सालासर बालाजी की कथा

  1. Salasar Balaji History Facts : सालासर बालाजी के इतिहास से जुड़े रोचक तथ्य !
  2. भाव से 'बालाजी' के दर्शन: राजस्थान सालासर बालाजी का आज का श्रृंगार, फटाफट कर लीजिए दर्शन
  3. सालासर
  4. सालासर धाम की सच्ची कहानी कैसे बना सालासर मंदिर
  5. सालासर बालाजी का इतिहास Salasar balaji history in hindi
  6. श्री सालासर बालाजी री कथा द्वितीय भाग Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
  7. सालासर बालाजी


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Salasar Balaji History Facts : सालासर बालाजी के इतिहास से जुड़े रोचक तथ्य !

Salasar Balaji History Facts in Hindi : राजस्‍थान के चुरू जिले में स्थित हनुमान जी का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जिसे सालासर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। भगवान सालासर बाला जी अपने सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। यहाँ से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। चूरू के गांव सालासर में बालाजी मंदिर की स्थापना का इमंदिर तिहास बड़ा रोचक है। Contents • • • • • • • • • Salasar Balaji History Facts in Hindi तो आइये सालासर बालाजी के इतिहास से जुड़े चमत्कारी तथ्य … सालासर बालाजी मंदिर एवं स्थान (Salasar Balaji Temple and Place) Shri Salasar Balaji or Salasar Dham Temple, Rajasthan ( सालासर बालाजी भगवान हनुमान जी का एक धार्मिक स्थल है। वैसे तो भारत देश में हनुमानजी के कई मंदिर हैं, लेकिन हनुमानजी के इस मंदिर की उनके भक्तों के बीच बहुत मान्यता है। यही वजह है कि यहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सालासर बालाजी धाम मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में सीकर जिले की सीमा पर स्थित है। सालासर कस्बा, राजस्थान में चूरू जिले का एक हिस्सा है और यह जयपुर – बीकानेर राजमार्ग पर स्थित है। हर वर्ष असंख्य भारतीय भक्त बालाजी के दर्शन के लिए सालासर धाम जाते हैं। श्री हनुमान जयन्ती उत्सव के अवसर पर भारत के हर कोने से लाखों श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं। हनुमान सेवा समिति द्वारा यहाँ हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर जोर शोर से मेलों का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर भारत का एकमात्र बालाजी का मंदिर है जिसमे बालाजी के दाढ़ी और मूँछ है। हालांकि इसके पीछे भी बड़ी रोचक कथा बताई जाती है। सालासर बालाजी मंदिर का प्रबंधन मोहनदासजी सालासर बालाजी ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है। श्री सालासर बालाजी धा...

भाव से 'बालाजी' के दर्शन: राजस्थान सालासर बालाजी का आज का श्रृंगार, फटाफट कर लीजिए दर्शन

Salasar Balaji Dham Rajasthan : जिनके चलते संसार में सबका वर्णन होता है उनका वर्णन भला हम तुच्छ प्राणी क्या ही कर पाएंगे लेकिन फिर भी प्रयास है कि उनकी महिमा के वर्णन का हम जगह-जगह प्रसार कर पाएं| हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सालासर बालाजी धाम की| राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी धाम की महिमा का वर्णन जितना किया जाए उतना कम है| धार्मिक धामों की कड़ी में सालासर बालाजी धाम बेहद दिव्य है, अपने-आप में अद्भुतता को समेटे हुए है| जहां शक्तियों का अहसास होता है| यह ऐसा धाम है जहां चमत्कार होता है| यहां चमत्कारों की फेहरिस्त बड़ी लम्बी है| यह ऐसा धाम है जहां भक्त की तकदीर और तस्वीर पल में बदल जाती है| बरहाल, सालासर बालाजी के सामने जो भी नस्मस्तक होता है फिर उसके कल्याण में देर नहीं लगती| पर हां एक शर्त है कि सालासर बालाजी के सामने आपकी भक्ति तन और मन से निर्मल होनी चाहिए| बालाजी के सामने कोई कपट नहीं चलता| बस कपट न हो तो फिर चमत्कार का मजा देखिये| दाढ़ी मूंछ में हैं यहां बालाजी ..... आपको बतादें कि, सालासर बालाजी धाम में बाबा बालाजी दाढ़ी मूंछ के स्वरुप में सुशोभित हैं| माना जाता है कि यह भारत का ऐसा पहला मंदिर है जहां बालाजी की दाढ़ी मूंछ वाली प्रतिमा स्थापित है। बाबा बालाजी का ऐसा रूप देश में कहीं और नहीं देखना को मिलता है| सालासर बालाजी का आज का श्रृंगार(31-5-2022), नहीं आ पाए धाम तो घर बैठे करिये दर्शन.... Salasar Balaji Dham Story सालासर बालाजी की प्रातः आरती में भी शामिल हो जाइये... अर्थ प्रकाश पर अब रोज करिये सालासर बालाजी के दर्शन..... बतादें कि, अबसे अर्थ प्रकाश पर सालासर बालाजी का हर रोज का श्रृंगार आपको देखने को मिलेगा| साथ ही आप बाबा बालाजी के अद्भुत दर्शन भ...

