महाराणा प्रताप का इतिहास

  1. महाराणा प्रताप का इतिहास Maharana Pratap History in Hindi
  2. महाराणा प्रताप का इतिहास
  3. जानिए शूरवीर भारत के वीर सपूत महाराणा प्रताप के इतिहास बारे में
  4. महाराणा प्रताप व चेतक का इतिहास व जयंती
  5. महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण इतिहास (Maharana Pratap History In Hindi).
  6. जानिए शूरवीर भारत के वीर सपूत महाराणा प्रताप के इतिहास बारे में
  7. महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण इतिहास (Maharana Pratap History In Hindi).
  8. महाराणा प्रताप का इतिहास Maharana Pratap History in Hindi
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महाराणा प्रताप का इतिहास Maharana Pratap History in Hindi

Life History of Maharana Pratap in Hindi महाराणा प्रताप ने कभी मुगलों की पराधीनता स्वीकार नहीं की और अकबर जैसे शासक को नाकों चने चबवा दिए| महाराणा प्रताप का इतिहास इस बात का गवाह है कि भारतमाता ने ऐसे अनेक वीरों को जन्म दिया है जिन्होंने मरते दम तक अपने देश की रक्षा की है। महाराणा प्रताप का नाम भारत में जन्म लेने वाले शूरवीरों में सबसे ऊपर आता है। महाराणा प्रताप ने जीवनभर संघर्ष किया और सालों तक जंगलों में रहकर जीवन व्यतीत किया, घास की रोटियां खायीं और गुफा में सोये लेकिन मुगलों की पराधीनता कभी स्वीकार नहीं की। महाराणा को वीरता और स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति माना जाता है। उन्होंने आखिरी सांस तक मेवाड़ की रक्षा की। महाराणा की बहादुरी को देखकर उनका सबसे बड़ा दुश्मन अकबर भी उनका कायल हो गया था। महाराणा का जन्म 9 मई सन 1540 को मेवाड़ के कुम्भलगढ दुर्ग में हुआ था। महाराणा की माता का नाम जैवन्ताबाई और पिता का नाम उदय सिंह था। महाराणा के बचपन का नाम “कीका” था। आगे चलकर महाराणा को मेवाड़ का साम्राज्य सौंप दिया गया। महाराणा का सबसे बड़ा दुश्मन अकबर – उन दिनों अकबर मुगल साम्राज्य का शासक था। अकबर उस समय सबसे शक्तिशाली सम्राट भी था। अकबर के आगे कई राजपूत राजा पहले ही घुटने टेक चुके थे इसलिए अकबर अपनी मुग़ल सेना को अजेय मानता था। अकबर पूरे भारत पर राज करना चाहता था। इसलिए उसने कई राजपूत राजाओं को हराकर उनका राज्य हथिया लिया तो वहीं कई राजाओं ने मुग़ल सेना के डर से आत्मसमर्पण कर दिया। अकबर ने महाराणा प्रताप को भी 6 बार संधि वार्ता का प्रस्ताव भेजा था लेकिन महाराणा ने अकबर के आगे झुकने से मना कर दिया और महाराणा के पास अकबर की सेना की तुलना में आधे ही सिपाही थे लेकिन फिर भी उन्होंने अकबर के दांत ख...

