संपदा माता की कहानी

  1. दशामाता व्रत कथा (Dashamata Vrat Katha) PDF Hindi – InstaPDF
  2. दशा माता व्रत 2022 कथा कहानी पूजा विधि Dasha Mata Ki Vrat Katha In Hindi
  3. Sampda Mata Ki Kahani
  4. स्वास्थ्य ही संपदा है पर कहानी Health is wealth story in hindi
  5. सांपदा माता की कहानी – HIND IPसांपदा माता की कहानी
  6. बूढ़े माता पिता का सम्मान दिल को छूने वाली कहानी


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दशामाता व्रत कथा (Dashamata Vrat Katha) PDF Hindi – InstaPDF

दशामाता व्रत कथा – Dashamata Vrat Katha & Pooja Vidhi हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप दशामाता व्रत कथा (Dashamata Vrat Katha) हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं दशामाता व्रत कथा – Dashamata Vrat Katha & Pooja Vidhi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। हिन्दू धर्म में दशामाता की पूजा तथा व्रत करने का विधान है। माना जाता है कि जब मनुष्य की दशा ठीक होती है तब उसके सभी कार्य अनुकूल होते हैं किंतु जब यह प्रतिकूल होती है, तब मनुष्य को बहुत परेशानी होती है। इन्हीं परेशानियों से निजात पाने के लिए इस व्रत को करने की मान्यता है। दशामाता व्रत कथा PDF -1 दशामाता व्रत की प्रामाणिक कथा के अनुसार प्राचीन समय में राजा नल और दमयंती रानी सुखपूर्वक राज्य करते थे। उनके दो पु‍त्र थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी और संपन्न थी। एक दिन की बात है कि उस दिन होली दसा थी। एक ब्राह्मणी राजमहल में आई और रानी से कहा- दशा का डोरा ले लो। बीच में दासी बोली- हां रानी साहिबा, आज के दिन सभी सुहागिन महिलाएं दशा माता की पूजन और व्रत करती हैं तथा इस डोरे की पूजा करके गले में बांधती हैं जिससे अपने घर में सुख-समृद्धि आती है। अत: रानी ने ब्राह्मणी से डोरा ले लिया और विधि अनुसार पूजन करके गले में बांध दिया। कुछ दिनों के बाद राजा नल ने दमयंती के गले में डोरा बंधा हुआ देखा। राजा ने पूछा- इतने सोने के गहने पहनने के बाद भी आपने यह डोरा क्यों पहना? रानी कुछ कहती, इसके पहले ही राजा ने डोरे को तोड़कर जमीन पर फेंक दिया। रानी ने उस डोरे को जमीन से उठा लिया और राजा से कहा- यह तो दशामाता का डोरा था, आपने उनका अपम...

दशा माता व्रत 2022 कथा कहानी पूजा विधि Dasha Mata Ki Vrat Katha In Hindi

दशा माता व्रत 2022 कथा कहानी पूजा विधि डेट महत्व Dasha Mata Ki Vrat Katha In Hindi : आप सभी को द शा माता व्रत 2022 की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. इस साल व्रत की डेट मार्च में हैं. कौन है दशामाता– होली के दसवें दिन सुहागन स्त्रियाँ अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए चैत्र कृष्ण दशमी के दिन दशामाता का व्रत रखती हैं. दशा माता व्रत 2022 कथा कहानी पूजा विधि डेट महत्व Dasha Mata Ki Vrat Katha In Hindi इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती हैं तथा नल दमयंती की व्रत कथा को सूना जाता हैं. साथ ही इस दिन झाड़ू की खरीददारी करना भी शुभ माना जाता हैं. इस दिन पीपल के वृक्ष की छाल को उतारकर घर लाया जाता है तथा इसे तिजोरी में स्वर्ण के साथ रखा जाता हैं. व्रत धारण करने वाली महिलाएं एक वक्त भोजन का धारण करती हैं. तथा उपवास तोड़ते समय किये जाने वाले भोजन में नमक का प्रयोग बिलकुल नहीं किया जाता हैं. Dasha Mata Ki Vrat Katha In Hindi दशामाता की कथा प्राचीन समय के एक राजा नल और रानी दमयंती से जुड़ी हुई हैं. एक समय की बात हैं राजा नल का राज्य सुख सम्पन्न था प्रजा राज्य में सुख से जीवन जी रही थी एक समय की बात है वह होली का दिन था तथा राजब्राह्मणी महल में आई और रानी को दशा का डोरा दिया तथा कहा साहिबा आज के दिन से सभी स्त्रियाँ दशा माता का व्रत रखकर डोरा धारण कर रही हैं ऐसा करने से कष्टों का नाश होता है तथा सुख संपदा आती हैं. Telegram Group रानी ने उस धागे को विधि के अनुसार अपने गले में बांध लिया तथा दशामाता का व्रत रखने का निर्णय कर लिया. अचानक कुछ ही दिन बाद राजा की नजर रानी दमयंती के उस गले के डोरे पर पड़ी तो उन्होंने पूछा आप महारानी हो, हीरे जवाहरात आपके किसकी कमी हैं फिर से गले मे...

