संवहन उत्तक किसे कहते हैं

  1. स्थाई उत्तक क्या हैं? यह कितने प्रकार का होते है?
  2. संवहन पूल किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं?
  3. संवहन ऊतक किसे कहते हैं?
  4. संवहन ऊतक के प्रकार लिखिए? » Sanvahan Utak Ke Prakar Likhiye
  5. संवहन ऊतक किसे कहते हैं? पादपों में पाये जाने वाले संवहन ऊतकों के नाम
  6. उत्तक किसे कहते हैं? What is Tissue In Hindi
  7. उत्तक क्या है , परिभाषा , प्रकार , पुष्पी पादपों का शरीर Tissue in hindi ऊत्तक किसे कहते है ?
  8. ऊष्मा स्थानांतरण, संचरण की विधियां, चालन, संवहन और विकिरण के उदाहरण सहित नाम लिखिए, प्रकार


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स्थाई उत्तक क्या हैं? यह कितने प्रकार का होते है?

स्थाई उत्तक जिसे अंग्रेजी मे परमानेंट टिसू ( Permanent Tissue) कहा जाता है। स्थायी ऊतक किसी भी जीवित या मृत कोशिकाओं का एक समूह होता है जो विभज्योतक ऊतकों द्वारा बनते रहते हैं जो विभाजित करने की अपनी क्षमता को खो चुके हैं। अर्थात्, ये ऊतक विभेदन से गुजर चुके होते हैं और विभज्योतक गतिविधियों में असमर्थ हैं। Table of Contents • • • • • • • • जटिल ऊतक (Complex Tissue) स्थाई ऊतक किसे कहते है? वे कोशिकाएँ जो विभज्योतक ऊतक के व्युत्पन्न हैं और जो कोशिका विभाजन की क्षमता खो चुकी हैं, स्थायी ऊतक कहलाती हैं। स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं। वे सरल, जटिल और विशेष ऊतक होते हैं। पैरेन्काइमा, कोलेनकाइमा, स्क्लेरेन्काइमा, सरल ऊतक होते हैं। जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतक होते हैं। नेक्टरी ग्रंथियां, लैटिसिफेरस ऊतक, सचिव ऊतक विशेष ऊतक होते हैं। प्राथमिक स्थायी ऊतक का अर्थ है जो प्राथमिक विभज्योतक से बनते हैं। जब द्वितीयक वृद्धि होती है तो द्वितीयक स्थायी ऊतक द्वितीयक विभज्योतक से बनते हैं। • मृदूतक (पैरेन्काइमा- parenchyma) • स्थूलकोण ऊतक (कॉलेन्काइमा- collenchyma) • दृढ़ ऊतक (स्क्लेरेन्काइमा- sclerenchyma) मृदूतक – इस प्रकार के ऊतक पौधों में सब जगह पाए जाते हैं इनकी कोशिकाएँ जीवित और पतली भित्ति वाली होती हैं। कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती है। कोशिकाएँ गोलाकार, अण्डाकार या बहुतल हो सकती हैं। ये सामान्यत: समव्यासी होती हैं। कोशिकाएँ रिक्तिकायुक्त (vacuolated) होती हैं। कार्य के अनुसार कोशिकाएँ रूपान्तरित हो जाती हैं। हरितलवक युक्त कोशिकाएँ क्लोरेन्काइमा कहलाती हैं। इन्हें भी पढ़ें:- ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन बनाती हैं। पत्तियों में भोजन का निर्माण करने वाली विशिष्ट कोशिकाओं को खम्भ क...

संवहन पूल किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं?

