प्रश्नकाल क्या है

  1. प्रश्नावली अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, प्रकार, गुण एवं दोष
  2. संसद का प्रश्नकाल क्या है? – ElegantAnswer.com
  3. Prashnakal Kya Hota Hai 2022। क्या होता है प्रश्नकाल । प्रश्न काल किसे कहते हैं
  4. संसद में क्या होता है शून्यकाल या प्रश्नकाल? इस वक्त पार्लियामेंट में ऐसे होती है कार्यवाही


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प्रश्नावली अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, प्रकार, गुण एवं दोष

प्रश्नावली का अर्थ (prashnavali kya hai) prashnavali ka arth paribhasha visheshta prakar gun dish:प्रश्नावली विभिन्न प्रश्नों की सूची है जिसे डाक द्वारा सूचनादाता के पास पहुंचा दिया जाता है जो स्वयं इन प्रश्नों के उत्तर लिखकर पुनः डाक द्वारा अध्ययनकर्ता को लौटाते है। इस प्रकार एक वृहद् क्षेत्र से प्राथमिक सूचनाओं का संकलन जब करना होता है तब प्रश्नावली का प्रयोग किया जाता है। चूंकि बड़े क्षेत्र मे सूचनादाता फैले हुये होते है अतः अध्ययनकर्ता के लिये प्रत्येक सूचनादाता से प्रत्यक्ष सम्पर्क स्थापित कर साक्षात्कार प्रविधि से सूचनायें प्राप्त करना अत्यधिक कठिन हो जाता है, क्योंकि दूर-दूर रहने वाले व्यक्तियों से साक्षात्कार करने के लिये अधिक समय, धन तथा परिश्रम की आवश्यकता होती है। अतः प्रश्नावली प्रविधि ऐसे समय मे प्राथमिक सूचनाओं की प्राप्ति मे महत्वपूर्ण सहयोग देती है। इसीलिए प्रश्नावली को साक्षात्कार प्रविधि का विकल्प कहा जाता है। आगे प्रश्नावली की परिभाषा, विशेषताएं, प्रकार प्रश्नावली निर्माण की प्रविधि और गुण दोष जानेंगे। प्रश्नावली की परिभाषा (prashnavali ki paribhasha) सेलिज, जहोदा व अन्य ने, " प्रश्नावली की व्याख्या करते हुए स्पष्ट किया है कि इसमे मानकीकृत, पूर्व क्रमित सीमित प्रश्न होते है जिन्हें उत्तरदाताओं के पास डाक से भेजा जाता है या उन्हें दिया जाता है। पोप " एक प्रश्नावली को प्रश्नों के एक समूह के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है, जिसका उत्तर सूचनादाता को बिना अनुसंधानकर्ता या प्रगणक की व्यक्तिगत सहायता के देना होता है। बोगार्डस के अनुसार " प्रश्नावली विभिन्न व्यक्तियों से उत्तर प्राप्त करने के लिए प्रश्नों की एक सूची होती है। यह प्रमाणीकृत प्रमाणों को प्राप्त करत...

संसद का प्रश्नकाल क्या है? – ElegantAnswer.com

संसद का प्रश्नकाल क्या है? इसे सुनेंरोकेंसामान्यतया, लोकसभा की बैठक का पहला घंटा प्रश्‍नों के लिए होता है और उसे प्रश्‍नकाल कहा जाता है। इसका संसद की कार्यवाही में विशेष महत्व है। प्रश्‍न पूछना सदस्यों का जन्मजात और उन्मुक्त संसदीय अधिकार है। प्रश्‍नकाल के दौरान सदस्य प्रशासन और सरकार के कार्यकलापों के प्रत्येक पहलू पर प्रश्‍न पूछ सकते हैं। शून्य काल का अर्थ क्या है? इसे सुनेंरोकेंयह एक से अधिक अर्थों में शून्यकाल होता है। 12 बजे दोपहर का समय न तो मध्याह्न पूर्व का समय होता है और न ही मध्याह्न पश्चात का समय। ‘शून्यकाल’ 12 बजे प्रारंभ होने के कारण इस नाम से जाना जाता है इसे ‘आवर’ भी कहा गया क्योंकि पहले ‘शून्यकाल’ पूरे घंटे तक चलता था, अर्थात 1 बजे दिन में सदन का दिन के भोजन के लिए अवकाश होने तक। लोकसभा में शून्यकाल की अवधि कितनी होती है? इसे सुनेंरोकेंलोक सभा में ”शून्यकाल” की अवधि अधिक से अधिक कितनी हो सकती है? लोक सभा में प्रश्नकाल के बाद का समय शून्यकाल कहा जाता है जिसकी अवधि अधिकतम 1 घंटा हो सकती है, जिसे ‘जीरो ऑवर’ (Zero Hour) भी कहा जाता है। यह सामान्यतः दोपहर 12 से 1 बजे तक का समय होता है। लोकसभा में 1 दिन में 1 सदस्य अधिकतम कितने तारांकित प्रश्न पूछ सकते हैं? इसे सुनेंरोकेंलोकसभा का कोई सदस्य एक दिन में अधिकतम पांच प्रश्न तक कर सकता है। इनमें भी तारांकित श्रेणी का सिर्फ एक प्रश्न पूछ सकता है। राज्यसभा में कोई सदस्य तारांकित श्रेणी के तीन प्रश्न तक पूछ सकता है। पूरक प्रश्न क्या है? इसे सुनेंरोकेंपूरक प्रश्न MEANING IN ENGLISH – EXACT MATCHES अध्यक्ष सामान्यतया एक प्रश्न पूछने के लिए सत्ता पक्ष के सदस्य को ओर दूसरा प्रश्न पूछने के लिए विपक्ष के सदस्य को पुकारता है. त...

