संघवाद क्या है

  1. भारतीय संघवाद की विशेषताएं एवं स्वरूप
  2. NCERT 11th अध्याय 7 : संघवाद / Federlism NOTES IN HINDI PDF
  3. संघवाद
  4. भारत में संघवाद
  5. क्लास 10th संघवाद क्या है? – ElegantAnswer.com
  6. संघवाद क्या है in Hindi Class 10?


Download: संघवाद क्या है
Size: 46.37 MB

भारतीय संघवाद की विशेषताएं एवं स्वरूप

• लिखित संविधान • कठोर संविधान • शक्तियों का विभाजन • द्वैध शासन प्रणाली • संविधान की सर्वोच्चता • उच्चतम न्यायालय की विशेष स्थिति लिखित संविधान -किसी भी संघ का सबसे प्रमुख लक्षण होता है। कि उनके पास एक लिखित संविधान हो जिससे कि जरूरत पड़ने पर केन्द्र तथा राज्य सरकार मार्ग दर्शन प्राप्त कर सकें। भारतीय संविधान एक लिखित संविधान है और दुनिया का सबसे विस्तृत सं विधान है। शक्तियों का विभाजन -हमारे संविधान में शक्तियों का स्पष्ट विभाजन है विधायी शक्तियों को तीन सूचियों में बांटा गया है- संघसूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची। संघ सूची में 97 राष्ट्रीय महत्व के विषयों का उल्लेख किया गया है। जिसके अन्तर्गत रक्षा, रेल्वे, डाक एवं तार आदि विषय आते है राज्य सूची में 66 स्थानीय महत्व के विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस आदि आते है। समवर्ती सूची में केन्द्र तथा राज्य दोनों से संबंधित 47 महत्वपूर्ण विषय जैसे बिजली, मजदूर संगठन खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि आते है। उच्चतम न्यायालय की विशेष स्थिति -संघ के अन्य लक्षणों में एक अन्य महत्वपूर्ण लक्षण है कि उसके पास् एक स्वतंत्र न्यायपालिका हो जो संविधान की व्यवस्था करें। केन्द्र तथा राज्य के बीच उत्पन्न विवादों को सुलझाना उच्चतम न्यायालय का मूल क्षेत्राधिकार हैं। यदि केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा पारित कोई कानून संविधान के किसी किसी प्रावधान का उल्लंधन करता है तो सर्वोच्च न्यायालय उसे असंर्वेधानिक धोषित कर सकता है। संविधान की आत्मा एकात्मक है यहां हम उन बातों की चर्चा करेंगे जिनके कारण भारत का संविधान एकात्मक सा दिखता हैं। • संसद की विधायी शक्तियां बहुत व्यापक हैं - परिस्थितियों में संसद उन विषयों पर भी कानून बना सकती है जो राज्य सूची में द...

NCERT 11th अध्याय 7 : संघवाद / Federlism NOTES IN HINDI PDF

संघवाद क्या है संघवाद किसे कहते है संघवाद की विशेषताएं केंद्र-राज्य सम्बन्ध भारत में संघवाद भारतीय संविधान में संघात्मक लक्षण भारतीय संविधान में एकात्मकत लक्षण संघवाद और भारत ★ भारत में संघवाद ( Federalism in India ) :- ● भारतीय संविधान के भाग में अनुच्छेद 1 से 4 तक में भारतीय संघ एवं उसके राज्य क्षेत्र के बारे में उपबंध हैं। ● अनुच्छेद 1 (1) के अनुसार –‘ भारत अर्थात इंडिया , राज्यों का संघ होगा ‘ ● भारत का नाम ( भारत अर्थात इंडिया ) भारत राज्य का स्वरूप ( राज्यों का यूनियन ) । ★ भारतीय संघवाद ( Indian Federalism ) :- ◆ संघात्मक ( Federal ):- संघीय शासन व्यवस्था में शासन की समस्त शक्तियां संविधान द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार के बीच विभाजित होती हैं। ● वर्तमान में अमेरिका , आस्ट्रेलिया , कनाडा , ब्राजील में संघात्मक शासन है। ◆ एकात्मक (Unitary ) :- एकात्मक शासन प्रणाली में शासन की समस्त शक्तियां संविधान के द्वारा एक केन्द्रीय सरकार में निहित होती हैं। ● वर्तमान में ब्रिटेन , फ़्रांस , जापान , इटली में एकात्मक शासन है। ★ संघात्मक एव एकात्मक सरकार का तुलनात्मक विश्लेषण ◆ संघात्मक सरकार 1. दोहरी सरकार (अर्थात् राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सरकार) । 2. लिखित संविधान 3. राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सरकारों के मध्य शक्तियों का विभाजन 4. संविधान की सर्वोच्चता 5. कठोर संविधान 6. स्वतंत्र न्यायपालिका 7. द्विसदनीय विधायिका ◆ एकात्मक सरकार 1. एकल सरकार राष्ट्रीय सरकार होती है, जो क्षेत्रीय सरकार बना सकती है। 2.संविधान लिखित भी हो सकता है (फ्रांस) या अलिखित (ब्रिटेन) भी। 3. शक्तियों का कोई विभाजन नहीं होता तथा समस्त शक्तियाँ राष्ट्रीय सरकार में निहित होती हैं। 4.संविधान सर्वोच्च भी हो सकता है (जाप...