नमस्कार दोस्तों प्रश्न है संवहन पुल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं तो दोस्तों हमें खबर बताना है कि संवहन पूल किसे कहा जाता है और यह कितने प्रकार के होते हैं ठीक है तो दोस्तों सम्मोहन पुल्स होते हैं यह वस्तु ल बंडल्स भी ने कहा जाता है ठीक है और दोस्तों जो संवहन उत्तक होते हैं ठीक है कौन से जाइलम तथा फ्लोएम ठीक है जाइलम और फ्लोएम को सम्मिलित रूप से ठीक है सम्मिलित रूप से क्या कहा जाता है संवहन पुल कहते हैं ठीक है और दोस्तों संवहन पूल में जा नीलम तथा फ्लोएम की टिकट जाइलम तथा फ्लोएम की स्थिति के आधार पर टिके स्थिति के आधार पर जो संवहन पूल है ठीक है संवहन पूल यह कितने प्रकार के होते हैं तीन प्रकार के होते हैं ठीक है कौन-कौन से तो दोस्तों एक होते हैं अरे ठीक है दूसरे होते हैं संयुक्त और तीसरे होते हैं संघ केंद्र ठीक है तो दोस्तों जो अरे संवहन पूल होते हैं ठीक है इनमें क्या होता है कि जाइलम तथा फ्लोएम ठीक है जाइलम तथा फ्लोएम जो होते हैं यह अलग-अलग त्रिज्या पर पाए जाते हैं ठीक है कहां पर पाए जाते हैं अलग-अलग त्रिज्या पर पाए जाते हैं जो संयुक्त प्रकार के समान होते हैं इनमें जाइलम और फ्लोएम जो होते हैं यह एक ही टिके त्रिज्या पर पाए जाते हैं ठीक है तू दोस्तों से केंद्रीय सम्मोहन पूल में जाइलम तथा फ्लोएम टिके जाइलम तथा फ्लोएम में से एक उत्तक ठीक है केंद्र में तथा दूसरा कहां पर पाया जाता है परिधि में पाया जाता है या परिधि पर पाया जाता है तो दोस्तों आशा करता हूं कि यह उत्तर आपको समझ में आया होगा धन्यवाद

संवहन ऊतक किसे कहते हैं?

नमस्कार दोस्तों प्रश्न ही संवहन उत्तक किसे कहते हैं तो दोस्तों हमसे पूछा गया है कि संवहन उत्तक किसे कहते हैं दोस्तों सामान उत्तक को वश क्यूलर टिशू भी कहते हैं ठीक है क्या कहते हैं उसके लतीश ऊपर कहते हैं और दोस्तों जो ऐसे उत्तक ठीक है ऐसे उत्तक जो क्या करते हैं पौधों में ठीक है किसमें पौधों में पदार्थों का ठीक है क्या करते हैं सम्मान करते हैं ठीक है करते हैं सम्मान करते हैं यानी कि उन्हें विभिन्न पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाते हैं उन्हें क्या कहा जाता है संवहन उत्तक कहा जाता है और पौधे जो होते हैं उनमें दो संवहन उत्तक पाए जाते हैं ठीक है एक होता है जाइलम ठीक है यह कैसा मानो तक है और दूसरा है फ्लोएम ठीक है यह दोनों ही क्या है संवहन उत्तक हैं और जो जाइलम होता है वह पौधे में जल का सम्मान करता है क्या करता है जल एवं खनिज लवणों का सम्मान करता है और फ्लोएम जो होता है वह भोज्य पदार्थों का सम्मान करता है ठीक है क्या करता है भोज पदार्थ का संवहन करता है धन्यवाद

संवहन ऊतक के प्रकार लिखिए? » Sanvahan Utak Ke Prakar Likhiye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न है तो महान उत्तक के प्रकार देखिए जाइलम एक संवहन ऊतक है जो पादपों में पाया जाता है यानी कि पौधों में पाया जाता है यह एक प्रकार का जटिल स्थाई ऊतक होता है इसमें जाइलम तनु जाइलम मृत्यु तक वाहिनी वाहिनी काय और वही काय आती है aapka prashna hai toh mahaan uttak ke prakar dekhiye xylem ek sanvahan utak hai jo padapon me paya jata hai yani ki paudho me paya jata hai yah ek prakar ka jatil sthai utak hota hai isme xylem tanu xylem mrityu tak vahini vahini kya aur wahi kya aati hai आपका प्रश्न है तो महान उत्तक के प्रकार देखिए जाइलम एक संवहन ऊतक है जो पादपों में पाया जात

