नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता

  1. नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता पूजा अनुष्ठान और मंत्र
  2. Navratri 2022 Fifth day maa Skandmata worship, auspicious time, aarti and know about story vchr
  3. Chaitra Navratri 2022: Sarvaddh Siddh Yog, Puja Vidhi And Skandamata Aarti On Fifth Day Of Navratri
  4. Navratri 2022: नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को है समर्पित, जानें पूजा विधि, व्रत कथा, आरती और मंत्र
  5. आज चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा, मिलेगा संतान प्राप्ति का वरदान, जानें मुहूर्त, पूजा विधि


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नवरात्रि का पांचवा दिन: मां स्कंदमाता पूजा अनुष्ठान और मंत्र

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Navratri 2022 Fifth day maa Skandmata worship, auspicious time, aarti and know about story vchr

Navratri 2022 Fifth day maa Skandmata worship, auspicious time, aarti and know about story vchr | नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की स्तुति, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती और व्रत कथा के बारे में | Hindi News, Zee PHH Religion नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की स्तुति, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती और व्रत कथा के बारे में नई दिल्ली : Navratri 2022: आज यानी नवरात्रि का पांचवा दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है. शास्त्रों के मुताबिक, स्कंदमाता नकारात्मक शक्तियों का विनाश करती हैं और जीवन में खुशी और सुख समृद्धि आती है. स्कंदमाता पार्वती का ही दूसरा रूप हैं. चूंकि इनके पुत्र का नाम स्कंदकुमार था, इसलिए इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. आज इस तरीके से माता की पूजा करें। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त - 4.34 सुबह से 5.20 बजे शाम विजय मुहूर्त - 2.30 शाम से 320 बजे तक शाम गोधूलि मुहूर्त -6.29 बजे शाम से 6.53 बजे तक शाम अमृत काल -4.06 बजे शाम से 5.53 बजे तक शाम सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रवि योग -7.40 बजे शाम से अगली सुबह 6.05 बजे तक मां स्कंदमाता की पूजा विधि सबसे पहले स्नानादि कर माता स्कंदमाता की मूर्ति या प्रतिमा के सामने पीले रंग के कपड़े पहनकर बैठ जाएं. इसके बाद माता के आगे पीले रंग के फूल और माला अर्पित करें और पीली चीज का भोग लगाएं. माता की मूर्ति के सामने ज्योत जलाकर व्रत कथा पढ़ें और मंत्रों का जाप कर आरती करें. WATCH LIVE TV यह है व्रत कथा तारकासुर नाम का एक असुर था, उसने ब्रह्मा से कठोर व्रत करके वर प्राप्त किया कि उसका अंत केवल महादेव से उत्पन्न पुत्र के माध्यम से ही हो. तारकासुर को लगा महादेव का विवाह नहीं होगा और उनका पुत्र भी नहीं होगा। इ...

Chaitra Navratri 2022: Sarvaddh Siddh Yog, Puja Vidhi And Skandamata Aarti On Fifth Day Of Navratri

Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि पर दुर्गा मां के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. इसी चलते नवरात्रि (Navratri) के पांचवे दिन को स्कंदमाता (Skandamata) को समर्पित किया गया है. भक्त इस दिन पूरे विधि-विधान से स्कंदमाता की पूजा करते हैं. स्कंदमाता को कमल के आसन पर विराजमान माना जाता है. इसी चलते उनका एक नाम पद्मासना भी है. वहीं, शेर उनकी सवारी है. स्कंदमाता मां पार्वती और उमा जैसे नामों से भी जानीजाती हैं. सूर्य की अधिष्ठात्री देवी होने के चलते स्कंदमाता के चारों ओर सूर्य की लालिमा दिखाई देती है. चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन स्कंदमाता की पूजा का विशेष दिन है जिसका एक कारण इस दिन सर्वाद्ध सिद्ध योग का बनना है. माना जा रहा है कि नवरात्रि के पांचवे दिन पूरे दिन सर्वाद्ध सिद्ध योग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन सुबह 4 बजकर 34 मिनट से शाम 5 बजकर 20 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त और दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से शाम 3 बजकर 20 मिनट तक विजय मुहूर्त माना जा रहा है. स्कंदमाता की पूजा मान्यतानुसार स्कंदमाता की पूजा में श्वेत यानी सफेद रंग का विशेष महत्वहै. कहा जाता है कि भक्त इस दिन स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए सफेद या सलेटी रंग के कपड़े पहनते हैं. वहीं, पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद मंदिर को सजाया जाता है और पुष्प, कुमकुम और फल आदि स्कंदमाता को अर्पित किए जाते हैं. आखिर में भोग में स्कंदमाता को पांच फल चढ़ाना शुभ माना जाता है. फल में केला स्कंदमाता का प्रिय फल माना जाता है. स्कंदमता की आरती (Skandamata Aarti) अथवा मंत्र का जाप करना भी अच्छा मानते हैं. स्कंदमाता का मंत्र इस प्रकार है- या देवी सर्वभूतेषु मांस्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्त...

