पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट

  1. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi
  2. Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023
  3. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम:केंद्र ने पंजाब
  4. Big Relief To Ram Rahim From Punjab
  5. Kumar Vishwas gets big relief from Punjab
  6. पत्नी यदि पुनर्विवाह कर ले तो मृतक के माता
  7. Kumar Vishwas gets big relief from Punjab
  8. पत्नी यदि पुनर्विवाह कर ले तो मृतक के माता
  9. Big Relief To Ram Rahim From Punjab
  10. Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023


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पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कोरोनावायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को ट्यूशन फी लेने की अनुमति दे दी है. न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने स्कूलों को नामांकन शुल्क एकत्र करने की इजाजत दे दी. इंडिपेन्डेंट स्कूल एसोसिएशन, पंजाब स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन, मान्यताप्राप्त और संबद्ध स्कूलों के एसोसिएशन तथा कुछ अन्य संगठनों की याचिकाओं पर यह आदेश आया. अदालत ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की गई या नहीं, इसके बावजूद सभी स्कूलों को ट्यूशन फी जमा करने की अनुमति दी जाती है.'' • दिल्ली हिंसा पर सख्त टिप्पणी करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर की टिप्पणी के बाद सियासी हलके में हंगामा खड़ा हो गया था. गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए विदाई समारोह में जस्टिस मुरलीधर को कोहिनूर बताया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने विदाई समारोह में कहा, "हम आज एक अहम जज को विदाई दे रहे हैं. जो कि कानून के किसी भी विषय पर चर्चा कर सकता था और किसी भी मामले की व्याख्या कर सकता था." बता दें कि एक सरकारी आदेश के तहत जस्टिस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया है. • सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा ने 8 अप्रैल 2019 को इस जमीन के संबंध में एक आदेश दिया था, जिसमें कहा था हम दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए याचिकाकर्ता की अपील को ख़ारिज करते हैं. साथ ही यह आदेश दिया गया कि प्राधिकरण यह सुनिश्चित करे कि अगले दो महीने में इस जमीन को खाली करा लिया जाए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करार दिया जाएगा. •

Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023

3.3 FAQ Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 दोस्तों जो छात्र एवं छात्राएं पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट क्लर्क भर्ती का काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। अब उन छात्रों के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुनहरा मौका प्रदान किया है। जिसमे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के विभिन्न पदों के लिए भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस भर्ती में रूचि रखने वाले लाभार्थी अपना आवेदन 17 मार्च 2023 से 15 अप्रैल 2023 तक कभी भी आवेदन कर सकते है। इस भर्ती में आवेदन करने वाले लाभार्थी को इस की पात्रता पूरी करनी होगी। तभी आप इस भर्ती में आवेदन कर सकते है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट क्लर्क भर्ती 2023 के द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन को लाभार्थी पूरी तरह से पढ़ ले उसके बाद इस भर्ती में आवेदन करें जिससे लाभार्थी को आवेदन करते समय किसी भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े। इसके लिए हमने इस भर्ती के बारे में इस आर्टिकल में नीचे विस्तार से बताया हुआ है। जैसे चयन प्रक्रिया, आयु सीमा,आवेदन राशि, वेतन आदि वहां से आप बहुत आसानी से पढ़ सकते हैं। और अपना ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। अपना जीवन सफल बना सकते है। Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 Overview पोस्ट का नाम Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 विभाग पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पद का नाम क्लर्क शिक्षा बेचलर डिग्री टोटल पद 157 पद आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन महत्पूर्ण तिथि आवेदन शुरू 17 मार्च 2023 अंतिम आवेदन तिथि 15 अप्रैल 2023 वेतन शुल्क अंतिम तिथि 15 अप्रैल 2023 परीक्षा तिथि भर्ती के नियम दवारा एडमिट कार्ड एग्जाम से पहले आवेदन शुक्ल ईडब्ल्यूएस / जनरल ...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम:केंद्र ने पंजाब

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम: केंद्र ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए दो नामों को हटाया विस्तार केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए दो अधिवक्ताओं के नामों को हटा दिया है। जुलाई में चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए 13 अधिवक्ताओं के नामों के प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्र से इसकी सिफारिश की थी। इस वजह से हटाए नाम सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने एच एस बरार और कुलदीप तिवारी को प्रस्तावित नामों की सूची से हटा दिया है। कानून मंत्रालय ने एक अधिवक्ता के खिलाफ कुछ पुराने आरोपों और दूसरे की कम उम्र का हवाला देते हुए दोनों के नाम हटाए गए हैं। हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 45 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को 11 अधिवक्ताओं की नियुक्ति को लेकर सूचना जारी की थी। सरकार ने कहा कि सही वक्त आने पर अन्य दोनों अधिवक्ताओं के नामों पर पुनर्विचार किया जाएगा। मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित नामों पर पुनर्विचार करने का सरकार के पास अधिकार है। Disclaimer हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड ...

