Samangi mishran ki paribhasha

  1. रसायन विज्ञान
  2. भाषा की परिभाषा और प्रकृति
  3. तत्व यौगिक एवं मिश्रण
  4. समांगी मिश्रण क्या है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण
  5. विषमांगी मिश्रण किसे कहते हैं? Vishmangi Mishran Kise Kahte Hai
  6. कहानी
  7. मिश्र भिन्न की परिभाषा
  8. समांगी मिश्रण क्या है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण
  9. भाषा की परिभाषा और प्रकृति
  10. रसायन विज्ञान


Download: Samangi mishran ki paribhasha
Size: 27.43 MB

रसायन विज्ञान

vishay soochi • 1 itihas • 2 rasayan vijnan ka vikas • 3 rasayan vijnan ke aang • 4 dravy nirman ke mool tatv • 5 rasayanik samikaranoan ki paddhati • 6 paramanu vibhajan • 7 akarbanik, ya samany rasayan • 8 karbanik rasayan • 9 bhautik rasayan • 10 tika tippani aur sandarbh • 11 sanbandhit lekh rasayan vijnan ( rasayan vijnan ki mukhyatah do shakhaean hai- • akarbanik rasayan vijnan: isake aantargat sabhi akarbanik tattvoan evan unake yaugikoan ka adhyayan kiya jata hai. • karbanik rasayan vijnan: isake aantargat rasayan vijnan ke adhyayan ko saral banane ke lie use kee shakhaoan mean baanta gaya hai, jinamean nimnalikhit pramukh haian- • bhautik rasayan: isake aantargat rasayanik abhikriya ke niyamoan tatha siddhaantoan ka adhyayan kiya jata hai. • audyogik rasayan: isamean padarthoan ka vrihath pariman mean nirman karane se sanbandhit niyamoan, abhikriyaoan, vidhiyoan adi ka adhyayan kiya jata hai. • jaiv rasayan: isake aantargat jivadhariyoan mean hone vale rasayanik abhikriya tatha jantuoan evan vanaspatiyoan se prapt padarthoan ka adhyayan kiya jata hai. • krishi rasayan: isake aantargat krishi se sanbandhit rasayan jaise jivanunashak, mrida ke sanghatan adi ka adhyayan kiya jata hai. • aushadhi rasayan: isake aantargat manushy ke prayog mean ane vali aushadhiyaan, unake sanghatan tatha banane ki vidhiyoan ka adhyayan kiya jata hai. • vishleshik rasayan: isamean vibhinn padarthoan ki pahachan, ayatan v matra ka anuman kiya jata hai. itihas pandrahavian-solahavian sha...

भाषा की परिभाषा और प्रकृति

क्या आप भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha) जानते हैं? हम इंसान अपनी बातों को, अपने विचारों को दुनिया तक अगर पहुँचा पाए हैं, तो वह सिर्फ भाषा के कारण संभव हुआ है। आज अगर भाषा नहीं होती तो दुनिया आज जितनी विकसित और उन्नत है उतनी नहीं होती। व्यक्ति को भाषा की परिभाषा की समझ होनी चाहिए और पता होना चाहिए कि कैसे भाषा हमारे और हमारे देश के विकास में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha) को अगर सरल शब्दों में समझाएँ तो इसका अर्थ है वह साधन जिससे व्यक्ति लिखकर या बोलकर अपने दिल और दिमाग की बातें लोगों तक पहुंचाते हैं। अगर आप भाषा का अर्थ गहराई में समझना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ये लेख पूरा पढ़ना चाहिए। इसमें हम आपको भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha), प्रकृति और महत्व के बारे में बताने वाले हैं। भाषा की परिभाषा और अर्थ (Bhasha Ki Paribhasha) हम इंसान समाज में रहते हैं और हम अपने विचार एक दूसरे के साथ भाषा के जरिए ही शेयर कर पाते है और अगर भाषा न होती तो शायद आज सम्पूर्ण समाज दिशाहीन होता। भाषा का शाब्दिक अर्थ कहे तो भाषा शब्दों का समूह है जो क्रमबद्ध और संयोजित है। भाषा के कारण ही नए आविष्कारों और ज्ञान का विकास हो पाया है। इसके बिना मानव अपनी बात अभिव्यक्त करने में सफल नहीं होता और समझ का विकास वही का वही रह जाता। कह सकते है भाषा मनुष्य के लिए एक ऐसा वरदान है जिसने उसके जीवन को फर्श से लेकर शीर्ष तक पहुंचा दिया। भाषा ही सम्पूर्ण दुनिया में सभ्यता, संस्कृति और विज्ञान का आधार है। सरल शब्दों में आप भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha) कहे तो भाषा वह माध्यम है जिससे बोलने वाला और सुनने वाला अपने विचारो और मन के भावों को बता सकते हैं और समझ सकते...

