मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर

  1. पिता मुलायम सिंह यादव का वो रणनीतिक कौशल जिसे नहीं सीख सके अखिलेश यादव
  2. mulayam singh yadav was known to make and maintain relations stands in everybody happiness and sorrow political kisse
  3. Mulayam Singh Yadav Biography In Hindi
  4. Socialist Politics : 82th birthday anniversary of Mulayam Singh Yadav
  5. family tree of mulayam singh yadav and presence in samajwadi party and politics


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पिता मुलायम सिंह यादव का वो रणनीतिक कौशल जिसे नहीं सीख सके अखिलेश यादव

मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी कामयाबी 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव थे, जब उनकी समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था. इस चुनाव में अखिलेश यादव भी काफी सक्रिय थे, लेकिन उम्मीद यही की जा रही थी कि मुख्यमंत्री की कुर्सी मुलायम सिंह यादव ही संभालेंगे. विपरीत इसके मुलायम ने पुत्र अखिलेश यादव को गद्दी सौंपी. शिवपाल सिंह यादव और आजम खान जैसे वरिष्ठ नेताओं को मन मसोस कर इसे कुबूल करना पड़ा. उधर पिता ने पुत्र को कुर्सी भले सौंपी रही हो लेकिन सरकार में उनका सक्रिय दखल बना रहा. आगे के दिन खींचतान और कलह के थे. पिता,चाचा दोनो से ही अखिलेश यादव का द्वंद पार्टी के मंचों से सड़कों तक नजर आया. पार्टी पर कब्जे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंची। जीत अखिलेश यादव की हुई. अखिलेश ने पार्टी पर कब्जा किया अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी पिता की बदौलत मिली. पार्टी पर कब्जा पिता को पराजित करके किया, लेकिन पारिवारिक लड़ाई में जीत के बाद अखिलेश की हार का सिलसिला शुरू होता है. 2014 के लोकसभा चुनाव की हार में हिस्सेदारी के लिए पिता साथ थे, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव के साथ अखिलेश यादव की खुदमुख्तारी का दौर शुरू हुआ. मुलायम हाशिए पर पहुंच चुके थे. उनकी हर सलाह दरकिनार थी. मुलायम के अनुभवी साथी पार्टी में रहते हुए भी नेपथ्य में पहुंच चुके थे. अखिलेश अपनी युवा मंडली के जयकारों में मगन थे. पार्टी का हर पहला और आखिरी फैसला अखिलेश यादव का था. अखिलेश के कांग्रेस और बसपा से गठबंधन के फैसलों के खिलाफ थे मुलायम पिता की विशाल राजनीतिक छाया को दूर झटकते हुए 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन किया. मुलायम सिंह इसके खिलाफ थे, लेकिन उनकी स...

mulayam singh yadav was known to make and maintain relations stands in everybody happiness and sorrow political kisse

अखाड़े और राजनीति की पिच पर विरोधियों को धोबीपछाड़ देकर अक्‍सर चित करने वाले मुलायम सिंह यादव को रिश्‍ते बनाने और निभाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। अपनी पार्टी हो या विरोधी दल नेताजीसे रिश्‍तों का दम भरने वाले हर कहीं और हर जगह मिल जाते हैं। वजह यह कि इस धरतीपुत्र ने छात्र जीवन से लेकर राजनीति के लम्‍बे सफर तक में कभी किसी से जानबूझकर व्‍यक्तिगत दुश्‍मनी नहीं की। फिर यहमुलायम सिंह जैसे बड़े कद के नेता के लिए ही मुमकिन है कि आम चुनाव की रणभेरी बजने के ठीक पहले लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन संसद में खड़े होकर अपनी राजनीतिक विरासत और विचारधारा केबिल्‍कुल उलट मानी जाने वाली पार्टी के नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की जीत की कामना कर समूचे विपक्ष को अचम्‍भे में डाल दे। मुलायम सिंह यादव के निधन से मायावती दु:खी, बोलीं-मेरी संवेदनाएं परिवार और शुभचिंतकों के साथ उस दिन दुनिया ने देखा कि मुलायम ने न सिर्फ मोदी को फिर से पीएम के रूप में देखने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की विपक्षी बेंचों की ओर देखते हुए यह भी कबूल किया कि हम लोग इतने बहुमत में नहीं आ सकते। मुलायम ने संसद में यह बयान तब दिया था जब यूपी में बीजेपी का विजय रथ रोकने के लिए अखिलेश सपा की चिरविरोधी मायावती के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरे थे। किसी ने कल्‍पना भी नहीं की थी कि नेताजी ऐसा कुछ कर सकते हैं लेकिन नेताजी की शख्‍सियत को जानने वाले जानते हैं कि पूरी जिंदगी उन्‍होंने राजनीति में कभी कोई संकीर्णता नहीं दिखाई। बड़ा दिल और बड़ी सोच के साथ मुलायम सिंह यादव नेसैफई से उठकर सत्‍ता के शिखर तक का सफर तय किया। वह तीन बार देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी के मुख्‍यमंत्री बने। देश के रक्षामंत्री रहे लेकिन राजनीति के शी...