महाराणा प्रताप का इतिहास

महाराणा प्रताप का इतिहास की जानकारी | Maharana Pratap History In Hindi: वो आजादी का रखवाला महाराणा प्रताप ही थे जिन्होंने अपनी मायड धरा मेवाड़ की स्वतंत्रता की खातिर जीवनभर संघर्ष करते रहे, मगर कभी मुगलों की गुलामी को स्वीकार नही किया. राजस्थान के महान सपूतों में महाराणा प्रताप का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. राजीय एशो आराम की बजाय जंगल में भूखे प्यासे भटकने वाले महाराणा प्रताप अपने और मेवाड़ धरा के स्वाभिमान के रखवाले थे. इनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था. Maharana Pratap History In Hindi इतिहास बिंदु महाराणा प्रताप इतिहास पिता राणा उदयसिंह माता जैवन्ता बाई सोनगरा पत्नी अजब दे जन्म 9 मई 1540 मृत्यु 29 जनवरी 1597 पुत्र अमर सिंह घोड़ा चेतक समाधि चावंड Story Biography Jivani History Of Maharana Pratap In Hindi: महाराणा प्रताप का इतिहास, जीवन परिचय, जीवनी, कहानी, फोटो, वीडियो, जयंती, मेवाड़ का इतिहास जानने के लिए हमे यह पूरा लेख पढ़ना पड़ेगा. अनूठी आन बान और शान वाला या राजस्थान प्रान्त शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति की त्रिवेणी माना जाता हैं. यहाँ का इतिहास और शौर्य एवं औदार्य के लिए विश्वविख्यात हैं. ऐसी देशभक्ति और वीरता से कुटकुट भरी मेवाड़ धरा पर स्वतन्त्रता प्रेमी और महान नायकमहाराणा प्रताप का जन्म भूमि रही हैं. इस प्रदेश में जान तथा प्राण से बढ़कर प्रण की शाश्वत परम्परा रही हैं. राजस्थान की इसी तपोभूमि कुछ ऐसी विशेषताएं रही हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ हैं. यहाँ के वीरो ने धरती, धर्म, स्त्री और असहायों की रक्षार्थ मरने को मंगल माना, यहाँ की विरागनाओ ने अपनी कंचन जैसी काया का मोह त्यागते हुए अपने हाथों अपना शीश काटकर अपने पतियों का प्रण पालन किया हैं. Telegram Group यहाँ के संतो ...

जानिए शूरवीर भारत के वीर सपूत महाराणा प्रताप के इतिहास बारे में

Share रचनाकर पीथल की पुस्तक डिंगल में वीरस के पृष्ठ संख्या 41 पर दो पंक्तियां हैं, जो खासकर मेवाड़ में काफी लोकप्रिय है। वह इस प्रकार है… माई एहड़ा पूत जण, जेहड़ा राणा प्रताप। अकबर सूतो ओझकै, जाण सिराणै साँप॥ इस पंक्तियों का अर्थ है कि हे माता! ऐसे पुत्र को जन्म दे, जैसे राणा प्रताप हैं। जिन्हें सिरहाने का साँप समझ कर सोता हुआ अकबर भी चौंक पड़ता है। जी हॉं! यह कहानी है वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम, स्वाभिमान और मातृभूमि की स्वतंत्रता के​ लिए अपना जीवन अर्पण कर देने वाले हिन्दूआ सूरज, मेवाड़ रत्न, वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की। जिन्होंने आजीवन कभी भी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई बार मुगलों को युद्ध में भी हराया। महाराणा प्रताप का जन्म महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिं​ह सिसोदिया था। वे मेवाड़ राजवंश के शासक थे। जो सिसादिया वंशीय थे। इस वंश बप्पा रावल, राणा कुंभा, महाराणा संग्राम सिंह जैसे वीर हुए थे। महाराणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597 को राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ महल में महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जयवन्ताबाई के घर हुआ था। कुछ इतिहासकारोंं का यह भी मत है कि उनका जन्म पाली जिले के राजमहलों में यानी उनके मामा के घर पर हुआ था। लेकिन कर्नल जेम्स टॉड के मत कि महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ महल में हुआ था, को ज्यादा मान्यता दी गई है। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका नाम से पुकारा जाता था। इसके पीछे का कारण यह था कि महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता था। उन्हीं के साथ वे युद्ध कला सीखते थे। चूॅंकि भील अपने पुत्र को कीका कहकर पुकारते हैं इसलिए वे महाराणा प्रताप को भी कीका नाम से पुक...