तत्व यौगिक एवं मिश्रण

विज्ञान कि वह शाखा जिसमें हम विभिन्न प्रकार के रसायनों एवं उनकी अभिक्रियाओं का अध्ययन करते है, रसायन विज्ञान कहलाती है। लेबासिये को आधुनिक रसायन विज्ञान का जन्मदाता कहा जाता है। परमाणु - द्रव्य का वह सबसे छोटा कण जिसका स्वतंत्र अस्तित्व केवल रासायनिक अभिक्रिया के दौरान ही सम्भव होता है परमाणु कहलाता है। अणु - पदार्थ का सबसे छोटा कण जिसमें उस पदार्थ के सभी गुण मौजुद होते हैं तथा उसका स्वतंत्र अस्तित्व सम्भव हो। तत्व - एक ही प्रकार के परमाणु से मिलकर बना पदार्थ तत्व कहलाता है। जैसे - सोना, चांदी, आक्सीजन, हाइड्रोजन आदि। प्रतिक - तत्वों को संकेत में लिखने को प्रतिक कहते है। बर्जीलियस ने 1813 में तत्वों के प्रतीकों के लिए एक रासायनिक प्रणाली दि जिसमें तत्वों के नाम लेटिन भाषा में थे। यौगिक - दो या दो से अधिक तत्वों को एक निश्चित अनुपात में मिलाने से यौगिक बनता है। जैसे - HCl(1:1),H 2O(2:1)। मिश्रण - दो या दो से अधिक पदार्थो को किसी भी अनुपात में मिलाने पर मिश्रण बनता है। जैसे - चीनी व नमक का घोल। द्रव्य(पदार्थ) - जो स्थान घेरता है और जिसमें द्रव्यमान होता है, द्रव्य कहलाता है। द्रव्य(पदार्थ) की अवस्थाएं(भौतिक वर्गीकरण) • ठोस अवस्था • द्रव अवस्था • गैसीय अवस्था पदार्थ का रासायनिक वर्गीकरण पदार्थ का अंतरारूपान्तरण परमाणु संरचना इलेक्ट्रान - कैथोड़ किरणों का निर्माण करने वाले ऋणावेशित कणों को इलेक्ट्रान कहते हैं। इसकी खोज - जे. जे. थाॅमसन ने कि तथा इन्हें नाम स्टोनी ने दिया। आवेश - 1.6*10 -19 कुलाम द्रव्यमान - 9.1*10 -31 Kg. or 5.487*10 -4amu. इलेक्ट्रान का द्रव्यमान हाइड्रोजन के द्रव्यमान का 1/1835 वां भाग होता है। प्रोटाॅन - एनोड किरणों का निर्माण करने वाले धनावेशित किरणों को प...

