राकेश सचान

  1. up government minister rakesh sachan convicted in 35 years old case from court rkt
  2. Minister Rakesh Sachan acquitted in 33 years old case
  3. राकेश सचान के भाजपा में शामिल होते ही पत्नी के टिकट का वायरल हुआ लेटर जानिए क्या है सच
  4. uttar pradesh news yogi government minister rakesh sachan found guilty in arms act rkt
  5. यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, एक साल की सजा सुनाई गई
  6. योगी का संकट बढ़ाते राकेश सचान! आर्म्स एक्ट में मिली सजा, अब 72 प्लॉट में फंसे


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up government minister rakesh sachan convicted in 35 years old case from court rkt

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है. बता दे किउनके खिलाफ गिट्टी चोरी का मामला कोर्ट में विचाराधीन था.जिसमे कोर्ट में शनिवार को मंत्री राकेश सचान पेशी पर कोर्ट पहुंचे थे. हांलाकि राकेश सचान का कहना है कि उन्हें कोर्ट के फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था. चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी. वही आज कोर्ट में पेशी के लिए उनको बुलाया गया था. ऐसे भी आरोप लगे कि कोर्ट में पेशी के दौरान जज के सामने ही उनके वकील ने कागज छीन लिए और कोर्ट से फरार हो गए. बता दें कि राकेश सचिन कानपुर में किदवई नगर के रहने वाले है राकेश सचान ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी.सबसे पहले वह 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था. उन्होंने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को करीब एक लाख वोटों से हराया था.राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे. वहीं सपा से उनकी तकरार हो गई तब उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था.और 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थामा और भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. राकेश सचान वर्तमान में योगी कैबिनेट में एमएसएमई मंत्री है वहीं राकेश सचान के कोर्ट से फरार और सजा होने पर समाजवादी पार्टी ने भी ट्वीट करके योगी सरकार पर तंज कसा है. सपा ने ट्वीट कर कहा कि सरकारी गिट्टी चोरी के मामले में आज भाजपा सरकार...

Minister Rakesh Sachan acquitted in 33 years old case

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान 33 साल पहले दर्ज केस्को कर्मचारियों से मारपीट के मामले में बरी हो गए। इस मामले में वादी ही मुकर गया। अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव ने दोनों पक्षों की बहस व जिरह के बाद कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को दोषमुक्त कर दिया। सिविल लाइंस स्थित केसा कार्यालय में तैनात अवर अभियंता जेके जैन ने 27 सितंबर 1989 को ग्वालटोली थाने में राकेश सचान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। राकेश सचान के अधिवक्ता कपिल दीप सचान के मुताबिक वादी ने आरोप लगाया था कि राकेश सचान ने अपने साथियों के साथ आकर बिजली के नए कनेक्शन को लेकर हंगामा किया। वह एक उपभोक्ता के नाम नए कनेक्शन के समायोजन के लिए बिना निरीक्षण कराए स्टीमेट तैयार कराना चाहते थे। विभाग के अधिकारी ने निरीक्षण के बाद ही स्टीमेट देने की बात कही तो उसके साथ मारपीट की गई। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के मुताबिक जेके जैन ने कोर्ट में राकेश को पहचानने से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि एक आदमी ने खुद को राकेश सचान बताया था। वह व्यक्ति राकेश सचान था कि नहीं यह वह नहीं बता सकते। वादी ने मारपीट से भी इन्कार कर दिया। अभियोजन पक्ष राकेश पर लगे आरोपों के खिलाफ सुबूत नहीं जुटा पाया। गवाह के न पहचानने व सुबूतों के न होने से कोर्ट ने राकेश को बरी कर दिया।

राकेश सचान के भाजपा में शामिल होते ही पत्नी के टिकट का वायरल हुआ लेटर जानिए क्या है सच

राकेश सचान के भाजपा में शामिल होते ही पत्नी के टिकट का वायरल हुआ लेटर, जानिए क्या है सच समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे राकेश सचान कुछ वर्ष पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। गुरुवार को पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए वह भाजपा में शामिल हो गए थे।उसके बाद पत्नी का बीजेपी से टिकट होने संबंधी लेटर वायरल हो गया। कानपुर, जागरण संवाददाता। UP Vidhan Sabha Chunav 2022: गुरुवार को राकेश सचान के भाजपा में शामिल होने के कुछ घंटे बाद ही उनकी पत्नी सीमा सचान को बिंदकी से टिकट मिलने का पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र पर राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह के हस्ताक्षर है। हालांकि पत्र के वायरल होने के कुछ देर बाद ही भाजपा के कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने इस पत्र को फर्जी बताया। उन्होंने इसे पूरी तरह गलत बताया। समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे राकेश सचान कुछ वर्ष पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह प्रदेश के महामंत्री भी थे और अवध जोन के प्रभारी भी थे। गुरुवार को पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए वह भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने यह भी संकेत किया था कि वह भोगनीपुर या बिंदकी से चुनाव लड़ सकते हैं। उनके भाजपा में शामिल होने के कुछ देर बाद ही भाजपा केंद्रीय कार्यालय का एक पत्र वायरल होने लगा जिसमें उनकी पत्नी व कानपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं सीमा सचान को बिंदकी से टिकट देने की घोषणा की गई। इस पर जब भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने इसे पूरी तरह गलत बताया।

