Ravan ka rahasya

  1. रामायण: रावण का जीवन परिचय, Lines On Ravan In Hindi, Ravan Ka Itihas
  2. The Mystery of Clandestine (TV Movie 2022)
  3. रावण के बारे में अनसुने 10 रहस्य, जानकर चौंक जाएंगे, रावण फिर से हो जाएगा जीवित


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रामायण: रावण का जीवन परिचय, Lines On Ravan In Hindi, Ravan Ka Itihas

त्रेता युग में जन्मा रावण (Ravan Biography In Hindi) एक ऐसा दुष्ट राक्षस था जो भगवान शिव का भी अनन्य भक्त था। उसका जन्म ब्राह्मण-राक्षस कुल में (Ravan Ka Gotra Kya Tha) हुआ था लेकिन उसके अंदर राक्षस प्रवत्ति के गुण ज्यादा थे। ब्राह्मण होने के कारण उसे समस्त वेदों व शास्त्रों का अच्छे से ज्ञान था लेकिन उसके कर्म राक्षसों के समान थे। रावण ने अपने जीवन में कई वरदान व सम्मान प्राप्त किए थे लेकिन उसकी सबसे बड़ी भूल माता लक्ष्मी के अवतार माता सीता का हरण (Lankapati Ravan History In Hindi) करना था जिसने रावण समेत उसके कुल का नाश (Lines On Ravan In Hindi) कर दिया था। आज हम आपको रावण के जन्म से लेकर उसके वध तक की कथा का वर्णन करेंगे। लंकापति रावण का जीवन परिचय (Dashanan Ravan In Hindi) रावण का जन्म (Ravan Ka Janam) सप्त ऋषियों व दस मुख्य प्रजापतियों में से एक महर्षि पुलस्त्य (Ravan Ke Purvaj) के पुत्र महान ऋषि विश्रवा (Ravan Father Name In Hindi) हुए। दूसरी ओर राक्षस कुल में सुमाली के दस पुत्रो व चार पुत्रियों में से एक कैकसी थी। सुमाली अपनी राक्षसी पुत्री कैकसी का विवाह उच्च कोटि के पुरुष से करवाना चाहते थे लेकिन उन्हें पृथ्वी पर कोई भी ऐसा महान राजा दिखाई नही दिया। अंत में कैकसी ने महान ऋषि विश्रवा को अपने पति रूप में (Ravan Ka Itihas) चुन लिया। ऋषि विश्रवा का पहले से ही एक पुत्र था जिसे धन का देवता कुबेर के नाम से जाना जाता हैं। कैकसी से उनके विवाह के पश्चात उन्हें रावण पुत्र रूप में प्राप्त हुआ। रावण के अन्य नाम (Ravan Ke Kitne Naam The) रावण को कई नामो से जाना जाता हैं जो उसकी विभिन्न विशेषताओं को दिखाता है, जैसे कि: • दशानन/ दशग्रीव/ दशाकंथा: दस सिर होने के कारण। • लंकापति/ लं...

The Mystery of Clandestine (TV Movie 2022)

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रावण के बारे में अनसुने 10 रहस्य, जानकर चौंक जाएंगे, रावण फिर से हो जाएगा जीवित

1. इन ग्रंथों का रचयिता रावण : रावण ने ही शिव तांडव स्त्रोत, रावण संहिता, दस शतकात्मक अर्कप्रकाश, दस पटलात्मक, उड्डीशतंत्र, कुमारतंत्र, नाड़ी परीक्षा नामक ग्रंथ लिखे थे। यह भी कहते हैं कि रावण ने ही अरुण संहिता, अंक प्रकाश, इंद्रजाल, प्राकृत कामधेनु, प्राकृत लंकेश्वर और रावणीयम आदि पुस्तकों की रचना भी की थी। 2. खोजी बुद्धि थी रावण की : रावण हर समय खोज और अविष्‍कार को ही महत्व देता था। वह नए नए अस्त्र, शस्त्र और यंत्र बनवाता रहता था। कहते हैं कि वह स्वर्ग तक सीढ़ियां बनवान चाहता था। वह स्वर्ण में से सुगंध निकले इसके लिए भी प्रयास करता था। रावण की वेधशाला थी जहां तरह तरह के आविष्कार होते थे। खुद रावण ने उसकी वेधशाला में दिव्‍य-रथ का निर्माण किया था। कुंभकर्ण अपनी पत्नी वज्रज्वाला के साथ अपनी प्रयोगशाला में तरह-तरह के अस्त्र-शस्त्र और यंत्र बनाने में ही लगे रहते थे जिसके चलते उनको खाने-पीने की सुध ही नहीं रहती थी। कुंभकर्ण की यंत्र मानव कला को ‘ग्रेट इंडियन' पुस्‍तक में ‘विजार्ड आर्ट' का दर्जा दिया गया है। इस कला में रावण की पत्‍नी धान्‍यमालिनी भी पारंगत थी। उल्लेखनीय है कि रावण की पहली पत्नी मंदोदरी ने ही शतरंज का अविष्कार किया था। 4. कई विषयों का ज्ञाता रावण : रावण कवि, संगीतज्ञ, वेदज्ञ होने के साथ साथ ही वह आयुर्वेद का जानकार भी था। रावण को रसायनों का भी अच्छा खासा ज्ञान था। माना जाता है कि रसायन शास्त्र के इस ज्ञान के बल पर उसने कई अचूक शक्तियां हासिल थीं और उसने इन शक्तियों के बल पर अनेक चमत्कारिक कार्य संपन्न कराए। हर व्यक्ति को जड़ी-बूटी और आयुर्वेद का ज्ञान रखना चाहिए क्योंकि जीवन में इसकी उपयोगिता बहुत होती है। 5. रावण और महिलाएं : रावण को महिलाओं में बहुत रस था। राव...