Sampda Mata Ki Kahani

Sampda Mata Ki Kahani Sampda Mata Ki Kahani- एक नल राजा था। उसकी रानी का नाम दमयंती था। एक दिन उनके महल में एक बुढ़िया आई जो सांपदा माता का डोरा बांट रही थी और कहानी सुना रही थी। दासी वहां जाकर देखती है और वापस आकर रानी दमयंतीको बताती है कि एक बुढ़िया सांपदा माता का डोरा बांट रही है। बुढ़िया बता रही थी कि यह डोरा कच्चे सूत की 16 तार की 16 गांठ देकर हल्दी में रंग कर पूजा करके 16 नये जौ के आखे हाथ में लेकर सांपदा माता की कहानी सुनकर गले में बांधने से धन और लक्ष्मी घर में आती है। तब रानी ने भी डोरे की पूजा करके अपने हार में बांध लिया जब राजा बाहर से आया और डोरा देखकर बोला की रानी आज हार में क्या बांध रखा है तो रानी बोली की शारदा माता का डोरा बांध रखा है इससे धन लक्ष्मी बढ़ती है तो राजा बोला कि अपने पास तो बहुत दिन है और यह कहकर राजा ने डोरा फेंक दिया। उसी दिन रात को सपने में सांपदा Sampda Mata Ki Kahani रानी ने तीतर भून लिए जब दोनों खाने बैठे तो तीतर उड़ गए। इसके बाद राजा अपनी रानी के साथ बहन के घर पहुंचे बहन ने उन्हें पुराने घर में ठहरा दिया राजा रानी बहन के घर में गए तो वहां बहन के सोने का बच्छी बच्छेड़ा पड़ा था।वह जमीन खा गई तो राजा रानी से बोला यहां से चलो नहीं तो अपने सिर चोरी लग जाएगी और वहां से दोनों चले गए। वहां से राजा अपने मित्र के घर गया तो उसने उन्हें पुराने महल में ठहरा दिया वहां पर गए तो वहां एक करोड़ का हार खूंटी पर टंगा हुआ था वहां पर मोर बना था वह हार निगल गया।तब राजा से रानी ने कहा कि यहां से चलो नहीं तो अपने सिर हार की चोरी लग जाएगी रानी ने कहा कि किसी के घर जाने के बजाय जंगल में लकड़ी काटकर बेच कर हम अपना पेट भर लेंगे। और पढ़ें:- • • वे एक सुखे बगीचे में प...

स्वास्थ्य ही संपदा है पर कहानी Health is wealth story in hindi

Health is wealth story in hindi Health is wealth story in hindi दोस्तों काफी समय पहले की बात है की एक नगर में एक सेठ जी रहा करते थे सेठ जी बहुत ही आलसी थे वह सुबह खाना खाकर सो जाया करते थे वह अपना सारा कामकाज अपने नौकरों पर ही छोड़ दिया करते थे वो खुद ना तो कुछ काम किया करते थे और ना ही घूमने फिरने जाते थे इसी तरह की दिनचर्या की वजह से कुछ ही दिनों में उनका स्वास्थ्य खराब होने लगा। उन्होंने अपना स्वास्थ्य अपने नजदीक के कुछ वेद्धो को दिखाया लेकिन कोई भी वेद्ध उनका इलाज नहीं कर सका। सेठ जी दिन भर यूं ही बिस्तर पर पड़े रहते थे उन्हें कई तरह की अब समस्याएं होने लगी थी एक दिन उस नगर में एक महात्मा जी का आगमन हुआ महात्मा जी नगर के पास में ही एक कुटीया बनाकर रहने लगे जब सेठ जी को यह बात पता लगी कि वह महात्मा बड़ी से बड़ी बीमारी को ठीक कर देते हैं उन्होंने अपने एक नौकर को महात्मा को अपने यहां बुलाने का निमंत्रण दिया लेकिन महात्मा ने कहा कि मैं किसी का इलाज करने के लिए उसके यहां नहीं जाता पीड़ित को पैदल चलकर आना पड़ता है तभी मैं उसका इलाज कर पाता हूं। सेठ जी सुबह ही महात्मा के यहां चले गए उन्होंने देखा कि महात्मा जी वहां पर उपस्थित नहीं थे तो सेठ जी पैदल ही घर चले गए। अगले दिन सुबह सेठ जी घर से महात्मा की कुटिया की ओर निकल गए। महात्मा जी ने सेठ जी का उपचार किया और अगले दिन फिर से आने को कहा। अगले दिन वह महात्मा जी फिर नहीं मिले तो उस सेठ को अगले दिन फिर से आना पड़ा। उस महात्मा ने सेठ जी का उपचार किया और फिर अगले दिन आने को कहा इस तरह से महात्मा उससे 2 महीने तक लगातार अपने यहां इलाज के लिए बुलाते रहे। सेठ जी रोजाना सुबह सुबह पैदल चलते कुछ समय बाद उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया और सेठ जी स...