समांगी मिश्रण क्या है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण

आज के इस पोस्ट में हमलोग चर्चा करेंगे कि समांगी मिश्रण क्या है? समांगी मिश्रण के प्रकार तथा यह भी जानेंगे की समांगी मिश्रण कैसे विषमांगी मिश्रण से अलग है| Samangi Mishran kise kahte hai? यह जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े| जब दो या दो से अधिक तरह के पदार्थ, तत्व या यौगिक को आपस में मिलाया जाता है और मिलाने के बाद में किसी भी प्रकार का रासायनिक क्रिया नहीं होती है तो यह मिश्रण कहलाता है| मिश्रण मूलरूप से दो तरह के होते है एक समांगी मिश्रण और दूसरा विषमांगी मिश्रण| इस पोस्ट में हमलोग समांगी मिश्रण से जुड़े सारे तथ्य जैसे समांगी मिश्रण की परिभाषा, समांगी मिश्रण के प्रकार और उदाहरण के माध्यान से बिलकुल आसान भाषा में समंझने की कोशिश करेंगे की आखित समांगी मिश्रण किसे कहते है? समांगी मिश्रण क्या है? समांगी मिश्रण की परिभाषा समांगी मिश्रण ऐसे मिश्रण को कहते है जिसमे अवयवी यानि तत्व या यौगिक को मिलाने के बाद उसे मिश्रण में अलग-अलग देखा न जा सके| मिश्रण के इस प्रकार में मिलाये जाने वाले तत्व, यौगिक या पदार्थ को आपस में मिलाके मिश्रण तैयार करने के बाद यह पहचाना न जाए की मिश्रण में किन दो तत्व, यौगिक या पदार्थ को मिलाया गया है| जैसे हम जब जल और शक्कर को मिलाके मिश्रण तैयार करते है तो जो मिश्रण प्राप्त होता है उसे समांगी मिश्रण के नाम से जाना जाता है क्युकि जल और शक्कर के मिश्रण में हम जल और शक्कर को अलग अलग नही देख सकते इसीलिए यह समांगी मिश्रण का सबसे अच्छा उदहारण है| समांगी मिश्रण के गुण- समांगी मिश्रण के कुछ गुणों को निम्नलिखित बताया गया है| • इस मिश्रण का संगठन समान होता है। • समांगी मिश्रण के कणो का आकार नैनोमीटर के समान होता है। • यह टिंडल प्रभाव नहीं दर्शाते। समांगी मिश्रण...

विषमांगी मिश्रण किसे कहते हैं? Vishmangi Mishran Kise Kahte Hai

विषमांगी मिश्रण क्या है? Vishmangi Mishran Kya Hai अनिश्चित अनुपात में तत्वों या यौगिकोंको मिलाने से विषमांगी मिश्रण का निर्माण होता है। इसके प्रत्येक भाग के अनु भिन्न-भिन्न होते हैं, $ads= अर्थात्ऐसे मिश्रण जिसमें दो या दो से अधिक पदार्थ में मिले होते है और इन्हें अलग अलग करके देखा जा सकता है। जैसे- कुहासा

कहानी

vivaran 'kahani' gady lekhan ki ek vidha hai. yah gady katha sahity ka ek anyatam bhed tatha vikas mahattvapoorn tattv 'kathavastu', 'patr' athava 'charitr-chitran', 'kathopakathan' athava 'sanvad', 'deshakal' athava 'vatavaran', 'bhasha-shaili' tatha 'uddeshy'. paribhasha "kahani vah any janakari yah kahana pramanik aur uchit hi hai ki kahani paribhasha "kahani vah chhoti akhyanatmak rachana hai, jise ek baithak mean padha ja sake, jo pathak par ek samanvit prabhav utpann karane ke liye likhi gee ho, jisamean us prabhav ko utpann karane mean sahayak tatvoan ke atirikh‍t aur kuchh n ho aur jo apane ap mean poorn ho." "kahani vah kahani ki aur bhi paribhashaean uddhrit ki ja sakati haian. par kisi bhi sahityik vidha ko vaijnanik paribhasha mean nahian baandha ja sakata, kyoanki mahattvapoorn tattv kahaniyoan mean nimnalikhit tattv mahattvapoorn mane ge haian- • 'kathavastu' • 'patr' athava 'charitr-chitran' • 'kathopakathan' athava 'sanvad' • 'deshakal' athava 'vatavaran' • 'bhasha-shaili' • 'uddeshy' kahani ke dhaanche ko kathanak athava kathavastu kaha jata hai. pratyek kahani ke liye kathavastu ka hona anivary hai, kyoanki isake abhav mean kahani ki rachana ki kalpana bhi nahian ki ja sakati. kathanak ke char aang mane jate haian- 'arambh', 'aroh', 'charam sthiti' evan 'avaroh'. sarvashreshth kathapith 'bharat' yah kahana pramanik aur uchit hi hai ki lok-kathapith bharat mean aj bhi lok-kathapithoan ki kami nahian hai. yah lokakathaean hi sahity mean bhi pahuanchian, kyo...

