प्रतिरोध का सूत्र

  1. प्रतिरोध किसे कहते हैं
  2. प्वॉइजली का सूत्र या नियम (poiseuille’s equation in hindi)
  3. प्रतिरोध क्या है
  4. प्रतिरोध का संयोजन, श्रेणी क्रम संयोजन, समांतर क्रम बताइये
  5. प्रतिरोध की गणना : Resistance Value in Hindi ?
  6. विद्युत प्रतिरोध क्या है, परिभाषा सूत्र मात्रक लिखिए प्रभावित करने वाले कारक vidyut pratirodh
  7. प्रतिरोध और प्रतिरोधकता : परिभाषा, अंतर व सूत्र
  8. प्रतिरोध और प्रतिरोधकता : परिभाषा, अंतर व सूत्र
  9. प्रतिरोध की गणना : Resistance Value in Hindi ?
  10. विद्युत प्रतिरोध क्या है, परिभाषा सूत्र मात्रक लिखिए प्रभावित करने वाले कारक vidyut pratirodh


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प्रतिरोध किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • प्रतिरोध किसे कहते हैं? किसी पदार्थों का वह गुण जिसके कारण वह स्वयं से होने वाले विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता हैं प्रतिरोध कहलाता है और विरोध करने वाले पदार्थ को प्रतिरोधक कहते है। प्रतिरोध का प्रतीक R है तथा इसका मात्रक ओम Ω है। प्रतिरोध को अंग्रेजी में Resistance ( रेजिस्टेंस ) कहा जाता है । प्रत्येक पदार्थ का अपना स्वयं का प्रतिरोध होता है इनमे अंतर केवल इतना है कि किसी पदार्थ का प्रतिरोध कम होता है तथा किसी पदार्थ का प्रतिरोध अधिक होता है जो उस पदार्थ का स्वभाविक गुण होता है। प्रतिरोध की परिभाषा प्रतिरोध की परिभाषा–” चालक द्वारा विद्युत् धारा के प्रवाह में डाली गयी रूकावट को चालक का प्रतिरोध कहते है । ” अर्थात् यह किसी भी पदार्थ का वह गुण है जो पदार्थ के अन्दर से विद्युत् धारा के प्रवाह को निकलने नहीं देता या विद्युत् धारा के प्रवाह में रूकावट या बाधा डालता है, इसको R से दर्शाते हैं और इसकी नापने की इकाई ओम ( Ω ) है । प्रतिरोध का मात्रक प्रतिरोध को R से प्रदर्शित करते हैं तथा प्रतिरोध का मात्रक ओह्म तथा प्रतीक Ω होता है। R = V/I FAQ’s • Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana: एमपी के युवाओ के लिए अवसर, फ्री ट्रेनिंग के साथ पाएं हर महीने ₹10,000, जाने आवेदन प्रक्रिया • Mudra Loan Yojana2023: शुरू करना है खुद का बिजनेस तो सरकार देगी 10 लाख रुपये का लोन! जानें आवेदन प्रक्रिया • PM Maandhan Yojana: सालाना पाइए 36,000 रुपये की पेंशन सिर्फ 200 रुपये निवेश करके • कहां और कैसे भरा जाएगा ‘नारी सम्मान योजना’ का फार्म, जाने पूरी जानकारी • CUET UG Admit Card 2023: जारी हुआ सीयूईटी फेज 4 का एडमिट कार्ड, cuet.samarth.ac.in पर करें डाउनलोड

प्वॉइजली का सूत्र या नियम (poiseuille’s equation in hindi)

