पुष्य नक्षत्र कब है 2023

  1. Pushya Nakshatra January 2023 Date Muhurt Best Day For Auspicious Work And Shopping
  2. गुरु पुष्य नक्षत्र कब है अप्रैल में? क्या हैं संयोग?
  3. Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance
  4. आज का पंचांग 14 जून 2023: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय
  5. पुष्य नक्षत्र 2023 भविष्यवाणी
  6. Guru Pushya Yog 2023:इस दिन बनेगा गुरु पुष्य योग, शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त


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Pushya Nakshatra January 2023 Date Muhurt Best Day For Auspicious Work And Shopping

Ravi Pushya Nakshtra 2023: हिंदू धर्म में पुष्य नक्षत्र योग को कुल 27 नक्षत्रों में सबसे श्रेष्ठ व उत्तम माना गया है. कहा जाता है कि भगवान श्रीराम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था. पुष्य नक्षत्र का संयोग जिस वार के साथ होता है, इसे उसी वार के नाम से जाना जाता है. इनमें सबसे अधिक शुभ रवि पुष्य, शनि पुष्य और गुरु पुष्य नक्षत्र को माना जाता है. 8 जनवरी यानी आज साल का पहला रवि पुष्य नक्षत्र है. पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में मांगलिक कार्य और खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है. खासतौर से इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ होता है. रवि पुष्य संयोग में करें ये काम ज्योतिष शास्त्र में रवि पुष्य का संयोग समृद्धि और वैभव में वृद्धि कराने वाला माना गया है. इस विशेष योग में सोना खरीदना अत्यंत शुभ होता है. माना जाता है कि इस योग के प्रभाव से खरीदे गए सोने में लगातार वृद्धि होती रहती है. अगर आप नया सोना खरीदने की स्थिति में नहीं हैं तो कोई बात नहीं. घर में जो भी सोना रखा है उनका हल्दी और चंदन से पूजन करना भी उतना ही शुभ माना जाता है. रवि पुष्य के इस संयोग में पारद का श्रीयंत्र घर आएं और विधि पूर्वक इसकी पूजा कर अपने तिजोरी में स्थापित करें. पुष्य नक्षत्र योग में क्या करें पुष्प नक्षत्र में सोना खरीदना शुभ माना जाता है. अगर आप सोना नहीं खरीद सकते तो पीतल या चांदी भी खरीदा जा सकता है. क्योंकि हिंदू धर्म में इन धातुओं को शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना गया है. पुष्य नक्षत्र में वाहन, भवन, भूमि आदि भी खरीदना शुभ होता है. अगर आप किसी कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं या भवन आदि का निर्माण कराना चाहते हैं तो पुष्य नक्षत्र का दिन बहुत शुभ है. पुष्य नक्षत्र के दिन आप अपने सामार्थ्यनुसार दान-...

गुरु पुष्य नक्षत्र कब है अप्रैल में? क्या हैं संयोग?

Guru pushya nakshatra 2023 : पुष्य नक्षत्र का शुभ योग हर महीने में बनता है। पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है अत: इस नक्षत्र में खरीदी की गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक उपयोगी रहती है तथा शुभ फल प्रदान करती है। शनिवार को पड़ने वाले शनि पुष्य, रविवार के दिन होने वाले नक्षत्र को रवि पुष्य, गुरुवार के दिन आने वाले पुष्य नक्षत्र को गुरु पुष्य कहते हैं। क्या खरीदें : पुष्य नक्षत्र पर बृहस्पति (गुरु), शनि और चंद्र का प्रभाव होता है इसलिए सोना, चांदी, लोहा, बही खाता, परिधान, उपयोगी वस्तुएं खरीदना और बड़े निवेश करना इस नक्षत्र में अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है। स्वामी शनि है अत: लोहा और चंद्र का प्रभाव रहता है इसलिए चांदी खरीदते हैं। स्वर्ण, लोहा या वाहन आदि और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है। गुरु पुष्य नक्षत्र के संयोग में भूमि की रजिस्ट्री करने, नए कामों की शुरुआत करने और वाहन खरीदने का अच्छा योग है।

Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance

Ashadha Masik Shivratri 2023: त्रिनेत्रधारी भगवान शंकर को भोलेनाथ कहा गया है, शिव मन के भोले हैं. कहते हैं जो सच्चे मन से एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित कर दे तो महादेव उसके समस्त कष्ट हर लेते हैं. वैसे तो हर सोमवार शिव जी को समर्पित है लेकिन हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी गई है, इस तिथि के मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. शिव की प्रिय शिवरात्रि तिथि पर रात्रि में जागरण कर पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 डेट (Ashadha Masik Shivratri 2023 Date) आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि का व्रत 16 जून 2023 को रखा जाएगा. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. इस तिथि पर शिव जी का विवाह हुआ था वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर पहली बार महादेव का शिवलिंग के रूप में प्राक्ट्य माना जाता है. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Ashadha Masik Shivratri 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून 2023 को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 17 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर पर होगी. • शिव पूजा का समय - 17 जून 2023, प्रात: 12.02 - प्रात: 12.42 रात्रि में क्यों होती है शिव पूजा (Shiv Puja at Night Significance) चतुर्दशी तिथि पर रात्रि में शिव का विवाह हुआ था. शिव संहार के देवता है, इसलिए उन्हें रात्रि प्रिय है. रात्रि संहार काल की प्रति...

आज का पंचांग 14 जून 2023: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

आज का पंचांग 14 जून 2023: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय आज का पंचांग 14 जून 2023: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय By June 14, 2023 06:48 AM 2023-06-14T06:48:54+5:30 2023-06-14T06:48:54+5:30 आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ अभिजीत मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है। तिथि एकादशी, 08:49 तक नक्षत्र अश्विनी, 13:40 तक योग अतिगंड, 29:59 तक करण प्रथम- बालव, 08:49 तक द्वितीय- कौलव, 20:38 तक वार बुधवार सूर्योदय 05:22 सूर्यास्त 19:19 चन्द्रोदय 26:57 चन्द्रास्त 14:48 अमांत ज्येष्ठ पूर्णिमांत आषाढ़ पक्ष कृष्ण ऋतु ग्रीष्म सूर्य राशि वृष चंद्र राशि मेष राहुकाल 12:21:15 से 14:05:54 तक अभिजीत मुहूर्त नहीं है विक्रमी संवत् 2080 शक संवत् 1945 शोभकृत हिन्दू शास्त्र के अनुसार, पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार हैं। हिन्दू धार्मिक परंपरा में किसी भी शुभ मुहूर्त को निकालने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है। भारतीय पंचांग ग्रह, नक्षत्र की चाल पर आधारित है, जिसकी गणना सटीक होती है। यही कारण है कि हिन्दू संस्कृति में शादी-मुंडन, गृह प्रवेश सहित सोलह संस्कार एवं महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य के लिए पंचांग से शुभ मुहुर्त निकाला जाता है।

पुष्य नक्षत्र 2023 भविष्यवाणी

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Guru Pushya Yog 2023:इस दिन बनेगा गुरु पुष्य योग, शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त

Guru Pushya Yog 2023: इस दिन बनेगा गुरु पुष्य योग, शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त विस्तार Guru Pushya Yog 2023 : इस साल 25 मई को दुर्लभ गुरु पुष्य योग बन रहा है। दुर्लभ इसलिए है क्योंकि मई के बाद ऐसा योग फिर दिसंबर में आएगा। 25 मई को गुरु पुष्य योग समेत 5 शुभ योग बन रहे है। उस दिन वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे हैं। 25 मई को आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, उसमें कई गुना वृद्धि होगी। इस दिन आप विवाह को छोड़कर बाकी सभी मांगलिक कार्य कर सकते हैं। कानपुर के ज्योतिषाचार्य पं। मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि गुरू पुष्य योग एक बहुत ही विशिष्ट और महत्वपूर्ण योग माना जाता है। ज्योतिष में इस योग की बहुत महत्ता है। इस योग के समय किए गए कार्यों में सफलता एवं शुभता की संभावना में वृद्धि होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों में श्रेष्ठ माना जाता है। वहीं पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों में राजा की उपाधि दी गई है। इस नक्षत्र में प्रारंभ किए गए कार्यों का फल बहुत उत्तम प्राप्त होता है। पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है अत: इसके समय किए गए कार्यों में स्थायित्व का भाव मौजूद होता है। कब बनता है गुरु पुष्य योग? ज्योतिष के अनुसार, जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है, तब यह दुर्लभ गुरु पुष्य योग बनता है। गुरु पुष्य योग को गुरु पुष्य नक्षत्र योग भी कहते हैं। यह बड़ा शुभ फलदायी होता है। पूरे वर्ष यदि आपको कोई दिन शुभ कार्य के लिए नहीं मिल रहा हो तो गुरु पुष्य योग वाले दिन वह कार्य कर सकते हैं। कब से कब तक है गुरु पुष्य योग 2023 25 मई को गुरु पुष्य योग सूर्योदय के समय से लेकर शाम 05 बजकर 54 मि...