नव वर्ष कविता हरिवंश राय बच्चन

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  4. नव वर्ष के स्वागत में हरिवंश राय बच्चन की कविता 'आओ, नूतन वर्ष मना लें'
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  6. हरिवंश राय बच्चन की प्रेरणादायक कविताएँ Harivansh Rai Bachchan Poem in Hindi


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नया वर्ष; नयी आशाएँ

साल दुआरे नया खड़ा है, करिये मिल कर अभिनन्दन। लाया नव आशाएँ सँग में, कहीं न होगा दुख क्रंदन। भाईचारा और सुदृढ हो, द्वेष दिलों से मिट जाये। नित्य बढ़ रही तनातनी जो, नये वर्ष में घट जाये। सुख- दुख में मिल हाथ बटायें, बनें परस्पर अवलंबन। साल दुआरे नया खड़ा है, करिये मिल कर अभिनन्दन।1 आंदोलन अब कहीं नहीं हों, सकल शांति का वास रहे। संवादों को मिले बढ़ावा, आपस में विश्वास रहे। बातचीत से हल हों मसले, ऐसे कर लें गठबंधन। साल दुआरे नया खड़ा है, करिये मिल कर अभिनन्दन।2 नित नव प्रगति करे अब भारत, यह निश्चय हम सबका हो। गुण संवर्धन सदा करें हम, और कुशल हर तबका हो। अब ऐसे प्रतिमान गढ़ें हम, विश्व करे भारत वंदन। साल दुआरे नया खड़ा है, करिये मिल कर अभिनन्दन।3 बढ़े प्रेम जब घटें दूरियाँ, हृदय भरे शुभ स्पंदन। साल दुआरे नया खड़ा है, करिये मिल कर अभिनन्दन। - हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए विशेष • आज का विचार: स्वामी विवेकानंद • नासमझ के प्यार का इल्ज़ाम लेकर क्या करूँ • Hindi Kavita: अज्ञेय की कविता 'तुम हँसी हो - जो न मेरे होंठ पर दीखे' • Gulzar Ghazal: तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए, कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए • काका हाथरसी की हास्य रचना: सीधी नजर हुई तो सीट पर बिठा गए • Social Media Poetry: एक बड़ी सी ज़िम्मेदारी, एक ज़रा सी प्रेम कहानी

कविता

"दे दी हमें आज़ादी, बिना खड़ग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।" इससे बड़ा झूठ शायद ही कोई हो। इस झूठ को बचपन से ही हमारे देश के कांग्रेसी नेताओं ने हमें पढ़वाया, सिखाया, हमारे मन-मस्तिष्क में कूट-कूट कर भरा। देश की आज़ादी में सिर्फ और सिर्फ कांग्रेसियों का ही योगदान रहा, उन्हीं के कारण आज़ादी मिली। अरे, मूर्खों, फिर जो फांसी पर लटके, अंग्रेजों की यातनाये सहते हुए शहीद हुए, वे लोग कौन थे? नेताजी सुभाष चंद्र बोस कौन थे? आज़ाद हिंद फौज के वीर सेनानी कौन थे? इस पोस्ट में ऐसे ही भूली-बिसरी आज़ाद हिंद फौज की वीर स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्या की बात करते हैं। नीरा आर्या स्वतंत्र भारत में 1998 तक जीवित रहीं, परन्तु कांग्रेसियों ने उनकी सुध तक नहीं ली। नीरा आर्या की आत्मकथा से ही उनके योगदान को चित्रित करते हैं- 5 मार्च 1902 को तत्कालीन संयुक्त प्रांत के खेकड़ा नगर में एक प्रतिष्ठित व्यापारी सेठ छज्जूमल के घर जन्मी नीरा आर्य आजाद हिन्द फौज में रानी झांसी रेजिमेंट की सिपाही थीं, जिन पर अंग्रेजी सरकार ने गुप्तचर होने का आरोप भी लगाया था। इन्हें नीरा​नागिनी के नाम से भी जाना जाता ह मेरी हाला में सबने पाई अपनी-अपनी हाला, मेरे प्याले में सबने पाया अपना-अपना प्याला, मेरे साकी में सबने अपना प्यारा साकी देखा, जिसकी जैसी रुचि थी उसने वैसी देखी मधुशाला।।१३१। यह मदिरालय के आँसू हैं, नहीं-नहीं मादक हाला, यह मदिरालय की आँखें हैं, नहीं-नहीं मधु का प्याला, किसी समय की सुखदस्मृति है साकी बनकर नाच रही, नहीं-नहीं कविका हृदयांगण, यह विरहाकुल मधुशाला।।१३२। कुचल हसरतें कितनी अपनी, हाय, बना पाया हाला, कितने अरमानों को करके ख़ाक बना पाया प्याला! पी पीनेवाले चल देंगे, हाय, न कोई जानेगा, कितने मन के महल ढ...

