पयार्वरण पर निबंध

  1. Essay Environment in Hindi
  2. पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 1000 शब्दों वाला
  3. पेड़ पर कविता Poem on Tree in Hindi
  4. पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Paryavaran Sanrakshan Essay In Hindi)


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Essay Environment in Hindi

Table of Contents 1 • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पर्यावरण किसे कहते हैं? उदाहरण सहित पर्यावरण शब्द ‘ परि‘ + ‘ आवरण‘ से मिलकर बना है। परि का अर्थ है चारों ओर तथा आवरण का अर्थ घेरा होता है। अर्थात् हमारे चारों ओर जो कुछ भी दृश्यमान एवं अदृश्य वस्तुएँ हैं, वही पर्यावरण है। दूसरे शब्दों में हमारे आस-पास जो भी पेड़-पौधें, जीव-जन्तु, जल, वायु, प्रकाश, मिट्टी आदि तत्व हैं वही हमारा पर्यावरण है। Essay Environment in Hindi पर्यावरण पर निबंध (पर्यावरण संरक्षण / प्रदूषण) इसके कुछ अन्य शीर्षक इस प्रकार से हैं जिस पर इस निबंध को लिखा जा सकता है- • प्रदूषण की समस्या • पर्यावरण प्रदूषण • पर्यावरण प्रदूषण समस्या और निदान • प्रदूषण कारण और निदान • पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्व • पर्यावरण का जीवन में महत्व Essay Environment in Hindi – पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में पर्यावरण पर निबंध 100 शब्दों में (पर्यावरण पर निबंध 10 लाइन) पर्यावरण – हमारा जीवन • पृथ्वी के चारों ओर फैले आवरण को ही पर्यावरण कहते हैं। • धरती पर जीवन जीने के लिए पर्यावरण प्रकृति का उपहार है। • पर्यावरण के अंतर्गत हवा, पानी, पेड़-पौधे इत्यादि आते हैं। • किसी सजीव प्राणी के जीवन के लिए आवश्यक सभी तत्व पर्यावरण से ही उपलब्ध होते हैं। • प्राकृतिक व कृत्रिम आपदा के वजह से दिन प्रति दिन पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। • पर्यावरण के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। • भविष्य में जीवन को बचाये रखने के लिए हमें पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। • वृक्षारोपण करना पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के कारगर उपाय है। • यह पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। • 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया ज...

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 1000 शब्दों वाला

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 200, 500 या 1000 शब्दों मे लिखने के लिए यंहा दी गयी जानकारी को फॉलो करें। पर्यावरण प्रदूषण की प्रस्तावना, यह क्या है, इसकीं परिभाषा, कारण और निवारण साथ ही नियंत्रण के उपाय भी जाने। पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध प्रकृति द्वारा हमारे जीवन का संरक्षण हमें मिलता है। परन्तु, आधुनिकता के चलते मनुष्य अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने लगा। जिसका परिणाम आज हमारे आसपास प्रदूषण के रूप में दिखाई देता है। प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों को हानि पहुँचाती है। पर्यावरण प्रदूषण का मतलब होता है पर्यावरण के तत्वों में आने वाले जहरीले और विषाक्त पदार्थों के संचय और प्रचार से होने वाला नुकसान। यह नुकसान पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और सम्पदा को धीमे धीमे नष्ट कर देता है। अधिकतर पर्यावरण प्रदूषण का कारण हमारी असंतुलित और अधिक उपयोग की अभिव्यक्ति है। जल प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है, जो विभिन्न प्रकार के जल स्रोतों में मौजूद जहरीले तत्वों के कारण होता है। पर्यावरण प्रदूषण प्रस्तावना पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो समस्त मानव जाति के लिए खतरा है। विकास के साथ-साथ जल, जमीन और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। इसके असर समस्त प्राकृतिक पदार्थों और जीव-जन्तुओं पर पड़ रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण के कारण सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं जो समाज के लिए बहुत खतरनाक होती हैं। इसलिए, इस समस्या को हल करने के लिए आवश्यक है कि हम सभी इस बारे में जागरूक हों और इस समस्या के निवारण के लिए कार्रवाई करें। इस समस्या का समाधान केवल सरकारी अधिकारियों द्वारा ही नहीं किया जा सकता। इसमें हमारी सभी ...