Big Relief To Ram Rahim From Punjab

Ram-Rahim News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjan & Haryana high Court) से बड़ी राहत मिली है. लंबे समय से जेल में बंद राम रहीम को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कट्टर कैदी मानने से इनकार किया है. हाई कोर्ट को गुरमीत राम रहीम को फरलो और पौरोल देने पर एतराज नहीं है. राम रहीम हत्या और बलात्कार के मामलों में दोषी पाए जाने के बाद अभी रोहतक की सुनाराया जेल में बंद है. एक याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने माना है कि वह पैरोल या फरलो पर रिहा होने के उद्देश्य से "कट्टर कैदियों" की श्रेणी में नहीं आता है. इससे भविष्य में डेरा प्रमुख की पैरोल या फरलो पर रिहाई में कोई कानूनी बाधा नहीं आएगी. अभी फैसले की प्रति जारी नहीं गुरुवार को जज जस्टिस न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह ने खुली अदालत में यह फैसला सुनाया. हालांकि, समाचार लिखे जाने तक कोर्ट से फैसले की प्रति जारी नहीं की गई थी. इसके अलावा हाई कोर्ट ने डेरा प्रमुख की हालिया रिहाई के खिलाफ दाखिल हुई याचिका को खारिज कर दिया क्योंकि आरोपी सुनवाई के वक्त तक जेल में वापस लौट आया था. वहीं उच्च न्यायालय के फैसले पर हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा "हमें पता चला है कि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम "कट्टर कैदियों" की श्रेणी में नहीं आता है." हालांकि, बलदेव राज ने यह भी कहा "फैसले की प्रति आने के बाद ही स्थिती साफ होगी." दूसरी ओर डेरा सच्चा सौदा की तरफ से दलील दे रहीं वकील कनिका आहुजा ने भी इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि "हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को कट्टर कैदियों" की श्रेणी में नहीं माना है. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा...

Kumar Vishwas gets big relief from Punjab

Kumar Vishwas: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और हिंदी जगत के मशहूर कवि कुमार विश्वास को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर पंजाब पुलिस की एफआईआर को रद्द कर दिया है।आपको बता दें कि कुमार विश्वास पर पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसी साल 12 अप्रैल को आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के लिए रूपनगर में मामला दर्ज किया गया था। उन पर धर्म और नस्ल के आधार पर दुश्मनी पैदा करने का आरोप लगाया गया था। कुमार विश्वास ने इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। इस मामले पर न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की पीठ सुनवाई कर रही थी। याचिका में कानून की प्रक्रिया के सरासर दुरुपयोग का आरोप लगाया गया और इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया था। पहले लगी थी गिरफ्तारी पर रोक इससे पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान को लेकर कुमार विश्वास को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली थी। अदालत ने विश्वास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। उन पर पंजाब के रोपड़ में केस दर्ज हुआ था। विश्वास पर आरोप था कि उन्होंने केजरीवाल के खालिस्तान से संबंध के गलत आरोप लगाए थे। 20 अप्रैल को कुमार विश्वास के घर पहुंची थी पुलिस पंजाब में रूपनगर के सदर थाने में 12 अप्रैल को विश्वास के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। विश्वास ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था। पंजाब पुलिस 20 अप्रैल को गाजियाबाद स्थित विश्वास के घर पहुंची थी और उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था।