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Kanpur News: योगी सरकार के मंत्री राकेश सचान आज होंगे कोर्ट में पेश, आर्म्स एक्ट का मामला संयुक्त आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि पहले कोर्ट व आसपास से सीसीटीवी फुटेज हासिल करने हैं. इससे पता चलेगा कि घटनाक्रम क्या था और कौन-कौन वहां मौजूद था. पत्र के मुताबिक मंत्री के वकील द्वारा पत्रावली देखने के लिए मांगी गई. Kanpur News: योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान आज कोर्ट में हाजिर होंगे. उनके अधिवक्ता ने बताया कि अदालत से 'जमानत मुचलका' भरे बिना मंत्री राकेश सचान के कोर्ट रूम से 'गायब' होने के आरोपों पर अपना पक्ष रखेंगे. एक दिन पूर्व आर्म्स एक्ट के मामले में फैसला सुरक्षित भी रखा जा चुका है. आज इसपर फैसला भी सुनाया जा सकता है. शनिवार को एसीएमएम तृतीय कोर्ट से फैसला उठा ले जाने के आरोपों में घिरे मंत्री राकेश सचान के एडवोकेट कपिलदीप सचान ने बताया कि शनिवार को सुनवायी के दौरान स्वास्थ्य खराब होने के कारण राकेश हाजिरी माफी का प्रार्थनापत्र देकर चले गए थे. इसके बाद मीडिया में कई तरह की भ्रामक खबरें चलने लगीं. इसे देखते हुए सोमवार को उनके मुवक्क्लि हाजिर होकर पक्ष रखेंगे. शनिवार को कोर्ट ने सचान पर शस्त्रत्त् अधिनियम के 31 साल पुराने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. बताते चले कि शनिवार को एसीएमएम तृतीय की कोर्ट में आर्म्स एक्ट के मुकदमा संख्या 729/1991 थाना नौबस्ता की सुनवाई हो रही थी. इसमें कैबिनेट मंत्री राकेश सचान आरोपित हैं. कोर्ट की रीडर कामिनी द्वारा पुलिस को दिए गए पत्र के अनुसार पत्रावली आदेश हेतु नियत थी, जिसमें पीठासीन अधिकारी ने अभियुक्त राकेश सचान को दोष सिद्ध करार दिया था. सजा के बिन्दु पर सुना गया.उसके बाद पीठासीन अधिकारी आदेश लिखाने हेतु चेम्बर में चले गए. न्याय...

यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, एक साल की सजा सुनाई गई

यूपी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान कानपुर (उत्‍तर प्रदेश): उत्‍तर प्रदेश के कुटीर, लघु एवं मध्‍यम उद्योग मंत्री राकेश सचान को अवैध रूप से हथियार रखने के एक मामले में कानपुर की एक अदालत ने एक साल के कारावास और 1500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है. अभियोजन अधिकारी ऋचा गुप्ता ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सचान ने आज कानपुर के अपर मुख्‍य महानगर मजिस्‍ट्रेट-तृतीय की अदालत में आत्‍मसमर्पण कर दिया. उन्होंने बताया कि उनके साथ उनके वकीलों का एक पैनल भी पहुंचा था और प्रक्रिया पूरी होने के बाद अदालत ने मंत्री को एक साल के कारावास और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनायी.

योगी का संकट बढ़ाते राकेश सचान! आर्म्स एक्ट में मिली सजा, अब 72 प्लॉट में फंसे

कहने को तो वह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) महकमे के मंत्री है, लेकिन उन्होंने बीते 11 माह में योगी सरकार की भारी भरकम फजीहत कराई है. बीते अगस्त में उन्हें कानपुर की एक अदालत ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में दोषी माना था तो वह अदालत से अपनी फाइल ही लेकर फरार हो गए थे और अब फतेहपुर के औद्योगिक क्षेत्र में उनके नाम से 72 प्लॉट आवंटित होने का मामला सामने आया है. मंत्री महोदय ने माना भी लिया है कि वर्ष 2012 में उनकी दो संस्थाओं को यह प्लॉट आवंटित हुए थे. 11 साल पहले आवंटित कराए थे प्लॉट फिलहाल राकेश सचान के यह 72 प्लॉट यूपी में सुर्खियां बन गए हैं. कहा जा रहा है कि सूबे की सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त हुए 33 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों के लिए जमीन खोज के लिए चिंतित है तो वहीं दूसरी तरफ एमएसएमई के मंत्री राकेश सचान के पास फतेहपुर के इंडिस्ट्र्यल एरिया में एक दो नहीं पूरे 72 प्लॉट हैं और यह प्लॉट आज से नहीं वर्ष 2012-13 से उनके अधीन हैं. इनमें से 32 प्लॉट चकहता इंडिस्ट्र्यल एरिया में और 40 प्लाट सुधवापुर इंडस्ट्रियल एरिया में हैं. ‘पहले विधायकी गई अब वोटर लिस्ट से नाम भी कटा…’ कम नहीं हो रहीं अब्दुल्ला की मुसीबतें इन प्लॉटों पर अभी तक राकेश सचान ने कोई फैक्ट्री नहीं लगाई है और न ही अभी तक सरकार ने उनके प्लॉट को कैंसिल ही किया है, जबकि राज्य के हर जिले में सैकड़ों लोग अपना उद्यम लगाने के लिए जमीन खोज रहे हैं और इन लोगों को इंडिस्ट्र्यल एरिया में जमीन मिल नहीं पा रही है. वहीं दूसरी तरफ राकेश सचान की संस्था अभिनव सेवा संस्थान के नाम पर 72 प्लॉट आवंटित हैं और आवंटन के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत की सिक्योरिटी राशि भी अब तक जमा नहीं कराई गई है....