महाराणा प्रताप व चेतक का इतिहास व जयंती

आप सभी यह तो जानते ही है की भारत देश में बहुत से वीरों का जन्म हुआ है। इसलिए इस भारत देशज को वीरों की जन्मभूमि भी कहा जाता है। ऐसे ही एक वीर थे जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जान गवा दी थी। परन्तु वह इतने वीर थे की उनके नाम से सभी मुग़ल काँप जाते थे। भारत के उस वीर का नाम महाराणा प्रताप था। इनका नाम भारत के महान योद्धाओं में गिना जाता है। इनके पास एक घोडा भी था जिसका नाम चेतक था। वह हवा की भांति दौड़ता था मानो जैसे हवा से बायत कर रहा हो। तो दोस्तों क्या आप इनके बारे में जानते है अगर नहीं तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये महाराणा प्रताप व चेतक के इतिहास के बारे में बताने वाले है। यहाँ भी देखें -->> महाराणा प्रताप व चेतक का इतिहास | History of Maharana Pratap and Chetak महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। इनका जन्म भारत के उत्तर दक्षिण भाग में मेवाड़ राज्य में हुआ था। आज के समय भी 9 मई को प्रति वर्ष महाराणा प्रताप जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इनके पिता पिता का नाम राणा उदय सिंह था और इनकी माता का नाम था महारानी जयवंता बाई था। इनके पिता उदयपुर के राजा थे। महाराणा प्रताप जी की पहली पत्नी का नाम अजबदे पुनवार था और अजबदे पुनवार सहित इनकी 11 और रानिया थी। महाराणा प्रताप के दो पुत्र भी जिनका नाम अमर सिंह और भगवान दास था। प्रताप के निधन के बाद इनके पुत्र अमर सिंह ने इनकी राजगद्दी संभाली थी। क्योंकि पुराने समय में राजाओं की बहुत सी रानियाँ हुआ करती थी इसलिए राणा उदय सिंह की भी एक से अधिक रानिया थी। उदय सिंह अपनी बाकी पत्नियों में से सबसे अधिक प्रिय रानी धीर बाई को मानते थे। धीर बाई और राणा उदय सिंह के बेट...

महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण इतिहास (Maharana Pratap History In Hindi).

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का नाम सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एकमात्र ऐसे योद्धा थे जिन्हें शीश कटाना मंजूर था लेकिन किसी के सामने झुकाना नहीं. चित्तौड़गढ़ के सिसोदिया वंश में जन्म लेने वाले महाराणा प्रताप का नाम इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में हमेशा के लिए अंकित रहेगा. सभी देश प्रेमी आज भी प्रातः उठकर महाराणा प्रताप की वंदना करते हैं. देशप्रेम, स्वाधीनता, दृढ़ प्रतिज्ञा, निर्भिकता और वीरता महाराणा प्रताप की रग-रग में मौजूद थी. मुगल आक्रांता अकबर ने महाराणा प्रताप को झुकाने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया लेकिन दृढ़ प्रतिज्ञा के धनी महाराणा प्रताप तनिक भी ना झुके. महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था. स्वाधीनता और स्वाभिमान का दूसरा नाम थे महाराणा प्रताप जो कभी किसी के सामने झुके नहीं चाहे परिस्थितियाँ कुछ भी हो, मुग़ल आक्रांता अबकर भी शोकाकुल हो उठा जब उसने वीर महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर सुनी. 14 महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर जब अकबर तक पहुंची! महाराणा प्रताप का इतिहास, जन्म और माता-पिता (Maharana Pratap History In Hindi) महाराणा प्रताप का पूरा नाम (Full name of Maharana Pratap) महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया (Maharana Pratap Singh Sisodiya) अन्य नाम (Other Name Of Maharana Pratap) हिंदुआ सूरज। महाराणा प्रताप का जन्म स्थान (Birth place of Maharana Pratap) कुम्भलगढ़ दुर्ग। महाराणा प्रताप का जन्म तिथि (date of birth of maharana pratap) 9 मई, 1540 ईस्वी ( विक्रम संवत 1597 ज्येष्ठ सुदी ३, इतवार) महाराणा प्रताप का मृत्यु स्थान (Death place of Maharana Pratap) चावंड (उदयपुर, राजस्थान)...