(poiseuille’s equation in hindi) प्वॉइजली का सूत्र या नियम : हम जानते है कि किसी पाइप में किसी द्रव के बहने का कारण दाब में अंतर होता है अर्थात जब दो बिन्दुओं या जगहों के मध्य दाब का अंतर होता है तो द्रव उच्च दब वाली जगह से निम्न दाब वाली जगह की तरफ बहता है। दोनों बिन्दुओं या जगहों के मध्य दाब का अंतर जितना अधिक होगा , द्रव उतने ही अधिक माना किन्ही दो बिन्दुओं का दाब क्रमश: P1 तथा P2 है तथा इस दाब में अंतर के कारण यहाँ P2 उच्च दाब बिंदु तथा P1 निम्न दाब बिंदु तथा Q = द्रव या तरल की प्रवाह दर , R = द्रव के प्रवाह के मार्ग में बाधा या प्रतिरोध का मान। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस द्रव या तरल की श्यानता का मान जितन अधिक होता है उसका प्रतिरोध उतना ही अधिक होता है जिससे अधिक जिस नली का लम्बाई अधिक होती है उसका प्रतिरोध उतना ही अधिक होता है तथा जब किसी नली के अनुप्रस्थ क्षेत्रफल को बढाया जाता है तो इसका किसी द्रव या तरल के लिए यदि श्यानता का मान शून्य होता है तो उस द्रव को घर्षणरहित तरल कहा जाता है और इसके लिए प्रतिरोध का मान शून्य होता है। जब कोई द्रव किसी r त्रिज्या वाली नली से बह रहा है , नली की लम्बाई l है तथा द्रव की श्यानता का मान n है तो क्षैतिज में इस द्रव के रेखीय प्रवाह में उत्पन्न प्रतिरोध या बाधा का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –

प्रतिरोध क्या है

Table of Contents • • • Pratirodh Kya Hai In Hindi प्रतिरोध क्या है :- किसी चालक का वह गुणधर्म जो चालक में विद्युत धारा प्रवाह का अवरोध करता है विद्युत प्रतिरोध कहलाता है। इसे R से प्रदर्शित करते हैं। विद्युत धारा के प्रवाह में मुक्त इलेक्ट्रॉन अपनी गति में आयनों से टक्कर करते हैं तथा परमाणुओं से भी टक्कर करते हैं इस प्रकार मुक्त इलेक्ट्रॉनों की गति में अवरोध उत्पन्न होता है यही विद्युत प्रतिरोध है। ऐसी प्रतिरोध जिनको कुछ वांछित मान का बनाया जाता है प्रतिरोध कहलाता है। किसी चालक पर आरोपित विभवांतर और उस में प्रवाहित है विद्युत धारा के अनुपात को चालक का प्रतिरोध कहते हैं। अर्थात R=V/I Pratirodh Ka Matrak प्रतिरोध का मात्रक :- प्रतिरोध का SI मात्रक ओम(चिन्ह Ω) है। प्रतिरोध का विमीय सूत्र [ML²T⁻³A⁻²] है। Pratirodh Ko Prabhavit Karne Wale Karak प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक : –प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले निम्न कारक हैं। 1. लंबाई पर : –लंबे तार का प्रतिरोध अधिक तथा छोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अर्थात किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लंबाई l के अनुक्रमानुपाती होता है। R ∝ l 2. क्षेत्रफल : – पतले तार का प्रतिरोध अधिक तथा मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अर्थात किसी चालक का प्रतिरोध R उसके क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाति होता है। R ∝1 /A 3. पदार्थ की प्रकृति पर : –किसी चालक का प्रतिरोध R उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात यदि किसी चालक में इलेक्ट्रॉन की संख्या अधिक है, तो प्रतिरोध कम होगा। R∝1/n 4. ताप पर : –किसी चालक का प्रतिरोध श्रान्तिकाल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। ताप बढ़ाने पर श्रान्तिकाल का मान घट जाता है। और प्रतिरोध अधिक हो ज...