Navratri 2022: नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को है समर्पित, जानें पूजा विधि, व्रत कथा, आरती और मंत्र

Navratri 2022: नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता को समर्पित है. स्कंदमाता भी पार्वती का ही दूसरा रूप हैं. चूंकि इनके पुत्र का नाम स्कंदकुमार था इसलिए इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. शास्त्रों के मुताबिक, स्कंदमाता नकारात्मक शक्तियों का विनाश करती हैं और जीवन में खुशी और सुख समृद्धि आती है. ऐसे में जानते हैं पूजा विधि, आरती मंत्र और कथा 1/5 • • जानें मां स्कंदमाता की पूजा विधि के बारे में सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करें. उसके बाद स्तन माता की मूर्ति या प्रतिमा के सामने बैठकर पीले रंग के कपड़े पहन कर बैठें. उसके बाद माता के आगे पीले रंग के फूल और माला अर्पित करें और माता को पीली चीज का भोग लगाएं. माता की मूर्ति के सामने ज्योत जलाकर व्रत कथा पढ़ें और मंत्रों का जाप कर आरती करें. 2/5 • • जानें मां स्कंदमाता की व्रत कथा के बारे में तारकासुर नाम का एक असुर था, उसने ब्रह्मा से कठोर व्रत करके वर प्राप्त किया कि उसका अंत केवल महादेव से उत्पन्न पुत्र के माध्यम से ही हो. तारकासुर को लगा महादेव का विवाह नहीं होगा और उनका पुत्र भी नहीं होगा इसलिए वह अमर है. जब तारकासुर ने देवलोक में अपना आतंक मचाया तो सभी देवों ने महादेव से विवाह करने का अनुरोध किया. महादेव में माता पार्वती से विवाह कर स्कंदकुमार के रूप में अपना पुत्र उत्पन्न किया, जिसने तारकासुर का अंत किया.

आज चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा, मिलेगा संतान प्राप्ति का वरदान, जानें मुहूर्त, पूजा विधि

शेर पर सवार मां स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं. वे अपने हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और गोद में पुत्र स्कंदकुमार होते हैं. आज 26 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं. शेर पर सवार मां स्कंदमाता चार भुजाओं वाली देवी हैं. वे अपने हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और उनकी गोद में उनके पुत्र स्कंदकुमार होते हैं. स्कंद कुमार की माता होने के कारण देवी का नाम मां स्कंदमाता है. स्कंद कुमार भगवान कार्तिकेय को ​कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, तारकासुर के वध के लिए देवी ने 6 मुखवाले स्कंद कुमार की उत्पत्ति की, आगे चलकर स्कंदकुमार ने तारकासुर का वध करके धर्म स्थापना की. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव से जानते हैं मां स्कंदमाता की पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त और महत्व. मां स्कंदमाता का पूजा मुहूर्त पंचांग के अनुसार, आज 26 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शाम 04 बजकर 32 मिनट तक है. आज प्रात:काल से प्रीति योग बना है, जो रात 11 बजकर 33 मिनट तक है. उसके बाद से आयुष्मान योग प्रारंभ होगा. आज रवि योग दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 18 मिनट तक है. यह भी पढ़ें: अप्रैल 2023 में होगा बड़ा राशि परिवर्तन, 12 साल बाद गुरु का मेष में गोचर, जानें 12 राशियों का भाग्यफल मां स्कंदमाता के मंत्र बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम: पूजा मंत्र: ओम देवी स्कन्दमातायै नमः महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी। त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।। मां स्कंदमाता की पूजा विधि आज प्रात: स्नान के बाद मां स्कंदमाता की पूजा करें. मां स्कंदमाता को लाल पुष्प जैसे गुड़हल, गुलाब, अक्षत्, कुमकुम, धूप, दीप, नै...