मोटे अनाज के नाम

  1. English to Hindi Transliterate
  2. मोटा अनाज मिलेट्स खाने से पहले , ये अत्यंत जरूरी बातें जरूर जान लें
  3. मोटे अनाजों के फायदे (Benefits of Millets ),मोटा अनाज क्या है .... जिसे खाने की सलाह मोदीजी ने दी ,
  4. Benefits of coarse grains explained
  5. अनाज के नाम हिंदी में
  6. श्री अन्न योजना 2023: किसानों को मोटा अनाज की खेती पर मिलेगा प्रोत्साहन
  7. मोटे अनाज से सम्बंधित प्रमुख तथ्य
  8. अनाज के नाम हिंदी में
  9. English to Hindi Transliterate
  10. मोटे अनाज से सम्बंधित प्रमुख तथ्य


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रागी रागी को भारतीय मूल का माना जाता है और यह उच्च पोषण मान वाला मोटा अनाज होता है, जिसमें 344 मिग्रा/100ग्राम कैल्शियम होता है। दूसरे किसी भी अनाज में कैल्शियम की इतनी अधिक मात्रा नहीं पाई जाती है। रागी में लौह तत्त्व की मात्रा 3.9मिग्रा/100ग्राम होती है, जो बाजरे को छोड़कर सभी अनाजों से अधिक है। रागी खाने की सलाह मधुमेह के रोगियों को दी जाती है। पारंपरिक रूप से रागी का इस्तेमाल खिचड़ी जैसे आहार के रूप में किया जाता है। अब बाजार में एक तुरंत प्रयोग योग्य आहार के रूप में रागी वर्मीसेली उपलब्ध है। बाजरा बाजरे का इस्तेमाल कई औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है। बाजरे के 100 ग्रा. खाद्य हिस्से में लगभग 11.6 ग्रा. प्रोटीन, 67.5 ग्रा. कार्बोहाइडेट, 8 मि.ग्रा लौह तत्व और 132माइक्रोग्राम कैरोटीन मौजूद होता है, जो हमारी आँखों की सुरक्षा करता है। भले ही इसमें पाइटिक अम्ल, पॉलीफेनॉल और एमाइलेज जैसे कुछ पोषण-निरोधी अवरोधक होते हैं, पर पानी में भिगोने के बाद अंकुरण और अन्य पकाने की विधियों से इसके पोषण-निरोधी तत्त्वों में कमी हो जाती है। ज्वार ज्वार नाइजीरिया का प्रमुख भोजन है। ज्वार का औद्योगिक उपयोग अन्य मोटे अनाजों की तुलना में अधिक होता है। इसका उपयोग शराब उद्योग, डबलरोटी उत्पादन उद्योग, गेहूं-ज्वार संयोजन में किया जाता है। व्यापारिक रूप से शिशु आहार बनाने वाले उद्योगों में ज्वार चवली तथा ज्वार सोयाबीन संयोजन का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 10.4 ग्रा. प्रीटीन, 66.2 ग्रा. कार्बोहाइड्रेट, 2.7 ग्रा. रेशा और अन्य सूक्ष्य तथा वृहत पोषण तत्त्व मौजूद होते हैं। आहार रेशों का महत्व आहार रेशे को वनस्पति कोशिका के ऐसे घटक के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो हमारे भोजन में मौजूद रहते हैं। आहा...

