साइबर क्राइम एक्ट

  1. साइबर क्राइम पर लगेगा अंकुश, पहले थाने का शुभारंभ
  2. साइबर क्राइम और इसके लिए कानून क्या है जाने हिंदी में
  3. साइबर क्राइम और इसके लिए कानून क्या है जाने हिंदी में
  4. साइबर क्राइम पर लगेगा अंकुश, पहले थाने का शुभारंभ


Download: साइबर क्राइम एक्ट
Size: 32.61 MB

साइबर क्राइम पर लगेगा अंकुश, पहले थाने का शुभारंभ

क्राइम कंट्रोल की दिशा में सुपौल जिले में एक नया आयाम जुड़ गया है। शुक्रवार को बिहार में 44 जगहों में एक साथ साइबर थाना काम करना शुरु कर दिया है, जिसमें से एक सुपौल भी है। उक्त साइबर थाना की स्थापना जिला मुख्यालय के सदर थाना परिसर स्थित एससी-एसटी थाना के उपरी तले पर किया गया है, जिसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक शैशव यादव ने फीता काटकर किया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वर्तमान समय में अपराधियों द्वारा नए-नए तकनीक का प्रयोग करके साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। साइबर अपराध के नियंत्रण व रोकथाम को लेकर गृह विभाग के आदेश के आलोक में सुपौल साइबर थाना का सृजन किया गया है। इस थाने में साइबर अपराध से जुड़े सभी कांडों को दर्ज किया जाएगा। इस थाना के एसएचओ पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी होंगे। सुपौल के पुलिस उपाधीक्षक कुमार इंद्रप्रकाश इस थाना के पहले थानाध्यक्ष हैं। चार पुलिस इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की गई है जो अनुसंधानकर्ता होंगे। इसके अलावा तीन सब इंस्पेक्टर की भी पोस्टिंग की गई है। वहीं एक प्रोग्रामर, तीन डाटा सहायक, तीन सिपाही व एक चालक की पोस्टिंग की गई है। इस थाना का कार्य क्षेत्र संपूर्ण जिला होगा। अगर जिले के किसी भाग में साइबर क्राइम से जुड़ी घटना घटती है तो वह मामला इस थाना में दर्ज किया जाएगा। थानाध्यक्ष से चालक तक को होगी जानकारी साइबर थाने की खासियत है कि थानाध्यक्ष से लेकर चालक तक को कम्प्यूटर की जानकारी होगी। पदस्थापित तीन सब इंस्पेक्टर में से दो बी टेक किए हुए हैं। इस थाना को और भी कई सुविधाओं लैस किया जाएगा, ताकि साइबर क्राइम पर अंकुश लग सके। साइबर थाना का भवन अलग बनाया जाएगा और इसके लिए एक एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगाी। था मौके मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक अजय ...

साइबर क्राइम और इसके लिए कानून क्या है जाने हिंदी में

आपने कभी साइबर क्राइम का नाम सुना है मुझे यकीन है आपने सुना ही होगा। तो आपको क्या लगता है साइबर क्राइम क्या है? तो हम आपको बताते है वो क्या है? जब कोई व्यक्ति किसी कंप्यूटर, मोबाइल या किसी ऐसे डिवाइस की सहायता से कोई गलत काम करता है जिसका दूसरे व्यक्ति पर बुरा असर पड़ता है उसे ही साइबर क्राइम कहते हैं। लेकिन हमारे देश में इन सब क्राइम के लिए भी कानून बनाए गए है जिसके तहत फिर उन लोगो को दंड दिया जाता है। क्या आपको साइबर कानून के बारे में जानकारी है अगर नही है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अपने साइबर कानून और लॉ से आपको अवगत कराएंगे बस आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िए। विषयसूची • • • • • साइबर कानून जानने से पहले हमे यह बता होना चाहिए कि साइबर क्राइम क्या है, तथा यह कैसे किया जाता है ? साइबर क्राइम वो क्राइम है जिससे कोई भी व्यक्ति या संघ कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य किसी डिवाइस के द्वारा इन्टरनेट या बिना इंटरनेट की सहायता से किसी और व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है। उससे ही साइबर क्राइम कहते है। साइबर क्राइम एक ऑनलाइन अपराध होता है जो कंप्यूटर या इंटरनेट द्वारा किया जाता है। इसमें कंप्यूटर नेटवर्क, साइबर स्पेस या इंटरनेट के माध्यम से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, संपत्ति और व्यक्तिगत जानकारी के बराबर उपयोग, अनधिकृत उपयोग, ऑनलाइन शोषण, ऑनलाइन धमकी और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे अपराध शामिल होते हैं। साइबर क्राइम का फलस्वरूप हर साल लाखो लोगो को नुकसान भी होते हैं, जो व्यक्तिगत, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक हो सकते हैं। उदाहरण के रूप में, साइबर क्राइम में शामिल होने वाले अपराधों में शामिल हो सकते हैं: वेबसाइट धोखाधड़ी, वेबसाइट हैकिंग, फिशिंग, वेबसाइट से वायरस, ट्रोजन और मै...

