नरेंद्र मोदी की पत्नी कहां रहती है

  1. नरेंद्र मोदी की जीवनी: बचपन, परिवार, शिक्षा, राजनीतिक जीवन, और तथ्य
  2. और कौन
  3. जसोदाबेन मोदी
  4. जानें, कौन


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नरेंद्र मोदी की जीवनी: बचपन, परिवार, शिक्षा, राजनीतिक जीवन, और तथ्य

नरेंद्र मोदी, भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री, उनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है। उनका जन्म 17 सितंबर, 1950 को वडनगर, मेहसाणा गुजरात में हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी के 70 वें जन्मदिन पर हम उनके प्रारंभिक जीवन, परिवार, शिक्षा, राजनीतिक करियर, पुरस्कार और मान्यता, उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों आदि के बारे में पढ़ेंगे । नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई, 2019 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह प्रेरणादायक व्यक्तित्व है जो एक गरीबी से ग्रस्त चाय बेचने वाले लड़के से उन्मुख नेता के रूप में उभरे । नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में, एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने साबित किया है कि सफलता का जाति, पंथ या किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं होता । वह भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनकी माँ ने पद ग्रहण करते हुए भी जीवित हैं । लोकसभा में, वह वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपनी पार्टी के लिए एक रणनीतिकार के रूप में माने जाते हैं। 2014 से, वह भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री हैं और इससे पहले उन्होंने 2001 से 2014 तक गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भाजपा को शानदार जीत दिलाई। क्या आप जानते हैं कि पहली बार विधायक के रूप में वे गुजरात के सीएम बने और पहली बार सांसद के रूप में वे भारत के प्रधानमंत्री बने? लोकसभा चुनाव 2019 में, नरेंद्र मोदी शालिनी यादव, समाजवादी पार्टी के खिलाफ लगभग 4.79 लाख वोटों से जीते हैं। उनका दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण समारोह 30 मई, 2019 को आयोजित किया गया था । वह पहले भाजपा नेता हैं, जो अपने पांच साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद ...

और कौन

PM Modi Family Tree: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जीवन में जिसके सबसे ज्यादा नजदीक रहे हैं, वो थीं उनकी मां हीराबेन मोदी जो 100 बसंत देखने के बाद इस धरती से विदा ले चुकी हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे लोकप्रिय नेता अगर किसी का नाम लेते ही भावुक हो जाता था तो वो थीं हीराबा, जिनके लिए आज पूरी दुनिया से श्रद्धांजलि पहुंच रही है। पीएम मोदी ने बहुत ही कम अवस्था में राष्ट्र के लिए समर्पित होकर घर का त्याग किया था। वह आज भी अपने घर लौटते थे तो सिर्फ एक ही मकसद होता था, अपनी मां का आशीर्वाद और स्नेह प्राप्त करना। आइए जानते हैं कि हीराबा के गुजरने के बाद पीएम मोदी के परिवार में कौन-कौन है? उनके कितने भाई-बहन हैं और वो क्या करते हैं, कहां रहते हैं ? पीएम मोदी के परिवार में कौन-कौन है ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हीरा बेन मोदी और दामोदर दास मूलचंद मोदी की तीसरी संतान हैं। पीएम मोदी के कुल 6 भाई-बहन हैं, जिसमें दो भाई और इकलौती बहन उनसे छोटी हैं। यह परिवार मूल रूप से गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर का रहने वाला है। पीएम मोदी के पिता दामोदार दास मोदी के भी पांच भाई थे- नरसिंह दास मोदी, नरोत्तम भाई मोदी, जगजीवन दास मोदी, कांतिलाल मोदी और जयंतीलाल मोदी। पीएम मोदी खुद इस बात का कई बार जिक्र कर चुके हैं कि उनके पिता की वडनगर रेलवे स्टेशन पर एक चाय की दुकान थी, जहां बचपन में वह भी चाय बेचने में पिता का हाथ बंटाया करते थे। जबकि, मां हीरा बा का शुरुआती जीवन बहुत ही संघर्ष भरा था। वो परिवार को संभालने और बच्चों की परवरिश के लिए दूसरे के घरों में बर्तन तक साफ करने का भी काम कर चुकी थीं। सोमाभाई मोदी सोमाभाई मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। वह गुजरात सरक...