मोटा अनाज मिलेट्स खाने से पहले , ये अत्यंत जरूरी बातें जरूर जान लें

मोटा अनाज फायदेमंद होता है , जरूर खाना चाहिए । यह सलाह बड़े बुजुर्गों से अक्सर सुनने को मिलती है । मोटा अनाज कौनसा होता है और क्यों फायदेमंद होता है , आइए जाने । मोटा अनाज क्या है , क्यों वापस अपनाया जा रहा है Why millets getting popularity again मोटा अनाज सामान्यतया मिलेट्स Millets को कहा जाता है । हिन्दी मे इन्हे कदन्न कहते हैं । यह घास की प्रजाति का अनाज होता है । मिलेट्स अत्यंत पोषक , पचने मे आसान तथा उगाने मे भी आसान होते हैं । इनका सही तरीके से उपयोग कई प्रकार की बीमारी से बचाव कर सकता है । एक समय हमारे देश मे मिलेट्स ही मुख्य भोजन के रूप मे उगाए और खाए जाते थे । गेहूं और चावल का उपयोग कम ही होता था । हरित क्रांति की वजह से गेहूं और चावल ज्यादा उगाए जाने लगे और अधिकतम लोगों द्वारा खाए जाने लगे । इस तरह मिलेट्स हमारी थाली से गायब हो गए । अब वापस मिलेट्स के गुणों को देखते हुए इन्हे दैनिक भोजन के रूप मे अपनाया जाने लगा है । ( इसे भी पढ़ें – मिलेट्स को सरकार द्वारा बढ़ावा मिलेट्स के पोषक तत्वों को देखते हुए देश विदेश की सरकारों द्वारा इन्हे बढ़ावा दिया जा रहा है । क्योंकि मिलेट्स का अधिक उत्पादन भूख और कुपोषण की समस्या हल करने मे बहुत सहायक हो सकता है । हमारे यहाँ वर्ष 2018 को नैशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप मे मनाया गया । वर्ष 2023 को इन्टरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप मे मनाया जाएगा । मोटे अनाज Millets के नाम अंग्रेजी और हिन्दी मे मिलेट्स कई प्रकार के होते हैं । बहुत से लोगों को नहीं पता कि मोटे अनाज को इंग्लिश मे क्या कहते हैं। मिलेट्स के नाम हिन्दी मे और इंग्लिश मे या कहें मोटे अनाज के अंग्रेजी नाम इस प्रकार हैं – • बाजरा – Pearl Millet • ज्वार – Sorgum • रागी , मडुआ – Finger ...

मोटे अनाजों के फायदे (Benefits of Millets ),मोटा अनाज क्या है .... जिसे खाने की सलाह मोदीजी ने दी ,

मोटे अनाजों के फायदे (Benefits of Millets),मोटा अनाज क्या है पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दाल की बैठक में प्रधनमंत्री ने सभी सांसदों को मोटा अनाज खाने की सलाह दी। इतना ही नहीं जी 20 की बैठकों में भी मोटे अनाज के व्यंजन परोसे गए , ताकि मोटे अनाज प्रति जन जागरण लाया जा सके। यंहा तक की प्रधानमंत्री ने मन की बात में भी मिलेट्स जैसे मोटे अनाज के प्रति जन जागरूकता लाने और जन आंदोलन चलाने की बात कही। मोटे अनाजों के फायदे कई है जो आपके स्वस्थ के साथ साथ दैनिक जीवन के पोषण और कई बिमारियों के वचाव और निवारण में भी कारगर है .किन्तु इसके उपयोग से पहले ये जानना भी जरुरी है की मोटा अनाज क्या है ? इस आर्टिकल हम बिस्तार से इस पर जानेगे बर्ष 2018 को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोटा अनाज बर्ष घोषित किया गया था ,अब इसी श्रेणी में संयुक्त राष्ट्र ने बर्ष 2023 को “अंतराष्ट्रीय मिलेट्स बर्ष ” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। आइये जानते है, मोटे अनाजों के फायदे (Benefits of Millets ),मोटा अनाज क्या है …. जिसे खाने की सलाह मोदीजी ने दी के बारे में विस्तृत में ताकि इसके पीछे ले उद्देश्य को अच्छे से समझा जा सके क्या खास बात है, मोटे अनाज में क्यों दी जा रही है इसे खाने की सलाह और क्यों इसे जन जाग्रति का विषय बनाया गया है……… अगर हम थोड़ा पीछे जाये तो पाएंगे की कभी ऐसा दौर भी था जब हर भारतीय थाली में कोई न कोई मोटा अनाज जरूर शामिल होता था। लेकिन वक़्त के साथ खाने के तरीके भी बदल गए ,परिणाम ये हुआ की थाली में मोटे अनाज की जगह जंक फ़ूड , फ्राइड फ़ूड ने ले ली। वर्तमान में ख़राब जीवन शैली और अशुद्ध भोजन के कारण स्वास्थ पर विपरीत परिणाम हो रहा है। इसी को को देखते हुए स्वस्थ खान पान ...

