Samaj manovigyan ki paribhasha den

  1. मनोविज्ञान की परिभाषा
  2. Manovigyan Ki Paribhasha
  3. समास की परिभाषा भेद, उदाहरण
  4. मनोविज्ञान का अर्थ एवं क्षेत्र


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मनोविज्ञान की परिभाषा

मनोविज्ञान की परिभाषा ( Definition of Psychology in hindi ) : मनोविज्ञान का क्या है, इसके बार में मनोविज्ञान की परिभाषा क्या है ? मनोविज्ञान में प्राणियों (Creatures) का अध्यन किया जाता जाता है की प्राणी कैसे सीखता है , सोचता है, याद करता है , समझता है, तथा कैसे अपने आस पास के वातावरण की वस्तुओ और घटनाओ के साथ किस तरह से अंतक्रिया होता है आदि का अध्ययन में मनोविज्ञान के अंतर्गत ही किया जाता है | सामान्यतया: हम देखते है की प्रत्येक व्यक्ति का व्यव्हार अलग अलग होता है , उनकी बुद्धि , अभिव्यक्ति , स्वभाव , भाव , विचार , सोचे ,भावना सभी अलग अलग होता है तो इन व्यवहारों को सामान्य व्यक्ति सामान्य व्यवहार ही समझता है लेकिन मनोविज्ञान में इन व्यवहारों और क्रियाओ के पीछे छुपे मूल करने के बार में या वैज्ञानिक कारणों का क्रमबद्ध अध्ययन ही मनोविज्ञान का मूल उद्धेश्य होता है । मनोविज्ञान की परिभाषा मनोविज्ञान की परिभाषा |Definition of Psychology| मनोविज्ञान का अर्थ अंग्रेजी में इसको psychology (साइकोलॉजी) कहते हैं। मनोविज्ञान psychology (साइकोलॉजी) की उत्पत्ति यूनानी भाषा के दो ग्रीक शब्दों pyscho (साइको) तथा logic (लॉजिक) से मिलकर बना है । pyscho (साइको) का अर्थ– “ आत्मा” तथा logic (लॉजिक) शब्द का अर्थ– “ अध्ययन” ।अर्थात शाब्दिक अर्थ के अनुसार मनोविज्ञान विषय में आत्मा का अध्ययन (Study of Soul) किया जाता है | इस अंग्रेजी शब्द “pyschology “का अर्थ है– आत्मा का अध्ययन (Study of Soul)।। • ‘मनोविज्ञान’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है – मन का विज्ञान • अंग्रेजी शब्द – आत्मा का अध्ययन करने वाले ज्ञान की शाखा। • पहले के समय के ग्रीक दार्शनिक “ अरस्तु और प्लेटो “ ने भी मनोविज्ञान को “ आत्मा का विज्ञा...

Manovigyan Ki Paribhasha

7 मनोविज्ञान का कार्यक्षेत्र क्या है? मनोविज्ञान शब्द की उत्पत्ति और अर्थ Psychology (मनोविज्ञान) को सदियों पहले Philosophy के एक भाग के तौर पर माना जाता रहा था। Psychology को स्वतंत्र सब्जेक्ट बनाने के लिए इसे define किया गया। PSYCHOLOGY Latin language के दो वर्ड PSYCHE + LOGOS से मिलकर बना है। PSYCHE का मतलब है आत्मा का और LOGOS का मतलब हैं अध्ययन करना। मनोविज्ञान का पिता किसे कहा जाता है? Wilhelm Wundt को आधुनिक मनोविज्ञान का पिता कहा जाता है। मानव मन और व्यवहार का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने वाली एक प्रयोगशाला की स्थापना करके, वुंड्ट ने मनोविज्ञान को दर्शन और biology के मिश्रण से लेकर अध्ययन का एक अनूठा क्षेत्र बना दिया। Psychology को अलग साइंस बनाने के अलावा, वुंड्ट के पास कई छात्र भी थे जो स्वयं प्रभावशाली मनोवैज्ञानिक बन गए। • Edward B. Titchener, संरचनावाद के रूप में ज्ञात विचारधारा के स्कूल की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे। • James McKeen Cattell, USA में psychology के पहले proffesor बने। • Stanley Hall ने यू.एस. में पहली प्रयोगात्मक मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की। मनोविज्ञान की परिभाषा क्या है? वाटसन – Psychology, behaviour का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है। मैक्डूगल – Psychology आचरण और behaviour का यथार्थ विज्ञान है। वुडवर्थ – Psychology वातावरण के contact में होने वाले human behaviour का विज्ञान है। क्रो एण्ड क्रो – Psychology, human behaviour और मानव सम्बन्धों का अध्ययन है। बोरिंग – Psychology मानव प्रकृति का अध्ययन है। स्किनर – Psychology, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है। गार्डनर मर्फी – Psychology वह science है, जो जीवित व्यक्तियों का उ...

समास की परिभाषा भेद, उदाहरण

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मनोविज्ञान का अर्थ एवं क्षेत्र

Manovigyan ka Arth दोस्तो जैसा कि आप जानते होंगे कि पशु और मनुष्य में बुद्धि की मात्रा का विशेष अन्तर है। इसी बुद्धि के कारण मनुष्य ने सम्पूर्ण जीव एवं अजीवों पर अपना वर्चस्व स्थापित किया है और इसी बुद्धि के कारण मनुष्य ने अपने कल्याण हेतु नाना प्रकार की विज्ञानों, सिद्धान्तों तथा शास्त्रों का विकास किया है। बुद्धि ने ही मनुष्य को उन्नति के पथ पर इतना आगे अग्रसर किया है। मनुष्य ने अपनी बुद्धि के बल पर ही विभिन्न कला, साहित्य तथा प्रज्ञान में उन्नति की है। मनोविज्ञान विषय का अभ्युदय तथा विकास भी मनुष्य की बुद्धि का ही परिणाम है। मनोविज्ञान अपने जन्म के समय में पूरी तरह से सैद्धान्तिक तथा विषयगत विषय था, किन्तु कालान्तर में मानव बुद्धि ने मनोविज्ञान को उन्नति के पथ पर अग्रसर कर इसके सैद्धान्तिक, व्यावहारिक तथा प्रयोगात्मक पक्षों का विकास किया। आज मनोविज्ञान एक पूर्ण विकसित विज्ञान का रूप ले चुका है, जो विभिन्न क्षेत्रों को अपने कलेवर में सजोये हुए है। मनुष्य ने मनोविज्ञान का विकास अति प्राचीन समय में ही कर लिया था, किन्तु यह बात दूसरी है कि तब इसका नामकरण पृथक् से नहीं हुआ था। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में हम मनोविज्ञान के अनेकानेक पहलुओं का अध्ययन करते हैं। इसी प्रकार गीता में श्रीकृष्ण के उपदेशों की मीमांसा करें तो हम पाते हैं कि गीता में भी व्यावहारिक मनोविज्ञान की स्पष्ट अवधारणा उसमें है। वेद, उपनिषद, बौद्ध, साहित्य तथा जैन साहित्य में भी मन, आत्मा, चेतन, अहम्, परम्-अहम् आदि तत्त्वों की पृथक्-पृथक् दृष्टिकोणों से चर्चा की गई है। अरस्तू के समय के दर्शनशास्त्र को पढ़ें तो हम उसमें भी मनोविज्ञान के विभिन्न पक्षों की विवेचना पायेंगे। इससे सिद्ध होता है कि मनोविज्ञान विषय तो बहुत...