मोहन भागवत की जाती

  1. मोहन भागवत
  2. मोहन भागवत के सुविचार
  3. RSS Chief Mohan Bhagwat Arrived On A Three
  4. मोहन भागवत का ‘ब्राह्मण’ बयान: अडानी मामले से ध्यान हटाने का षड्यंत्र
  5. मोहन भागवत की जाति को भूलने की ‘मासूम’ सलाह जातीय वर्चस्व को बनाए रखने की कोशिश है
  6. आरएसएस के द्वितीय वर्ष विशेष प्रशिक्षण वर्ग में स्वयंसेवक शिक्षार्थियों को भागवत ने दिया मार्गदर्शन


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मोहन भागवत

• राष्ट्र की उन्नति में प्रत्येक व्यक्ति को सम्मिलित होना पड़ेगा। बिना संगठित हुए राष्ट्र कभी परम वैभव पर नहीं पहुंच सकता। • चारों तरफ से विरोधियों में घिर जाने पर भी जो हिम्मत से कार्य करता है, वही विजय श्री को प्राप्त करता है। • जाति-पाति, वर्ग-भिन्नता, अगड़ा–पिछड़ा इन सब में पड़कर समाज अपना अस्तित्व खो बैठता है। समय की मांग है इन सभी पूर्वाग्रह से बाहर निकल कर भारतीय बनाने का देशभक्त बनाने का। • जब हम आजीविका कमाते हैं तो समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए होता है तो कोई भी काम छोटा या बड़ा कैसे हो सकता है। भगवान ने हमेशा कहा है कि हर कोई उनके लिए समान है और कोई जाति या वर्ण नहीं है, उसके लिए संप्रदाय नहीं है, यह पंडितों द्वारा बनाई गई थी जो गलत है। -- फरवरी २०२३ में, मुम्बई में रविदास जयन्ती के अवसर पर उद्बोधित करते हुए • स्वयंसेवक जिस भी क्षेत्र में जाता है वह वहां के अनुशासन का पालन अवश्य करता है। यह उसके संस्कार हैं यही स्वयंसेवक को विशिष्ट बनाता है। • पूर्व में क्या हुआ, बिना इस पर विचार किए वर्तमान में सभी को सामान्य दृष्टि से अपनाना होगा और उन्हें हुआ सम्मान तथा दायित्व देना होगा जिनके वह अधिकारी हैं। • संगठित समाज ही भाग्य परिवर्तन की कुंजी है। संगठित होकर ही व्यक्ति तथा राष्ट्र का भाग्य बदला जा सकता है। • बिना किसी आलोचना पर ध्यान दिए अनेकों जख्मों को सहते हुए हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना होगा। लोग फलदार वृक्ष को ही पत्थर मारते हैं, यह समझना होगा। • सैकड़ों साल देश गुलाम रहा, गुलामी की मानसिकता होना समझा जा सकता है किंतु अब ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम गुलामी की मानसिकता से बाहर ना निकलें। पारंपरिक रूढ़ीवादी विचारों को दरकिनार करते हुए नए...

मोहन भागवत के सुविचार

Today we have brought to you Mohan Bhagwat Quotes, Suvichar, and Anmol Vachan in Hindi with images. मोहन भागवत विश्व के सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक है। यह संघ राष्ट्रहित में नित्य निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहा है। देश की उन्नति हो इसका एकमात्र लक्ष्य है। यहां आप मोहन भागवत जी के सुविचार , अनमोल वचन और उनके मार्गदर्शन का संकलन प्राप्त कर सकेंगे। अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन को आदर्श के मार्ग पर उन्मुख कर सकेंगे। Mohan Bhagwat Quotes – मोहन भागवत के सुविचार मोहन भागवत वर्तमान समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। कैसी भी आपदा हो कैसी भी स्थिति हो सरकार और प्रशासन कि मदद पहुंचने से पहले भागवत जी का संगठन वहां कार्य आरंभ कर चुका होता है। जब राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया भागवत जी वहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उनकी मौजूदगी से पूरा देश ही नहीं विश्व भी आश्चर्यचकित रह गया। कितने ही लोगों ने यह प्रश्न किया वह किस क्षमता व अधिकार से भूमि पूजन में मुख्य अतिथि थे। ऐसे लोगों के लिए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से स्पष्ट किया गया भागवत जी का विश्व में सबसे बड़ा संगठन है। आदिवासी कल्याण से लेकर जनसामान्य के बीच बड़ी भूमिका में संघ अपना कार्य निस्वार्थ भाव से कर रहा है। राम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिन रात संघर्षरत रहा। यहां तक कि विश्व हिंदू परिषद की स्थापना कर एक मुहिम की शुरुआत की। समय-समय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही राम मंदिर के मुद्दे को उठाया जिसका परिणाम आज सबके सामने है। 50+ Mohan Bhagwat Quotes in Hindi १ राष्ट्र की उन्नति में प्रत्येक व्यक्ति को सम्मिलित होना पड़ेगा बिना संगठित हुए रा...