साइबर क्राइम और इसके लिए कानून क्या है जाने हिंदी में

आपने कभी साइबर क्राइम का नाम सुना है मुझे यकीन है आपने सुना ही होगा। तो आपको क्या लगता है साइबर क्राइम क्या है? तो हम आपको बताते है वो क्या है? जब कोई व्यक्ति किसी कंप्यूटर, मोबाइल या किसी ऐसे डिवाइस की सहायता से कोई गलत काम करता है जिसका दूसरे व्यक्ति पर बुरा असर पड़ता है उसे ही साइबर क्राइम कहते हैं। लेकिन हमारे देश में इन सब क्राइम के लिए भी कानून बनाए गए है जिसके तहत फिर उन लोगो को दंड दिया जाता है। क्या आपको साइबर कानून के बारे में जानकारी है अगर नही है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अपने साइबर कानून और लॉ से आपको अवगत कराएंगे बस आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िए। विषयसूची • • • • • साइबर कानून जानने से पहले हमे यह बता होना चाहिए कि साइबर क्राइम क्या है, तथा यह कैसे किया जाता है ? साइबर क्राइम वो क्राइम है जिससे कोई भी व्यक्ति या संघ कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य किसी डिवाइस के द्वारा इन्टरनेट या बिना इंटरनेट की सहायता से किसी और व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है। उससे ही साइबर क्राइम कहते है। साइबर क्राइम एक ऑनलाइन अपराध होता है जो कंप्यूटर या इंटरनेट द्वारा किया जाता है। इसमें कंप्यूटर नेटवर्क, साइबर स्पेस या इंटरनेट के माध्यम से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, संपत्ति और व्यक्तिगत जानकारी के बराबर उपयोग, अनधिकृत उपयोग, ऑनलाइन शोषण, ऑनलाइन धमकी और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे अपराध शामिल होते हैं। साइबर क्राइम का फलस्वरूप हर साल लाखो लोगो को नुकसान भी होते हैं, जो व्यक्तिगत, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक हो सकते हैं। उदाहरण के रूप में, साइबर क्राइम में शामिल होने वाले अपराधों में शामिल हो सकते हैं: वेबसाइट धोखाधड़ी, वेबसाइट हैकिंग, फिशिंग, वेबसाइट से वायरस, ट्रोजन और मै...

साइबर क्राइम पर लगेगा अंकुश, पहले थाने का शुभारंभ

क्राइम कंट्रोल की दिशा में सुपौल जिले में एक नया आयाम जुड़ गया है। शुक्रवार को बिहार में 44 जगहों में एक साथ साइबर थाना काम करना शुरु कर दिया है, जिसमें से एक सुपौल भी है। उक्त साइबर थाना की स्थापना जिला मुख्यालय के सदर थाना परिसर स्थित एससी-एसटी थाना के उपरी तले पर किया गया है, जिसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक शैशव यादव ने फीता काटकर किया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वर्तमान समय में अपराधियों द्वारा नए-नए तकनीक का प्रयोग करके साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। साइबर अपराध के नियंत्रण व रोकथाम को लेकर गृह विभाग के आदेश के आलोक में सुपौल साइबर थाना का सृजन किया गया है। इस थाने में साइबर अपराध से जुड़े सभी कांडों को दर्ज किया जाएगा। इस थाना के एसएचओ पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी होंगे। सुपौल के पुलिस उपाधीक्षक कुमार इंद्रप्रकाश इस थाना के पहले थानाध्यक्ष हैं। चार पुलिस इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की गई है जो अनुसंधानकर्ता होंगे। इसके अलावा तीन सब इंस्पेक्टर की भी पोस्टिंग की गई है। वहीं एक प्रोग्रामर, तीन डाटा सहायक, तीन सिपाही व एक चालक की पोस्टिंग की गई है। इस थाना का कार्य क्षेत्र संपूर्ण जिला होगा। अगर जिले के किसी भाग में साइबर क्राइम से जुड़ी घटना घटती है तो वह मामला इस थाना में दर्ज किया जाएगा। थानाध्यक्ष से चालक तक को होगी जानकारी साइबर थाने की खासियत है कि थानाध्यक्ष से लेकर चालक तक को कम्प्यूटर की जानकारी होगी। पदस्थापित तीन सब इंस्पेक्टर में से दो बी टेक किए हुए हैं। इस थाना को और भी कई सुविधाओं लैस किया जाएगा, ताकि साइबर क्राइम पर अंकुश लग सके। साइबर थाना का भवन अलग बनाया जाएगा और इसके लिए एक एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगाी। था मौके मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक अजय ...