साइमन कमीशन क्या है लिखिए

  1. साइमन कमीशन
  2. साइमन कमीशन (पूरी जानकारी) Simon Commission in Hindi
  3. साइमन कमीशन
  4. साइमन कमीशन (पूरी जानकारी) Simon Commission in Hindi
  5. Explainer: जानिए कब और कैसे हुआ साइमन कमीशन का गठन?
  6. साइमन कमीशन
  7. साइमन कमीशन
  8. Simon Commission, Report & Recommendations: जानिए साइमन कमीशन के बारे में
  9. साइमन कमीशन (पूरी जानकारी) Simon Commission in Hindi
  10. Explainer: जानिए कब और कैसे हुआ साइमन कमीशन का गठन?


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साइमन कमीशन

साइमन कमीशन | Simon Commission 1927 in Hindi | Simon Go Back Movement Table of contents 1. साइमन कमीशन, 1927 की पृष्ठभूमि 2. साइमन कमीशन 1927 3. कमीशन के सदस्य 4. कांग्रेस का मद्रास अधिवेशन, 1927 5. Simon Go Back Movement 6. वाइसराय लार्ड इरविन की घोषणा 7. साइमन कमीशन रिपोर्ट, 1930 8. प्रश्न और उत्तर (QnA) 1. साइमन कमीशन, 1927 की पृष्ठभूमि भारत शासन अधिनियम, 1919 (Government of India Act 1919)/ मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919 ( Montague Chelmsford Reformation 1919) में 10 वर्ष पश्चात् भारत । इसके अनुसार सरकार को इस कार्य के लिए 1931 ई. में एक आयोग नियुक्त करना था, लेकिन सरकार ने 1927 ई. में ही इस आयोग की नियुक्ति कर दी। ब्रिटिश सरकार का कहना था कि भारतीयों की मांगों के अनुसार शासन में जल्द सुधार लाने के उद्देश्य से आयोग । साइमन कमीशन क्यों लाया गया? 1. उस समय भारत में सांप्रदायिक दंगे अपने चरम पर थे और भारत की एकता कमजोर हो रही थी। ब्रिटिश सरकार चाहती थी कि यह आयोग भारतीयों के सामाजिक तथा राजनीतिक जीवन के विषय में नकारात्मक विचार लेकर लौटे। इस प्रकार ब्रिटेन की रूढ़िवादी सरकार भारत की छवि नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना चाहती थी। 2. साइमन कमीशन 1927 (Simon Commission 1927 in Hindi/ about simon commission) ब्रिटिश संसद द्वार भारत में सांविधानिक सुधार के प्रश्न पर विचार करने के लिए सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में 8 नवम्बर, 1927 को एक आयोग नियुक्त किया गया, जिसे सर जॉन साइमन के नाम पर ‘साइमन कमीशन(Simon commission) कहा गया। इसका औपचारिक नाम “ भारतीय संवैधानिक आयोग” था। साइमन आयोग का मुख्य कार्य भारत की संवैधानिक प्रगति यानि सरकार व्यवस्था, शिक्षा एवं अन्य मुद्दों का अध्ययन कर उसम...

साइमन कमीशन (पूरी जानकारी) Simon Commission in Hindi

Table of Content • • • • • • • • साइमन कमीशन क्या था? What Was The Simon Commission In Hindi भारत कई वर्षों तक ब्रिटेन का गुलाम रहा है। भारत में ब्रिटेन के शासन के दौरान ऐसे कई नियम कानून बनाए गए, जिनका पूरे भारतवर्ष में विरोध किया गया था। ब्रिटिश सरकार भारतीयों पर अत्याचार करके अन्याय पूर्ण नियम बनाती थी। साइमन कमीशन ब्रिटिश शासन के दौरान लाया गया ऐसा ही एक चर्चित कानून था, जिसके कारण पूरे सन 1919 में मांटेग्यू चेम्सपफोर्ड अधिनियम पारित किया गया था। इस अधिनियम के पारित होने के 10 वर्ष बाद भारत में सरकार के विकास की दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए एक समिति का निर्माण किया जाना था। साइमन कमीशन नाम की यह समिति का कार्य अधिनियम के पारित होने पर देश में हुए विकास की समीक्षा करना था। साइमन कमीशन का गठन समय से पहले 8 नवंबर 1927 को ही कर दिया गया। इस समिति का मार्गदर्शन सर जॉन साइमन कर रहे थे, इसीलिए उनके नाम पर ही इस समिति का गठन किया गया। समिति के विरोध में पूरे भारत में बड़े स्तर पर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों की अत्यंत दयनीय दशा थी। प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए अंग्रेजों द्वारा हर संभव प्रयास किया गया। साइमन कमीशन भारत कब आया था? When Did the Simon Commission Come to India in Hindi? साइमन कमीशन भारत में 2 वर्ष बाद आने वाला था, लेकिन उस समय इंग्लैंड में आम चुनाव होने वाले थे। ब्रिटेन की तत्कालीन सत्ता दल पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए 2 वर्ष पूर्व ही इस आयोग का गठन कर दिया तथा स्वयं ही सारा श्रेय ले लिया। लॉर्ड बरकन हेड कंजरवेटिव पार्टी के तत्कालीन सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे। ब्रिटिश काल में भारतीयों को बेहद तुच...

