवेदना भी है। पर्यावरण अपने बाह्य उपादनों के साथ स्वयं एक साध्य के रूप में साहित्य में अहम् भूमिका निर्वहन करता है। कविता के बाहरी और भीतरी दोनों ही स्तरों में पर्यावरण सौंदर्य की खोज में रत् संयोग और वियोग को प्रतिष्ठापित करने का प्रयास करता है। जहां एक ओर भाव प्रकृति के साथ प्रेम और आत्मउद्बोधन बनकर सौंदर्य सृष्टि का साधन बनते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रेम और आत्मउद्बोधन प्रकृति के साथ अंतर्संबंधित होकर रमणीय चित्रमयता को साकार करते हैं। पर्यावरणीय अवधारणा प्रकृति शब्द की व्यंजना को चरितार्थ करती है। कवियों ने प्रकृति को कल्पना शक्ति के अलौकिक, अद्भुत, अपराजित सृष्टि विधायनी अस्त्र के रूप में अपना हथियार बनाया। इसी हथियार के माध्यम से अनेक अनगढ़ शिल्पों को गढ़ा। प्रकृति को अनुभूति प्रकाशन का माध्यम बनाकर प्रेम, पीड़ा, दर्द, अवसाद, दु:ख, विरह, वेदना का अंकन किया। प्रकृति चित्रण द्वारा प्रेम वेदना की मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति की। संयोग सुखों की मादक स्मृति को प्रकृति के माध्मय से मनोदशा चित्रण का साधन बनाया। वैयक्तिक भाव-भूमि से परे प्रकृति में ही कवियों ने व्यथित विश्व के प्रति सहा...

Class 7th Geography Chapter

Class 7th Geography Chapter – 7 मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार (Human Environment Settlement Transport and Communication) Textbook NCERT Class 7 th Subject Geography (Social Science) Chapter 7 th Chapter Name मानवीय पर्यावरण: बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार (Human Environment Settlement Transport and Communication) Category Class 7th Social Science Geography Medium Hindi Source Class 7th Geography Chapter – 7 मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार (Human Environment Settlement Transport and Communication) MCQ in Hindi जिसमें हम भूगोल कक्षा 7 में बस्तियां क्या हैं?, पर्यावरण कक्षा 7 के तीन प्रमुख घटक कौन से हैं?, पर्यावरण कक्षा 7 उत्तर के प्रमुख घटक कौन से हैं?, पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं?, पर्यावरण के 4 प्रकार कौन से हैं?, पर्यावरण का क्या अर्थ है?, कक्षा 7 पर्यावरण के दो प्रकार कौन से हैं?, पर्यावरण से लाभ क्या है?, पर्यावरण के तत्व कितने हैं?, पर्यावरण के कितने घटक हैं?, आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। Class 7th Geography Chapter – 7 मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार (Human Environment Settlement Transport and Communication) Chapter – 7 मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार MCQ (1) भूमिगत बनी सड़कें क्या कहलाती हैं ? A. भूमिगत मार्ग B. फ्लाईओवर C. एक्सप्रेस वे D. इनमें से कोई नहीं उत्तर – (A) भूमिगत मार्ग (2) किस प्रकार की बस्तियाँ कम समय के लिए रहती है? A. स्थायी बस्ती B. अस्थायी बस्ती C. सघन बस्ती D. A और C दोनों उत्तर – (B) अस्थायी बस्ती (3) __ विश्व में सबसे लंबी रेलवे प्रणाली है। A. ज़ायनिंग से ल्हासा रेलवे B. ट्रांसस...