जानिए शूरवीर भारत के वीर सपूत महाराणा प्रताप के इतिहास बारे में

Share रचनाकर पीथल की पुस्तक डिंगल में वीरस के पृष्ठ संख्या 41 पर दो पंक्तियां हैं, जो खासकर मेवाड़ में काफी लोकप्रिय है। वह इस प्रकार है… माई एहड़ा पूत जण, जेहड़ा राणा प्रताप। अकबर सूतो ओझकै, जाण सिराणै साँप॥ इस पंक्तियों का अर्थ है कि हे माता! ऐसे पुत्र को जन्म दे, जैसे राणा प्रताप हैं। जिन्हें सिरहाने का साँप समझ कर सोता हुआ अकबर भी चौंक पड़ता है। जी हॉं! यह कहानी है वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम, स्वाभिमान और मातृभूमि की स्वतंत्रता के​ लिए अपना जीवन अर्पण कर देने वाले हिन्दूआ सूरज, मेवाड़ रत्न, वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की। जिन्होंने आजीवन कभी भी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई बार मुगलों को युद्ध में भी हराया। महाराणा प्रताप का जन्म महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिं​ह सिसोदिया था। वे मेवाड़ राजवंश के शासक थे। जो सिसादिया वंशीय थे। इस वंश बप्पा रावल, राणा कुंभा, महाराणा संग्राम सिंह जैसे वीर हुए थे। महाराणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597 को राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ महल में महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जयवन्ताबाई के घर हुआ था। कुछ इतिहासकारोंं का यह भी मत है कि उनका जन्म पाली जिले के राजमहलों में यानी उनके मामा के घर पर हुआ था। लेकिन कर्नल जेम्स टॉड के मत कि महाराणा प्रताप का जन्म कुंभलगढ़ महल में हुआ था, को ज्यादा मान्यता दी गई है। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका नाम से पुकारा जाता था। इसके पीछे का कारण यह था कि महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता था। उन्हीं के साथ वे युद्ध कला सीखते थे। चूॅंकि भील अपने पुत्र को कीका कहकर पुकारते हैं इसलिए वे महाराणा प्रताप को भी कीका नाम से पुक...

महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण इतिहास (Maharana Pratap History In Hindi).

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का नाम सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एकमात्र ऐसे योद्धा थे जिन्हें शीश कटाना मंजूर था लेकिन किसी के सामने झुकाना नहीं. चित्तौड़गढ़ के सिसोदिया वंश में जन्म लेने वाले महाराणा प्रताप का नाम इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में हमेशा के लिए अंकित रहेगा. सभी देश प्रेमी आज भी प्रातः उठकर महाराणा प्रताप की वंदना करते हैं. देशप्रेम, स्वाधीनता, दृढ़ प्रतिज्ञा, निर्भिकता और वीरता महाराणा प्रताप की रग-रग में मौजूद थी. मुगल आक्रांता अकबर ने महाराणा प्रताप को झुकाने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया लेकिन दृढ़ प्रतिज्ञा के धनी महाराणा प्रताप तनिक भी ना झुके. महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था. स्वाधीनता और स्वाभिमान का दूसरा नाम थे महाराणा प्रताप जो कभी किसी के सामने झुके नहीं चाहे परिस्थितियाँ कुछ भी हो, मुग़ल आक्रांता अबकर भी शोकाकुल हो उठा जब उसने वीर महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर सुनी. 14 महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर जब अकबर तक पहुंची! महाराणा प्रताप का इतिहास, जन्म और माता-पिता (Maharana Pratap History In Hindi) महाराणा प्रताप का पूरा नाम (Full name of Maharana Pratap) महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया (Maharana Pratap Singh Sisodiya) अन्य नाम (Other Name Of Maharana Pratap) हिंदुआ सूरज। महाराणा प्रताप का जन्म स्थान (Birth place of Maharana Pratap) कुम्भलगढ़ दुर्ग। महाराणा प्रताप का जन्म तिथि (date of birth of maharana pratap) 9 मई, 1540 ईस्वी ( विक्रम संवत 1597 ज्येष्ठ सुदी ३, इतवार) महाराणा प्रताप का मृत्यु स्थान (Death place of Maharana Pratap) चावंड (उदयपुर, राजस्थान)...