प्रतिरोध का संयोजन, श्रेणी क्रम संयोजन, समांतर क्रम बताइये

प्रतिरोध का संयोजन विभिन्न कार्यों के लिए हमें कभी-कभी एक से अधिक प्रतिरोधों को जोड़ने की आवश्यकता पड़ती है। दो या दो से अधिक प्रतिरोधों के जोड़ने को ही प्रतिरोध का संयोजन कहते हैं। प्रतिरोध के संयोजन के दो क्रम होते हैं। (i) श्रेणी क्रम संयोजन (ii) समांतर श्रेणी संयोजन (i) प्रतिरोध का श्रेणी क्रम संयोजन :- श्रेणी क्रम संयोजन में पहले प्रतिरोध का दूसरा सिरा, दूसरे प्रतिरोध के पहले सिरे से तथा दूसरे प्रतिरोध का दूसरा सिरा तीसरे प्रतिरोध के पहले सिरे से जोड़ देते हैं। और आगे भी प्रतिरोधों को इसी क्रम में जोड़ देते हैं। तो प्रतिरोध के इस संयोजन को श्रेणी क्रम संयोजन कहते हैं। प्रतिरोध का श्रेणी क्रम संयोजन माना तीन प्रतिरोध R 1, R 2 व R 3 श्रेणी क्रम में जोड़े गये हैं। तो इनमें समान धारा i प्रवाहित होगी यदि इनके सिरों पर विभवांतर V 1, V 2 व V 3 है। तो V 1 = iR 1, V 2 = iR 2 तथा V 3 = iR 3 कुल विभांतर V = V 1 + V 2 + V 3 तो V = iR 1 + iR 2 + iR 3 समी. ① यदि तीनों प्रतिरोध का तुल्य प्रतिरोध R है। तो V = iR समी. ② अब समी. ② से V का मान समी. ① में रखने पर iR = iR 1 + iR 2 + iR 3 iR = i(R 1 + R 2 + R 3) R = (R 1 + R 2 + R 3) अतः स्पष्ट है। कि तीन या अधिक प्रतिरोध श्रेणी क्रम में जोड़े हों तो उसका तुल्य प्रतिरोध तीनों प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है। प्रतिरोध के श्रेणी क्रम संयोजन में जुड़े सभी प्रतिरोध पर धारा का मान समान रहता है। प्रतिरोध का समांतर क्रम संयोजन :- समांतर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोध के एक सिरे को एक बिंदु A से जोड़ देते हैं। तथा सभी प्रतिरोध के दूसरे सिरे को दूसरे बिंदु B से जोड़ देते हैं। और आगे भी प्रतिरोधों को इसी क्रम में जोड़ते हैं। तो प्रतिरोध के इस संयोज...

प्रतिरोध की गणना : Resistance Value in Hindi ?

Any Resistance/Resistor (प्रतिरोध) Calculate Resistance Value a very simple Register is a very important component for electronic and electrician trade whose unit is ohm. About the value of register is represented by color code of 4 or 6 bands. Let us understand what is meant by color code of resistance. and find the value of resistance from its color code • • • • • • • • • • • प्रतिरोध (Resistance) क्या होता है? जब किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह धारा के प्रवाह का विरोध करती है, किसी पदार्थ का यह गुण “प्रतिरोध” कहलाता है, यह विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करता है, इसलिए विद्युत ऊर्जा का मान न्यूनतम होता है। प्रतिरोध की इकाई प्रतिरोधों में रंगीन बैंड (Color Band) क्या होता है? जिन प्रतिरोधो का आकार बड़ा होता है उनका मान प्रतिरोधक बॉडी पर प्रिंट कर दिया जाता है परंतु वे प्रतिरोधक जिनका आकार बहुत छोटा है उन पर प्रतिरोधक के मान को प्रिंट करना आसान नहीं होता साथ ही सर्किट में लगे प्रतिरोधक का मान किसी कारणवश मिट जाने के कारण उनके मान को पढ़ पाना आसान नहीं होता है अतः इन्हीं कारणों से प्रतिरोध को की कलर कोडिंग(Resistance Color Coding in Hindi) की आवश्यकता होती है भिन्न-भिन्न उपयोगी • पहला रंग कभी भी काला गोल्डन या सिल्वर नहीं होता है| • गोल्डन या सिल्वर रंग हमेशा दो या तीन रंगों के पश्चात आते हैं| • किसी भी प्रतिरोधक पर अधिकतम 6 व कम से कम तीन रंग हो सकते हैं| प्रतिरोध का पहला व दूसरा कलर बैंड क्या दर्शाता है? किसी प्रतिरोधक का पहला रंग और दूसरा रंग प्रतिरोधक के मान के प्रथम और द्वितीय अंक को दर्शाता है जैसे कलर चार्ट से समझते हैं जैसे माना कि ...

