Prarambhik balyavastha shiksha kya hai

  1. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा ( Early Childhood Care and Education )Home Science Class 12th Chapter
  2. वैदिक काल का इतिहास
  3. आरटीई 2009 में प्रारंभिक बाल्यावस्था परिचर्या एवं शिक्षा का प्रावधान किस आयु वर्ग के बच्चों से संबंधित है? » RTE 2009 Me Prarambhik Baalyaavastha Paricharya Evam Shiksha Ka Pravadhan Kis Aayu Varg Ke Baccho Se Sambandhit Hai
  4. Prarambhik Balyavastha Shiksha Ke Moolbhoot Siddhant
  5. [PDF] प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका
  6. प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा


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प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा ( Early Childhood Care and Education )Home Science Class 12th Chapter

Significance • प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा , मानव विकास के अध्ययन का एक बहुत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है । • नन्हें शिशु बहुत छोटी उम्र से ही सीखना शुरू कर देते हैं । • अपने आसपास की दुनिया के बारे में नयी बातें सीखने के साथ ही शिशु को अपने परिवार के सदस्यों खास तौर से अपने माता - पिता और अगर कोई भाई - बहन हों तो उनके साथ लगाव होने लगता है । • छोटा बच्चा परिवार के अन्य सदस्यों और उन लोगों को भी पहचानने लगता है , जिनसे वह रोज़ रूप से मिलता है । • बच्चा उन लोगों के बीच अंतर करना भी सीख जाता है जिन्हें वह पहचानता है और जिन्हें वो नही पहचानता हैं । • किसी शिशु के व्यवहार में पहचान की यह क्षमता तब अभिव्यक्त होती है , जब वह लगभग 8-12 माह की आयु के दौरान किसी अनजान व्यक्ति को देखकर भयभीत होकर रोने लगता है । • बच्चा अपनी माँ से सबसे अधिक लगाव रखता है. क्योंकि वहीं ज़्यादातर उसकी देखभाल करती है और उसके कमरे से बाहर जाने पर बच्चा कई बार रोना भी शुरू कर देता है । • एक वर्ष तक की आयु का बच्चा अपनी माँ अथवा देखभाल करने वाले दूसरे व्यक्ति से अधिकतर समय चिपका ही रहता है और हर जगह उसके पीछे - पीछे जाता है । • धीरे - धीरे बच्चे में प्रमुख देखभालकर्ता की अनुपस्थिति में भी सुरक्षा का बोध विकसित हो जाता है । • शारीरिक विकास के कारण बच्चा तेजी से बढ़ता है , जिसके कारण पहले वह धीरे - धीरे चलना सीखता है, ठीक से चीजों को पकड़ना तथा अनेक मुद्राओं में अपने शरीर को संतुलित रखना सीखता जाता है । • कुछ समय बाद बच्चा अपने मल और मूत्र विसर्जन पर भी नियंत्रण करने में सक्षम होता जाता है । वैकल्पिक देख - रेख • माता अथवा माता - पिता की अनुपस्थिति में बच्चे की मूल जरूरतों को पूरा करने के लिए उसकी देखभाल ...

