राजस्थान संगीत नाटक अकादमी

  1. Rajasthan Literature Festival 2023 Begins In Jodhpur From Today CM Ashok Gehlot Will Inaugurate ANN
  2. राजस्थान सरकार ने शुरू की अभिनव पहल, लोक कलाकारों को मिलेगी आर्थिक सहायता
  3. राजस्थान के प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल
  4. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी ने बच्चों के लिए पहली बार उठाया बीड़ा
  5. लालस राजस्थान संगीत अकादमी के सदस्य मनोनीत
  6. पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य शास्त्र कार्यशाला शुरु; नाटक, रंगमंच, संगीत, सौंदर्यशास्त्र साहित्यिक शुरू


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Rajasthan Literature Festival 2023 Begins In Jodhpur From Today CM Ashok Gehlot Will Inaugurate ANN

Jodhpur News: देश और प्रदेश के कई साहित्यकार और कला के मर्मज्ञ आज से अगले तीन दिन तक जोधपुर शहर में अपने आभा बिखेरेंगे. जोधपुर के उम्मेद उद्यान के जनाना बाग में आज से राजस्थान साहित्य उत्सव (Rajasthan Literature Festival) शुरू हो रहा है. इसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) करेंगे. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे. उत्सव के पहले दिन कवि डॉक्टर कुमार विश्वास (Dr Kumar Vishwas) के संचालन में कवि सम्मेलन होगा. इसमें डॉ प्रभा ठाकुर(अजमेर) संपत सरल (जयपुर) डॉक्टर आई दान सिंह भाटी (जोधपुर) दुर्गा दान सिंह और जगदीश सोलंकी (कोटा) अपनी कविताओं का पाठ करेंगे. गांधी-नेहरू के दर्शन पर चर्चा उत्सव के दूसरे दिन यानी रविवार को संवाद सत्र होंगे. इनमें सुबह 10:00 से 11:30 के दौरान दो संवाद सत्र होंगे. इनमें गांधी-नेहरू दर्शन का प्रथम संवाद सत्र फारुख अफरीदी (जयपुर) के संचालन में होगा. इसमें प्रोफेसर सतीश राय (बनारस) और जस्टिस गोविंद माथुर (जोधपुर) वक्ता होंगे. साहित्य और समाज के सरोकार विषय पर वित्तीय समाज सत्र नंद भारद्वाज (जयपुर) की अध्यक्षता में होगा. शंकर सिंह राजपुरोहित (बीकानेर) के संचालन में होने वाले इस सत्र में मालचंद तिवाड़ी व मधु अचार्य (बीकानेर) और ब्रिटिश निर्मोही प्रोफेसर जहूर खान मेहर (जोधपुर) वक्ता होंगे. महिला लेखन कल आज और कल विषय पर तृतीय सत्र डॉक्टर रीमा (जयपुर) की अध्यक्षता में होगा. डॉक्टर मीनाक्षी बोराणा (जोधपुर) के संचालन में होने वाले इस सत्र में रीना मेनारिया (उदयपुर) डॉक्टर रेणुका व्यास (बीकानेर) डॉक्टर शारदा कृष्ण (सीकर) डॉक्टर जेबा रसीद (जोधपुर) वक्त होंगी. चौथा संवाद सत्र वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मीडिया का बदलता...

