Ramayan chaupai

  1. Ramayan Chaupai MP3 Song Download
  2. रामायण की 99+ प्रसिध्द चौपाई और अर्थ
  3. These 8 Chaupaiyan of Ramayana work as a mantra to eradicate poverty start chanting from Navratri
  4. Chaupai (poetry)


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Ramayan Chaupai MP3 Song Download

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रामायण की 99+ प्रसिध्द चौपाई और अर्थ

रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई॥ रामायण चौपाई हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता कहहि सुनहि बहुविधि सब संता॥ ramayan chaupai श्री गुर पद नख मनि गन जोती। सुमिरत दिब्य दृष्टि हियँ होती॥ दलन मोह तम सो सप्रकासू। बड़े भाग उर आवइ जासू॥ रामायण चौपाई Ramayan Chaupai मृदुल मनोहर सुंदर गाता। सहत दुसह बन आतप बाता॥ की तुम्ह तीनि देव महँ कोऊ। नर नारायन की तुम्ह दोऊ॥ रामायण चौपाई आस्था लेख संग्रह मन क्रम बचन सो जतन बिचारेहु। रामचंद्र कर काजु सँवारेहु॥ भानु पीठि सेइअ उर आगी। स्वामिहि सर्ब भाव छल त्यागी॥ ramayan chaupai रामायण की चौपाई और अर्थ – Ramayan ki Chaupai हो, जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरति देखी तिन तैसी॥ भावार्थ:- जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है।॥ बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥ अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥ रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई का भावार्थ:- मैं गुरु महाराज के चरण कमलों की रज की वन्दना करता हूँ, जो सुरुचि (सुंदर स्वाद), सुगंध तथा अनुराग रूपी रस से पूर्ण है। वह अमर मूल (संजीवनी जड़ी) का सुंदर चूर्ण है, जो सम्पूर्ण भव रोगों के परिवार को नाश करने वाला है॥ Ramayan Chaupai गुरु पद रज मृदु मंजुल अंजन। नयन अमिअ दृग दोष बिभंजन॥ तेहिं करि बिमल बिबेक बिलोचन। बरनउँ राम चरित भव मोचन॥1॥ भावार्थ:- श्री गुरु महाराज के चरणों की रज कोमल और सुंदर नयनामृत अंजन है, जो नेत्रों के दोषों का नाश करने वाला है। उस अंजन से विवेक रूपी नेत्रों को निर्मल करके मैं संसाररूपी बंधन से छुड़ाने वाले श्री रामचरित्र का वर्णन करता हूँ॥ सेवक सठ नृप कृपन कुनारी। कपटी मित्र सूल सम चारी॥ सखा सोच त्यागहु बल मोरें। सब बिधि घटब काज मैं त...

These 8 Chaupaiyan of Ramayana work as a mantra to eradicate poverty start chanting from Navratri

रामायण मानव जीवन को सत्य भक्ति के साथ जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। लेकिन कई विद्वान लोग रामायण के पाठ के अन्य फायदे भी बताते हैं। कथा वाचक विजय कौशल महाराज के अनुसार, जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए रामायण यानी श्री रामचरित मानस की 8 चौपाइयों का रोजाना पाठ करना चाहएि। इन चौपाइयों का रोजाना श्रद्धापूवर्क जाप करने जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती। यानी ये चौपाइयां घर परिवार में खुशहाली लाने के लिए मंत्र का काम करती हैं। उन्हाेंने एक कथा के दौरान कहा कि इन चौपाइयों के पाठ से अमीरी कितनी आएगी ये तो नहीं बता सकते लेकिन गरीबी कभी नहीं आएगी। आपको बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के अयोध्या कांड के शुरू में ही राम विवाह से जुड़ी ये चौपाइयां हैं। श्रद्धालु चाहें ते नवरात्रि से इनका जाप शुरू कर सकते हैं। अयोध्या कांड दोहा- श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। चौपाई 1- जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।। भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।। चौपाई 2- रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।। मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।। चौपाई 3- कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।। सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।। चौपाई 4- मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।। राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।। दोहा सब कें उर अभिलाषु अस कहहिं मनाइ महेसु। आप अछत जुबराज पद रामहि देउ नरेसु।। चौपाई 5- एक समय सब सहित समाजा। राजसभाँ रघुराजु बिराजा।। सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।। चौपाई 6- नृप सब रहहिं ...

Chaupai (poetry)

A chaupai (चौपाई) is a Famous chaupais include those of poet-saint Chaupai is identified by a syllable count 16/16, counted with a value of 1 in case of Hrasva (short sounding letter) and 2 in case of Dirgha (long sounding letter). Examples [ ] Some of the famous 40 chaupais (known as "chalisa"); • • • See also [ ] • •