महाराणा प्रताप का इतिहास Maharana Pratap History in Hindi

Life History of Maharana Pratap in Hindi महाराणा प्रताप ने कभी मुगलों की पराधीनता स्वीकार नहीं की और अकबर जैसे शासक को नाकों चने चबवा दिए| महाराणा प्रताप का इतिहास इस बात का गवाह है कि भारतमाता ने ऐसे अनेक वीरों को जन्म दिया है जिन्होंने मरते दम तक अपने देश की रक्षा की है। महाराणा प्रताप का नाम भारत में जन्म लेने वाले शूरवीरों में सबसे ऊपर आता है। महाराणा प्रताप ने जीवनभर संघर्ष किया और सालों तक जंगलों में रहकर जीवन व्यतीत किया, घास की रोटियां खायीं और गुफा में सोये लेकिन मुगलों की पराधीनता कभी स्वीकार नहीं की। महाराणा को वीरता और स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति माना जाता है। उन्होंने आखिरी सांस तक मेवाड़ की रक्षा की। महाराणा की बहादुरी को देखकर उनका सबसे बड़ा दुश्मन अकबर भी उनका कायल हो गया था। महाराणा का जन्म 9 मई सन 1540 को मेवाड़ के कुम्भलगढ दुर्ग में हुआ था। महाराणा की माता का नाम जैवन्ताबाई और पिता का नाम उदय सिंह था। महाराणा के बचपन का नाम “कीका” था। आगे चलकर महाराणा को मेवाड़ का साम्राज्य सौंप दिया गया। महाराणा का सबसे बड़ा दुश्मन अकबर – उन दिनों अकबर मुगल साम्राज्य का शासक था। अकबर उस समय सबसे शक्तिशाली सम्राट भी था। अकबर के आगे कई राजपूत राजा पहले ही घुटने टेक चुके थे इसलिए अकबर अपनी मुग़ल सेना को अजेय मानता था। अकबर पूरे भारत पर राज करना चाहता था। इसलिए उसने कई राजपूत राजाओं को हराकर उनका राज्य हथिया लिया तो वहीं कई राजाओं ने मुग़ल सेना के डर से आत्मसमर्पण कर दिया। अकबर ने महाराणा प्रताप को भी 6 बार संधि वार्ता का प्रस्ताव भेजा था लेकिन महाराणा ने अकबर के आगे झुकने से मना कर दिया और महाराणा के पास अकबर की सेना की तुलना में आधे ही सिपाही थे लेकिन फिर भी उन्होंने अकबर के दांत ख...