विद्युत प्रतिरोध क्या है, परिभाषा सूत्र मात्रक लिखिए प्रभावित करने वाले कारक vidyut pratirodh

कुछ पदार्थों में ताप तथा प्रतिरोधकता के बीच असामान्य सम्बन्ध होते हैं। जैसे-जैसे पदार्थ को ठंडा किया जाता है, पदार्थ की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की भाँति घटती जाती है लेकिन एक विशेष ताप से नीचे ठंडा होने पर प्रतिरोधकता बहुत तेजी से घटकर शून्य होती है। इस घटना को अतिचालकता (Super Conductivity) कहते हैं तथा इस पदार्थ को अतिचालक कहते हैं।

प्रतिरोध और प्रतिरोधकता : परिभाषा, अंतर व सूत्र

Difference between Resistance and Resistivity in Hindi :- प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता दोनों ही टॉपिक इलेक्ट्रिसिटी अध्याय का महत्वपूर्ण टॉपिक हैं. प्रतिरोध और प्रतिरोधकता से सम्बंधित प्रश्न अक्सर परिक्षावों में पूछे जाते हैं. जैसे कि प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर लिखिए, Resistance and Resistivity दोनों ही टॉपिक विद्यार्थियों के लिए एक उलझन बनी रहती है. अतः इन दोनों ही टॉपिक को इस पोस्ट के जरिये बताया गया है ताकि विद्यार्थी प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता में अंतर को समझ सकते तथा बता सकें. Difference between Resistance and Resistivity, Definition and Formula in Hindi प्रतिरोधकता और प्रतिरोध में अंतर बताने से पहले दोनों का परिभाषा, सूत्र व मात्रक को जानना अति आवश्यक है. अगर विद्यार्थी परिभाषा, सूत्र व मात्रक को समझ लेते हैं तो उन्हें प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर बताने में कोई दिक्कत नहीं होगी. प्रतिरोध किसे कहते हैं? Definition of Resistance प्रतिरोध का परिभाषा, ” प्रतिरोध किसी भी पदार्थ का वह भौतिक गुण होता है जो कि किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा या मुक्त इलेक्ट्रानों के प्रवाह का विरोध करता है.“ या दुसरे शब्दों में “ किसी चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर तथा चालक में प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को प्रतिरोध (Resistance) कहते हैं.” प्रतिरोध को “R” से प्रदर्शित करते हैं. Resistance या प्रतिरोध का सूत्र :- प्रतिरोध का मात्रक (Unit of Resistance) :- मात्रक = वोल्ट / एम्पियर या ओम प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? Definition of Resistivity किसी भी चालक पदार्थ का प्रतिरोध उस पदार्थ के लम्बाई (L) के समानुपाती तथा पदार्थ के अनुप्रस्थ काट या परिच्छेद के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क...