सालासर

अनुक्रम • 1 सालासर बालाजी • 2 मंदिर का इतिहास • 3 भूगोल • 4 बाहरी कड़ियाँ • 5 सन्दर्भ सालासर बालाजी [ ] सालासर बालाजी या सालासर धाम भारत में मंदिर का इतिहास [ ] तुम मेरी उस मूर्ति को एक बैल गाड़ी से सालासर ले जाना। भूगोल [ ] सालासर गाँव 28°04′13″N 73°58′44″E / 28.0703°N 73.9789°E / 28.0703; 73.9789. = सालासर मे एक मंदिर का बाहरी दृश्य बाहरी कड़ियाँ [ ] • सन्दर्भ [ ] • . अभिगमन तिथि 17 मार्च 2018. • . अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2011.

सालासर धाम की सच्ची कहानी कैसे बना सालासर मंदिर

सालासर धाम की सच्ची कहानी सालासर बालाजी के बारे में वैसे तो कुछ भी कहने की जरुरत ही नहीं है लेकिन अगर आप राजस्थान से नहीं हो तो शायद आपको बताने की जरुरत हो सकती है की सालासर बालाजी किसे कहते है अगर आप राजस्थान से है सालासर हनुमान जी तो आपको बालाजी बाबा के बारे में पता ही होगा आज हम आपको बताएंगे की बालाजी का मंदिर सालासर में कैसे बना और किसने बनाया है तो भक्त जनो शुरू करते है सालासर बालाजी मंदिर की कथा बालाजी सालासर आज तक जितने भी संत हुए है उनमे एक बात हमेसा कॉमन रही है की सभी बचपन से ही पूजा पाठ भगवान की सेवा में मन लगता था कुछ ये ही हाल था राजस्थान के सीकर जिले के रुल्याणी ग्राम के निवासी लच्छीराम के छोटे पुत्र मोहनदास का वे बचपन से ही ऐसे थे • • सालासर दरबार मोहनदास की बहन का विवाह सालासर गांव में हुआ उनके पुत्र उदय का जन्म होने के बाद थोड़े समय में ही उनके पति का धेयांत हो गया दिन बीतते गए भांजा बड़ा हुआ उसकी भी शादी कर दी एक दिन मोहनदास और भांजा दोनों खेत का काम कर रहे थे तभी मोहनदास के हाथ से हाल गिरा

सालासर बालाजी का इतिहास Salasar balaji history in hindi

Salasar balaji history in hindi Salasar balaji दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सालासर बालाजी मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर सालासर बालाजी मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं । Salasar balaji history in hindi Image source – राजस्थान में स्थित सालासर बालाजी मंदिर के बारे में – भारत देश के राजस्थान राज्य में स्थित सालासर बालाजी का मंदिर एक अद्भुत चमत्कारी मंदिर है जिस मंदिर से बालाजी भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है । इस मंदिर के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्तगण सालासर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं और बालाजी के दर्शन करके अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करते हैं । सालासर बालाजी की प्रतिमा की उत्पत्ति के बारे में ऐसा कहा जाता है कि सालासर बालाजी की प्रतिमा की उत्पत्ति 1811 में नागौर जिले के आसोटा गांव में हुई थी । सालासर बालाजी की प्रतिमा की उत्पत्ति और मंदिर निर्माण को लेकर एक कथा भी कही जाती है और कथा में यह बताया जाता है कि बालाजी महाराज के सबसे प्रिय भक्त महात्मा मोहनदास जी के द्वारा बालाजी महाराज की कठिन तपस्या की गई थी । जब बालाजी महाराज की तपस्या महात्मा मोहनदास महाराज के द्वारा की गई थी तब बालाजी महाराज महात्मा मोहनदास की तपस्या से खुश हो गए थे । इसके बाद बालाजी महाराज ने मोहनदास की तपस्या से खुश होकर महात्मा मोहनदास जी महाराज को साक्षात मूर्ति के रूप में दर्शन दिए थे और महात्मा मोहनदास से बालाजी महाराज ने यह भी कहा था कि वह जल्द ही एक प्रतिमा के रूप में तुम्हारे पास आएंगे और तुम्हारे द्वारा एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा । एक बार जब एक ...