महाराणा प्रताप का इतिहास

महाराणा प्रताप का इतिहास की जानकारी | Maharana Pratap History In Hindi: वो आजादी का रखवाला महाराणा प्रताप ही थे जिन्होंने अपनी मायड धरा मेवाड़ की स्वतंत्रता की खातिर जीवनभर संघर्ष करते रहे, मगर कभी मुगलों की गुलामी को स्वीकार नही किया. राजस्थान के महान सपूतों में महाराणा प्रताप का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. राजीय एशो आराम की बजाय जंगल में भूखे प्यासे भटकने वाले महाराणा प्रताप अपने और मेवाड़ धरा के स्वाभिमान के रखवाले थे. इनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था. Maharana Pratap History In Hindi इतिहास बिंदु महाराणा प्रताप इतिहास पिता राणा उदयसिंह माता जैवन्ता बाई सोनगरा पत्नी अजब दे जन्म 9 मई 1540 मृत्यु 29 जनवरी 1597 पुत्र अमर सिंह घोड़ा चेतक समाधि चावंड Story Biography Jivani History Of Maharana Pratap In Hindi: महाराणा प्रताप का इतिहास, जीवन परिचय, जीवनी, कहानी, फोटो, वीडियो, जयंती, मेवाड़ का इतिहास जानने के लिए हमे यह पूरा लेख पढ़ना पड़ेगा. अनूठी आन बान और शान वाला या राजस्थान प्रान्त शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति की त्रिवेणी माना जाता हैं. यहाँ का इतिहास और शौर्य एवं औदार्य के लिए विश्वविख्यात हैं. ऐसी देशभक्ति और वीरता से कुटकुट भरी मेवाड़ धरा पर स्वतन्त्रता प्रेमी और महान नायकमहाराणा प्रताप का जन्म भूमि रही हैं. इस प्रदेश में जान तथा प्राण से बढ़कर प्रण की शाश्वत परम्परा रही हैं. राजस्थान की इसी तपोभूमि कुछ ऐसी विशेषताएं रही हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ हैं. यहाँ के वीरो ने धरती, धर्म, स्त्री और असहायों की रक्षार्थ मरने को मंगल माना, यहाँ की विरागनाओ ने अपनी कंचन जैसी काया का मोह त्यागते हुए अपने हाथों अपना शीश काटकर अपने पतियों का प्रण पालन किया हैं. Telegram Group यहाँ के संतो ...

महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण इतिहास (Maharana Pratap History In Hindi).

महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का नाम सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एकमात्र ऐसे योद्धा थे जिन्हें शीश कटाना मंजूर था लेकिन किसी के सामने झुकाना नहीं. चित्तौड़गढ़ के सिसोदिया वंश में जन्म लेने वाले महाराणा प्रताप का नाम इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में हमेशा के लिए अंकित रहेगा. सभी देश प्रेमी आज भी प्रातः उठकर महाराणा प्रताप की वंदना करते हैं. देशप्रेम, स्वाधीनता, दृढ़ प्रतिज्ञा, निर्भिकता और वीरता महाराणा प्रताप की रग-रग में मौजूद थी. मुगल आक्रांता अकबर ने महाराणा प्रताप को झुकाने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया लेकिन दृढ़ प्रतिज्ञा के धनी महाराणा प्रताप तनिक भी ना झुके. महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था. स्वाधीनता और स्वाभिमान का दूसरा नाम थे महाराणा प्रताप जो कभी किसी के सामने झुके नहीं चाहे परिस्थितियाँ कुछ भी हो, मुग़ल आक्रांता अबकर भी शोकाकुल हो उठा जब उसने वीर महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर सुनी. 14 महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर जब अकबर तक पहुंची! महाराणा प्रताप का इतिहास, जन्म और माता-पिता (Maharana Pratap History In Hindi) महाराणा प्रताप का पूरा नाम (Full name of Maharana Pratap) महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया (Maharana Pratap Singh Sisodiya) अन्य नाम (Other Name Of Maharana Pratap) हिंदुआ सूरज। महाराणा प्रताप का जन्म स्थान (Birth place of Maharana Pratap) कुम्भलगढ़ दुर्ग। महाराणा प्रताप का जन्म तिथि (date of birth of maharana pratap) 9 मई, 1540 ईस्वी ( विक्रम संवत 1597 ज्येष्ठ सुदी ३, इतवार) महाराणा प्रताप का मृत्यु स्थान (Death place of Maharana Pratap) चावंड (उदयपुर, राजस्थान)...