साइमन कमीशन

साइमन कमीशन | Simon Commission 1927 in Hindi | Simon Go Back Movement Table of contents 1. साइमन कमीशन, 1927 की पृष्ठभूमि 2. साइमन कमीशन 1927 3. कमीशन के सदस्य 4. कांग्रेस का मद्रास अधिवेशन, 1927 5. Simon Go Back Movement 6. वाइसराय लार्ड इरविन की घोषणा 7. साइमन कमीशन रिपोर्ट, 1930 8. प्रश्न और उत्तर (QnA) 1. साइमन कमीशन, 1927 की पृष्ठभूमि भारत शासन अधिनियम, 1919 (Government of India Act 1919)/ मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919 ( Montague Chelmsford Reformation 1919) में 10 वर्ष पश्चात् भारत । इसके अनुसार सरकार को इस कार्य के लिए 1931 ई. में एक आयोग नियुक्त करना था, लेकिन सरकार ने 1927 ई. में ही इस आयोग की नियुक्ति कर दी। ब्रिटिश सरकार का कहना था कि भारतीयों की मांगों के अनुसार शासन में जल्द सुधार लाने के उद्देश्य से आयोग । साइमन कमीशन क्यों लाया गया? 1. उस समय भारत में सांप्रदायिक दंगे अपने चरम पर थे और भारत की एकता कमजोर हो रही थी। ब्रिटिश सरकार चाहती थी कि यह आयोग भारतीयों के सामाजिक तथा राजनीतिक जीवन के विषय में नकारात्मक विचार लेकर लौटे। इस प्रकार ब्रिटेन की रूढ़िवादी सरकार भारत की छवि नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना चाहती थी। 2. साइमन कमीशन 1927 (Simon Commission 1927 in Hindi/ about simon commission) ब्रिटिश संसद द्वार भारत में सांविधानिक सुधार के प्रश्न पर विचार करने के लिए सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में 8 नवम्बर, 1927 को एक आयोग नियुक्त किया गया, जिसे सर जॉन साइमन के नाम पर ‘साइमन कमीशन(Simon commission) कहा गया। इसका औपचारिक नाम “ भारतीय संवैधानिक आयोग” था। साइमन आयोग का मुख्य कार्य भारत की संवैधानिक प्रगति यानि सरकार व्यवस्था, शिक्षा एवं अन्य मुद्दों का अध्ययन कर उसम...