वैदिक काल का इतिहास

वैदिक काल | सम्पूर्ण जानकारी | पूरी कवरेज | Vedic Kaal Ka Itihas | Complete History for UPSC/SSC वैदिक संस्कृति का काल सिन्धु सभ्यता के पश्चात स्वीकार किया गया है । राजनीतिक , आ र्थिक , सामाजिक , धार्मिक प्रवृत्तियों में हुए मौलिक विकास क्रम एवं परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए | अध्ययन की सुविधा हेतु वैदिक काल को दो भागों में विभाजित किया गया है – ( 1 ) ऋग्वैदिक या पूर्व वैदिक काल ( 2 ) उत्तरवैदिक काल । वैदिक सभ्यता का काल • याकोबी एवं तिलक ने ग्रहादि सम्बन्धी उद्धरणों के आधार पर भारत में आर्यों का आगमन 4000 ई० पू० निर्धारित किया है । • मैक्समूलर का अनुमान है कि ऋग्वेद काल 1 200 ई० पू० से 1000 ई० पू० तक है । • मान्यतिथि – भारत में आर्यों का आगमन 1500 ई० पू० के लगभग हुआ । आर्यों का मूल स्थान आर्य किस प्रदेश के मूल निवासी थे, यह भारतीय इतिहास का एक विवादास्पद प्रश्न है। इस सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों द्वारा दिए गए मत संक्षेप में निम्नलिखित हैं। • यूरोप 5 जातीय विशेषताओं के आधार पर पेनका , हर्ट आदि विद्वानों ने जर्मनी को आर्यों का आदि देश स्वीकार किया है । • गाइल्स ने आर्यों का आदि देश हंगरी अ थवा डेन्यूब घाटी को माना है । • मेयर , पीक , गार्डन चाइल्ड , पिगट , नेहरिंग , बैण्डेस्टीन ने दक्षिणी रूस को आर्यों का मूल निवास स्थान माना है । यह मत सर्वाधिक मान्य है । • आर्य भारोपीय भाषा वर्ग की अनेक भाषाओं में से एक संस्कृत बोलते थे । • भाषा वैज्ञानिकों के अनुसार भारोपीय वर्ग की विभिन्न भाषाओं का प्रयोग करने वाले लोगों का सम्बन्ध शीतोष्ण जलवायु वाले ऐसे क्षेत्रों से था जो घास से आच्छादित विशाल मैदान थे । • यह निष्कर्ष इस मत पर आधारित है कि भारोपीय वर्ग की अधिकांश भाषाओं में भेड़ि...

आरटीई 2009 में प्रारंभिक बाल्यावस्था परिचर्या एवं शिक्षा का प्रावधान किस आयु वर्ग के बच्चों से संबंधित है? » RTE 2009 Me Prarambhik Baalyaavastha Paricharya Evam Shiksha Ka Pravadhan Kis Aayu Varg Ke Baccho Se Sambandhit Hai

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Prarambhik Balyavastha Shiksha Ke Moolbhoot Siddhant

Prarambhik Balyavastha Shiksha Ke Moolbhoot Siddhant-यहकोर्सशिक्षकोंकोप्रारंभिकबाल्यावस्थाशिक्षासेपरिचितकराताहै।यहकोर्सप्रारंभिकबाल्यावस्थाशिक्षा (अर्लीचाइल्ड्हुडएजुकेशन ECE) केकुछमूलभूतसिद्धांतोंपरआधारितहैजिन्हेंजाननाऔरसमझनाशिक्षकोंकेलिएलाभदायकहै। विशेषरूपसेयहकोर्सउनशिक्षकोंकेलिएअत्यंतमहत्वपूर्णहैजोएक ECE शिक्षककेतौरपरअपनाक्रियान्वयनप्रारंभकरनेवालेहै।यहकोर्सप्रारंभिकबाल्यावस्थाशिक्षामेंशिक्षकोंकीभूमिका, बच्चोंकीस्कूलीतैयारी (स्कूलरेडीनेस), बच्चोंकेविकासकेमुख्यक्षेत्रऔरदैनिकदिनचर्याजैसेकुछमुख्यपहलुओंपरगहराईसेचर्चाकरताहै। इसकोर्सकाउद्देश्यहैं- शिक्षकोंकोप्रारंभिकबाल्यावस्थाशिक्षाकीमहत्ताकोजाननेमेंमददकरना, विकासकेक्षेत्रोंसेसंबंधितगतिविधियाँकक्षामेंकरापानाऔरएकऐसीदैनिकदिनचर्याकानिर्माणऔरपालनकरनाजोबच्चोंकोइसबेहदसंवेदनशीलसमयमेंगुणवत्तापूर्णअनुभवदेऔरउनकासर्वांगीणविकाससुनिश्चितकरे। प्रशिक्षणकेलिएइसलिंकपरक्लिककरें प्रारंभिकबाल्यावस्थाशिक्षाकेमूलभूतसिद्धांत– CM RISE शिक्षकप्रशिक्षणकोमुख्यतःतीनभागोंमेंबाटागयाहैलेकिन कोर्ससेपरिचयकोमिलाकरइसकेचारभागहैंसाथहीसभीभागोंकोछोटेछोटेपार्टमेंविभाजितकियागयाहैजिन्हेंआपकोपूराकरनाहैऔरअंतिममेंप्रश्नोत्तरीभागहैजिनकेउत्तरआपकोदेनाहै | Prarambhik Balyavastha Shiksha Ke Moolbhoot Siddhant • कोर्ससेपरिचय • भाग 1- प्रीवर्क • भाग 2 –कोर्ससत्र • भाग 3 –पोस्टवर्क प्रश्न 1: सभीप्रारंभिकबाल्यावस्थाशिक्षामेंबच्चोंकेविकासकेसभीक्षेत्रोंपरध्यानदेनाक्योंआवश्यकहै? • बच्चोंकोप्राथमिकविद्यालयकेलिएतैयारकरना | • बच्चोंकासर्वांगीणविकासऔरआजीवनसीखनेहेतुमजबूतनीवडालना | • बच्चोंकोलगनसेसीखनेवालाबनने, समीक्षात्मकरूपसेसोचसकने, रचनात्मकबनेंऔरअपनेपरिवेशसेसहयोगसंवादऔरजुड़ावस्थापितकरस...