संवहन ऊतक किसे कहते हैं? पादपों में पाये जाने वाले संवहन ऊतकों के नाम

पादपों में जल एवं पोषक तत्वों का परिवहन विशेष कोशिकाओं से बनी वाहिकाओं से होता है, जिन्हें सामूहिक रूप से संवहन ऊतक कहते हैं। पादपों में दो प्रकार के संवहन ऊतक पाये जाते हैं | (i) जाइलम (दारु)-यह जड़ों से जल व खनिज लवणों का परिवहन करता है। (ii) फ्लोएम (पोषवाह)-यह पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन को पादप के सभी भागों तक ले जाता है।

उत्तक किसे कहते हैं? What is Tissue In Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • उत्तक किसे कहते हैं? एक प्रकार की कोशिकाओं के समूह को जो एक विशेष प्रकार का कार्य करती हैं उत्तर कहते हैं। अलग-अलग प्रकार का कार्य करने वाले उत्तक जब एक साथ मिलते हैं तो वह एक अलग भाग बनाते हैं। इसे ही हम अंग कहते हैं। उत्तक किसे कहते है शरीर के अंगो का अलग आकार तथा कार्य करने की क्षमता और क्षमताओं में समन्वय होता है। जब शरीर के कई सारे अंग एक साथ मिलकर एक समन्वय में कार्य करते हैं तो उसे तंत्र कहते हैं। तंत्र कई सारे अंगो का एक समूह होता है. यह सभी अंग नर्वस सिस्टम के द्वारा एक दूसरे को मैसेज पास करते हैं. और सिंक्रोनाइज तरीके से एक साथ काम करते हैं. इन सभी ango का काम अलग अलग है लेकिन फिर भी यह सब एक समन्वय से काम करते हैं। यह दूसरे से कनेक्ट रहते हैं। मनुष्य के शरीर में कई प्रकार के system (तंत्र) पाए जाते हैं. इन सभी का अलग-अलग कार्य होता है. सभी की डिटेल में जानकारी नीचे दी गई है: 1. पाचन तंत्र digestive system पाचन तंत्र का मुख्य कार्य भोजन को बचाना है। इसके अंतर्गत हमारे शरीर के मुख्य भाग जैसे कि पेट, अमाशय, लीवर, पित्त की थैली, इत्यादि कई सारे अंग आते हैं। यह सभी अंग मिलकर ही पाचन तंत्र का निर्माण करते हैं। 2. स्वसन तंत्र respiratory system स्वसन तंत्र हमारे शरीर में सांस लेने की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार है। इसके अंतर्गत हमारे फेफड़े, श्वसन नली का, नासिका, इत्यादि सभी अंग जिम्मेदार होते हैं। श्वसन तंत्र का प्रमुख कार्य हवा से सांस को अंदर खींचना तथा बाहर छोड़ ना होता है। 3. परिसंचरण तंत्र circulatory system परिसंचरण तंत्र शरीर में खून के सरकुलेशन या परिसंचरण के लिए जिम्मेदार होता है। खून का परिसंचरण मुख्य रूप से हमारे...

उत्तक क्या है , परिभाषा , प्रकार , पुष्पी पादपों का शरीर Tissue in hindi ऊत्तक किसे कहते है ?