साइमन कमीशन (पूरी जानकारी) Simon Commission in Hindi

Table of Content • • • • • • • • साइमन कमीशन क्या था? What Was The Simon Commission In Hindi भारत कई वर्षों तक ब्रिटेन का गुलाम रहा है। भारत में ब्रिटेन के शासन के दौरान ऐसे कई नियम कानून बनाए गए, जिनका पूरे भारतवर्ष में विरोध किया गया था। ब्रिटिश सरकार भारतीयों पर अत्याचार करके अन्याय पूर्ण नियम बनाती थी। साइमन कमीशन ब्रिटिश शासन के दौरान लाया गया ऐसा ही एक चर्चित कानून था, जिसके कारण पूरे सन 1919 में मांटेग्यू चेम्सपफोर्ड अधिनियम पारित किया गया था। इस अधिनियम के पारित होने के 10 वर्ष बाद भारत में सरकार के विकास की दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए एक समिति का निर्माण किया जाना था। साइमन कमीशन नाम की यह समिति का कार्य अधिनियम के पारित होने पर देश में हुए विकास की समीक्षा करना था। साइमन कमीशन का गठन समय से पहले 8 नवंबर 1927 को ही कर दिया गया। इस समिति का मार्गदर्शन सर जॉन साइमन कर रहे थे, इसीलिए उनके नाम पर ही इस समिति का गठन किया गया। समिति के विरोध में पूरे भारत में बड़े स्तर पर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों की अत्यंत दयनीय दशा थी। प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए अंग्रेजों द्वारा हर संभव प्रयास किया गया। साइमन कमीशन भारत कब आया था? When Did the Simon Commission Come to India in Hindi? साइमन कमीशन भारत में 2 वर्ष बाद आने वाला था, लेकिन उस समय इंग्लैंड में आम चुनाव होने वाले थे। ब्रिटेन की तत्कालीन सत्ता दल पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए 2 वर्ष पूर्व ही इस आयोग का गठन कर दिया तथा स्वयं ही सारा श्रेय ले लिया। लॉर्ड बरकन हेड कंजरवेटिव पार्टी के तत्कालीन सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे। ब्रिटिश काल में भारतीयों को बेहद तुच...

Explainer: जानिए कब और कैसे हुआ साइमन कमीशन का गठन?

1920 केदशकमें, भारतमेंविभिन्नक्रांतिकारीआंदोलनोंकीवजहसेआमजनताकेमनमेंस्वाभिमानकीभावनाजागउठी।इसदौरानजनजागृतिआनेऔरजनताकेमनमेंसरकारकेप्रतिसम्मानकमहोतादेखशासनसुधारकेनामपरसरजॉनसाइमनकीअध्यक्षतामेंपार्लियामेंटरीसमितिइन्डियनस्टेच्युटरीकमीशन' कागठनकियागया, जिसेसाइमनआयोग (कमीशन) केनामसेभीजानाजाताहै।भारतमेंसाइमनकमीशनकेगठनसेलेकरउसकेविरोधतककीविस्तृतजानकारीप्राप्तकरनेसेपहलेयूपीएससीमेंपूछेगएप्रश्नऔरआधुनिकभारतकेपाठ्यक्रमपरडालतेहैंएकनज़र। जनजागृतिऔरविदेशीवस्त्रोंकाबहिष्कार भारतसरकारअधिनियम, 1919 मेंप्रावधानथाकिदसवर्षबाद (यानी 1929 में) शासनयोजनाकीप्रगतिकाअध्ययनकरनेऔरनएकदमोंकासुझावदेनेकेलिएएकआयोगनियुक्तकियाजाएगा। 1920 केदशककेद्वितीयार्धमेंधीरे-धीरेदेशकीपरिस्थितिमेंबहुतकुछपरिवर्तनआचुकाथा।लोगोंकेमनमेंभयऔरकुंठाकीजगहआक्रामकताऔरस्वाभिमाननेजगहलेलीथी।गांधीजीकेलेखों-प्रवचनोंसेजनतामेंजागृतिआगईथी।विदेशीवस्त्रोंकाबहिष्कारऔरखादीकेप्रचार-प्रसारसेसाम्राज्यवादियोंकीआमदनीकमहोचुकीथी। कैसेआयाअंग्रेज़अधिकारियोंकेमनमेंडर चंपारणसत्याग्रहसेशुरूहुआसत्याग्रहआन्दोलनइतनाविस्तारपाचुकाथाकिब्रिटिशसरकारकेमनमेंयहदहशतसमागईथीकिकहीं 1857 कीतरहकाविद्रोहनभड़कजाए।क्रांतिकारीआन्दोलनकारियोंकीगतिविधियोंकेकारणअंग्रेज़अधिकारियोंकेमनमेंडरसमायारहताथा।दुनियामेंअंग्रेज़ोंकीइज़्ज़तकमहोरहीथी।इनसबसेपरेशानहोकर, नियतसमयसेदोसालपहलेही, लिबरलपार्टीकेस्टेनलीबाल्डविनकेप्रधानमंत्रित्वकालमें, ब्रिटिशसरकारनेशासनसुधारकेनामपरएकपार्लियामेंटरीसमिति 'इन्डियनस्टेच्युटरीकमीशन' कागठनकिया।इसकेअध्यक्षसरजॉनसाइमनथे।इसीलिएइसेसाइमनआयोग (कमीशन) भीकहाजाताहै। साइमनआयोग (कमीशन) कागठन 8 नवम्बर, 1927 कोइसकमीशनकेनियुक्तिकीसूचनाभारतमेंकीगईथी।इसकमीशनकाउद्देश्यथाकिवहभारतमेंघूमकर...