संघवाद

• दे • वा • सं संघवाद सरकार की एक प्रणाली है जिसमें सत्ता केंद्रीय प्राधिकरण और देश की विभिन्न घटक इकाइयों के बीच विभाजित होती है। एक • एक है पूरे देश की सरकार जो सामान्य राष्ट्रीय हित के कुछ विषयों के लिए उत्तरदायक है। • अन्य प्रांतों या राज्यों के स्तर पर सरकारें हैं जो अपने राज्य के प्रशासन के दिन-प्रतिदिन की अधिकांश देखभाल करती हैं। इस के अर्थ में, संघों की तुलना अनुक्रम • 1 संघवाद की विशेषताएँ • 2 भारत: संघात्मक या एकात्मक • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ संघवाद की विशेषताएँ [ ] संघवाद की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: • सरकार के दो या द्व्याधिक स्तर होते हैं। • कानून, कराधान और प्रशासन के सम्बन्ध में सरकार के विभिन्न स्तरों का अपना • सरकार के प्रत्येक स्तर के अस्तित्व और अधिकार की संवैधानिक • • संविधान और सरकार के विभिन्न स्तरों की शक्ति की व्याख्या करने के लिए • सरकार की वित्तीय स्वायत्तता सुनिश्चित करने हेतु सरकार के प्रत्येक स्तर के राजस्व के स्रोतों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। • संघीय प्रणाली के दोहरे उद्देश्य हैं, अर्थात् देश की ऐक्य की रक्षा करना और उसकी वृद्धि करना और साथ ही यह क्षेत्रीय वैविध्य को भी समायोजित करना है। • सरकार की एक आदर्श संघीय प्रणाली में एक साथ रहने हेतु पारस्परिक विश्वास और सहमति होनी चाहिए। भारत: संघात्मक या एकात्मक [ ] प्रधानत: उदाहरणार्थ, सबसे विशिष्ट तथ्य यह है कि भारतीय संविधान संघात्मक हुए भी इसका निर्माण स्वतंत्र राष्ट्रों की किसी संविदा द्वारा नहीं हुआ है; बल्कि यह उन राज इकाइयों के मेल (यूनियन) से बना है जो परंतंत्र एकात्मक भारत के अंग के रूप में पहले से ही विद्यमान थे। दूसरी विशेषता यह है कि आपत्काल में ...

भारत में संघवाद

संघात्मक शासन व्यवस्था को ही अपनाना स्वाभाविक था और भारतीय संविधान के द्वारा ऐसा ही किया गया है। भारतीय संविधान के संघात्मक लक्षण [ ] भारतीय संघ व्यवस्था में संघात्मक शासन के प्रमुख रूप से चार लक्षण कहे जा सकते हैं: • (1) संविधान की सर्वोच्चता, • (2) संविधान के द्वारा केन्द्रीय सरकार और इकाइयों की सरकारों में शक्तियों का विभाजन, • (3) लिखित और कठोर संविधान, • (4) स्वतन्त्र उच्चतम न्यायालय। • (5) द्वि-सदनीय व्यवस्थापिका। • (6) दोहरी शासन प्रणाली। भारतीय संविधान में संघात्मक शासन के ये सभी प्रमुख लक्षण विद्यमान हैं। भारतीय संविधान के एकात्मक लक्षण [ ] भारत एक अत्यन्त विशाल और विविधतापूर्ण देश होने के कारण संविधान-निर्माताओं के द्वारा भारत में संघात्मक शासन की स्थापना करना उपयुक्त समझा गया, लेकिन संविधान-निर्माता भारतीय इतिहास के इस तथ्य से भी परिचित थे कि भारत में जब-जब केन्द्रीय सत्ता दुर्बल हो गयी, तब-तब भारत की एकता भंग हो गयी और उसे पराधीन होना पड़ा। संविधान के ये एकात्मक लक्षण प्रमुख रूप से निम्नलिखित हैं: (1) शक्ति का विभाजन केन्द्र के पक्ष में (2) इकहरी नागरिकता (3) संघ और राज्यों के लिए एक ही संविधान (4) एकीकृत न्याय-व्यवस्था (5) संसद राज्यों की सीमाओं के परिवर्तन में समर्थ (6) भारतीय संविधान संकटकाल में एकात्मक (7) सामान्य काल में भी संघीय सरकार की असाधारण शक्तियां (8) मूलभूत विषयों में एकरूपता (9) राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा (10) राज्य सभा में इकाईयों को समान प्रतिनिधित्व नहीं (11) आर्थिक दृष्टि से राज्यों की केन्द्र पर निर्भरता (12) संविधान के संशोधन में संघ को अधिक शक्तियां प्राप्त होना (13) अन्तर्राज्य परिषद् और क्षेत्रीय परिषदें (14) भार...