सांपदा माता की कहानी – HIND IPसांपदा माता की कहानी

एक नल राजा था। उसकी रानी का नाम दमयंती था। एक दिन उनके महल में एक बुढ़िया आई जो सांपदा माता का डोरा बांट रही थी और कहानी सुना रही थी। बुढ़िया के आसपास बहुत भीड़ हो रही थी सब औरतें डोरा ले रही थी रानी ने महल के ऊपर से देखा और दासी से कहा कि नीचे देख कर आओ यहां भीड़ क्यों हो रही है। दासी वहां जाकर देखती है और वापस आकर रानी दमयंतीको बताती है कि एक बुढ़िया सांपदा माता का डोरा बांट रही है। बुढ़िया बता रही थी कि यह डोरा कच्चे सूत की 16 तार की 16 गांठ देकर हल्दी में रंग कर पूजा करके 16 नये जौ के आखे हाथ में लेकर सांपदा माता की कहानी सुनकर गले में बांधने से धन और लक्ष्मी घर में आती है। तब रानी ने भी डोरे की पूजा करके अपने हार में बांध लिया जब राजा बाहर से आया और डोरा देखकर बोला की रानी आज हार में क्या बांध रखा है तो रानी बोली की शारदा माता का डोरा बांध रखा है इससे धन लक्ष्मी बढ़ती है तो राजा बोला कि अपने पास तो बहुत दिन है और यह कहकर राजा ने डोरा फेंक दिया। उसी दिन रात को सपने में सांपदा माता बोली कि राजा मैं तुम्हारे घर से जा रही हूं तो राजा ने पूछा कि तुम कौन हो तो माता बोली कि मैं सांपदा हूं इसलिए जा रही हूं। अब तेरा धन कोयला हो जाएगा । सुबह उठकर जब राजा ने देखा तो सारा धन कोयला हो गया। यह देख कर राजा ने अपनी रानी से कहा की रानी हम यहां पर एक ब्राह्मण की लड़की को छोड़ देंगे जो रोज यहां पर दीपक जला देगी, पानी भरेगी ,घर में झाड़ू करेगी और घर में बैठी रहेगी और हम दूसरे गांव में जाकर रहेंगे जब वह तालाब पर पहुंचे तो राजा ने वहां पर दो तीतर रानी को लाकर दीये और कहा तू इन्हें भूनकर रख मैं अभी नहा कर आता हूं। रानी ने तीतर भून लिए जब दोनों खाने बैठे तो तीतर उड़ गए। इसके बाद राजा अपनी रा...

बूढ़े माता पिता का सम्मान दिल को छूने वाली कहानी

बूढ़े मा बाप का सम्मान दिल को छू जाने वाली कहानी माता पिता की कहानी | माता पिता का कहानी किस तरह हमारे माँ बाप बचपन में अपनी सारी खुशियों को त्यागते हुए हमे पालते है बड़े करते है और हर बात का अच्छी तरह से ख्याल करते है और कभी भी अपने बच्चो से दुखी भी नही होते है और यहाँ तक की उनकी हर शरारत और परेशान करने वाली बातो से तंग न होते है बल्कि उन्हें हर हाल में अच्छे बनने की राह में लगाये रहते है. लेकिन जैसे वक्त के करवट के साथ समय बीतता जाता है और यही बच्चे बड़े बन जाते है पैसा कमाने लगते है और खुद को इतना बड़ा समझने लगते है की उन्हें अपने स्वार्थ के आगे कोई नही दिखता है ऐसे में उनके वही माँ बाप बोझ भी लगने लगते है और बुढ़ापे में माँ बाप की सेवा करने और उन्हें खुश करने के बजाय उनमे ही दोष निकालने लगते है ऐसे सन्तान होने ना होने के बराबर ही होते है जो बुढ़ापे में अपने पिता ने अपने बेटे से पूछा, “यह क्या है?” बेटे ने जवाब दिया “यह एक कौवा है”। कुछ मिनटों के बाद, पिता ने अपने बेटे से दूसरी बार पूछा, “यह क्या है?” बेटे ने कहा “पिता, मैंने अभी आपको “यह एक कौवा है” कहा है। थोड़ी देर बाद, बूढ़े पिता ने फिर से अपने बेटे से तीसरी बार पूछा, यह क्या है? ”इस समय बेटे के स्वर में कुछ जलन महसूस हुई, तब उसने अपने पिता से झुझलाते हुए बोला “यह एक कौवा है, एक कौवा”। थोड़ी देर बाद, पिता ने फिर से अपने बेटे से चौथी बार पूछा, “यह क्या है?”इस बार बेटा अपने पिता पर चिल्लाया, “आप मुझसे बार-बार एक ही सवाल क्यों पूछते रहते हैं, हालांकि मैंने आपको कई बता चुका हु की “यह एक कौवा है” क्या आप इसे समझ नहीं पा रहे हैं? थोड़ी देर बाद पिता अपने कमरे में गए और एक पुरानी डायरी लेकर वापस आए, जिसे उन्होंने अपने बेटे के जन्...