रानी लक्ष्मीबाई को और किस नाम से जाना जाता था

  1. रानी लक्ष्मी बाई का जीवन परिचय हिंदी में, इतिहास, वीरगति, शिक्षा, संघर्ष
  2. Rani Laxmi Bai In Hindi
  3. [Solved] रानी लक्ष्मी बाई को कहाँ दफनाया गया था?
  4. Jhansi Railway Station Will Be Known As Veerangana Laxmibai The Government Has Approved


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झाँसी की रानी प्रश्न 1.‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई (क) इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है? (ख) काली घटा घिरने की बात क्यों कही गयी है? उत्तर-(क) इस पंक्ति में रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव की मृत्यु की ओर संकेत है। (ख) राजा जी की मृत्यु के उपरांत रानी झाँसी के ऊपर एक के बाद एक विपत्ति आने लगी। अंग्रेजों की नीति थी कि वे नि:संतान राजा की मृत्यु के बाद उस राज्य पर अपना अधिकार कर लेते थे। रानी के जीवन में दुख का अंधकार छा गया। इसलिए काली घटा घिरने की बात कही गई है। प्रश्न 2.कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बूढ़ा’ कहकर और उसमें ‘नयी जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं? उत्तर-कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान ने भारत को ‘बूढ़ा इसलिए कहा क्योंकि तब भारत की दशा बहुत शिथिल और जर्जर हो चुकी थी। भारत लंबे समय से अंग्रेजों की गुलामी से हर तरह से कमज़ोर हो रहा था। ‘नई जवानी’ आने की बात कहकर कवयित्री यह बताना चाहती थी कि अपनी खोई हुई आज़ादी को हासिल करने के लिए देश में नया जोश उत्पन्न हो गया था। अब उनमें आशा और उत्साह का नया संचार हो गया। संघर्ष करने की शक्ति आ गई और वे स्वतंत्रता पाने के लिए प्रयास करने लगे प्रश्न 3.झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था? उत्तर-रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम छबीली था। वह इकलौती संतान थी। कानपुर के नाना की वह मुँहबोली बहन थी। लक्ष्मीबाई को मनु के नाम से भी जाना जाता था। उनको बचपन से ही हथियार चलाने का शौक था। शिवाजी की गाथाएँ। लक्ष्मीबाई को जुबानी याद थी। नकली युद्ध करना, व्यूह की रचना करना, किले तोड़ना और शिकार खेलना लक्ष्मीबाई के प्र...

रानी लक्ष्मी बाई का जीवन परिचय हिंदी में, इतिहास, वीरगति, शिक्षा, संघर्ष

विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • रानी लक्ष्मीबाई की जीवनी एक नज़र में नाम मणिकर्णिका उपनाम मनु, रानी लक्ष्मीबाई, छबीली पिता का नाम मोरेपंत तांबे माता का नाम भागीरथी सापरे जन्म 19 नवंबर 1828 जन्मस्थान वारणसी, भारत पदवी रानी विवाह सन 1842 पति का नाम महाराज गंगाधर राव नेवालकर पुत्र का नाम दामोदर राव, आनंद राव उपलब्धियां युद्ध कला में निपुण मृत्यु 17-18 जून 1858 (29वर्ष) मृत्यु स्थल ग्वालियर, भारत रानी लक्ष्मी बाई कौन थी? रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी स्त्री थी, जिन्होंने ब्रिटिश राज्य के खिलाफ और भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेकों युद्ध किए। जिस समय में सभी राज्य अपने-अपने राज्यों को ब्रिटिश के अधीन कर रहे थे, उस समय में महारानी लक्ष्मीबाई ने अपनी झांसी को किसी को भी देने से साफ इनकार कर दिया था और झांसी को अंग्रेजों के चंगुल से स्वतंत्रत कराने के लिए लड़ाई लड़ने लगी। रानी लक्ष्मी बाई एक बहुत ही साहसी स्त्री थी। रानी लक्ष्मीबाई लोगों के प्रति बहुत ही उदार दिल वाली थी। गरीब और आम जनता के लोगों के लिए रानी लक्ष्मीबाई के दिल में एक अलग ही स्थान था। वह उन लोगों के प्रति बहुत ही उदार थी, जो बहुत ही गरीब या फिर लाचार होते थे। रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने का मकसद सिर्फ और सिर्फ गरीब लोगों को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाना था। रानी लक्ष्मीबाई ने अपने संपूर्ण जीवन में किसी के भी अधीन रहकर जीना नहीं चाहा। वह चाहती थी कि वह खुद के भविष्य का निर्धारण स्वयं से करें और उन्होंने ठीक ऐसा ही किया। महारानी लक्ष्मी बाई के साथ स्वतंत्रता संग्राम में न केवल वह थी, परंतु उनके साथ उनके सेनापति चाचा और उनके पिता भी थे। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म रानी लक्ष्मीबाई का ...