[PDF] प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका

‘प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of ‘Shikshak Ki Bhumika’ using the download button. प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका – Role Of Teacher In Good Education PDF Free Download प्रभावशाली शिक्षण में शिक्षक की भूमिका आदर्श शिक्षक के गुण आदर्श शिक्षक को ‘मनुष्यों का निर्माता राष्ट्रनिर्माता, ‘शिक्षा’ पद्धति की आधारशिला समाज को गति प्रदान करने वाला आदि सब कुछ माना जाता है। साधारणतः ऐसे शिक्षक से बालकों को समझने की शक्ति रखने और उसके साथ उचित रूप से कार्य करने की इच्छाशक्ति | गुणों से सम्पन्न होने की आशा की जाती है। ऐसे गुण सामान्यतः न तो प्रत्येक शिक्षक में मिलते हैं और न शिक्षण प्रत्येक व्यक्ति का कार्य ही है। वस्तुतः यह कार्य वही व्यक्ति कर सकता है, जिसके कुछ विशिष्ट शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक, नैतिक संवेगात्मक गुण हों। शिक्षण एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें मस्तिष्क का मस्तिष्क से सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। इस सम्बन्ध की | उपयुक्तता एवं अनुपयुक्तता बहुत कुछ शिक्षक के व्यक्तित्व पर निर्भर होती है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के डा.एफ.एल. क्लैप ने एक अध्ययन किया जिसके आधार पर उन्होंने अच्छे शिक्षक के व्यक्तित्व के निम्न दस गुणों का उल्लेख किया है • सम्बोधन • आशावादिता • उत्साह • वैयक्तिक आकृति • संयम • मानसिक निष्पक्षता • शुभ चिन्तन • सहानुभूति • जीवन शक्ति • विद्वता शिक्षक की कुशलता बढ़ाने में सहायक तकनीकी उपकरण • कम्प्यूटर • इन्टरनेट • फैक्स • सी.डी. रोम • वीडियो डिस्क वर्तमान में शिक्षक को इन तकनीकी उपकरणों से छात्...

प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा

प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा | PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA SYLLABUS ,BOOK ,GUIDE , NOTES PDF | डी.एल.एड पेपर F -3 का नोट्स || BIHAR DElEd FIRST YEAR PAPER 3 PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA NOTES प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा | PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA SYLLABUS ,BOOK ,GUIDE , NOTES PDF | डी.एल.एड पेपर F -3 का नोट्स || BIHAR DElEd FIRST YEAR PAPER 3 PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA NOTES अगर आप शिक्षक बनने के लिए बिहार डी.एल.एड में नामांकन ले चुके है एवं अब आप Bihar D.El.Ed 1st Year Exam की तैयारी कर रहे है , और उसके तैयारी के लिये बिहार डी.एल.एड फर्स्ट ईयर पेपर F -3 प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA) (Bihar D.El .Ed 1st Year) के सिलेबस ,क्वेश्चन पेपर ,गाइड , नोट्स पीडीएफ से सम्बन्धित हेल्प चाहते है तो आप सही जगह है | इस पेज में आपको निम्नलिखित जानकारी मिलेगी - PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA SYLLABUS , QUESTION PAPER , BOOK , GUIDE , NOTES PDF (1) PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA Syllabus (2) PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA Question Paper (3) PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA Book pdf (4) PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA Guide pdf (5) PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA Notes pdf (6)PRARMBHIK BALYAVSTHA DEKHBHAL AEVM SHIKSHA Video (Youtube )