जसोदाबेन मोदी

जशोदाबेन नरेन्द्रभाई मोदी जन्म 1951 नागरिकता व्यवसाय धार्मिक मान्यता जीवनसाथी जशोदाबेन नरेन्द्रभाई मोदी प्रारंभिक जीवन, विवाह और करियर ( Early life, marriage, and career) श्रीमति जशोदाबेन का जन्म 1951 में, जशोदाबेन चिमनलाल मोदी के रूप में हुआ था। मात्र दो साल की अल्प अवस्था में उनकी माता जी का स्वर्गवास हो गया। नरेंद्र मोदी और जशोदाबेन ने वडनगर की जाति के रीति-रिवाज में एक सुनियोजित विवाह किया था, जिसकी शुरुआत बचपन में ही परिवार द्वारा तय की गई सगाई से हुई थी। नरेंद्र मोदी के भाई के अनुसार, जब नरेंद्र मोदी 18 वर्ष के थे और जशोदाबेन लगभग 17 वर्ष की थीं, तब इस जोड़े ने विवाह किया था। किन्तु दुर्भाग्य शादी के तुरंत बाद आदरणीय मोदी जी ने अपनी पत्नी जशोदाबेन को छोड़ दिया था। करीब दो साल तक उन सभी लोगों से संपर्क नहीं रहने के बाद, जो उन्हें जानते थे, मोदी वडनगर लौट आए और अपने परिवार से संपर्क किया। उसने अपने चाचा की कैंटीन में काम करने के लिए अहमदाबाद जाने की योजना बनाई थी। अपनी मां के आग्रह पर, जशोदाबेन अपनी शादी को बनाए रखने के लिए परिवार के घर आईं, लेकिन उनके पति ने व्यवस्था पर आपत्ति जताई, अपनी शर्तों पर अपना जीवन जारी रखने पर जोर दिया और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक बार मुझसे कहा था कि "मैं देश भर में यात्रा करूँगा और जहाँ चाहूँगा, वहाँ जाऊँगा; तुम मेरे पीछे क्या करोगी?" जब मैं उनके परिवार के साथ रहने के लिए वडनगर आई, तो उन्होंने मुझसे कहा, "तुम इतनी छोटी उम्र में ही अपने ससुराल क्यों आ गई? इसके बजाय तुम्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।" छोड़ने का फैसला मेरा अपना था और हमारे बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ। उन्होंने मुझसे कभी भी आर.एस.एस. य...

जानें, कौन

अक्टूबर में पुणे में एक NGO के कार्यक्रम में संचालक ने मंच से सबको बता दिया कि सोमभाई नरेंद्र मोदी के बड़े भाई हैं. सब चौंक गए. फिर सोमभाई ने सफाई दी, ‘मेरे और प्रधानमंत्री के बीच एक परदा है. मैं उसे देख सकता हूं पर आप नहीं देख सकते. मैं नरेंद्र मोदी का भाई हूं, प्रधानमंत्री का नहीं. प्रधानमंत्री मोदी के लिए तो मैं 123 करोड़ देशवासियों में से ही एक हूं, जो सभी उसके भाई-बहन हैं.’ दूसरे भाई प्रहलाद मोदी पीएम नरेंद्र मोदी से उम्र में दो साल छोटे हैं. वह अहमदाबाद में एक किराने की दुकान चलाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनका टायर शो रूम भी है. बीते कई समय से वह अपने बड़े भाई के संपर्क में नहीं थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि पिछले 13 साल में उनकी और नरेंद्र मोदी की काफी कम मुलाकात और बातचीत हुई है. मोदी के तीसरे भाई का नाम है अमृत भाई मोदी. इनकी पत्नी का नाम चंद्रकांता बेन है. अमृत भाई मोदी एक प्राइवेट कंपनी में फिटर के पद से रिटायर हुए. 2005 में उनकी तनख्वाह 10 हजार रुपए थी. अब वो अहमदाबाद के घाटलोदिया इलाके में चार कमरों के मकान में रिटायरमेंट वाली जिंदगी जी रहे हैं. उनके साथ उनका 47 साल का बेटा संजय, उसकी पत्नी और दो बच्चे रहते हैं. संजय छोटा-मोटा कारोबार चलाते हैं और अपनी लेथ मशीन पर छोटे कल-पुर्जे बनाते हैं. 2009 में खरीदी गई कार घर के बाहर ढकी खड़ी रहती है. उसका इस्तेमाल खास मौकों पर ही होता है, क्योंकि पूरा परिवार ज्यादातर दो-पहिया वाहनों पर चलता है. संजय बताते हैं कि उनमें से किसी ने भी अभी तक प्लेन अंदर से नहीं देखा है. वो लोग नरेंद्र मोदी से सिर्फ दो बार मिले हैं. एक बार 2003 में बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने गांधीनगर के अपने घर में पूरे परिवार को बुलाया था और ...