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‘मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन मेरा परिचय’, इन पंक्तियों के लेखक हरिवंश राय का जन्म 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद के नज़दीक प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव पट्टी में हुआ. घर में प्यार से उन्हें ‘बच्चन’ कह कर पुकारा जाता था. आगे चल कर यही उपनाम विश्व भर में प्रसिद्ध हुआ. बच्चन की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा गाँव की पाठशाला में हुई. उच्च शिक्षा के लिए वे इलाहाबाद और फिर कैम्ब्रिज गए जहाँ से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू बी यीट्स की कविताओं पर शोध किया. हरिवंश राय ने 1941 से 1952 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया. वर्ष 1955 में कैम्ब्रिज से वापस आने के बाद वे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त हुए. 1926 में हरिवंश राय की शादी श्यामा से हुई. टीबी की लंबी बीमारी के बाद 1936 में श्यामा का देहांत हो गया. 1941 में बच्चन ने तेजी सूरी से शादी की. ये दो घटनाएँ बच्चन के जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी जो उनकी कविताओं में भी जगह पाती रही है. 1939 में प्रकाशित ‘ एकांत संगीत’ की ये पंक्तियाँ उनके निजी जीवन की ओर ही इशारा करती हैं- कितना अकेला आज मैं, संघर्ष में टूटा हुआ, दुर्भाग्य से लूटा हुआ, परिवार से लूटा हुआ, किंतु अकेला आज मैं. हालावादी कवि बच्चन व्यक्तिवादी गीत कविता या हालावादी काव्य के अग्रणी कवि थे. बच्चन को उनकी मधुशाला ने खूब प्रसिद्धि दिलाई उमर ख़ैय्याम की रूबाइयों से प्रेरित 1935 में छपी उनकी मधुशाला ने बच्चन को खूब प्रसिद्धि दिलाई. आज भी मधुशाला पाठकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है. अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषाओं में इस काव्य का अनुवाद हुआ. इसके अतिरिक्त मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, खादि के फूल, सूत की माला...

नव वर्ष के स्वागत में हरिवंश राय बच्चन की कविता 'आओ, नूतन वर्ष मना लें'

गृह-विहीन बन वन-प्रयास का तप्त आँसुओं, तप्त श्वास का, एक और युग बीत रहा है, आओ इस पर हर्ष मना लें! आओ, नूतन वर्ष मना लें! उठो, मिटा दें आशाओं को, दबी छिपी अभिलाषाओं को, आओ, निर्ममता से उर में यह अंतिम संघर्ष मना लें! आओ, नूतन वर्ष मना लें! हुई बहुत दिन खेल मिचौनी, बात यही थी निश्चित होनी, आओ, सदा दुखी रहने का जीवन में आदर्श बना लें! आओ, नूतन वर्ष मना लें!

