Mahatma gandhi jivan parichay in hindi

  1. महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में।
  2. चम्पारण सत्याग्रह
  3. महात्मा गाँधी का जीवन परिचय
  4. महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani, Mahatma Gandhi Ka Jivan Parichay, Mahatma Gandhi Biography In Hindi, Mahatma Gandhi History In Hindi, Gandhiji Story In Hindi
  5. ज्योतिराव गोविंदराव फुले
  6. महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय एवं उनके आंदोलन, सिद्धांत, मृत्यु आदि।
  7. Mahatma Gandhi : महात्मा गांधी का जीवन परिचय
  8. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी


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महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में।

महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में : समस्त संसार महात्मा गांधी को सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में और देशप्रेम निष्कपट व्यवहार के कारण जानता है। भारतवर्ष के स्वतंत्रता-संग्राम में गांधीजी ने सत्य अहिंसा एवं असहयोग को शस्त्र के रूप में अपनाया राष्ट्रीय स्वतंत्रता के अमर सेनानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गाँधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़ के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। समस्त संसार महात्मा गांधी को सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में और देशप्रेम निष्कपट व्यवहार के कारण जानता है। भारतवर्ष के स्वतंत्रता-संग्राम में गांधीजी ने सत्य अहिंसा एवं असहयोग को शस्त्र के रूप में अपनाया राष्ट्रीय स्वतंत्रता के अमर सेनानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गाँधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़ के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम कर्मचंद तथा माता का नाम पुतलीबाई था। उनके पिता पोरबंदर रियासत के दीवान थे। उनकी माता पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी तथा काफी समय पूजा-पाठ में व्यतीत करती थीं। गांधी जी की शादी 13 वर्ष की अल्पायु में कस्तूरबा बाई से हुई थी। गांधी जी पर माता की भक्ति-भावना और पिता जी की कर्त्व्य-निष्ठा का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। गांधी जी ने बचपन में एक नाटक सत्यवादी हरिष्चंद्र देखा था इस नाटक का आपके मानसपटल पर बहुत प्रभाव पड़ा और आपने कभी झूठ न बोलने का निश्चय किया तथा जीवनःभर इस बात पर दृढ़ रहे। मैट्रिक पास करने के बाद जब गांधी जी बैरिस्टर की शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाने लगे तो आपकी माता पुतली बाई जी ने आपसे शराब व पर स्त्री से दूर रहने की प्रतिज्ञा करवाई और गांधी जी ने इसका दृढ़ता से पालन ...

चम्पारण सत्याग्रह

अनुक्रम • 1 पृष्ठभूमि • 2 गांधी जी की पहली पटना यात्रा और चंपारण आंदोलन • 3 महत्व • 4 संकट • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हें भी देखें पृष्ठभूमि [ ] महात्मा गांधी दिसंबर 1916 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में भाग लिया. इसी आयोजन में उनकी मुलाकात एक ऐसे शख्स से हुई जिसने उनकी राजनीति की दिशा बदलकर रख दी. इस सीधे-सादे लेकिन जिद्दी शख्स ने उन्हें अपने इलाके के किसानों की पीड़ा और अंग्रेजों द्वारा उनके शोषण की दास्तान बताई और उनसे इसे दूर करने का आग्रह किया. गांधी पहली मुलाकात में इस शख्स से प्रभावित नहीं हुए थे और यही वजह थी कि उन्होंने उसे टाल दिया. लेकिन इस कम-पढ़े लिखे और जिद्दी किसान ने उनसे बार-बार मिलकर उन्हें अपना आग्रह मानने को बाध्य कर दिया. परिणाम यह हुआ कि चार महीने बाद ही चंपारण के किसानों को जबरदस्ती नील की खेती करने किसानों को अपनी भूमि के 15% हिस्से पर नील की खेती करनी होती थी इससे हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई. गांधी को इतनी जल्दी सफलता का भरोसा न था. इस तरह गांधी का बिहार और चंपारण से नाता हमेशा-हमेशा के लिए जुड़ गया. उन्हें चंपारण लाने वाले इस शख्स का नाम था राजकुमार शुक्ल. चंपारण का किसान आंदोलन अप्रैल 1917 में हुआ था. गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह और अहिंसा के अपने आजमाए हुए अस्र का भारत में पहला प्रयोग चंपारण की धरती पर ही किया. यहीं उन्होंने यह भी तय किया कि वे आगे से केवल एक कपड़े पर ही गुजर-बसर करेंगे. इसी आंदोलन के बाद उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि से विभूषित किया गया. देश को राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, मजहरूल हक, ब्रजकिशोर प्रसाद जैसी महान विभूतियां भी इसी आंदोलन से मिलीं. इन तथ्यों से समझा जा सकता है कि चंपारण आंदोलन देश के राजनीतिक इतिहास में कितना महत्वप...