राजस्थान सरकार ने शुरू की अभिनव पहल, लोक कलाकारों को मिलेगी आर्थिक सहायता

Rajasthan: अब जैसलमेर, बाड़मेर सहित राजस्थान के लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के साथ स्थानीय लोक संस्कृति व परम्पराओं को बढ़ावा देने के लिये राजस्थान सरकार ने एक अभिनव पहल शुरू की है. इसके तहत राजस्थान सरकार प्रति परिवार 100 दिन के स्टेज शो करने का मौका देगी. वरन लोक वाद्य यंत्र खरीदने के लिये प्रति कलाकार परिवार 5000 रूपए आर्थिक सहायता भी मुहैया करवाएगी. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्षा श्रीमति बिनाका जेश मालू ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में बजट घोषणा में मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना प्रारंभ करने की घोषणा की गई है. इस योजना में 100 करोड़ रुपए का लोक कलाकार संबल कोष का गठन किया जाएगा. इस योजना को लागू करने के लिए राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है. जिसके तहत राजस्थान के लोक कलाकारों को अब सरकार की तरफ से स्टेज मिलने से उनको रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही सरकार की तरफ से मोटिवेशन भी मिलेग.। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर ने इसके लिए अकादमी के वेब पोर्टल पर लोक कलाकारों का डाटा कलेक्ट करने का एक फॉर्म भी जारी कर दिया है. अब लोक कलाकार इसमें अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. उन्होंने बताया कि राजस्थान के कलाकारों का डेटा संग्रहण करने के लिये राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के वेब पोर्टल पर राजस्थान कलाकारों के डाटा संग्रहण के लिये एक फॉर्म जारी किया गया है. इसमें प्रदेश भर के लोक कलाकार और बाकी सभी कलाकार अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके अलावा सरकार 5 हजार रुपए प्रति कलाकार परिवार को लोक वाद्य यंत्र खरीदने की आर्थिक सहायता भी मुहैया कराएगी. इस योजना से राज्य के लुप्त हो रहे लोक वाद्य यंत्रों को संरक्षित किया जा सकेगा. इस योज...

राजस्थान के प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल

राजस्थान के प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल जवाहर कला केन्द्र-जयपुर स्थापना - 1993 ई. इस संस्था द्वारा सर्वाधिक सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जयपुर कत्थक केन्द्र-जयपुर स्थापना -1978 ई. रविन्द्र मंच- जयपुर स्थापना -1963 ई. राजस्थान संगीत संस्थान- जयपुर स्थापना - 1950 ई. पारसी रंग मंच - जयपुर स्थापना - 1878 ई. जयपुर के शासक रामसिंह द्वितीय के द्वारा स्थापित है। इसे राम प्रकाश थियेटर भी कहा जाता है। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र - उदयपुर स्थापना - 1986 ई. यह केन्द्र बागौर हवेली में संचालित है। राजस्थान संस्कृत अकादमी - जयपुर स्थापना - 1980 में इस अकादमी का सर्वोच्च पुरस्कार ‘ माघ पुरस्कार’ है। स्वरमंगला राजस्थान संस्कृत अकादमी की त्रैमासिकी संस्कृत -शोध पत्रिका है। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी- जोधपुर स्थापना - 1957 राजस्थान साहित्य अकादमी- उदयपुर स्थापना - जनवरी 1958 ई. भवानी नाट्यशाला - झालावाड़ महाराजा भवानी सिंह द्वारा 1921 ईं. में स्थापित की गई। यह ऑपेरा शैली पर आधारित है। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी - बीकानेर स्थापना - 1983 इस अकादमी द्वारा मासिक पत्रिका ‘ जागती जोत’ का प्रकाशन किया जाता है। पं झाबर मल शर्मा शोध संस्थान- जयपुर स्थापना - 2000 ई. सद्दीक खां मांगणियार लोक कला एवं अनुसंधान परिषद (लोकरंग) - जयपुर स्थापना -2002 ई सद्दीक खां - खडताल वादक भारतीय लोक कला मण्डल -उदयपुर संस्थापक - पद्मश्री देवीलाल सामर स्थापना - 1952 ई. यह कठपुतली के खेल के लिए प्रसिद्ध है। देवीलाल सामर की पुस्तक - राजस्थान का लोक संगीत। मारवाड़ नाटक संस्थान/मारवाड़ लोक कला मण्डल -जोधपुर संस्थापक - लक्ष्मण दास डांगी स्थापना- 1897 ई. मरूधर लोक कला मण्डल - जोधपुर सं...