RSS Chief Mohan Bhagwat Arrived On A Three

Mohan Bhagwat Una Visit: तीन दिन के हिमाचल प्रवास पर पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत, स्वयंसेवकों ने किया जोरदार स्वागत राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय हिमाचल प्रवास पर पहुंचे हैं. इस दौरान वे जिला हमीरपुर में चल रहे आरएसएस के उत्तर क्षेत्र संघ शिक्षा के द्वितीय वर्ष कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. Mohan Bhagwat in Himachal: राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) तीन दिवसीय हिमाचल प्रवास पर पहुंचे हैं. बुधवार सुबह ऊना रेलवे स्टेशन पहुंचने पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का स्वयंसेवकों ने जोरदार स्वागत किया. मोहन भागवत कड़ी सुरक्षा के बीच वंदे भारत ट्रेन से ऊना पहुंचे. मोहन भागवत के हिमाचल दौरे के बीच सुरक्षा एजेंसी अभी अलर्ट पर हैं. ऊना पहुंचने के बाद भागवत हमीरपुर के लिए रवाना हो गए. हमीरपुर में चल रहा द्वितीय वर्ष वर्ग राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत अगले तीन दिन तक हमीरपुर के टिप्पर (RSS Office Una) में बने आरएसएस कार्यालय में प्रवास करेंगे. यहां पर उत्तर क्षेत्र संघ शिक्षा का द्वितीय वर्ष चल रहा है. इसमें देश के पांच अलग-अलग राज्यों के 260 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं. यह वर्ग 4 जून को शुरू हुआ था, जो 25 जून तक चलेगा. मोहन भागवत इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए हिमाचल पहुंचे हैं. इस दौरान स्वयंसेवकों को मोहन भागवत का मार्गदर्शन भी मिलेगा. स्वयंसेवक सुनेंगे मोहन भागवत का संबोधन वर्ग कार्यवाह डॉ. चंद्र प्रकाश और सर्व अधिकारी अशोक शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को संघ प्रमुख का संबोधन भी सुनने को मिलेगा. इस दौरान मोहन भागवत से मुलाकात करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता भी ह...

मोहन भागवत का ‘ब्राह्मण’ बयान: अडानी मामले से ध्यान हटाने का षड्यंत्र

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर इस समय देश में चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि जाति और वर्ण को ब्राह्मणों ने बनाया है। इसमें भगवान का कोई हाथ नहीं है। हालांकि बाद में एएनआई ने इस बयान को वापस लेकर एक ऐसा बयान पेश कर दिया जो बेहद अस्पष्ट और एक किस्म की पहेली जैसा दिखता है। जिसमें इस बयान से इंकार करने या फिर उसे मानने दोनों की गुंजाइश बरकरार है। ऐसा नहीं कि मोहन भागवत ने इस तरह का कोई पहला बयान दिया है। कल इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट देख रहा था इसके पहले भी वह इस तरह का बयान दे चुके हैं। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि जाति और वर्ण व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए। इस देश में हिंदू राष्ट्र का सपना देखने वाले और उसको स्थापित करने के लिए सौ साल से आरएसएस समेत ‘हाइड्रा’ संगठनों का ढांचा खड़ा करने वाली जमात का मुखिया अगर यह कहे कि वह वर्ण और जाति खत्म करना चाहता है तो इससे बड़ा झूठ कोई दूसरा नहीं हो सकता है। जो हिंदू धर्म अपने इन्हीं दोनों पैरों पर खड़ा है उसके लिए इसे खत्म करने का मतलब होगा हिंदू धर्म का ही खात्मा। क्या इसके लिए भागवत तैयार हैं? कतई नहीं। रही बात जाति को बनाने वाले की पहचान की। नास्तिकों और वैज्ञानिकों की नजर में ईश्वर का कोई अस्तित्व ही नहीं है। जबकि जाति और वर्ण समाज की सच्चाई है। लिहाजा इस बात में कोई शक नहीं कि इसको धरती पर पैदा होने वाले इंसानों ने ही बनाया है। भारत में इस काम को ब्राह्मण समुदाय ने किया है जो वर्ण व्यवस्था की न सिर्फ अगुआई करता है बल्कि इसके जरिये उसने अपने सारे लाभ सुनिश्चित कर रखे हैं और यह लाभ किसी सामुदायिक नहीं बल्कि निहित स्वार्थों की हद तक जाता है। फिर इन्हीं स्वार्थों में ब्राह्मणों ने इस जाति और ...