महात्मा गाँधी का जीवन परिचय

महात्मा गाँधी का जीवन परिचय पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी जन्म 2 अक्टूबर, सन् 1869 ई० जन्म स्थान गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदर पिता का नाम करमचन्द गाँधी माता का नाम पुतलीबाई पत्नी का नाम कस्तूरबा मृत्यु 30 जनवरी, 1948 ई० 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रीय पर्वके रूप में मनाते हैं। इसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, सन् 1869ई० को गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदरनामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधीथा। इनके पिता का नाम करमचन्द गाँधीथा जो सनातन धर्म की पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे और काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाईथा जो एक दयालु और धार्मिक महिला थी। 13 वर्ष की अवस्थामें ही गाँधी जी का विवाह कस्तूरबासे कर दिया गया क्योंकि उस समय उस क्षेत्र में बाल विवाह प्रचलित था। मोहनदास और कस्तूरबा के चार संतान हुई- हरिलाल गाँधी, मणिलाल गाँधी, रामदास गाँधी, देवदास गाँधी। उन्होंने 1887 में मैट्रिक की परीक्षा भावनगर के शामलदास कॉलेज से उत्तीर्ण की। इनके पश्चात् ये कानून पढ़ने के लिए इंग्लैण्ड चले गये। वहाँ वे 3 वर्ष 9 महीने तक रहे। वहाँ रहते हुए 1891 में उन्होंने वकालत की परिक्षा पास की। वे बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। उन्होंने मुम्बई आकर वकालत करने का तो प्रयास तो किया परन्तु उसमें सफल नहीं हुए। फिर उन्होंने राजकोट में वकालत प्रारम्भ की। सन् 1893 ई० में गाँधी जी दक्षिणी अफ्रीका गये और वे वहाँ 20 वर्षों रहे। भारत की स्वतंत्रता के लिए इन्होंने अथक प्रयास किया और कई बार जेल की यातनाएँ भी भोगीं। इन्होंने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया। 30 जनवरी, 1948 ई०को नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर इनकी हत्या कर दी गयी। भारत की स्वतंत्रता के लि...

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प्रारंभिक जीवन महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था, उनका जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को भारत में गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदर में हुआ था. उनके पिता का नाम करमचन्द गांधी था और माता का नाम पुतलीबाई था. करमचन्द गांधी ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत (पोरबंदर) के दीवान थे. मोहनदास की माता पुतलीबाई परनामी वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखती थीं और अत्यधिक धार्मिक प्रवित्ति की थीं. मोहनदास करमचन्द गांधी पर उनकी माता का प्रभाव पड़ा और इन्ही मूल्यों ने आगे चलकर उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. वह नियमित रूप से व्रत रखती थीं और परिवार में किसी के बीमार पड़ने पर उसकी सेवा सुश्रुषा में दिन-रात एक कर देती थीं. इस प्रकार मोहनदास ने स्वाभाविक रूप से अहिंसा, शाकाहार, आत्मशुद्धि के लिए व्रत और विभिन्न धर्मों और पंथों को मानने वालों के बीच परस्पर सहिष्णुता को अपनाया. गांधी जी का वैवाहिक जीवन गांधी जी का विवाह सन् 1883 में मात्र 13 वर्ष की आयु में 14 साल की कस्तूरबा से हुआ था. लोग उन्हें प्यार से बा कहकर पुकारते थे. कस्तूरबा गांधी जी के पिता एक धनी व्यवसायी थे. शादी से पहले तक कस्तूरबा पढ़ना-लिखना नहीं जानती थीं. गांधी जी ने उन्हें लिखना- पढ़ना सिखाया। एक आदर्श पत्नी की तरह बा ने गांधी जी का हर एक काम में साथ दिया. साल 1885 में जब मोहनदास 15 वर्ष के थे तब इनकी पहली सन्तान ने जन्म लिया लेकिन वह केवल कुछ दिन ही जीवित रही. उनके पिता करमचन्द गाँधी भी इसी साल (1885) में चल बसे. बाद में मोहनदास और कस्तूरबा के चार सन्तान हुईं – हरीलाल गान्धी (1888), मणिलाल गान्धी (1892), रामदास गान्धी (1897) और देवदास गांधी (1900). शिक्षा उनकी मिडिल स्कूल की शिक्षा पोरबंदर में और हाई स...