उत्तक (Tissue in hindi ) : कोशिकाओं का ऐसा समूह जो उद्भव व कार्य की दृष्टि से समान होता है , ऊत्तक कहलाता है। पादपों में ऊत्तक मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं। (A) विभज्योत्तकी : यह उत्तक पौधे के वृद्धिशील भागों में पाया जाता है , इस ऊत्तक की कोशिकाएँ निरन्तर विभाजन कर नयी कोशिकाएं बनाती रहती है। यह उत्तक पौधे में स्थिति के आधार पर तीन प्रकार का होता है। • शीर्षस्थ मेरेस्टेमी : यह मेरेस्टेमी ऊत्तक पौधे के शीर्षस्थ भागों जैसे – जड़ के शीर्ष , प्ररोह के शीर्ष पर पाया जाता है। इस ऊत्तक द्वारा बनी नयी कोशिकाओं से पौधे की लम्बाई में वृद्धि होती है , इस उत्तक के कारण पौधे जीवन भर वृद्धि करते है। • अंतर्वेशी मेरेस्टेमी : यह उत्तक पौधों के पत्तियों की आधार पर्ण व पर्णसंधियों में पाया जाता है , यह स्थायी उत्तक के मध्य होता है। इस उत्तक के कारण पौधे के मध्य भागो में लम्बाई बढती है। • पाशर्व मेरेस्टेमी : यह उत्तक पौधों के पाशर्व भागों में स्थित होता है। इस उत्तक से बनी कोशिका से पौधों की मोटाई में वृद्धि होती है। • मृदु उत्तक (पैरेन्काइमा) : इस उत्तक की कोशिकाएँ जीवित व जीव द्रव्य युक्त होती है। ये अण्डाकार , गोल आयताकार या बहुभुजी प्रकार की होती है। इन कोशिकाओं के मध्य अन्तरा कोशिकीय अवकाश पाये जाते है। इन कोशिकाओ की कोशिका भित्ति पतली व सेलुलोस की बनी होती है। यह उत्तक प्रकाश संश्लेषण भोजन संचय व स्त्राव का कार्य करती है। • स्केरेलेंकइमा / दृढ उत्तक : इस उत्तक की कोशिकाएँ परिपक्वव दृढ कठोर जीव द्रव्य विहीन व मृत होती है। इस उत्तक की कोशिकाएँ लम्बी , सक्रीय , सिरों पर नुकीली होती है। इनकी कोशिका भित्ति समान रूप से मोटी व लिग्निन युक्त होती है। कोशिका भित्ति में गर्त पाये जाते है। ...

ऊष्मा स्थानांतरण, संचरण की विधियां, चालन, संवहन और विकिरण के उदाहरण सहित नाम लिखिए, प्रकार

कई छात्रों को यह भ्रम है कि ऊष्मा स्थानांतरण एवं ऊष्मा संचरण दोनों अलग-अलग परिभाषाएं हैं। लेकिन यह दोनों एक ही है। ऊष्मा संचरण भी वही है जो ऊष्मा स्थानांतरण है। बस इनके दो नाम है दोनों में से किसी भी नाम का प्रयोग कर सकते हैं। ऊष्मा स्थानांतरण (संचरण) जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि इसमें ऊष्मा का स्थान बदलता है अर्थात ऊष्मा का एक स्थान से दूसरे स्थान में अथवा एक वस्तु से दूसरी वस्तु में ताप के अंतर के कारण जाने की प्रक्रिया को ऊष्मा का संचरण (transmission of heat in Hindi) कहते हैं। इसे ऊष्मा का स्थानांतरण भी कहते हैं। ऊष्मा का संचरण सदैव उच्च ताप से निम्न ताप की ओर होता है। ऊष्मा स्थानांतरण की विधियां ऊष्मा स्थानांतरण की विधियां 1. चालन जब किसी धातु की छड़ के अनेक भागों पर तापांतर होता है। अर्थात किसी स्थान पर ताप अधिक होता है तो किसी स्थान पर ताप कम होता है। तब धातु की छड़ के ऊंचे ताप वाले कण अपने निकट के नीचे ताप वाले कणों को ऊष्मा संपर्क द्वारा देते हैं। अतः ऊष्मा का ऊंचे ताप वाले स्थान से नीचे ताप वाले स्थान की ओर संचरण होने लगता है। ऊष्मा संचरण की इस प्रक्रिया को, जिसमें माध्यम के कण अपने स्थान से नहीं हटते ओर ऊष्मा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाती है इस विधि को चालन कहते हैं। उदाहरण – जब हम किसी धातु की छड़ के एक सिरे को गर्म करते हैं। तो कुछ देर बाद छड़ पूरी गर्म हो जाती है अर्थात ऊष्मा का ऊंचे ताप वाले भाग से नीचे ताप वाले भाग की ओर संचरण होने लगता है। और ऊष्मा ठंडे सिरे की ओर पहुंचकर उसे भी गर्म कर देती है यह प्रक्रिया ही चालन कहलाती है। पढ़ें… 2. संवहन जब किसी तरल पदार्थ (द्रव अथवा गैस) को गर्म किया जाता है तो एक स्थान पर तरल का ताप अधिकतम तथा दूसरे स्थ...