मिश्र भिन्न की परिभाषा

भिन्नों के कई रूप हैं: (1) उचित भिन्नों के अंश का परम मान उनके हर के परम मान से कम होता है, जैस 3/4, 2/3,5/7 (2) विषम भिन्नों के अंश का परम मान उनके हर के परम मान से ज़्यादा होता है, जैस 5/4,8/3,5/3 (3) मिश्रित भिन्नों के दो भाग हैं: एक भाग पूर्ण संख्या होता है और एक भाग उचित भिन्न होता है, जैसे (4) तुल्य भिन्नों की राशियाँ समान होती हैं, जैसे क/ख में यदि क ख, तो भिन्न अनुचित भिन्न कहलाता है। इसको साधारण भाषा में दो प्रकार से समझा सकते हैं : (1) यदि किसी राशि को ख बराबर भागों में बाटें और उनमें से क भाग ले लें, तो इन क भागों का पूरी राशि का क/ख भाग कहते हैं, या(2) इस प्रकार की यदि क राशियाँ ले और उनके ख बराबर भाग करें, तो प्रत्येक को एक राशि के क/ख भाग कहते हैं। दो संख्याओं क और ख के अनुपात को भी क/ख भिन्न से व्यक्त किया जाता है। यदि भिन्न क/ख में क या ख को किसी भिन्न से बदल दें तो इस प्रकार बनी भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं, जबकि मूल भिन्न को सरल भिन्न कहते हैं, जैसे, 3/5 सरल भिन्न है, परंतु (3/4) / (5/7) मिश्र भिन्न के उदाहरण हैं। मिश्र भिन्न को और भी व्यापक बनाया जा सकता है। अंश और हर के बजाय एक भिन्न के बहुत से भिन्नों का योग, अंतर गुणनफल, भागफल हो सकता है। जब भिन्न का हर भिन्न हो, जिसका हर फिर भिन्न हो तथा इसी तरह चलता रहे, तो एसी भिन्न को वितत भिन्न कहते हें, जैसे भिन्नों के नियम भिन्नों के नियम निम्नलिखित है : • यदि अंश और हर को एक ही संख्या से गुणा या भाग दें तो भिन्न के मान में कोई अंतर नहीं पड़ता, अर्थात्‌ a/b = (ak)/(bk)

समांगी मिश्रण क्या है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण

आज के इस पोस्ट में हमलोग चर्चा करेंगे कि समांगी मिश्रण क्या है? समांगी मिश्रण के प्रकार तथा यह भी जानेंगे की समांगी मिश्रण कैसे विषमांगी मिश्रण से अलग है| Samangi Mishran kise kahte hai? यह जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े| जब दो या दो से अधिक तरह के पदार्थ, तत्व या यौगिक को आपस में मिलाया जाता है और मिलाने के बाद में किसी भी प्रकार का रासायनिक क्रिया नहीं होती है तो यह मिश्रण कहलाता है| मिश्रण मूलरूप से दो तरह के होते है एक समांगी मिश्रण और दूसरा विषमांगी मिश्रण| इस पोस्ट में हमलोग समांगी मिश्रण से जुड़े सारे तथ्य जैसे समांगी मिश्रण की परिभाषा, समांगी मिश्रण के प्रकार और उदाहरण के माध्यान से बिलकुल आसान भाषा में समंझने की कोशिश करेंगे की आखित समांगी मिश्रण किसे कहते है? समांगी मिश्रण क्या है? समांगी मिश्रण की परिभाषा समांगी मिश्रण ऐसे मिश्रण को कहते है जिसमे अवयवी यानि तत्व या यौगिक को मिलाने के बाद उसे मिश्रण में अलग-अलग देखा न जा सके| मिश्रण के इस प्रकार में मिलाये जाने वाले तत्व, यौगिक या पदार्थ को आपस में मिलाके मिश्रण तैयार करने के बाद यह पहचाना न जाए की मिश्रण में किन दो तत्व, यौगिक या पदार्थ को मिलाया गया है| जैसे हम जब जल और शक्कर को मिलाके मिश्रण तैयार करते है तो जो मिश्रण प्राप्त होता है उसे समांगी मिश्रण के नाम से जाना जाता है क्युकि जल और शक्कर के मिश्रण में हम जल और शक्कर को अलग अलग नही देख सकते इसीलिए यह समांगी मिश्रण का सबसे अच्छा उदहारण है| समांगी मिश्रण के गुण- समांगी मिश्रण के कुछ गुणों को निम्नलिखित बताया गया है| • इस मिश्रण का संगठन समान होता है। • समांगी मिश्रण के कणो का आकार नैनोमीटर के समान होता है। • यह टिंडल प्रभाव नहीं दर्शाते। समांगी मिश्रण...