पत्नी यदि पुनर्विवाह कर ले तो मृतक के माता

पत्नी यदि पुनर्विवाह कर ले तो मृतक के माता-पिता भी पेंशन के हकदार, पंजाब के एक मामले पर हाई कोर्ट का फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मृतक आश्रित पेंशन मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि मृतक की विधवा पुनर्विवाह कर लेती है तो माता-पिता पूरी तरह से पेंशन के हकदार हैं। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में नियमों की गलत व्याख्या कर माता-पिता को पेंशन देने से इन्कार कर रही है। पंजाब सरकार की इस मामले में दलील थी कि अगर एक बार मृतक कर्मचारी की विधवा को पेंशन दी जाती है और विधवा पुनर्विवाह कर लेती है तो उसकी पेंशन बंद कर दी जाती है, लेकिन वह पेंशन उसके माता-पिता को नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि सरकार की यह व्याख्या उस उद्देश्य को प्राप्त नहीं करती है जिसके लिए पारिवारिक पेंशन दी जाती है। पारिवारिक पेंशन का मकसद मृतक के आश्रितों को वित्तीय कठिनाइयों से बचाता है। हालांकि यह सही है कि विधवा शुरू में परिवार पेंशन के लिए पात्र है। यदि विधवा अपात्र हो जाती है तो बच्चे अन्य को छोड़कर पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे, लेकिन जब बच्चे भी उक्त लाभ के लिए अपात्र हो जाते हैं, तो अगर माता-पिता जीवित हैं और जो मृतक पर निर्भर थे और पारिवारिक पेंशन के लिए आवश्यक अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करते थे, उनके पारिवारिक पेंशन के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हाई कोर्ट के जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने यह आदेश जालंधर निवासी स्वर्ण कौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। याचिकाकर्ता का बेटा सतनाम सिंह पंजाब पुलिस में कार्यरत था। वह शादीशुदा था। 4 जून 2006 को एक कार दुर्घटना में सतनाम सिंह मृत्यु हो गई। इसके बाद सरकार नियमों के तहत उसकी विधवा को पा...

Kumar Vishwas gets big relief from Punjab

Kumar Vishwas: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और हिंदी जगत के मशहूर कवि कुमार विश्वास को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर पंजाब पुलिस की एफआईआर को रद्द कर दिया है।आपको बता दें कि कुमार विश्वास पर पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसी साल 12 अप्रैल को आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के लिए रूपनगर में मामला दर्ज किया गया था। उन पर धर्म और नस्ल के आधार पर दुश्मनी पैदा करने का आरोप लगाया गया था। कुमार विश्वास ने इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। इस मामले पर न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की पीठ सुनवाई कर रही थी। याचिका में कानून की प्रक्रिया के सरासर दुरुपयोग का आरोप लगाया गया और इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया था। पहले लगी थी गिरफ्तारी पर रोक इससे पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान को लेकर कुमार विश्वास को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली थी। अदालत ने विश्वास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। उन पर पंजाब के रोपड़ में केस दर्ज हुआ था। विश्वास पर आरोप था कि उन्होंने केजरीवाल के खालिस्तान से संबंध के गलत आरोप लगाए थे। 20 अप्रैल को कुमार विश्वास के घर पहुंची थी पुलिस पंजाब में रूपनगर के सदर थाने में 12 अप्रैल को विश्वास के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। विश्वास ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था। पंजाब पुलिस 20 अप्रैल को गाजियाबाद स्थित विश्वास के घर पहुंची थी और उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था।

पत्नी यदि पुनर्विवाह कर ले तो मृतक के माता

पत्नी यदि पुनर्विवाह कर ले तो मृतक के माता-पिता भी पेंशन के हकदार, पंजाब के एक मामले पर हाई कोर्ट का फैसला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मृतक आश्रित पेंशन मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि मृतक की विधवा पुनर्विवाह कर लेती है तो माता-पिता पूरी तरह से पेंशन के हकदार हैं। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में नियमों की गलत व्याख्या कर माता-पिता को पेंशन देने से इन्कार कर रही है। पंजाब सरकार की इस मामले में दलील थी कि अगर एक बार मृतक कर्मचारी की विधवा को पेंशन दी जाती है और विधवा पुनर्विवाह कर लेती है तो उसकी पेंशन बंद कर दी जाती है, लेकिन वह पेंशन उसके माता-पिता को नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि सरकार की यह व्याख्या उस उद्देश्य को प्राप्त नहीं करती है जिसके लिए पारिवारिक पेंशन दी जाती है। पारिवारिक पेंशन का मकसद मृतक के आश्रितों को वित्तीय कठिनाइयों से बचाता है। हालांकि यह सही है कि विधवा शुरू में परिवार पेंशन के लिए पात्र है। यदि विधवा अपात्र हो जाती है तो बच्चे अन्य को छोड़कर पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे, लेकिन जब बच्चे भी उक्त लाभ के लिए अपात्र हो जाते हैं, तो अगर माता-पिता जीवित हैं और जो मृतक पर निर्भर थे और पारिवारिक पेंशन के लिए आवश्यक अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करते थे, उनके पारिवारिक पेंशन के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हाई कोर्ट के जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने यह आदेश जालंधर निवासी स्वर्ण कौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। याचिकाकर्ता का बेटा सतनाम सिंह पंजाब पुलिस में कार्यरत था। वह शादीशुदा था। 4 जून 2006 को एक कार दुर्घटना में सतनाम सिंह मृत्यु हो गई। इसके बाद सरकार नियमों के तहत उसकी विधवा को पा...

