न्यूटन के तीनो नियम

  1. Newton's Laws of motion in Hindi
  2. न्यूटन के गति के तीनों नियम
  3. न्यूटन की गति के नियमों की उदाहरण सहित व्याख्या
  4. न्यूटन के गति के नियम
  5. Newton’s Law of Motion in Hindi
  6. गति के नियम ?
  7. न्यूटन के गति नियम
  8. न्यूटन के गति के नियम प्रथम, द्वितीय, तृतीय


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Newton's Laws of motion in Hindi

न्यूटन के गति के इन तीनों नियमो को कई बार सिद्ध किया जा चुका हैं। न्यूटन के गति के नियम – Newton’s laws of motion in Hindi न्यूटन का पहला नियम – यदि कोई वस्तु विरामावस्था(स्थिर अवस्था) में है तो वह तब तक विराम अवस्था में ही रहेगी जब तक उसपर कोई बाहरी बल न लगाया जायें, और गतिशील है तो तब तक एकसमान गति की अवस्था में रहेगी जब तक की उसपर बाहरी बल लगाकर उसे स्थिर न किया जाये। न्यूटन का दूसरा नियम – किसी भी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर उसपर लगाये गये बल के समानुपाती होती है, तथा संवेग परिवर्तन की दिशा वही होती है जो बल की दिशा होती है। न्यूटन का तीसरा नियम – प्रत्येक क्रिया के बराबर तथा उसके विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। न्यूटन के गति के प्रथम नियम की उदाहरण सहित व्याख्या Newton’s first law – यदि कोई वस्तु विरामावस्था(स्थिर अवस्था) में है तो वह तब तक विराम अवस्था में ही रहेगी जब तक उसपर कोई बाहरी बल न लगाया जायें, और गतिशील है तो तब तक एकसमान गति की अवस्था में रहेगी जब तक की उसपर बाहरी बल लगाकर उसे स्थिर न किया जाये। इसको दुसरे शब्दों में इस प्रकार कह सकते हैं- “सभी वस्तुएँ अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं।” न्यूटन के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम(Law of inertia)भी कहा जाता है। Newton’s first law in Hindi – उदाहरण के द्वारा समझें उदाहरण: जब कोई रूकी हुई गाड़ी अचानक चल पड़ती है तब उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाते है तथा इसके ठीक विपरीत जब कोई चलती हुई गाडी अचानक रूक जाती है तब उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं। जब हम किसी कार में यात्रा करते हैं तो चलती हुई कार के सापेक्ष हमारा शरीर गति की अवस्था में रहता हैं। परन्तु जब ब्रेक लगाया जाता है तो गाड़ी के साथ-साथ...

न्यूटन के गति के तीनों नियम

विषय-सूचि • • • • न्यूटनकेतीननियमभौतिकीविज्ञानकाआधारहैंजोवस्तुओंकीगतिपरआधारितहै।इसनियमकीखोजन्यूटननेसन्न1668 मेंकीथी।उसीसालयेनियमउन्होंनेअपनीकिताब‘Mathematical Principles of Natural Philosophy’मेंप्रकाशितकीथी। कईप्रयोगोंकेहिसाबसेयेनियमलगभगसत्यसाबितहुईहै, अतःइन्हेंसत्यसाबितकरनेकीआवश्यकतानहींरहीहै। येगतिनियमभारीपिंडोंकीगतिऔरउनकेबीचकेमेल-जोलकोदर्शातेहैं।पिछलेसाढ़ेतीनसौवर्षोंसेयेनियमभौतिकीविज्ञानंकेविभिन्नक्षेत्रोंमेंअपनीमौजूदगीदर्जकरतेरहेहैं।इननियमोंकारणवैज्ञानिककईअत्याधुनिकखोजोंकोअंजामदेनेमेंसफलरहेहैं। न्यूटनइससदीकेसबसेमहानतमवैज्ञानिकोंमेंसेएकरहेहैं।एरिस्टोटलऔरगैलीलियोजैसेवैज्ञानिकोंकविचारकोआधारबनाकेउन्होंनेइननियमोंकीखोजकी।ऊष्मप्रवैगिकी, खगोलविज्ञानआदिइन्हींगतिनियमोंपरआधारितहैं।न्यूटनकेयेतीननियमशास्त्रीययांत्रिकी (classical mechanics) कीनींवहैं।येहमारेप्रतिदिनकेजीवनमेंअवतरितउदाहरणोंकोसमझनेमेंकामआतीहैं। इननियमोंकेआधारपरन्यूटननेगुरुत्वाकर्षण(gravity)औरग्रहों(planets) कीगतिकेबारेमेंगहराईसेअध्ययनकियाऔरउनसेसम्बंधितनियमदिए।बाह्यशक्तियों (ecternal forces) काग्रहोंकीगतिपरक्याप्रभावपड़ताहै–न्यूटननेइसतथ्यकोबहुतअच्छेसेसमझायाजिनकेआधारपरआधुनिकवैज्ञानिकआजखगोलीयपिंडोंकेबारेमेंगहनअध्ययनकरपारहेहैं। न्यूटनकेगतिकेनियम (newton law of motion hindi) अपनेतीनोंनियमोंकोतैयारकरतेवक्तन्यूटननेसरलीकृत(simplified)तरीकेसेभारीपिंडों (heavy mass bodies) कोगणितीयअंक (mathematical point) मानलियाजिनकानभारथानवेचक्कर(rotation)लगासकतेथे।इसवजहसेपिंडोंकेकईदूसरेकारकजैसेघर्षण(friction), तापमान, हवाप्रतिरोध(air resistance), भौतिकविशेषताएं(material properties) आदिकोमाननेकीजरुरतनहींपड़ीऔरवेउनकारकोंपरध्यानदेपाएजोइसअध्ययनकेलि...

