Paryavaran kya hai

  1. Environment in Hindi
  2. पर्यावरण संरक्षण के प्रमुख आंदोलन


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Environment in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम पर्यावरण (Paryavaran) के बारे में पढ़ेंगे। इसमें हम पर्यावरण क्या है (Environment in Hindi), पर्यावरण का अर्थ (Paryavaran Ka Arth), पर्यावरण के प्रकार (Paryavaran Ke Prakar) , पर्यावरण के घटक (Paryavaran Ke Ghatak) , पर्यावरण के क्षेत्र (Paryavaran Ke Kshetra) के बारे में जानेंगे। पर्यावरण क्या है – Environment in Hindi • पर्यावरण (Paryavaran) से तात्पर्य है वह वातावरण जिससे सम्पूर्ण जगत या ब्रह्माण्ड या जीव जगत घिरा हुआ है। हमारे चारों ओर जो प्राकृतिक, भौतिक व सामाजिक आवरण है वहीं वास्तविक अर्थों में पर्यावरण (Environment) कहलाता है। • जीव जिस वातावरण या परिस्थितियों में रहता है, उसे उसका पर्यावरण कहा जाता है। पर्यावरण जीवों को प्रभावित करता है तथा जीव पर्यावरण को प्रभावित करते है। पर्यावरण में जीवधारियों के लिए आवश्यक हवा, पानी, खाद्यान्न, आवास तथा प्रकाश जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध होती है। • पर्यावरण (Paryavaran) किसी एक तत्त्व का नाम न होकर उन समस्त दशाओं या तत्त्वों का योग है, जो मानव के जीवन व विकास को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। पर्यावरण से आप क्या समझते हैं – Paryavaran Se Aap Kya Samajhte Hain • पर्यावरण भौतिक दशाओं का ऐसा योग होता है जिसमें जैविक समुदाय रहता है। ये भौतिक दशाएँ हमेशा परिवर्तनशील रहती हैं तथा इनके मध्य रहने वाले सभी जैविक घटक अपने उद्भव, विकास तथा कार्य-प्रणाली के अन्तर्गत इन दशाओं से प्रभावित रहते हैं तथा पर्यावरण के साथ अनुकूलन के तहत इसे भी प्रभावित करते हैं। • स्पष्ट है कि पर्यावरण जैविक तथा अजैविक घटकों का सामंजस्य स्थल भी है जहाँ पर्यावरण के...

पर्यावरण संरक्षण के प्रमुख आंदोलन

Paryavaran Sanrakshan Ke Andolan विकास प्रक्रिया ने हजारों लोगों को जल, जंगल और जमीन से बेदखल किया है। विकास प्रक्रिया के इन्ही दूप्रभावों ने आम आदमी को पिछले कुछ समय से एकजुट होने तथा विकास को पर्यावरण संरक्षण आधारित करने के लिए अनेक आंदोलन चलाने को प्रेरित किया है जिन्हें हम चिपको आंदोलन, नर्मदा आंदोलन, अपिको आंदोलन आदि। पर्यावरण संरक्षण के आंदोलन विकास की अंधी दौड़ में इंसानों ने विश्नोई आंदोलन – 1730 विश्नोई आंदोलन भारत के राजस्थान राज्य के खिजड़ली नामक स्थान पर हुआ था। इस आंदोलन का नेतृत्व‘ संत जम्भूजी’ द्वारा किया गया था। इस आंदोलन में अमृता देवी विश्नोई ने अपनी जान दे दी थी। राजा के द्वारा आदेश वापस लेने पर यह आंदोलन स्वतः ही समाप्त हो गया। Vishnoi Andolan 1730 में जोधपुर के राजा अभय सिंह ने महल बनवाने के लिए लकड़ियों का इंतजाम करने के लिए अपने सैनिकों को भेजा। महाराज के सैनिक पेड़ काटने के लिए राजस्थान के खेजरी (खिजड़ली) गांव में पहुंचे तो वहां की महिलाएं अपनी जान की परवाह किए बिना पेड़ों को बचाने के लिए आ गईं। विश्नोई समाज के लोग पेड़ों की पूजा करते थे। सबसे पहले अमृता देवी सामने आईं और एक पेड़ से लिपट गईं। उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्हें देखकर उनकी बेटियां भी पेड़ों से लिपट गईं। उनकी भी जान चली गई। यह खबर जब गांव में फैली तो गांव की 300 से ज्यादा महिलाएं पेड़ों को बचाने के लिए पहुंच गईं और अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। नर्मदा आंदोलन नर्मदा बचाओ आंदोलन मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी के तट से आरंभ हुआ था। यह आंदोलन 1989 में नर्मदा नदी पर बनाए जा रहे बहुउद्देशीय परियोजनाओं के तहत बांधों के विरोध में हुआ था। यह मध्यप्रदेश से लेकर गुजरात तक फैला हुआ था। इस आंदोलन का नेत...