Prashnakal Kya Hota Hai 2022। क्या होता है प्रश्नकाल । प्रश्न काल किसे कहते हैं

By प्रश्नकाल की कब हुई शुरुआत? कितने तरह के हो सकते है प्रश्न? संसदीय प्रक्रिया में प्रश्नकाल क्या है? prashnakal kya hota hai prashnakal kya hota hai: दोस्तों, आज आपके लिए नई जानकारी लेकर आए हैं। प्रश्नकाल क्या होता है? प्रश्न काल किसे कहते हैं? प्रश्नकाल में कितने प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं? इस आर्टिकल में आपको इन सारे सवालों का जवाब हम देने जा रहे हैं। तो अंत तक इसे पढ़िएगा और इस जरूरी जानकारी को शेयर जरूर करिएगा। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं फटाफट। prashnakal kya hota hai सबसे पहले इसे ही जान लेते हैं। 9 आज आप क्या सीखकर जा रहे हैं क्या होता है प्रश्नकाल? अपने देश में प्रश्नकाल का बहुत महत्व है। अपने देश में लोकसभा, राज्यसभा और विधानमंडल की जब भी बैठक होती है तो प्रत्येक बैठक का पहला घंटा प्रश्नकाल कहलाता है। इसे प्रश्नकाल इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसमें प्रश्न पूछे जाते है। प्रश्नकाल एक तरह से टाइम सेगमेंट है, जिसमें सरकार के मंत्रियों से सांसद द्वारा प्रश्न किया जाता है और उन्हें जवाब देना होता है । कब हुई शुरुआत? प्रश्नकाल की शुरुआत सबसे पहले इंग्लैंड में 1721 में हुई । इंग्लैंड से ही प्रभावित होकर भारत ने भी इस पद्धति को अपनाया है। भारत में इसकी शुरुआत “भारतीय परिषद अधिनियम,1892” से माना जाता है। स्वतंत्रता से पूर्व ब्रिटिश शासनकाल में भारत में प्रश्न पूछने पर अनेकों प्रकार की पाबंदियां लगी हुई थीं ,जो स्वतंत्रता के पश्चात समाप्त हो गईं। अब तो खूब प्रश्न पूछे जाते हैं। prashnakal kya hota hai के तहत अब जानिए कि इसकी प्रक्रिया क्या है। प्रश्नकाल की प्रक्रिया हिंदी में इस प्रक्रिया में कुछ सामान्य सी शर्तें रखी गई, जैसे कि ऐसे प्रश्न ना पूछे जाए जिससे किसी के चर...

संसद में क्या होता है शून्यकाल या प्रश्नकाल? इस वक्त पार्लियामेंट में ऐसे होती है कार्यवाही

प्रश्नकाल में सवाल पूछने का एक पैटर्न होता है, जिसमें तीन तरह के सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें शॉर्ट नोटिस आदि सवाल पूछे जाते हैं. वहीं शून्यकाल की व्यवस्था अलग होती है और इसमें बगैर तय कार्यक्रम के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार कर सकते हैं. वहीं, लोकसभा में शून्यकाल तब तक खत्म नहीं होता, जबतक लोकसभा के उस दिन का एजेंडा खत्म नहीं हो जाता. अलग अलग होता है टाइम- यह टाइम राज्यसभा और लोकसभा में अलग अलग होता है. राज्यसभा में पहले शून्यकाल यानी जीरो आवर होता है और उसके बाद प्रश्नकाल होता है. वहीं, लोकसभा में कार्यवाही की शुरुआत ही प्रश्नकाल से होती है. राज्यसभा में शून्यकाल से सदन की कार्यवाही की शुरुआत होती है और इसमें बाद प्रश्नकाल होता है.