न्यूटन की गति के नियमों की उदाहरण सहित व्याख्या

laws of motion in hindi न्यूटन के गति के नियम (Newton ke Gati ke Niyam) के बारे में न्यूटन ने अपनी पुस्तक “प्रिन्सिपिया” में विस्तार से बताया है। फिजिक्स में गति के नियम (Gati ke Niyam) का विशेष महत्व है। गति के सम्बन्ध में कुल तीन नियम दिए गए थे। आज हम आपको इस पोस्ट में गति के नियम उदाहरण सहित गति के नियमों की व्याख्या बताने जा रहे हैं। नेव्तोन लॉ ऑफ़ मोशन को न्यूटन के नियम (Newton ke Niyam) भी कहा जाता है। विषय सूची • • • • • • • • न्यूटन के गति के नियम – Laws Of Motion In Hindi गति के नियमों की व्याख्या Newton Law of Motion in Hindi: हमारे में से ऐसा शायद ही कोई होगा जिसने गति के नियम के बारे में नहीं सुना होगा। सर आइजेक न्यूटन ने 1687 में गति के तीन नियम (नेव्तोन लॉ ऑफ़ मोशन) दिए थे। जिन्हें न्यूटन के गति के नियम या गति के नियम भी कहा जाता है। भौतिक विज्ञान में Newton ke Gati ke Niyam बहुत ही अधिक महत्व रखते हैं। इसके बिना पूरी भौतिक विज्ञान अधूरी रहती है। तो आइये जानते हैं न्यूटन के तीन नियम के बारे में विस्तार से। गति का प्रथम नियम Gati ka Pehla Niyam: न्यूटन की गति के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम (Law of Inertia) या न्यूटन का जड़त्व का नियम भी कहा जाता है। जड़त्व किसे कहते है: किसी भी वस्तु को स्थिर अवस्था से गतिशील अवस्था में आने के लिए उसको बाहय बल की जरूरत पड़ती है। अर्थात् यदि कोई वस्तु किसी सीधी रेखा में गति कर रही है तो उसे रोकने/स्थिर के लिए या कोई वस्तु स्थिर है तो उसे गतिशील करने के लिए बाहय बल की जरूरत पड़ती है। मतलब किसी वस्तु की अवस्था में परिवर्तन करने या फिर गतिशील करने के लिए उस पर बाहरी बल की जरूरत पड़ती है। बिना किसी बाहय बल के वस्तु की स्थित में परिवर्...