ज्योतिराव गोविंदराव फुले

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (अप्रैल 2020) स्रोत खोजें: · · · · महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले जन्म 11 अप्रैल 1827 मृत्यु 28 नवम्बर 1890 ( 1890-11-28) (उम्र63) अन्यनाम महात्मा फुले, जोतिबा फुले, जोतिराव फुले जीवनसाथी महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले (११ अप्रैल १८२७ - २८ नवम्बर १८९०) एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें महात्मा फुले एवं '' जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है। इनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 1827 ई. में कार्यक्षेत्र [ ] उन्‍होंने विधवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत काम किया, इसके साथ ही किसानों की हालत सुधारने और उनके कल्याण के लिए भी काफी प्रयास किये। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए फुले ने 1848 में एक स्कूल खोला। यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था। लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने कुछ दिन स्वयं यह काम करके अपनी पत्नी सावित्री फुले को इस योग्य बना दिया। कुछ लोगों ने आरम्भ से ही उनके काम में बाधा डालने की चेष्टा की, किंतु जब फुले आगे बढ़ते ही गए तो उनके पिता पर दबाब डालकर पति-पत्नी को घर से निकालवा दिया इससे कुछ समय के लिए उनका काम रुका अवश्य, पर शीघ्र ही उन्होंने एक के बाद एक बालिकाओं के तीन स्कूल खोल दिए। विद्यालय की स्थापना [ ] ज्योतिबा को संत-महत्माओं की जीवनियाँ पढ़ने में बड़ी रुचि थी। उन्हें ज्ञान हुआ कि जब भगवान के सामने सब नर-नारी समान हैं तो उनमें ऊँच-नीच का भेद क्यों होना चाहिए। स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक...

महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय एवं उनके आंदोलन, सिद्धांत, मृत्यु आदि।

Mahatma Gandhi Ji Ka Jeevan Parichay in Hindi : महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय – महात्मा गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के राजनैतिक अवं आध्यात्मिक नेता थे। उनका जन्म 02 ऑक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था जो कि सनातन धर्म के पंसारी जाती के थे। गुजराती में गांधी शब्द के अर्थ होता है “पंसारी” और हिंदी में इस शब्द का अर्थ होता है “इत्र बेचने वाला”। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो की करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थी। गांधी जी अत्याचार के खिलाफ रोक लगाने में सत्याग्रह आंदोलन के अग्रिम नेता थे। गाँधी जी को “महात्मा” सब्द से सबसे पहले 1915 में राजवैध जीवराम कालिदास ने सम्बोधित किया था। संस्कृति भाषा में महात्मा शब्द का अर्थ का होता है महान। जो की एक सम्मान सूचक शब्द है। इस लिए उन्हें आम नागरिक महात्मा गाँधी के नाम से जानते है। गांधी जी को बापू शब्द से पुकारने वाला पहला व्यक्ति साबरमती आश्रम के उनके एक शिष्य थे। बापू शब्द का अर्थ होता है पिता। गांधी जी के जन्मदिन पर हर साल 02 ओक्टुबर को गांधी जयंती और अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस् के रूप में मनाया जाने लगा। निम्नवत ब्लॉग में हमने गाँधी जी के आंदोलन, सिद्धांत, लेखन कार्य, मृत्यु अवं अन्य जानकारी ( Mahatma Gandhi Biography in Hindi ) देने का सम्भव प्रयास किया है। गाँधी के जीवन परिचय से सम्बन्धी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग पर बने रहें। महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय एक नजर में ( Gandhi Ji Ka Jeevan Parichay in Hindi ) : Mahatma Gandhi Biography in Hindi पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी । उपनाम महात्मा गांधी, बापू । जन्म तिथि 02 अक्टूबर 1...