Big Relief To Ram Rahim From Punjab

Ram-Rahim News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjan & Haryana high Court) से बड़ी राहत मिली है. लंबे समय से जेल में बंद राम रहीम को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कट्टर कैदी मानने से इनकार किया है. हाई कोर्ट को गुरमीत राम रहीम को फरलो और पौरोल देने पर एतराज नहीं है. राम रहीम हत्या और बलात्कार के मामलों में दोषी पाए जाने के बाद अभी रोहतक की सुनाराया जेल में बंद है. एक याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने माना है कि वह पैरोल या फरलो पर रिहा होने के उद्देश्य से "कट्टर कैदियों" की श्रेणी में नहीं आता है. इससे भविष्य में डेरा प्रमुख की पैरोल या फरलो पर रिहाई में कोई कानूनी बाधा नहीं आएगी. अभी फैसले की प्रति जारी नहीं गुरुवार को जज जस्टिस न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह ने खुली अदालत में यह फैसला सुनाया. हालांकि, समाचार लिखे जाने तक कोर्ट से फैसले की प्रति जारी नहीं की गई थी. इसके अलावा हाई कोर्ट ने डेरा प्रमुख की हालिया रिहाई के खिलाफ दाखिल हुई याचिका को खारिज कर दिया क्योंकि आरोपी सुनवाई के वक्त तक जेल में वापस लौट आया था. वहीं उच्च न्यायालय के फैसले पर हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा "हमें पता चला है कि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम "कट्टर कैदियों" की श्रेणी में नहीं आता है." हालांकि, बलदेव राज ने यह भी कहा "फैसले की प्रति आने के बाद ही स्थिती साफ होगी." दूसरी ओर डेरा सच्चा सौदा की तरफ से दलील दे रहीं वकील कनिका आहुजा ने भी इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि "हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को कट्टर कैदियों" की श्रेणी में नहीं माना है. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा...

Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023

3.3 FAQ Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 दोस्तों जो छात्र एवं छात्राएं पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट क्लर्क भर्ती का काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। अब उन छात्रों के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुनहरा मौका प्रदान किया है। जिसमे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के विभिन्न पदों के लिए भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस भर्ती में रूचि रखने वाले लाभार्थी अपना आवेदन 17 मार्च 2023 से 15 अप्रैल 2023 तक कभी भी आवेदन कर सकते है। इस भर्ती में आवेदन करने वाले लाभार्थी को इस की पात्रता पूरी करनी होगी। तभी आप इस भर्ती में आवेदन कर सकते है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट क्लर्क भर्ती 2023 के द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन को लाभार्थी पूरी तरह से पढ़ ले उसके बाद इस भर्ती में आवेदन करें जिससे लाभार्थी को आवेदन करते समय किसी भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े। इसके लिए हमने इस भर्ती के बारे में इस आर्टिकल में नीचे विस्तार से बताया हुआ है। जैसे चयन प्रक्रिया, आयु सीमा,आवेदन राशि, वेतन आदि वहां से आप बहुत आसानी से पढ़ सकते हैं। और अपना ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। अपना जीवन सफल बना सकते है। Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 Overview पोस्ट का नाम Punjab And Haryana High Court Clerk Recruitment 2023 विभाग पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पद का नाम क्लर्क शिक्षा बेचलर डिग्री टोटल पद 157 पद आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन महत्पूर्ण तिथि आवेदन शुरू 17 मार्च 2023 अंतिम आवेदन तिथि 15 अप्रैल 2023 वेतन शुल्क अंतिम तिथि 15 अप्रैल 2023 परीक्षा तिथि भर्ती के नियम दवारा एडमिट कार्ड एग्जाम से पहले आवेदन शुक्ल ईडब्ल्यूएस / जनरल ...