निम्नांकित

  1. UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 3 घनमूल – UP Board Solutions
  2. विशेषण
  3. Works of Sankaracharya with Hindi Translation : Sankaracharya : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive
  4. Hindi Book Rigved Subodh Bhashya Hindi Part 1 : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive
  5. (Nimnankit) निम्नांकित meaning in hindi
  6. अपठित गद्यांश (Apathit Gadyansh)


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UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 3 घनमूल – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 3 घनमूल These Solutions are part of Adding Square घनमूल अभ्यास 3 (a) प्रश्न 1. निम्नलिखित संख्याओं के घन ज्ञात कीजिए। 7, 12, 17, 19, 21, 100 उत्तर 7 3 =7x7x7 = 343 , 12 3 = 12 x 12 x 12 = 1728 17 3 = 17 x 17 x 17 = 4913 19 3 = 19x 19×19 = 6859 21 3 = 21 x 21 x 21 = 9261 100 3 = 100 x 100 x 100 = 1000000 प्रश्न 2. [latex]\frac [/latex] का मान होगा। उत्तर प्रश्न 20. एक घनाकार सन्दूक का भीतरी आयतन 32.768 मी है। उसकी भीतरी भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए। उत्तर प्रश्न 21. एक विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में घनाकार कूड़ादान (डस्टबिन) रखा गया, जिसका आयतन 27000 घन सेमी है तो कूड़ेदान की एक भुजा ज्ञान कीजिए। उत्तर प्रश्न 22. एक बाग के कोने में बाग की साफ-सफाई से निकले खरपतवार से कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए घनाकार गड्डा खोदा गया है। गड्डे से खोदी गयी मिट्टी का आयतन 10% बढ़ जाता है जिसे किसी ट्रैक्टर ट्राली में उसकी धारिता के अनुसार ठीक-ठीक भरकर कुल 5 बार में बाग से बाहर ले जाया जा रहा है। यदि ट्राली की माप 2.75 मी० x 2 मी० x 0.625 मी० हो तो खोदे गये गद्दे की गहराई ज्ञात कीजिए। उत्तर We hope the UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 3 घनमूल help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 8 Maths Chapter 3 घनमूल, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. Categories Post navigation

विशेषण

प्रश्न 2. विशेष्य किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए । उत्तर – जो शब्द ‘संज्ञा’ या ‘सर्वनाम’ की विशेषता बताते हैं, उन्हें ‘विशेषण’ कहा जाता है । ‘विशेषण’ जिस शब्द की ‘विशेषता’ बताता है, उस ‘संज्ञा’ शब्द को ‘विशेष्य’ कहा जाता है । जैसे—– तेज लड़का । यहाँ ‘तेज’ शब्द विशेषण है और यह ‘लड़का’ शब्द की ‘विशेषता’ बताता है | अतः, ‘लड़का’ शब्द विशेष्य हुआ प्रश्न 3. विशेषण के कितने भेद हैं ? सबका सोदाहरण परिचय दें। उत्तर–विशेषण के सामान्यतया चार भेद माने जाते हैं– (i) गुणवाचक विशेषण, (ii) परिमाणवाचक विशेषण, (iii) संख्यावाचक विशेषण तथा (iv) सार्वनामिक विशेषण | (i) गुणवाचक विशेषण —संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, प्रकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील, स्वभाव, स्वाद, गंध आदि का बोध कराने वाले शब्द गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरणतया— सरल, भला, कुशल, उचित, पवित्र, साफ, (गुण) । कुटिल, जटिल, बुरा, लचर, अनुचित, गन्दा (दोष) । गोल, चौकोर, तिकोना, लंबा, चौड़ा, ठिगना (आकार) । लाल, पीला, नीला, मैला, उजला, गोरा ( रंग ) । (ii) परिमाणवाचक विशेषण — जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की माप-तौल, परिमाण को प्रकट करते हैं, परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। परिमाणवाचक विशेष दो प्रकार के होते हैं- (क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण — किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराते हैं, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे चार लिटर दूध, एक क्विंटल गेहूँ, दस मीटर कपड़ा, दस ग्राम सोना । कभी-कभी बाद में ‘भर’ लगाने से भी निश्चित परिमाण का बोध होता है। जैसे— सेर भर । (ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण – जिन विशेषणों से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का ज्ञान न होकर अनिश्चित माप-तौल का ज्ञान हो, उन्...

Works of Sankaracharya with Hindi Translation : Sankaracharya : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive

Works of Sankaracharya with Hindi Translation. Aitareya Upanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1938 Bhagavad Gita Sankara Bhashya with Hindi Translation - HKD Goyandka 1953 (Gita Press) Brahmasutra Sankarabhashya Ratnaprabha with Hindi Translation Part 1- CP Sukla 1934 Brahmasutra Sankarabhashya Ratnaprabha with Hindi Translation Part 2- CP Sukla 1934 Brahmasutra Sankarabhashya Ratnaprabha with Hindi Translation Part 3- CPSukla 1936 Brihadaranyakopanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation GIta Press 1955 Chandogyopanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation GIta Press 1956 Isavasyopanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1940 Kathopanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1951 Kenopanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1935 Mandukyopanishad & Karika with Sankara Bhashya Hindi Translation - Gita Press 1936 Mundaka Upanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1935 Prasna Upanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1935 Svetasvataropanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1938 Taittiriyopanishad Sankara Bhashya with Hindi Translation - Gita Press 1936 Viveka Chudamani with Hindi Translation - Munilal Gupta (Gita Press) Aparokshanubhuti with Dipika & Hindi Tika - Ramswarup Dvivedi 1908 Panchikaranam with Hindi Tika - Mahadeva Sarma Pandey 1941 Prabodhasudhakara with Hindi Translation - Munilal Gupta 1936 Sanatasujatiyam Sankarabhash...