क्लास 10th संघवाद क्या है? – ElegantAnswer.com

क्लास 10th संघवाद क्या है? इसे सुनेंरोकेंसंघवाद:– संघवाद से अभिप्राय है कि एक ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें देश की सर्वोच्च सत्ता केंद्र सरकार और उसके विभिन्न आनुषागिक सादिक इकाइयों राज्य सरकारों के बीच बंटी होती है। संवाद या संघीय शासन व व्यवस्था है जिसमें देश की सरोज सत्ता केंद्र सरकार और उसके विभिन्न अनुषांगिक इकाइयों के बीच में बंट जाती है । संघीय शासन से क्या तात्पर्य है? इसे सुनेंरोकेंसंघवाद सरकार का वह रूप है जिसमें शक्ति का विभाजन आंशिक रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकार अथवा क्षेत्रीय सरकारों के मध्य होता है। संघवाद संवैधानिक तौर पर शक्ति को साझा करता है क्योंकि इसमें स्वशासन तथा साझा शासन की व्यवस्था होती है। भारतीय संघवाद क्या है? इसे सुनेंरोकेंसंघवाद सरकार का वह रूप है जिसमें शक्ति का विभाजन आंशिक रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकार अथवा क्षेत्रीय सरकारों के मध्य होता है। संघवाद संवैधानिक तौर पर शक्ति को साझा करता है क्योंकि इसमें स्वशासन तथा साझा शासन की व्यवस्था होती है। आजादी के उपरांत से लेकर अब तक भारतीय संघवाद का स्वरूप बदलता रहा है। संघीय संरचना का अर्थ क्या है? इसे सुनेंरोकेंसंविधान में भारत को राज्यों का एक संघ घोषित किया गया है। संघीय व्यवस्था के अंतर्गत शाशन के दो स्तर हैं – केंद्र तथा राज्य। हाल ही में इस व्यवस्था के अंतर्गत तीसरा स्तर -पंचायती राज तथा नगरपालिका को जोड़ा गया है। भारत में संघीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन के विभिन्न स्तरों पर विधायी अधिकारों का विकेन्द्रीयकरण किया गया है। संघीय प्रणाली में क्या क्या आता है? इसे सुनेंरोकेंसंघीय सरकार में संविधान के माध्यम से सभी शक्तियाँ केंद्र सरकार (राष्ट्रीय सरकार या संघीय सरकार) और राज्य सरकारोँ मेँ बंटी ह...

संघवाद क्या है in Hindi Class 10?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: शासन की वह व्यवस्था जिसमें किसी देश की अवयव इकाइयों और एक केंद्रीय शक्ति के बीच सत्ता की साझेदारी हो उसे संघवाद कहते हैं। इस प्रकार की शासन व्यवस्था में दो या दो से अधिक स्तर होते हैं। शासन के विभिन्न स्तरों द्वारा नागरिकों के एक ही समूह पर शासन किया जाता है। हर स्तर का अधिकार क्षेत्र अलग होता है। Table of Contents Show • • • • • • संघवाद में कितने प्रकार? इसे सुनेंरोकेंकेंद्र और राज्य सरकार के बीच संबंधों के आधार पर संघवाद की अवधारणा को दो भागों में विभाजित किया गया है (1) सहकारी संघवाद (2) प्रतिस्पर्द्धी संघवाद। इसे सुनेंरोकेंसंघवाद:– संघवाद से अभिप्राय है कि एक ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें देश की सर्वोच्च सत्ता केंद्र सरकार और उसके विभिन्न आनुषागिक सादिक इकाइयों राज्य सरकारों के बीच बंटी होती है। संवाद या संघीय शासन व व्यवस्था है जिसमें देश की सरोज सत्ता केंद्र सरकार और उसके विभिन्न अनुषांगिक इकाइयों के बीच में बंट जाती है । संघीय शासन की क्या विशेषता है? इसे सुनेंरोकेंसंविधान में भारत को राज्यों का एक संघ घोषित किया गया है। संघीय व्यवस्था के अंतर्गत शाशन के दो स्तर हैं – केंद्र तथा राज्य। हाल ही में इस व्यवस्था के अंतर्गत तीसरा स्तर -पंचायती राज तथा नगरपालिका को जोड़ा गया है। भारत में संघीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन के विभिन्न स्तरों पर विधायी अधिकारों का विकेन्द्रीयकरण किया गया है। संघवाद में कितने प्रकार की सरकारी होती हैं? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 10: संघवाद में कितने सरकारी होते हैं? उत्तर: किसी भी संघीय व्यवस्था में सामान्य तौर पर सरकार के दो स्तर होते हैं। एक स्तर पर पूरे देश के लिये एक सरकार होती है और दूसरे स्तर पर राज्य की सरकारें होती हैं। संघवाद ...