न्यूटन के गति के नियम

आइजक न्यूटन का जन्म 1642 ई. में इंग्लैण्ड केवूल्स्थोर्पे(Woolsthorpe) नामक शहर में हुआ | 1662 ई. में स्नातक पूर्व अध्ययन के लिए वे कैम्ब्रिज गए | सन 1669 ई. में प्लेग-महामारी फैलने के कारण विश्वविद्यालय बंद करना पड़ा और न्यूटन अपनी मातृभूमि वापस लौट आए | दो वर्ष बाद कैम्ब्रिज लौटने पर उन्होंने प्रकाशिकी में अपने आविष्कारों को आगे बढ़ाया तथा परावर्ती दूरदर्शक की रचना की | उपरोक्त्त प्रश्न सरल प्रतीत होता है | तथापि इसका उतर देने के लिए कई वर्ष लग गए थे | सत्रहवीं शताब्दी मे गैलीलियो द्वारा दिए गए इस प्रश्न का सही उत्तर न्युटनी यांत्रिकी का आधार बना जिसने आधुनिक विज्ञान का संकेत दिया |न्यूटन ने गति के तीन महत्वपूर्ण नियम दिए जिन्हे न्यूटन ने प्रथम नियम, द्वितीय नियम, तृतीय नियम नाम दिया | न्यूटन का गति का प्रथम नियम(Newton's first law of motion) विरामावस्था अथवा एकसमान रैखिक गति दोनों में "शून्य त्वरण" समाविष्ट है अतः गति के प्रथम नियम को इस प्रकार भी व्यक्त किया जा सकता है की किसी पिण्ड पर लगने वाला नेट बाह्य बल शून्य है, तो उसका त्वरण शून्य होता है | शून्येतर त्वरण केवल तभी हो सकता है जब नेट बाह्य बल शून्य हो | न्यूटन का गति का प्रथम नियम के उदहारण गति के प्रथम नियम में निहित जड़त्व का गुण बहुत सी स्थितियों में प्रत्यक्ष दिखाई पड़ता है मान लीजिए हम किसी रुकी हुई बस में असावधानी से खडे है और यकायक ड्राइवर बस को चला देता है | हम झटके के साथ पीछे की और गिर पड़ते है | क्यों ? क्योंकि हमारे पैर बस बस के फर्स को स्पर्श कर रहे होते है | यदि घर्षण न होता तो केवल हमारे पैरों के निचे बस का फर्श आगे की दिशा में सरकता और हम वहीं रहते | परन्तु हमारे पैर और फर्श के बीच कुछ घर्षण होता है इसी ...

Newton’s Law of Motion in Hindi

न्यूटन के गति के नियम प्राकृतिक नियम है न्यूटन क गति के नियम किसी वस्तु पर लगने वाले बल और उस बल से वस्तु मे उत्पन्न गति के बीच संबंध को बताते है। न्यूटन के गति के नियम सन् 1687 मे आइजक न्यूटन द्वारा लिखी प्रिन्सिपिया मैथेमेटिका मे प्रकाशित किए गए थे। न्यूटन का गति का प्रथम नियम (Newton’s First Law of Motion) जड़त्व का नियम न्यूटम का गति का दूसरा नियम (Newton’s Second Law of Motion) संवेग का नियम न्यूटन का गति का तीसरा नियम (Newton’s Third Law of Motion) क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम Newton’s First Law of Motion in Hindi (न्यूटन का गति का प्रथम नियम क्या है?) न्यूटन के गति के प्रथम नियम के अनुसार प्रत्येक पिण्ड या वस्तु अपनी विराम अवस्था मेयाएक समान रेखीय गति की अवस्था मे तब रहता है जब उस पर कोई बाहरी बल उस पर नहीं लगाया जाता है।न्यूटन के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम (Law of Inertia) भी कहते है। उदाहरण 1:-अचानक ट्रेन के चलने पर तरीन मे बैठे व्यक्ति पीछे की ओर झुक जाते है। उदाहरण2:-लंबी कूद के लिए व्यक्ति कुछ दूर दौड़ कर उछलता है। उदाहरण 3:-जमीन पर राखी फूटबॉल को किक मारने पर वह चलने लगती है। What is Inertia in Hindi? (जड़त्व क्या होता है?) जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वस्तु अपनी अवस्था बनाए रखना चाहती है। जड़त्व के नियम से नियम से बल की परिभाषा भी मिलती है। What is Definition of Force in Hindi? (बल की परिभाषा क्या है?) वह कारक जो किसी पिण्ड या वस्तु की अवस्था मे परिवर्तन लाया जा सकता हो, बल कहलाता है। What is Momentum in Hindi? (संवेग क्या होता है?) द्रव्यमान(Mass) और वेग(Velocity) के गुणनफल को संवेग कहते है इसे P से दर्शाते है। इसकी SI इकाई Kg×m/second है। P=m×v...

गति के नियम ?