भाषा की परिभाषा और प्रकृति

क्या आप भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha) जानते हैं? हम इंसान अपनी बातों को, अपने विचारों को दुनिया तक अगर पहुँचा पाए हैं, तो वह सिर्फ भाषा के कारण संभव हुआ है। आज अगर भाषा नहीं होती तो दुनिया आज जितनी विकसित और उन्नत है उतनी नहीं होती। व्यक्ति को भाषा की परिभाषा की समझ होनी चाहिए और पता होना चाहिए कि कैसे भाषा हमारे और हमारे देश के विकास में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha) को अगर सरल शब्दों में समझाएँ तो इसका अर्थ है वह साधन जिससे व्यक्ति लिखकर या बोलकर अपने दिल और दिमाग की बातें लोगों तक पहुंचाते हैं। अगर आप भाषा का अर्थ गहराई में समझना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ये लेख पूरा पढ़ना चाहिए। इसमें हम आपको भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha), प्रकृति और महत्व के बारे में बताने वाले हैं। भाषा की परिभाषा और अर्थ (Bhasha Ki Paribhasha) हम इंसान समाज में रहते हैं और हम अपने विचार एक दूसरे के साथ भाषा के जरिए ही शेयर कर पाते है और अगर भाषा न होती तो शायद आज सम्पूर्ण समाज दिशाहीन होता। भाषा का शाब्दिक अर्थ कहे तो भाषा शब्दों का समूह है जो क्रमबद्ध और संयोजित है। भाषा के कारण ही नए आविष्कारों और ज्ञान का विकास हो पाया है। इसके बिना मानव अपनी बात अभिव्यक्त करने में सफल नहीं होता और समझ का विकास वही का वही रह जाता। कह सकते है भाषा मनुष्य के लिए एक ऐसा वरदान है जिसने उसके जीवन को फर्श से लेकर शीर्ष तक पहुंचा दिया। भाषा ही सम्पूर्ण दुनिया में सभ्यता, संस्कृति और विज्ञान का आधार है। सरल शब्दों में आप भाषा की परिभाषा (bhasha ki paribhasha) कहे तो भाषा वह माध्यम है जिससे बोलने वाला और सुनने वाला अपने विचारो और मन के भावों को बता सकते हैं और समझ सकते...

रसायन विज्ञान

vishay soochi • 1 itihas • 2 rasayan vijnan ka vikas • 3 rasayan vijnan ke aang • 4 dravy nirman ke mool tatv • 5 rasayanik samikaranoan ki paddhati • 6 paramanu vibhajan • 7 akarbanik, ya samany rasayan • 8 karbanik rasayan • 9 bhautik rasayan • 10 tika tippani aur sandarbh • 11 sanbandhit lekh rasayan vijnan ( rasayan vijnan ki mukhyatah do shakhaean hai- • akarbanik rasayan vijnan: isake aantargat sabhi akarbanik tattvoan evan unake yaugikoan ka adhyayan kiya jata hai. • karbanik rasayan vijnan: isake aantargat rasayan vijnan ke adhyayan ko saral banane ke lie use kee shakhaoan mean baanta gaya hai, jinamean nimnalikhit pramukh haian- • bhautik rasayan: isake aantargat rasayanik abhikriya ke niyamoan tatha siddhaantoan ka adhyayan kiya jata hai. • audyogik rasayan: isamean padarthoan ka vrihath pariman mean nirman karane se sanbandhit niyamoan, abhikriyaoan, vidhiyoan adi ka adhyayan kiya jata hai. • jaiv rasayan: isake aantargat jivadhariyoan mean hone vale rasayanik abhikriya tatha jantuoan evan vanaspatiyoan se prapt padarthoan ka adhyayan kiya jata hai. • krishi rasayan: isake aantargat krishi se sanbandhit rasayan jaise jivanunashak, mrida ke sanghatan adi ka adhyayan kiya jata hai. • aushadhi rasayan: isake aantargat manushy ke prayog mean ane vali aushadhiyaan, unake sanghatan tatha banane ki vidhiyoan ka adhyayan kiya jata hai. • vishleshik rasayan: isamean vibhinn padarthoan ki pahachan, ayatan v matra ka anuman kiya jata hai. itihas pandrahavian-solahavian sha...