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी ने बच्चों के लिए पहली बार उठाया बीड़ा

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर द्वारा 24 मई से 12 जून 2023 तक बीस दिवसीय स्टेट लेवल कथक नृत्य प्रशिक्षण शिविर टाउन हॉल आर्ट गैलरी और 25 मई से 8 जून तक 15 दिन चाइल्ड एक्टिंग प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस हॉल में होगा। शिविर में कत्थक प्रशिक्षण बालिकाओं और युवतियों को दो वर्गों में दिया जाएगा। 8 से 15 वर्ष एवं 16 से 25 वर्ष आयु वर्ग और बाल नाट्य प्रशिक्षण शिविर में 8 से 15 वर्ष आयु के प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश मालू ने बताया कि इस प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक आएंगे। कत्थक के लिए महुआ कृष्णदेव दुबई को व चाइल्ड एक्टिंग के लिए अभिषेक मुद्गल जयपुर को बुलाया गया है। अकादमी की वेबसाइट पर भी इसका रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।

लालस राजस्थान संगीत अकादमी के सदस्य मनोनीत

आकाशवाणी उदयपुर के कार्यक्रम प्रमुख व अंतरराष्ट्रीय कमेंटेटर, लेखक और संस्कृति कर्मी महेंद्र सिंह लालस को राजस्थान संगीत अकादमी का सदस्य मनोनीत किया गया है। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर की अध्यक्ष बिनाका मालू ने बताया कि लालस की नियुक्ति लोक कलाओं और संस्कृति के प्रति उनकी निष्ठाओं और कार्य को देखते हुए की गई है। राजस्थान मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और राज्य मंत्री रमेश बोराणा ने भी लालस को बधाई देते हुए उनकी नियुक्ति का स्वागत किया।

पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य शास्त्र कार्यशाला शुरु; नाटक, रंगमंच, संगीत, सौंदर्यशास्त्र साहित्यिक शुरू

इसमें ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन व्याख्यान आयोजित होगे। जिसकी शुरुआत आज सोमवार से हुई। राज्य के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर ऑनलाइन बात करते हुए कहा कि संसार की कोई ऐसी कला,ज्ञान,शिल्प,विद्या,योग कर्म नहीं है,जो नाट्य शास्त्र का अंग न बन सके । इस राष्ट्रीय नाट्यशास्त्र कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में अध्यक्षता कर रहे विश्व विख्यात संस्कृत एवं नाट्य मनीषी प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी ने कहा नाट्यशास्त्र पर केंद्रित पांच दिन की कार्यशाला प्रदेश में अपने ढंग का पहला आयोजन है। नाट्यशास्त्र भारत की अनमोल विरासत है। ढाई हजार साल पहले संस्कृत में रचा गया यह ग्रंथ भारतीय कलाओं का विश्वकोश है तथा साहित्यशास्त्र, सौन्दर्यशास्त्र और नाट्यचिन्तन का भी मूलाधार है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रख्यात फिल्म अभिनेता और रंगकर्मी रघुवीर यादव ने कहा कि यह कार्यशाला नाट्यशास्त्र की बारीकियों को समझने का एक बड़ा अवसर है । नाट्य शास्त्र में निहित रस, भाव और भनिति भंगिमाओं के प्रयोग नाट्यकारों को पूर्ण और परिष्कृत बनाते हैं । भारत के अभिनय संसार के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है ।नाट्यशास्त्र अभिनय का अनुशासन है । कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नाट्यकर्मी रमेश बोराणा ने कहा नाट्य शास्त्र का अध्ययन एक महायज्ञ है ,जो हमें कला, सौंदर्य और साहित्य की पूर्णता का फल प्रदान करता है । इसमें संपूर्ण कलाओं के साथ सभी रस पूर्णता के साथ विद्यमान हैं । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव, गायत्री राठौड़ ने कहा यह राष्ट्रीय कार्यशाला नाट्य प्रेमियों,...