साइमन कमीशन

इस लेख में अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है। कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर (जुलाई 2016) स्रोत खोजें: · · · · साइमन आयोग सात ब्रिटिश सांसदो का समूह था, जिसका गठन 8 नवम्बर 1927 में भारत में संविधान सुधारों के अध्ययन के लिये किया गया था और इसका मुख्य कार्य ये था कि मांटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार कि जांच करना था। 3 फरवरी 1928 में साइमन कमीशन भारत आया। भारतीय आंदोलनकारियों में ‛‛साइमन कमीशन वापस जाओ’’ के नारे लगाए और जमकर विरोध किया। साइमन कमीशन के विरुद्ध होने वाले इस आंदोलन में कांग्रेस के साथ साथ मुस्लिम लीग ने भी भाग लिया। साइमन आयोग (कमीशन) नाम इसके अध्यक्ष 1.भारत में एक संघ की स्थापना हो जिसमें ब्रिटिश भारतीय प्रांत और देशी रियासतें शामिल हों। 2.केन्द्र में उत्तरदायी शासन की व्यवस्था हो। 3.वायसराय और प्रांतीय गवर्नर को विशेष शक्तियाँ दी जाएं। 4.एक लचीले संविधान का निर्माण हो। अनुक्रम • 1 साइमन कमीशन के सुझाव • 2 विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु • 3 क्रान्तिकारियों द्वारा बदला • 4 आयोग के सदस्य • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हेंभीदेखें • 7 बाहरीकड़ियाँ साइमन कमीशन के सुझाव [ ] साइमन कमीशन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि- (१) प्रांतीय क्षेत्र में विधि तथा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में उत्तरदायी सरकार गठित की जाए। (२) केन्द्र में उत्तरदायी सरकार के गठन का अभी समय नहीं आया। (३) केंद्रीय विधान मण्डल को पुनर्गठित किया जाय जिसमें एक इकाई की भावना को छोड़कर संघीय भावना का पालन किया जाय। साथ ही इसके सदस्य परोक्ष पद्धति से प्रांतीय विधान मण्डलों द्वारा चुने जाएं। विरोध और लाला लाजपत राय की मृत्यु [ ] कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज थे जो भारतीयों का बहुत बड़ा अपमान था। 3 फरवरी 1928 को कमी...

साइमन कमीशन

साइमन कमीशन | Simon Commission 1927 in Hindi | Simon Go Back Movement Table of contents 1. साइमन कमीशन, 1927 की पृष्ठभूमि 2. साइमन कमीशन 1927 3. कमीशन के सदस्य 4. कांग्रेस का मद्रास अधिवेशन, 1927 5. Simon Go Back Movement 6. वाइसराय लार्ड इरविन की घोषणा 7. साइमन कमीशन रिपोर्ट, 1930 8. प्रश्न और उत्तर (QnA) 1. साइमन कमीशन, 1927 की पृष्ठभूमि भारत शासन अधिनियम, 1919 (Government of India Act 1919)/ मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919 ( Montague Chelmsford Reformation 1919) में 10 वर्ष पश्चात् भारत । इसके अनुसार सरकार को इस कार्य के लिए 1931 ई. में एक आयोग नियुक्त करना था, लेकिन सरकार ने 1927 ई. में ही इस आयोग की नियुक्ति कर दी। ब्रिटिश सरकार का कहना था कि भारतीयों की मांगों के अनुसार शासन में जल्द सुधार लाने के उद्देश्य से आयोग । साइमन कमीशन क्यों लाया गया? 1. उस समय भारत में सांप्रदायिक दंगे अपने चरम पर थे और भारत की एकता कमजोर हो रही थी। ब्रिटिश सरकार चाहती थी कि यह आयोग भारतीयों के सामाजिक तथा राजनीतिक जीवन के विषय में नकारात्मक विचार लेकर लौटे। इस प्रकार ब्रिटेन की रूढ़िवादी सरकार भारत की छवि नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना चाहती थी। 2. साइमन कमीशन 1927 (Simon Commission 1927 in Hindi/ about simon commission) ब्रिटिश संसद द्वार भारत में सांविधानिक सुधार के प्रश्न पर विचार करने के लिए सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में 8 नवम्बर, 1927 को एक आयोग नियुक्त किया गया, जिसे सर जॉन साइमन के नाम पर ‘साइमन कमीशन(Simon commission) कहा गया। इसका औपचारिक नाम “ भारतीय संवैधानिक आयोग” था। साइमन आयोग का मुख्य कार्य भारत की संवैधानिक प्रगति यानि सरकार व्यवस्था, शिक्षा एवं अन्य मुद्दों का अध्ययन कर उसम...