प्रतिरोध और प्रतिरोधकता : परिभाषा, अंतर व सूत्र

Difference between Resistance and Resistivity in Hindi :- प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता दोनों ही टॉपिक इलेक्ट्रिसिटी अध्याय का महत्वपूर्ण टॉपिक हैं. प्रतिरोध और प्रतिरोधकता से सम्बंधित प्रश्न अक्सर परिक्षावों में पूछे जाते हैं. जैसे कि प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर लिखिए, Resistance and Resistivity दोनों ही टॉपिक विद्यार्थियों के लिए एक उलझन बनी रहती है. अतः इन दोनों ही टॉपिक को इस पोस्ट के जरिये बताया गया है ताकि विद्यार्थी प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता में अंतर को समझ सकते तथा बता सकें. Difference between Resistance and Resistivity, Definition and Formula in Hindi प्रतिरोधकता और प्रतिरोध में अंतर बताने से पहले दोनों का परिभाषा, सूत्र व मात्रक को जानना अति आवश्यक है. अगर विद्यार्थी परिभाषा, सूत्र व मात्रक को समझ लेते हैं तो उन्हें प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर बताने में कोई दिक्कत नहीं होगी. प्रतिरोध किसे कहते हैं? Definition of Resistance प्रतिरोध का परिभाषा, ” प्रतिरोध किसी भी पदार्थ का वह भौतिक गुण होता है जो कि किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा या मुक्त इलेक्ट्रानों के प्रवाह का विरोध करता है.“ या दुसरे शब्दों में “ किसी चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर तथा चालक में प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को प्रतिरोध (Resistance) कहते हैं.” प्रतिरोध को “R” से प्रदर्शित करते हैं. Resistance या प्रतिरोध का सूत्र :- प्रतिरोध का मात्रक (Unit of Resistance) :- मात्रक = वोल्ट / एम्पियर या ओम प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? Definition of Resistivity किसी भी चालक पदार्थ का प्रतिरोध उस पदार्थ के लम्बाई (L) के समानुपाती तथा पदार्थ के अनुप्रस्थ काट या परिच्छेद के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क...

प्रतिरोध की गणना : Resistance Value in Hindi ?

Any Resistance/Resistor (प्रतिरोध) Calculate Resistance Value a very simple Register is a very important component for electronic and electrician trade whose unit is ohm. About the value of register is represented by color code of 4 or 6 bands. Let us understand what is meant by color code of resistance. and find the value of resistance from its color code • • • • • • • • • • • प्रतिरोध (Resistance) क्या होता है? जब किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह धारा के प्रवाह का विरोध करती है, किसी पदार्थ का यह गुण “प्रतिरोध” कहलाता है, यह विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करता है, इसलिए विद्युत ऊर्जा का मान न्यूनतम होता है। प्रतिरोध की इकाई प्रतिरोधों में रंगीन बैंड (Color Band) क्या होता है? जिन प्रतिरोधो का आकार बड़ा होता है उनका मान प्रतिरोधक बॉडी पर प्रिंट कर दिया जाता है परंतु वे प्रतिरोधक जिनका आकार बहुत छोटा है उन पर प्रतिरोधक के मान को प्रिंट करना आसान नहीं होता साथ ही सर्किट में लगे प्रतिरोधक का मान किसी कारणवश मिट जाने के कारण उनके मान को पढ़ पाना आसान नहीं होता है अतः इन्हीं कारणों से प्रतिरोध को की कलर कोडिंग(Resistance Color Coding in Hindi) की आवश्यकता होती है भिन्न-भिन्न उपयोगी • पहला रंग कभी भी काला गोल्डन या सिल्वर नहीं होता है| • गोल्डन या सिल्वर रंग हमेशा दो या तीन रंगों के पश्चात आते हैं| • किसी भी प्रतिरोधक पर अधिकतम 6 व कम से कम तीन रंग हो सकते हैं| प्रतिरोध का पहला व दूसरा कलर बैंड क्या दर्शाता है? किसी प्रतिरोधक का पहला रंग और दूसरा रंग प्रतिरोधक के मान के प्रथम और द्वितीय अंक को दर्शाता है जैसे कलर चार्ट से समझते हैं जैसे माना कि ...

विद्युत प्रतिरोध क्या है, परिभाषा सूत्र मात्रक लिखिए प्रभावित करने वाले कारक vidyut pratirodh

कुछ पदार्थों में ताप तथा प्रतिरोधकता के बीच असामान्य सम्बन्ध होते हैं। जैसे-जैसे पदार्थ को ठंडा किया जाता है, पदार्थ की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की भाँति घटती जाती है लेकिन एक विशेष ताप से नीचे ठंडा होने पर प्रतिरोधकता बहुत तेजी से घटकर शून्य होती है। इस घटना को अतिचालकता (Super Conductivity) कहते हैं तथा इस पदार्थ को अतिचालक कहते हैं।