पेड़ पर कविता Poem on Tree in Hindi

यहाँ हिंदी में लिखी गई पेड़ की कविताएँ अरुणा गुप्ता की मौलिक कविताएँ हैं. अरुणा Hihindi के पाठकों के लिए नियमित रूप से पोइट्री पर लिखती हैं. उम्मीद करते है आपको उनकी ये रचनाएं पसंद आएगी. पेड़ से ही हमारे मेज़, कुर्सी, बिस्तर, दरवाजे, खिड़की को बनाया जाता है। हमारे जीवन की जरुरत बन चुके हैं पेड़। इनकी लकड़ी, पत्ते, जड़ें सब हमारे जीवन की जरुरत बन चुका है। पेड़ से हमें बहुत कुछ मिलता है जैसे ये दवा में काम आते हैं, हम फल देते हैं और बहुत किस्म के फूल भी देते हैं। जिनसे परफ्यूम बनते हैं। इस प्रकार आर्थिक विकास में सहायक हैं। पेड़ बारिश के पानी को ले लेते हैं और उन्हें धरती में धारण करते हैं। यह साफ पानी को नालों में बर्बाद होने से रोकता है। बारिश और बाढ़ के दौरान मिट्टी को धुलने से बचाती है और इस प्रकार भूस्खलन और मिट्टी के कटाव को रोकती है। धरती के श्रृंगार हैं पेड़ कविता धरती के श्रृंगार हैं पेड़, जीवन के आधार हैं पेड़ | पेड़ हमे छाया देते हैं स्वय शीत गर्मी सहते हैं बिना मुकुट के राजा हैं ये कितने मनमोहक लगते हैं | जंगल के परिवार पेड़ हैं, पंछी के घर बार पेड़ हैं | Telegram Group जहाँ पेड़ हैं, शीतलता हैं शीतलता से मेघ बरसते, सूखी धरती हरियाती हैं ताल-तलैया सारे भरते | धरती के उपहार पेड़ हैं, खुशहाली के द्वार पेड़ हैं | स्वस्थ बनाते,श्रम हर लेते हमे फूल, फल मेवे देते, करते हैं सम्पन्न सभी को पर न किसी से कुछ भी लेते | करते नित उपकार पेड़ हैं, सेवा के अवतार पेड़ हैं | Ped Hai Jivan Mein Upyogi – पेड़ पर कविताएं पेड हैं जीवन मे उपयोगी धरती क़ी सुरक्षा इन्ही से होगीं पेड ही पंछियो का घर हैं इसी पर मानवज़ाति निर्भंर हैं पेड हैं तो हैं पीनें का पानी इसी से आयेगी वर्षां रानी पेड कटनें से ...

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Paryavaran Sanrakshan Essay In Hindi)

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Paryavaran Sanrakshan Essay In Hindi) प्रस्तावना पर्यावरण यानि ऐसा आवरण जो हमें चारों तरफ से ढंक कर रखता है, जो हमसे जुड़ा है और हम उससे जुड़े हैं और हम चाहें तो भी खुद को इससे अलग नहीं कर सकते हैं। प्रकृति और पर्यावरण एक दूसरे का अभिन्न हिस्सा हैं। कोई भी व्यक्ति या वस्तु चाहे वो सजीव हो या निर्जीव, पर्यावरण के अन्तर्गत ही आती है। पर्यावरण से हमें बहुत कुछ मिलता है, लेकिन बदले में हम क्या करते हैं? हम अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस पर्यावरण और इसकी अमूल्य संपदा का हनन करने पर तुले हैं। हमारे द्वारा कि गई हर अच्छी और बुरी गतिविधि का असर पर्यावरण पर पड़ता है। इस प्रकृति पर मानव ही सबसे अधिक बुद्धिशील प्राणी माना जाता है। अतः पर्यावरण के संरक्षण की जिम्मेदारी भी मनुष्य की ही है। आज हम पर्यावरण संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालकर समाज को इसके लिए जागृत करना चाहते हैं। पर्यावरण पर्यावरण अर्थात् जिस वातावरण में हम रहते हैं। हमारे आस पास मौजूद हर एक चीज, जीव-जंतु, पक्षी, पेड़-पौधे, व्यक्ति इत्यादि सभी से मिलकर पर्यावरण की रचना होती है। हमारा इस पर्यावरण से घनिष्ठ संबंध है और हमेशा रहेगा। प्रकृति और पर्यावरण की अद्भुत सुंदरता देखते ही हृदय में खुशी और उत्साह का संचार होने लगता है। हरे भरे लहलहाते पेड़, आसमान में कलरव करते और चहचहाते पक्षी, जंगल में दौड़ते जीव जंतु, समन्दर में आती और जाती हुई लहरें, कल कल करके बहती हुई नदियां आदि जो मनोरम अहसास करवाते हैं, वो हमें अन्य कहीं से महसूस नहीं हो सकता। फिर भी ये अफ़सोस की बात है कि लोग आज भी इसके महत्व को समझ नहीं पाए हैं और इसे नुकसान पहुंचाते रहते हैं। वे यह नहीं जान पा रहे कि पर्यावरण की हानि...