Simon Commission, Report & Recommendations: जानिए साइमन कमीशन के बारे में

‘’साइमन कमीशन को आधिकारिक तौर पर 'भारतीय सांविधिक कमीशन' के रूप में जाना जाता है. इस आयोग का गठन सर जॉन साइमन के नेतृत्व में भारत में संवैधानिक व्यवस्था के कामकाज को देखने और बदलाव का सुझाव देने के उद्देश्य से किया गया था. इस आयोग में चार कंजर्वेटिव, दो लेबोराइट्स और ब्रिटिश संसद के एक लिबरल सदस्य शामिल थे.’’ ब्रिटिश सरकार ने सन 1919 में गवर्मेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट (भारत सरकार अधिनियम) के कामकाज की जांच करने और प्रशासन प्रणाली में सुधारों का सुझाव देने के लिए एक आयोग को नियुक्त किया था. सर जॉन साइमन के नाम पर इस आयोग को ‘’साइमन कमीशन’’ के नाम से जाना जाता है. इस आयोग की नियुक्ति से भारतीय जनता को एक गहरा धक्का लगा. क्योंकि इस आयोग के सभी सदस्य अंग्रेज थे और इसमें एक भी भारतीय व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया था. और सरकार ने स्वराज की मांग को स्वीकार करने की न हीं कोई इच्छा नहीं दिखाई. इस आयोग की स्थापना ने भारतीय लोगों के मन में बसे डर की पुष्टि कर दी थी. इसलिए तब इस आयोग की नियुक्ति से पूरे देश में विरोध की एक बड़ी लहर दौड़ गई थी. यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. Weekly Current Affairs Magazine Free PDF: साइमन गो बैक - सन 1927 में मद्रास में जब कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन हुआ तब उस अधिवेशन में आयोग का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया. मुस्लिम लीग ने भी आयोग का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. यह आयोग 3 फरवरी 1928 को भारत आया था. साइमन कमीशन के विरोध में उस दिन भारत के लोगों ने देशव्यापी हड़ताल की थी. उस दिन दोपहर में, आयोग की नियुक्ति की निंदा क...

साइमन कमीशन (पूरी जानकारी) Simon Commission in Hindi

Table of Content • • • • • • • • साइमन कमीशन क्या था? What Was The Simon Commission In Hindi भारत कई वर्षों तक ब्रिटेन का गुलाम रहा है। भारत में ब्रिटेन के शासन के दौरान ऐसे कई नियम कानून बनाए गए, जिनका पूरे भारतवर्ष में विरोध किया गया था। ब्रिटिश सरकार भारतीयों पर अत्याचार करके अन्याय पूर्ण नियम बनाती थी। साइमन कमीशन ब्रिटिश शासन के दौरान लाया गया ऐसा ही एक चर्चित कानून था, जिसके कारण पूरे सन 1919 में मांटेग्यू चेम्सपफोर्ड अधिनियम पारित किया गया था। इस अधिनियम के पारित होने के 10 वर्ष बाद भारत में सरकार के विकास की दिशा में किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए एक समिति का निर्माण किया जाना था। साइमन कमीशन नाम की यह समिति का कार्य अधिनियम के पारित होने पर देश में हुए विकास की समीक्षा करना था। साइमन कमीशन का गठन समय से पहले 8 नवंबर 1927 को ही कर दिया गया। इस समिति का मार्गदर्शन सर जॉन साइमन कर रहे थे, इसीलिए उनके नाम पर ही इस समिति का गठन किया गया। समिति के विरोध में पूरे भारत में बड़े स्तर पर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों की अत्यंत दयनीय दशा थी। प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने के लिए अंग्रेजों द्वारा हर संभव प्रयास किया गया। साइमन कमीशन भारत कब आया था? When Did the Simon Commission Come to India in Hindi? साइमन कमीशन भारत में 2 वर्ष बाद आने वाला था, लेकिन उस समय इंग्लैंड में आम चुनाव होने वाले थे। ब्रिटेन की तत्कालीन सत्ता दल पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए 2 वर्ष पूर्व ही इस आयोग का गठन कर दिया तथा स्वयं ही सारा श्रेय ले लिया। लॉर्ड बरकन हेड कंजरवेटिव पार्टी के तत्कालीन सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे। ब्रिटिश काल में भारतीयों को बेहद तुच...