यदि हम भौतिक विज्ञान के आधार की बात करे तो वह न्यूटन के गति के नियमो से ही शुरू होती हैं | क्योंकि भौतिक विज्ञान में न्यूटन के नियमो के आधार पर ही बहुत से आविष्कार हुवे हैं | इसलिए इन्हें physics की फाउंडेशन कहा जाये तो कोई दो राये नहीं हैं | इस लिए आज की इस पोस्ट में हम न्यूटन के गति सम्बन्धी तीनो नियमो के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे | इस पोस्ट में हम जानेंगे बल तथा गति के नियम ,गति के नियम class 11 ,गति के तीनो नियम के सूत्र गति के तीन नियम कोन से हैं न्यूटन के तीनो नियम क्या हैं आदि | गति के नियम ? गति का प्रथम नियम (जड़त्व का नियम ) गति के प्रथम नियम के उदाहरण गति का दूसरा नियम ? गति के दूसरे नियम के उदाहरण ? गति का त्रितीय नियम (क्रिया प्रति क्रिया का नियम ) गति के त्रितीय नियम के उदाहरण ? गति के नियमो के आधार पर तैरने के क्रिया को समझाइए ? गति का प्रथम नियम (जड़त्व का नियम ) गति के प्रथम नियम की शुरुआत न्यूटन से पहले के वैज्ञानिक गैलिलिओ से शुरू होती हैं | गलीलियो से पहले वैज्ञानिको का मानना था कि यदि किसी वस्तु को गतिमान रखना हैं तो उस पर एक बल हमेशा लगा रहना चाहिए इसलिए उनका मानना था की वस्तु की विराम आवस्था ही उसकी स्वाभाविक आवस्था हैं | अपने इस विचार की पुष्टि करने के लिए उन्होंने एक विचार प्रस्तुत किया | इस प्रयोग में उन्होंने एक क्षितिज तल में एक गुटका रखा अब इसे हाथ से धक्का देकर किसका दिया हाथ हटा लेंगे के कारण गुटका धीरे धीरे धीमा पड़ता गया और अंत में रुक गया इससे उन्होंने निष्कर्ष निकाला की यदि किसी वस्तु को गतिमान रखना हैं तो उसपर बल लगाये रखना होगा | लेकिन गेलिलियो ne इस बात को मानने से इनकार कर दिया और कहा यदि हम गुटके और तल को और अधिक चिकना कर दे अर्था...

न्यूटन के गति नियम

न्यूटन के गति विषयक नियमो की व्याख्या न्यूटन के गति विषयक नियम दोस्तो न्यूटन ने गति से जुड़े तीन नियमों की व्याख्या की और इन नियमो की प्रस्तुत कीया तथा उनसे जुड़े कुछ समीकरण प्रस्तुत किए। दोस्तो आज में आपको ये तीन नियमों की व्याख्या क े बारे में और इन से जुड़े समीकरण के बारे तथा गति के तीनो नियम के बारे में बेसिक जानकारी देने वाला हूं।

न्यूटन के गति के नियम प्रथम, द्वितीय, तृतीय

इसमें न्यूटन के गति के तीनो नियम के बारे में उदाहरण सहित एवं सूत्र का भी वर्णन किया गया है सभी की परिभाषा आसान शब्दों में है। ताकि आप students को तीनों गति के नियम समझने में कोई परेशानी न हो। न्यूटन के गति के नियम (Newton law of motion in Hindi) न्यूटन के गति के तीन नियम हैं। • गति का प्रथम नियम – जड़त्व का नियम • गति का द्वितीय नियम – संवेग का नियम • गति का तृतीय नियम – क्रिया-प्रतिक्रिया नियम 1. गति का प्रथम नियम (जड़त्व का नियम) न्यूटन के गति के प्रथम नियम के अनुसार, यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी। वस्तु पर कोई बाह्य बल लगाकर ही वस्तु को विरामावस्था से गति की अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है। एवं यदि कोई वस्तु गतिशील अवस्था में है तो वह एक समान चाल से सरल रेखा में चलती ही रहेगी। जब तक उस वस्तु पर बाह्य बल न लगाया जाए। इसे गति का प्रथम नियम कहते हैं। इसे उदाहरण (1) चलती रेलगाड़ी से अचानक उतर जाने पर व्यक्ति आगे की ओर गिर जाते हैं। (2) खिड़की के शीशे पर बंदूक से गोली मारने पर शीशे में छेद हो जाता है। 2. गति का द्वितीय नियम (संवेग का नियम) न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार, किसी वस्तु के रेखीय संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर लगाए गए बाह्य बल के अनुक्रमानुपाती होती है एवं संवेग परिवर्तन वस्तु पर लगाए गए बल की दिशा में ही होता है इसे गति का द्वितीय नियम कहते हैं एवं इस नियम को संवेग का नियम भी कहते हैं। उदाहरण क्रिकेट खेल में खिलाड़ी तेजी से आती गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को पीछे की ओर कर लेता है इससे गेंद का वेग कम हो जाता है और खिलाड़ी को कोई चोट नहीं लगती है। पढ़ें… 3. गति का तृतीय नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया नियम) न्यूटन क...