Mahatma Gandhi : महात्मा गांधी का जीवन परिचय

महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हिन्दू परिवार में हुआ। पिता करमचंद गांधी और मां पुतलीबाई द्वारा उनका नाम मोहनदास रखा गया, जिससे उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी हुआ। महात्मा गांधी की माता अत्यधिक धार्मिक महिला थी, अत: उनका पालन वैष्णव मत को मानने वाले परिवार में हुआ और उन पर जैन धर्म का भी गहरा प्रभाव रहा। यही कारण था कि इसके मुख्य सिद्धांतों जैसे- अहिंसा, आत्मशुद्ध‍ि और शाकाहार को उन्होंने अपने जीवन में उतारा था। मोहनदास शिक्षा के दृष्टिकोण से एक औसत दर्जे के विद्यार्थी रहे, लेकिन समय-समय पर उन्होंने पुरस्कार और छात्रवृत्त‍ियां भी मिलीं। वे अंग्रेजी विषय में काफी होनहार थे, लेकिन भूगोल जैसे विषयों में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहता था। वहीं अंक गणित में वे मध्यम दर्जे के विद्यार्थी रहे और लिखावट के मामले में भी उन्हें अच्छी टिप्पणियां नहीं मिली। हालांकि गांधी जी, अपने माता-पिता की सेवा, घर के कार्यों में मां का हाथ बंटाना, आज्ञा का पालन करना, सैर के लिए जाना, यह सब करते थे लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा के महात्मा गांधी ने अपने जीवन के विद्रोही समय में गुप्त नास्त‍िकवाद को भी अपनाया, धूम्रपान और मांसाहार का सेवन भी किया। लेकिन उसके बाद उन्होंने इन सभी चीजों को जीवन में कभी न दोहराने का दृढ़ निश्चय कर फिर कभी नहीं दोहराया। गांधी जी ने प्रहृलाद और राजा हरिश्चंद्र को आदर्श के रूप में ग्रहण किया। महात्मा गांधी का विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में ही कर दिया गया था। जब वे स्कूल में पढ़ते थे, तभी पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा माखनजी से उनका विवाह हुआ और मात्र 15 वर्ष की अवस्था में गांधी जी एक पुत्र के पिता बन गए।लेकिन वह पुत...

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी

राष्ट्रपितामहात्मागांधीजीवनी– Mahatma Gandhi Biography in Hindi महात्मागांधीजीकेबारेमें– Mahatma Gandhi Information in Hindi पूरानाम (Name) मोहनदासकरमचंदगांधी (Mahatma Gandhi) जन्मदिनांक (Birthday) 2 अक्तुंबर 1869 ( Gandhi Jayanti) जन्मस्थान (Birthplace) पोरबंदर (गुजरात) पिताकानाम (Father Name) करमचंद माता कानाम (Mother Name) पुतलीबाई शिक्षा (Education) • 1887 मेंमॅट्रिकपरीक्षाउत्तीर्ण। • 1891 मेंइग्लंडमेंबॅरिस्टरबनकरवोभारतलोटें। विवाह( Wife Name) कस्तूरबा– बच्चोंकेनाम (Childrens Name) • • मणिलाल, • रामदास, • देवदास उपलब्धियां (Award) • भारतकेराष्ट्रपिता, • भारतकोआजाददिलवानेमेंअहमयोगदान, • सत्यऔरअहिंसाकेप्रेरणास्त्रोत, • भारतकेस्वतंत्रासंग्राममेंमहत्वपूर्णयोगदानभारतछोड़ोआंदोलन, स्वदेशीआंदोलन, • असहयोगआंदोलनस्वदेशीआंदोलनआदि। महत्वपूर्णकार्य (Work) सत्याऔरअहिंसाकामहत्वबताकरइसकोलोगोंतकपहुंचाया, छुआ-छूतजैसीबुराइयोंकोदूरकिया राष्ट्रपितामहात्मागांधीजीवनी– Mahatma Gandhi in Hindi आजहमआजादभारतमेंसांसलेरहेहैं, वोइसलिएक्योंकिहमारेराष्ट्रपिता महात्मागांधी– Mahatma Gandhi नेअपनेअथकप्रयासोंकेबलपरअंग्रेजोसेभारतकोआजादकरायायहीनहींइसमहापुरुषनेअपनापूराजीवनराष्ट्रहितमेंलगादिया।महात्मागांधीकीकुर्बानीकीमिसालआजभीदीजातीहै। राष्ट्रपिता महात्मागांधीकोराष्ट्रपिताऔरबापूजीकेनामोंसेभीपुकाराजाताहै।वेसादाजीवन, उच्चविचारकीसोचवालीशख्सियतथे।उन्होंनेअपनापूराजीवनसदाचारमेंगुजाराऔरअपनीपूरीजिंदगीराष्ट्रहितमेंकुर्बानकरदी।उन्होनेंअपनेव्यक्तित्वकाप्रभावनसिर्फभारतमेंहीबल्किपूरीदुनियामेंडाला। महात्मागांधीजीकाजन्म, बचपन, परिवारएवंप्रारंभिकजीवन– Mahatma Gandhi Childhood देशकेराष्ट्रपितामहात्मागांधीजीकाजन्म 2 अक्टूबर 1...