Mulayam Singh Yadav Biography In Hindi

मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही मुलायम एक बार देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने ही समाजवादी पार्टी का गठन किया था। मुलायम सिंह के नेतृत्व में कई बार समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है। आइए आज जानते हैं मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय (Mulayam Singh Yadav Biography in Hindi) Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Mulayam Singh Yadav Biography in Hindi – मुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय पूरा नाम मुलायम सिंह यादव जन्‍म 22 नवंबर 1939 निधन 10 अक्टूबर 2022 आयु 82 वर्ष जन्‍मस्‍थान सैफई, इटावा, उत्‍तर प्रदेश पिता का नाम सुघर सिंह यादव माता का नाम मूर्ति देवी भाई रतन सिंह यादव, अभय राम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव राजपाल सिंह बहन कमला देवी पहली पत्‍नी का नाम मालती देवी दूसरी पत्‍नी का नाम साधना गुप्‍ता बच्‍चे प्रतीक यादव पेशा राजनीति पार्टी समाजवादी पार्टी पद संरक्षक नेटवर्थ 16.52 करोड़ रुपए (2019 तक) Who is Mulayam Singh Yadav in Hindi – कौन हैं मुलायम सिंह यादव मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक हैं। वह तीन बार उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही वह एक बार देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं। इसके साथ ही वह अभी मैनपुरी सीट से लोकसभा सदस्‍य भी हैं। Mulayam Singh Yadav Birthdate and Mother-Father in Hindi – मुलायम सिंह यादव का जन्‍म व माता-पिता 22 नवंबर 1939 के दिन मुलायम सिंह यादव का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार के यहां हुआ था। मुलायम सिंह यादव के पिता का नाम सुघर सिंह यादव है। वही...

Socialist Politics : 82th birthday anniversary of Mulayam Singh Yadav

22 नवंबर 1939 को इटावा के सैफई (Saifai) में जन्में मुलायम सिंह यादव ने 28 साल की उम्र में साल 1967 में अपने राजनीतिक गुरू राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) की पार्टी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से विधायकी का चुनाव पहली बार लड़ा था और जीतने में कामयाब रहे. हालांकि अगले ही साल यानी 1968 में जब राम मनोहर लोहिया का निधन हो गया, तब मुलायम सिंह यादव किसानों के सबसे बड़े नेता चौधरी चरण सिंह (Ch. Charan Singh) की पार्टी भारतीय क्रांति दल में शामिल हो गए. कई राजनीतिक दांव खेलने वाले धरती पकड़ मुलायम सिंह यादव मुलायम सिंह यादव हवा का मिजाज भांप लेने वाले जमीनी नेता रहे हैं. उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से अपना राजनीतिक जीवन शुरू तो किया, लेकिन उसके बाद तमाम पार्टियों में सबसे अहम किरदार निभाते रहे. साल 1967 में विधायक बने तो अगले ही साल 1968 में भारतीय क्रांति दल (Bhartiya Kranti Dal) में शामिल हुए. इस दल में चौधरी चरण सिंह के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले मुलायम सिंह यादव 1974 में भारतीय लोकदल में शामिल हो गए. इसी पार्टी में क्रांति दल का विलय हो गया था. ये समय इंदिरा के विरोध का था और फिर इमरजेंसी के बाद लगभग सभी पार्टियों का जनता पार्टी में विलय हो गया, तो मुलायम सिंह यादव भी जनता पार्टी में आ गए. 1977 में वो पहली बार यूपी सरकार में सहकारिता मंत्री बने. इसी समय में उन्होंने सहकारी (कॉपरेटिव) संस्थानों में अनुसूचित जाति के लिए सीटें आरक्षित करवाई थीं. इससे मुलायम सिंह यादव पिछड़ी जातियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे. जल्द ही उन्हें धरतीपुत्र कहा जाने लगा. लोकदल फिर चौधरी अजित सिंह की चुनौती साल 1979 में चौधरी चरण सिंह ने खुद को जनता पार्टी से अलग कर लिया और मुलायम सिंह यादव भी...

family tree of mulayam singh yadav and presence in samajwadi party and politics

पिछले एक हफ्ते से समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार सियासी कारणों से चर्चा में बना हुआ है। उत्तर प्रदेश का सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार टूट की कगार पर है। मुलायम से अलावा उनके परिवार के एक दर्जन सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में सपा को सिर्फ 5 सीटों पर जीत हासिल हुई है और इन सीटों पर मुलायम परिवार का ही कोई सदस्य विजयी रहा। मुलायम के भाई, बेटे, भतीजे के अलावा अब इस कुनबे की तीसरी पीढ़ी भी राजनीति के मैदान में है। आज livehindustan.com आपको बता रहा है मुलायम परिवार के वंशवृक्ष के बारे। पढ़िए मुलायम परिवार के सदस्यों का राजनीतिक सफर 1. मुलामय सिंह यादव, लोकसभा सांसद 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन करने वाले मुलायम सिंह यादव तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और भारत के रक्षा मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद हैं। 2. अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके अखिलेश 2012 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने थे। 3. शिवपाल सिंह यादव, विधायक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे 1988 में पहली बार इटावा के जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष चुने गए। शिवपाल 1996 से लगातार विधायक हैं। 4. रामगोपाल सिंह यादव, राज्यसभा सांसद वर्तमान में राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव मुलायम के चचेरे भाई हैं। 2004 में संभल संसदीय सीट जीत हासिल कर वे पहली बार संसद पहुंचे थे। 5. डिंपल यादव, लोकसभा सांसद सीएम अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव वर्तमान में कन्नौज संसदीय सीट से सांसद हैं। 2014 में वह इस सीट से निर्विरोध चुनीं गईं थी। 6. धर्मेंद्र यादव, लोकसभा सांसद मुलायम सिंह के ...