Benefits of coarse grains explained

रनिया प्रखंड के केलो गांव में महिला विकास केंद्र, तोरपा व प्रखंड कृषि विभाग की ओर से बीज उत्सव का कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के 14 गांव से 150 महिला-पुरुष किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर महिला विकास के कर्मियों व कृषि एक्सपर्ट की मौजूदगी में मोटे अनाज का स्टॉल लगाकर उससे होने वाले फायदे के बारे में बताया गया। इसका अधिक से अधिक खेती एवं उपयोग करने की सलाह दी गई। उन्हें यह भी बताया गया कि मोटे अनाज उड़द, मडुवा, ज्वार, मकई, गेंहू आदि अनाज में पौष्टिकता काफी मात्रा में पाया जाता है। देश ही नहीं विदेशों में भी इन अनाजों की काफी मांग बढ़ी है। साथ ही किसानों के साथ पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने का भी संकल्प लिया गया।

अनाज के नाम हिंदी में

किसान खेती करके अनाज पैदा करता है। यह प्राचीन काल से ही मनुष्य का मुख्य खाद्य पदार्थ रहा है। इस लेख Cereals Names In Hindi And English में विभिन्न प्रकार के अनाज के नाम और उनके बारे में संक्षिप्त विवरण दिया गया है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर अनाज स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। तो आइये दोस्तों अनाजों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में जानने का प्रयास करते है। Contents • • • अनाज क्या होता है? घास फैमिली के पौधों पर लगने वाले सूखे बीज अनाज होते है। ये एकबीजपत्री होते है। इनमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के अलावा विटामिन B, मैग्नीशियम और आयरन भी पाया जाता है। साबुत अनाज में अनाज मुख्यतः साबुत और परिष्कृत दो प्रकार के होते है। साबुत अनाज में दाने के तीनों भाग मौजूद होते है जबकि परिष्कृत में रोगाणु और चोकर भाग नही पाए जाते है। 1. गेंहू (Wheat) भारत देश में गेंहू खाद्यान्य की मुख्य फसल है। गेंहू को पीसकर आटा बनता है जिससे रोटी बनाई जाती है। पूरी दुनिया में गेंहू की फसल उत्पादन की दृष्टि से दूसरे नम्बर पर आती है। चीन के बाद भारत गेंहू उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। भारत में प्रचीन समय से ही यह अनाज उत्पादित किया जा रहा है। भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश इत्यादि राज्य गेंहू के उत्पादन में अग्रणी है। गेंहू से रोटी के अलावा दलिया, पास्ता, नूडल्स इत्यादि भी बनते है। गेंहू से बियर भी बनती है। यह अनाज प्रोटीन ( 2. जौ (Barley) ऐसा माना जाता है कि सबसे पहला कृषि किया गया अनाज जौ है। भारत के अलावा अमेरिका, रूस, यूक्रेन, कनाडा इत्यादि देशों में भी इस अनाज का उत्पादन किया जाता है। जौ में फाइबर अन्य अनाजों के मुकाबले सबसे अधिक होता है। फाइबर के अलावा आयरन और प्रोटीन भी अधि...

श्री अन्न योजना 2023: किसानों को मोटा अनाज की खेती पर मिलेगा प्रोत्साहन

• • • • • • • • Shree Anna Yojana 2023 श्री अन्न योजना को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2023 के बजट के दौरान शुरू किया गया है। इस योजना के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकेगी साथ ही देश के किसानों को मोटा अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकेगा। केंद्र सरकार द्वारा देश में मोटा अनाज उत्पादित करने के लिए किसानों को Latest Update:- हिमाचल प्रदेश को श्री अन्न योजना की पहली किस्त की गई जारी श्री अन्य योजना के तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य को मोटे अन्न के लिए पहली किस्त प्रदान की गई है। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को पहली किस्त की 6.50 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। इस राशि के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अन्न योजना से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा और किसानों के लिए किसान मेलों का आयोजन भी किया जाएगा। डॉ विक्रांत सिंह जानकारी देते हुए कहा है कि अगर हिमाचल सरकार को इस योजना के कार्यान्वयन के लिए और भी राशि की जरूरत पड़ती है तो केंद्र सरकार द्वारा और प्रदान की जाएगी। ताकि राज्य में किसानों को मोटे अनाज के प्रति प्रोत्साहन दिया जा सके। श्री अन्न योजना के बारे में जानकारी योजना का नाम Shree Anna Yojana घोषणा की गई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लाभार्थी भारत के किसान उद्देश्य किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करना साल 2023 आवेदन प्रक्रिया अभी उपलब्ध नहीं अधिकारिक वेबसाइट जल्द लांच होगी Shree Anna Yojana का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा Shree Anna Yojana को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश में किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि लोगों को मोटा अनाज खाने में उपयोग करने हेतु ...