Explainer: जानिए कब और कैसे हुआ साइमन कमीशन का गठन?

1920 केदशकमें, भारतमेंविभिन्नक्रांतिकारीआंदोलनोंकीवजहसेआमजनताकेमनमेंस्वाभिमानकीभावनाजागउठी।इसदौरानजनजागृतिआनेऔरजनताकेमनमेंसरकारकेप्रतिसम्मानकमहोतादेखशासनसुधारकेनामपरसरजॉनसाइमनकीअध्यक्षतामेंपार्लियामेंटरीसमितिइन्डियनस्टेच्युटरीकमीशन' कागठनकियागया, जिसेसाइमनआयोग (कमीशन) केनामसेभीजानाजाताहै।भारतमेंसाइमनकमीशनकेगठनसेलेकरउसकेविरोधतककीविस्तृतजानकारीप्राप्तकरनेसेपहलेयूपीएससीमेंपूछेगएप्रश्नऔरआधुनिकभारतकेपाठ्यक्रमपरडालतेहैंएकनज़र। जनजागृतिऔरविदेशीवस्त्रोंकाबहिष्कार भारतसरकारअधिनियम, 1919 मेंप्रावधानथाकिदसवर्षबाद (यानी 1929 में) शासनयोजनाकीप्रगतिकाअध्ययनकरनेऔरनएकदमोंकासुझावदेनेकेलिएएकआयोगनियुक्तकियाजाएगा। 1920 केदशककेद्वितीयार्धमेंधीरे-धीरेदेशकीपरिस्थितिमेंबहुतकुछपरिवर्तनआचुकाथा।लोगोंकेमनमेंभयऔरकुंठाकीजगहआक्रामकताऔरस्वाभिमाननेजगहलेलीथी।गांधीजीकेलेखों-प्रवचनोंसेजनतामेंजागृतिआगईथी।विदेशीवस्त्रोंकाबहिष्कारऔरखादीकेप्रचार-प्रसारसेसाम्राज्यवादियोंकीआमदनीकमहोचुकीथी। कैसेआयाअंग्रेज़अधिकारियोंकेमनमेंडर चंपारणसत्याग्रहसेशुरूहुआसत्याग्रहआन्दोलनइतनाविस्तारपाचुकाथाकिब्रिटिशसरकारकेमनमेंयहदहशतसमागईथीकिकहीं 1857 कीतरहकाविद्रोहनभड़कजाए।क्रांतिकारीआन्दोलनकारियोंकीगतिविधियोंकेकारणअंग्रेज़अधिकारियोंकेमनमेंडरसमायारहताथा।दुनियामेंअंग्रेज़ोंकीइज़्ज़तकमहोरहीथी।इनसबसेपरेशानहोकर, नियतसमयसेदोसालपहलेही, लिबरलपार्टीकेस्टेनलीबाल्डविनकेप्रधानमंत्रित्वकालमें, ब्रिटिशसरकारनेशासनसुधारकेनामपरएकपार्लियामेंटरीसमिति 'इन्डियनस्टेच्युटरीकमीशन' कागठनकिया।इसकेअध्यक्षसरजॉनसाइमनथे।इसीलिएइसेसाइमनआयोग (कमीशन) भीकहाजाताहै। साइमनआयोग (कमीशन) कागठन 8 नवम्बर, 1927 कोइसकमीशनकेनियुक्तिकीसूचनाभारतमेंकीगईथी।इसकमीशनकाउद्देश्यथाकिवहभारतमेंघूमकर...