मोहन भागवत की जाति को भूलने की ‘मासूम’ सलाह जातीय वर्चस्व को बनाए रखने की कोशिश है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मोहन भागवत जिस संगठन के प्रमुख हैं वह वर्णव्यवस्था का खुला समर्थक रहा है. आज भी वह वर्णव्यवस्था का पैरोकार है जिसको खत्म करने की बात भागवत कर रहे हैं. संघ या हिन्दू महासभा का जाति व्यवस्था से संघर्ष करने का इतिहास नहीं रहा है. आरएसएस अपने को हिन्दू हितों का सबसे बड़ा रक्षक के रूप में प्रस्तुत करता है लेकिन हिन्दू समाज की सबसे बड़ी बुराई जाति व्यवस्था और इससे उपजी तमाम बुराइयों जैसे छूआछूत आदि को लेकर इस संगठन ने अपने सौ साल के इतिहास में कभी समाज में जन जागरूकता अभियान नहीं चलाया है. आधुनिक भारत में जाति प्रथा, छूआछूत आदि के खिलाफ जो समाज सुधार आंदोलन राजा राम मोहन राय, जोतिबा फुले, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, नारायण गुरु, स्वामी अछूतानन्द, पेरियार, महात्मा गांधी, डॉ भीमराव आम्बेडकर आदि ने चलाया वैसा कोई आंदोलन हेडगेवार, गुरु गोलवरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नहीं चलाया. भागवत का यह बयान अपनी स्पष्टता और तेवर में राहुल गांधी के उस बयान के आगे कहीं नहीं ठहरता है जिसमें उन्होंने लंदन में एक कार्यक्रम में यह भी पढ़ेंः ‘BJP को खुली छूट न दें, चुनाव लड़ें’- जम्मू-कश्मीर की पार्टियों को उमर अब्दुल्लाह का संदेश जाति भूलने के पीछे का उद्देश्य अगर शाब्दिक अर्थ को लें तो सवाल उठता है कि मोहन भागवत जाति को अतीत की बात बताकर उसे भूलने की सलाह दे रहे हैं. क्या करोड़ों दलित-आदिवासी-पिछड़े जाति व्यवस्था को भूल सकते हैं? जिनके जीवन को जाति व्यवस्था ने तीन हजार सालों से नरक बनाया हुआ है? जाति आज भी हमारे राष्ट्रीय जीवन को केवल प्रभावित ही नहीं करता है बल्कि परिभाषित भी करता है. फिर वह अतीत की भूलने वाल...

आरएसएस के द्वितीय वर्ष विशेष प्रशिक्षण वर्ग में स्वयंसेवक शिक्षार्थियों को भागवत ने दिया मार्गदर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत शुक्रवार को उदयपुर से लौट गए। भागवत यहां पर दो दिवसीय प्रवास के लिए आए हुए थे। डा. भागवत ने शहर के हिरणमगरी सेक्टर चार स्थित विद्या निकेतन स्कूल में चल रहे संघ के द्वितीय वर्ष विशेष प्रशिक्षण वर्ग में स्वयंसेवक शिक्षार्थियों को मार्गदर्शन दिया। संघ के उदयपुर में 20 मई से चल रहे द्वितीय वर्ष विशेष प्रशिक्षण वर्ग में 218 स्वयंसेवक शिक्षार्थी थे। शुक्रवार को 20 दिनों से चल रहे वर्ग का समापन हुआ, इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने संघ की पूर्ण गणवेश में शारीरिक, योग-व्यायाम आदि का प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन के दौरान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की विशेष रंगोली भी सजाई गई। वर्ग के दौरान स्वयंसेवकों को सेवा व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया गया। स्वयंसेवक शिक्षार्थियों ने प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करने, सभी कार्यों में पर्यावरणीय अनुकूलता के मानदंडों को ध्यान में रखने का संकल्प लिया। इसी के साथ सेवा, श्रम और स्वच्छता के लिए भी जागरूक रहने का प्रशिक्षण दिया गया।