Rani Laxmi Bai In Hindi

भारत एक ऐसा देश है जहाँ कई वीरों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया। हमारा देश शिवाजी, भगत सिंह जैसे वीरों को पाकर धन्य हुआ वही रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना को पाकर हमारा देश गौरान्वित हुआ। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के साथ युद्ध करते करते वीरगति को प्राप्त हुई थी। रानी लक्ष्मीबाई का जीवन परिचय हिंदी में (rani laxmi bai in hindi) आज भी लोगों को प्रेरित करता है। रानी लक्ष्मीबाई का जीवन परिचय हिंदी में (Rani Laxmi Bai In Hindi ) देश की आज़ादी में महिलाओं ने भी पुरुषों की तरह अपना सम्पूर्ण जीवन दे दिया। रानी लक्ष्मीबाई भी उनमें से एक थी जिन्हें अंग्रेजों के सामने झुकना कतई मंज़ूर नहीं था। उनमें इतना साहस था कि वो ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ और देश की आज़ादी के लिए बिना डरे युद्ध मैदान में कूद गई। रानी लक्ष्मीबाई की कहानी (rani laxmi bai in hindi) पढ़कर आज भी भारतवासियों में इतनी हिम्मत और जोश आ जाता है कि वो बिना डरे मुसीबत से लड़ने को तैयार हो जाते हैं। झांसी की रानी का इतिहास (rani laxmi bai in hindi) पढ़कर आज भी कई लोग अपनी बेटियों को साहसी बनाने के लिए वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की मिसाल देते हैं। Rani laxmi bai in hindi गाथा आज भी कई समारोह में नाट्य के रूप में लोगों के सामने लाई जाती है। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म कब हुआ था रानी लक्ष्मीबाई जैसी शेर दिल वीरांगना का जन्म एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार में 19 नवंबर 1835 को काशी में हुआ। काशी को आज वाराणसी, जो एक भक्तिमय भूमि है, के नाम से जाना जाता है। उनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था जो एक न्यायालय, बिठुर में पेशवा थे। वो अपने पिता के काम से बहुत प्रभावित थी और शायद इसी कारण उन्हें अपने पिता से बाकी लड़कियों की तुलना में ज्यादा आज़ाद...

[Solved] रानी लक्ष्मी बाई को कहाँ दफनाया गया था?

सही उत्तर है ग्वालियर। • रानी लक्ष्मीबाई की कब्र ग्वालियर के फूल बाग क्षेत्र में स्थित है। • रानी लक्ष्मीबाई को झांसी की रानी भी कहा जाता है, 1857 के भारतीय विद्रोह में एक महत्वपूर्ण छवि थी। Key Points • रानी लक्ष्मी बाई - • ​रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी शहर में हुआ था। • उसका नाम मणिकर्णिका तांबे रखा गया और उसका नाम मनु रखा गया। • उनके पिता मोरोपंत तांबे थे और उनकी माँ भागीरथी सप्रे (भागीरथी बाई) थीं। • 14 साल की उम्र में, उनकी शादी 1842 में झाँसी के महाराजा गंगाधर राव से हुई थी। • उनकी शादी के बाद, उन्हें लक्ष्मीबाई कहा जाता था। • उनके बेटे दामोदर राव का जन्म 1851 में हुआ था, लेकिन चार महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई। • उन्होंने एक पुत्र आनंद राव को गोद लिया था, जिसका नाम बदलकर दामोदर राव रखा गया था। • लॉर्ड डलहौजी ने झाँसी को वापस लेने की मांग की जब महाराजा ने एक चूक का सिद्धांत लागू किया क्योंकि राजा के पास कोई प्राकृतिक उत्तराधिकारी नहीं था। • लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने साम्राज्य को बचाने के लिए सर ह्यू रोज को कड़ी टक्कर दी। • वह 17 जून 1858 को युद्ध के मैदान पर लड़ते हुए मर गए। • जब भारतीय राष्ट्रीय सेना ने अपनी पहली महिला इकाई (1943 में) शुरू की, तो इसका नाम झांसी की बहादुर रानी के नाम पर रखा गया। Additional Information • चूक का सिद्धांत - • यह 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में लॉर्ड डलहौजी द्वारा व्यापक रूप से अनुसरण की गई एक व्याख्या नीति थी। • इसके अनुसार, कोई भी रियासत जो ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण के अधीन थी, जहाँ शासक के पास एक कानूनी पुरुष वारिस नहीं था, कंपनी द्वारा ए...

Jhansi Railway Station Will Be Known As Veerangana Laxmibai The Government Has Approved

Jhansi News: उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कर दिया है. हाल ही में झांसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव मिला था. बता दें कि यूपी सरकार पहले ही तीन प्रमुख स्थानों के नाम बदलकर इलाहाबाद से प्रयागराज, मुगलसराय को दीन दयाल उपाध्याय नगर और फैजाबाद से अयोध्या कर चुकी है. सबसे पहले यूपी के वाराणसी जंक्शन से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया था. ये स्टेशन यूपी के चंदौली जिले के शहर मुगलसराय में आता है. इसके बाद वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन रखा गया है. इलाहाबाद जंक्शन का नाम भी बदल कर प्रयागराज जंक्शन कर दिया गया. इसके अलावा पिछले साल ही नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर सिद्धार्थनगर हो गया है. झांसी का है ऐतिहासिक महत्व झांसी का ऐतिहासिक महत्व है. रानी लक्ष्मीबाई को झांसी वाली रानी के नाम से जाना जाता है. उन्होंने 1857 में महिलाओं की फौज बनाई थी. उनकी फौज ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी. वो 29 साल की उम्र में अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गई थीं. गृह मंत्रालय बदलता है नाम नाम बदलने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय करता है. राज्य सरकार अगर किसी जिले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहती है तो उसे अपना अनुरोध केंद्र सरकार को भेजना पड़ता है. केंद्र सरकार उक्त प्रस्ताव पर इंटेलिजेंस ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण विभाग, रेलवे मंत्रालय जैसे कई विभागों और एजेंसियों को भेज कर एनओसी मांगता है. गृह मंत्रालय नाम बदलने के लिए वर्तमान दिशा-निर्देशों के मुताबिक संबंधित एजेंसियों से विचार-विमर्श करता है. विभाग...