Hindi Book Rigved Subodh Bhashya Hindi Part 1 : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive

'ऋग्वेद का सुबोध भाष्य' श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा किया गया ऋग्वेद का ऐसा हिन्दी अनुवाद है जिसे सायण भाष्य के बाद सर्वाधिक महत्त्व एवं सम्मान प्राप्त है; और इस के अवलोकन से यह वस्तुतः ज्ञात होता है कि यह सायण भाष्य के बाद ऋग्वेद पर किया गया सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं अति उपयोगी टीकात्मक कार्य है। 'ऋग्वेद का सुबोध भाष्य' को अपलोड कर उत्तम रूप में उपलब्ध करवाने के लिए हार्दिक धन्यवाद ! यह भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे द्वारा प्रकाशित महाभारत के सुप्रसिद्ध आलोचनात्मक संस्करण का श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा किये गये हिन्दी अनुवाद सहित संस्करण की तरह ही, बल्कि वेदभाष्य होने के कारण उससे भी महत्त्वपूर्ण कार्य है। अब महाभारत के सभी खण्डों और सातवलेकर जी द्वारा किये गये यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद के सुबोध भाष्य के साथ 'ऋग्वेद का सुबोध भाष्य' भी उत्तम रूप में सम्पूर्णतः अपलोड होकर उपलब्ध हो जाने से अध्येताओं के लिए अत्यधिक उपयोगी एवं संतोष की बात हो गयी है। इसके तीन भाग तो प्रस्तुत भाग के अनुरूप नाम से ही उपलब्ध है। चतुर्थ भाग रंगीन स्कैन में निम्नांकित लिंक पर उपलब्ध है:- महाभारत (आलोचनात्मक संस्करण, सानुवाद) के सभी खंड निम्नांकित लिंक पर उपलब्ध हैं:-

(Nimnankit) निम्नांकित meaning in hindi

निम्नांकित - मतलब हिंदी में Get definition, translation and meaning of निम्नांकित in hindi. Above is hindi meaning of निम्नांकित. Yahan निम्नांकित ka matlab devanagari hindi dictionary bhasha mai (निम्नांकित मतलब हिंदी में) diya gaya hai. What is Hindi definition or meaning of निम्नांकित ? ( Recently Viewed Hindi Words

अपठित गद्यांश (Apathit Gadyansh)

(अ) निम्नांकित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखें- 1. एक टोपिकाविक्रेता अनेकवर्णाः टोपिकाः विक्रीणाति स्म। एकस्मिन् दिने श्रान्तः सः एकः वृक्षस्य शीतलायां छायायाम् उपविशत् । शनैः शनैः निद्रा तम् स्ववशे अकरोत् । सः पुट शिरस्तले निधाय अस्वपत् । वृक्षे स्थिताः वानराः विविधवर्ण युक्ताः टोपिकाः पुटके दृष्ट् अधः अवतरन् । शनैः शनैः ते पुटकात् टोपिका : निष्कास्य शिरसि धारयित्वा वृक्ष आरोहन् । प्रबुद्धः टोपिकाविक्रेता यदा उपरि पश्यति तदा रक्तनीलवर्णाः टोपिकाः धारय वानरान् पश्यति । ” हा देव। नष्टाः मे सर्वाः टोपिकाः । ” इति विलपन् सः आत्मनः शिर धारितां टोपिकाम् अपि वेगेन भूमौ क्षिपति कथयति च रे दुष्टाः । एताम् अपि नय प्रकृत्या अनुकरणशीलाः वानराः अपि स्वटोपिकाः भूमौ प्रक्षिप्तवन्तः । आश्चर्यचकितः सर्वाः टोपिकाः विचित्य, स्वपुटके स्थापयित्वा प्रसन्नः भूत्वा गृहं प्रति अचलत्। प्रश्ना:- 1. एक पदेन उत्तरत- (क) टोपिकाविक्रेता का विक्रीणाति स्म ? (ख) प्रकृत्या वानराः कीदृशाः भवन्ति ? 2. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (क) प्रबुद्धः टोपिकाविक्रेता वृक्षे किम् अपश्यत् ? (ख) टोपिकाविक्रेता वानरान् किम् कथयति ? 3. अस्य गद्यांशस्य एकं समुचितं शीर्षकं लिखत । उत्तराणि – 1. एकपदेन उत्तरत- (क) टोपिकाः (ख) अनुकरणशीलाः 2. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (क) प्रबुद्धः टोपिकाविक्रेता वृक्षे रक्तनीलवर्णा : टोपिकाः धारय वानरान् अपश्यत् । (ख) टोपिकाविक्रेता वानरान् कथयंति-रे दुष्टाः । 3. शीर्षक – टोपिकाविक्रेता 2. महात्मा गांधी भारतस्य राष्ट्रपिता कथ्यते । तस्य जन्म गुजरात-राजस्य पोरबन्दरमनामक स्थाने अभवत् । तस्य पिता कर्मचन्दः माता च पुतलीबाई आस्ताम्। गांधिनः बाल्यनाम मोहनदास...