श्री सालासर बालाजी री कथा द्वितीय भाग Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

श्री सालासर बालाजी री कथा द्वितीय भाग लिरिक्स Shri Salasar Balaji Katha Second Part श्री सालासर बालाजी री कथा द्वितीय भाग लिरिक्स (हिन्दी) श्री सालासर बालाजी री कथा द्वितीय भाग, श्री सालासर बालाजी री कथा द्वितीय भाग, अरे बहन म्हारी राखो थारे मनडा मे विश्वास, कानीबाई राखो थारे मनडा मे विश्वास, भक्ति करो थे साची सेवना रे जियो, अरे बाईसा बजरंग बाला आसी पाछा द्वार, बाईसा बजरंग बाला आसी पाछा द्वार, राजी करोनी अंजनी रा लाल ने रे जियो, अरे बीरूडा कहिजे कहिजे भोला रो भगवान, बीरूडा कहिजे कहिजे भोला रो भगवान, भगता रे वेले आवे आंगने रे जियो, अरे सालासर बालाजी री महिमा गावु आज, सालासर बालाजी री महिमा गावु आज, भक्ति सु प्रगट्या सालासर गाँव में ओ जियो।। अरे बीरूडा एक दिन कोई दोपारी रो टेम, बीरूडा एक दिन कोई दोपारी रो टेम, आया बालाजी साधु वेश मे रे जियो, अरे कानीबाई देख्यो साधु ने द्वार, कानीबाई देख्यो साधु ने द्वार, भाई मोहन ने हेलो मारीयो रे जियो, अरे बीरा मोहन कोई साधु आयो द्वार, बीरा मोहन कोई साधु आयो द्वार, भिक्षा लेवन ने आयो द्वार पे रे जियो, अरे सालासर बालाजी री महिमा गावु आज, सालासर बालाजी री महिमा गावु आज, भक्ति सु प्रगट्या सालासर गाँव में ओ जियो।। अरे मोहनजी देख्या देख्या बाहर ने तो आय, मोहनजी देख्या देख्या बाहर ने तो आय, देख्या बालाजी ने पाछा जावता रे जियो, अरे मोहनजी दौडे कोई बालाजी रे लार, मोहनजी दौडे कोई बालाजी रे लार, जाय पग पकडे अंजनी लाल रा रे जियो, अरे बापजी चालो म्हारे बहन रे घर आज, बापजी चालो म्हारे बहन रे घर आज, दर्शन देवोनी कानीबाई ने रे जियो, अरे सालासर बालाजी री महिमा गावु आज, सालासर बालाजी री महिमा गावु आज, भक्ति सु प्रगट्या सालासर गाँव में ओ जियो।। अरे बालाजी हो...

सालासर बालाजी

अनुक्रम • 1 स्थान • 2 मार्ग मानचित्र (दिल्ली - सालासर बालाजी) • 3 प्रबंधन (सालासर बालाजी का ट्रस्ट) • 4 दर्शनीय स्थल • 5 संदर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ स्थान [ ] सालासर कस्बा,राजस्थान के यह शहर पिलानी शहर से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर है,जहाँ (बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी/बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान) स्थित है। श्रावण शुक्लपक्ष नवमी,संवत् 1811 -दिन शनिवार को एक चमत्कार हुआ। नागौर जिले में असोटा गाँव का एक गिन्थाला-जाट किसान अपने खेत को जोत [खेत का काम] रहा था। अचानक उसके हल से कोई पथरीली चीज़ टकरायी और एक गूँजती हुई आवाज पैदा हुई। उसने उस जगह की मिट्टी को खोदा और उसे मिट्टी में सनी हुई दो मूर्त्तियाँ मिलीं। उसकी पत्नी उसके[किसान] लिए भोजन लेकर वहाँ पहुँची। किसान ने अपनी पत्नी को मूर्त्ति दिखायी। किसान की पत्नी ने अपनी साड़ी (पोशाक) से मूर्त्ति को साफ किया| यह मूर्त्ति बालाजी भगवान श्री हनुमान की थी। उन्होंने समर्पण के साथ अपने सिर झुकाये और भगवान बालाजी की पूजा की। भगवान बालाजी के प्रकट होने का यह समाचार तुरन्त असोटा गाँव में फ़ैल गया। असोटा के ठाकुर ने भी यह खबर सुनी। बालाजी ने उसके सपने में आकर उसे आदेश दिया कि इस मूर्त्ति को चूरू जिले में सालासर भेज दिया जाए। उसी रात भगवान हनुमान के एक भक्त, सालासर के मोहन दासजी महाराज ने भी अपने सपने में भगवान हनुमान यानि बालाजी को देखा। भगवान बालाजी ने उसे असोटा की मूर्त्ति के बारे में बताया। उन्होंने तुरन्त आसोटा के ठाकुर के लिए एक सन्देश भेजा। जब ठाकुर को यह पता चला कि आसोटा आये बिना ही मोहन दासजी को इस बारे में थोड़ा-बहुत ज्ञान है, तो वे चकित हो गये। निश्चित रूप से, यह सब सर्वशक्तिमान भगवान बालाजी की कृपा ...