नव वर्ष और कवितायें

मुबारक हो नया साल - नागार्जुन फलाँ-फलाँ इलाके में पड़ा है अकाल खुसुर-पुसुर करते हैं, ख़ुश हैं बनिया-बकाल छ्लकती ही रहेगी हमदर्दी साँझ-सकाल --अनाज रहेगा खत्तियों में बन्द ! हड्डियों के ढेर पर है सफ़ेद ऊन की शाल... अब के भी बैलों की ही गलेगी दाल ! पाटिल-रेड्डी-घोष बजाएँगे गाल... --थामेंगे डालरी कमंद ! बत्तख हों, बगले हों, मेंढक हों, मराल पूछिए चलकर वोटरों से मिजाज का हाल मिला टिकट ? आपको मुबारक हो नया साल --अब तो बाँटिए मित्रों में कलाकंद ! ----------- नए साल की शुभकामनाएं - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना नए साल की शुभकामनाएं ! खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को नए साल की शुभकामनाएं ! जांते के गीतों को बैलों की चाल को करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को नए साल की शुभकामनाएं ! इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को नए साल की शुभकामनाएं ! वीराने जंगल को तारों को रात को ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को नए साल की शुभकामनाएं ! इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को नए साल की शुभकामनाएं ! कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को नए साल की शुभकामनाएं ! उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे ---------- साल मुबारक - अमृता प्रीतम जैसे सोच की कंघी में से एक दंदा टूट गया जैसे समझ के कुर्ते का एक चीथड़ा उड़ गया जैसे आस्था की आँखों में एक तिनका चुभ गया नींद ने जैसे अपने हाथों में सपने का जलता कोयला पकड़ लिया नया साल कुझ ऐसे आया... जैसे दिल के फ़िक़रे से एक अक्षर बुझ गया जैसे विश्वास के काग़ज़ पर सियाही गिर गयी जैसे समय के होंटो से एक गहरी साँस निक...

हरिवंश राय बच्चन की प्रेरणादायक कविताएँ Harivansh Rai Bachchan Poem in Hindi

Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Harivansh Rai Bachchan Poems in Hindi हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनो से हो ओर जितना तब आवश्यक हो जाता है जब लडाई अपने आप से हो मंजिल मिले ये तो मुकदर की बात है हम कोशिश न करे ये तो गलत बात है किसी ने बर्फ से पूछा की आप इतने ठंडे क्यों हो ? बर्फ ने कहा मेरा अतीत भी पानी है मेरा भविष्य भी पानी है फिर में घमंड किस बात की रखू 👉 क्या आपने यह पोस्ट पढ़ी > गिरना भी अच्छा है, ओकत का पता चल जाता है बढ़ते है जब हाथ उठाने को अपनो का पता चलता है Harivansh Rai Bachchan ki Kavita सीख रहा हूं अब में भी इंसानों को पढ़ने का हुनर… सुना है चंहेरे पर किताबो से ज्यादा लिखा होता है। रब ने नवाजा हमे जिंदगी देकर हम शौहरत मांगते रह गए। कफन ये ये जनाजे ये कब्र सिर्फ बाते हैं मेरे दोस्त वर्ना मर तो इंसान तब ही जता है जब याद करने वाला कोई न हो ये समंदर भी तेरी तरह खुदगर्ज निकाला जिंदा थे तो तैरने न दिया मर गए तो डूबने न दिया क्या बात करे इस दुनिया की हर शक्श के अपनें अफसाने है जो सामने है उसे बुरा कहते है ओर जिसको कभी देखा नहीं उसे सभी खुदा कहते है। हरिवंश राय बच्चन की कविता हिंदी में Short Poem जब मुसीबत आये तो समझ जाना जनाब जिंदगी हमे कुछ नया सिखाने वाली है जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाओ की उदास होने का वक्त ही न मिले कोई इतना आमिर नहीं है की अपना पुराना वक्त खरीद सके और कोई इतना गरीब नहीं की अपना आने वाला कल बदल सके। मजबूरिया देर रात तक जागती है और जिम्मेदारिया आपको सुबह जल्दी उठा देती है। Best Poems By Harivansh Rai Bachchan in Hindi 👉 क्या आपने यह पोस्ट पढ़ी > मुट्ठी मे कुछ सपने लेकर भरकर जेबों में आशाएं दिल में है अरमान यही कुछ कर ...