मोटे अनाज से सम्बंधित प्रमुख तथ्य

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अनाज के नाम हिंदी में

किसान खेती करके अनाज पैदा करता है। यह प्राचीन काल से ही मनुष्य का मुख्य खाद्य पदार्थ रहा है। इस लेख Cereals Names In Hindi And English में विभिन्न प्रकार के अनाज के नाम और उनके बारे में संक्षिप्त विवरण दिया गया है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर अनाज स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। तो आइये दोस्तों अनाजों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में जानने का प्रयास करते है। Contents • • • अनाज क्या होता है? घास फैमिली के पौधों पर लगने वाले सूखे बीज अनाज होते है। ये एकबीजपत्री होते है। इनमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के अलावा विटामिन B, मैग्नीशियम और आयरन भी पाया जाता है। साबुत अनाज में अनाज मुख्यतः साबुत और परिष्कृत दो प्रकार के होते है। साबुत अनाज में दाने के तीनों भाग मौजूद होते है जबकि परिष्कृत में रोगाणु और चोकर भाग नही पाए जाते है। 1. गेंहू (Wheat) भारत देश में गेंहू खाद्यान्य की मुख्य फसल है। गेंहू को पीसकर आटा बनता है जिससे रोटी बनाई जाती है। पूरी दुनिया में गेंहू की फसल उत्पादन की दृष्टि से दूसरे नम्बर पर आती है। चीन के बाद भारत गेंहू उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। भारत में प्रचीन समय से ही यह अनाज उत्पादित किया जा रहा है। भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश इत्यादि राज्य गेंहू के उत्पादन में अग्रणी है। गेंहू से रोटी के अलावा दलिया, पास्ता, नूडल्स इत्यादि भी बनते है। गेंहू से बियर भी बनती है। यह अनाज प्रोटीन ( 2. जौ (Barley) ऐसा माना जाता है कि सबसे पहला कृषि किया गया अनाज जौ है। भारत के अलावा अमेरिका, रूस, यूक्रेन, कनाडा इत्यादि देशों में भी इस अनाज का उत्पादन किया जाता है। जौ में फाइबर अन्य अनाजों के मुकाबले सबसे अधिक होता है। फाइबर के अलावा आयरन और प्रोटीन भी अधि...

English to Hindi Transliterate

रागी रागी को भारतीय मूल का माना जाता है और यह उच्च पोषण मान वाला मोटा अनाज होता है, जिसमें 344 मिग्रा/100ग्राम कैल्शियम होता है। दूसरे किसी भी अनाज में कैल्शियम की इतनी अधिक मात्रा नहीं पाई जाती है। रागी में लौह तत्त्व की मात्रा 3.9मिग्रा/100ग्राम होती है, जो बाजरे को छोड़कर सभी अनाजों से अधिक है। रागी खाने की सलाह मधुमेह के रोगियों को दी जाती है। पारंपरिक रूप से रागी का इस्तेमाल खिचड़ी जैसे आहार के रूप में किया जाता है। अब बाजार में एक तुरंत प्रयोग योग्य आहार के रूप में रागी वर्मीसेली उपलब्ध है। बाजरा बाजरे का इस्तेमाल कई औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है। बाजरे के 100 ग्रा. खाद्य हिस्से में लगभग 11.6 ग्रा. प्रोटीन, 67.5 ग्रा. कार्बोहाइडेट, 8 मि.ग्रा लौह तत्व और 132माइक्रोग्राम कैरोटीन मौजूद होता है, जो हमारी आँखों की सुरक्षा करता है। भले ही इसमें पाइटिक अम्ल, पॉलीफेनॉल और एमाइलेज जैसे कुछ पोषण-निरोधी अवरोधक होते हैं, पर पानी में भिगोने के बाद अंकुरण और अन्य पकाने की विधियों से इसके पोषण-निरोधी तत्त्वों में कमी हो जाती है। ज्वार ज्वार नाइजीरिया का प्रमुख भोजन है। ज्वार का औद्योगिक उपयोग अन्य मोटे अनाजों की तुलना में अधिक होता है। इसका उपयोग शराब उद्योग, डबलरोटी उत्पादन उद्योग, गेहूं-ज्वार संयोजन में किया जाता है। व्यापारिक रूप से शिशु आहार बनाने वाले उद्योगों में ज्वार चवली तथा ज्वार सोयाबीन संयोजन का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 10.4 ग्रा. प्रीटीन, 66.2 ग्रा. कार्बोहाइड्रेट, 2.7 ग्रा. रेशा और अन्य सूक्ष्य तथा वृहत पोषण तत्त्व मौजूद होते हैं। आहार रेशों का महत्व आहार रेशे को वनस्पति कोशिका के ऐसे घटक के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो हमारे भोजन में मौजूद रहते हैं। आहा...

मोटे अनाज से सम्बंधित प्रमुख तथ्य

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