Sandhi ki paribhasha

  1. विसर्ग संधि की परिभाषा, पहचान, उदाहरण ( सम्पूर्ण ज्ञान )
  2. Sandhi, Sandhi Vichched, Paribhasha, Prakar, Udaharan संधि , संधि विच्छेद , परिभाषा , प्रकार , उदाहरण
  3. संधि की परिभाषा
  4. हिंदी संधि नोट्स, संधि परिभाषा,भेद Sandhi in Hindi, Paribhasha, Udaharan


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विसर्ग संधि की परिभाषा, पहचान, उदाहरण ( सम्पूर्ण ज्ञान )

इस लेख में हम विसर्ग संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे और यह किस प्रकार किया जाता है यह भी करना जानेंगे। किसी दो के बीच के मेल को संधि कहते हैं। व्याकरण के अंतर्गत तीन प्रकार की संधि मानी गई है। स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि। इन सभी के अलग-अलग गुण हैं। यह लेख आपके परीक्षा के लिए कारगर है, इस लेख को सरल बनाने के लिए हमने विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर की पहचान की थी और उसे सरलतम रूप देने का प्रयास किया है। विसर्ग संधि परिभाषा विसर्ग (:) का मेल किसी व्यंजन या स्वर से होने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। उदाहरण के लिए – • तपः + बल = तपोबल • मनः + योग = मनोयोग • मनः + हर = मनोहर • रजः + गुण = रजोगुण 1 विसर्ग का नियम (ओ) – विसर्ग से पहले यदि ‘अ’ हो और उसका मेल ‘अ’ या किसी वर्ग के तीसरे चौथे या पांचवें वर्ण ग घ ड ज झ ञ् ड ढ ण द ध न ब भ म तथा य र ल व् श ह से हो तो विसर्ग का ‘ओ’ हो जाता है। विसर्ग + अ = ओ मनः + अनुकूल मनोनुकूल विसर्ग + ग = ओ अधः + गति अधोगति “ रजः + गुण रजोगुण विसर्ग + द = ओ पयः + द पयोद विसर्ग + ध = ओ पयः + धर पयोधर विसर्ग + ब = ओ तपः + बल तपोबल विसर्ग + भ = ओ तपः + भूमि तपोभूमि विसर्ग + य = ओ मनः + योग मनोयोग विसर्ग + र = ओ मनः + रथ मनोरथ विसर्ग + व = ओ वयः + वृद्ध वयोवृद्ध विसर्ग + श = ओ यशः + धन यशोधन विसर्ग + ह = ओ मनः + हर मनोहर विसर्ग + ग = ओ तमः + गुण तमोगुण विसर्ग + ब = ओ मनः + बल मनोबल विसर्ग + र = ओ मनः + रंजन मनोरंजन 2 विसर्ग का नियम – विसर्ग से पहले ‘अ’ ‘आ’ को छोड़कर अन्य स्वर हो तथा विसर्ग का मेल किसी भी स्वर या किसी भी वर्ण के तीसरे चौथे पांचवें वर्ग ग घ ड ज झ ञ् ड ढ ण द ध न ब भ म तथा य र ल व् श ह से हो ...

Sandhi, Sandhi Vichched, Paribhasha, Prakar, Udaharan संधि , संधि विच्छेद , परिभाषा , प्रकार , उदाहरण

Advertisement सरल शब्दों में- दो शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर उनके निकटवर्ती वर्णों में होने वाले परिवर्तन या विकार को संधि कहते हैं। संधि का शाब्दिक अर्थ है- मेल या समझौता। जब दो वर्णों का मिलन अत्यन्त निकटता के कारण होता है तब उनमें कोई-न-कोई परिवर्तन होता है और वही परिवर्तन संधि के नाम से जाना जाता है। Advertisement संधि दो शब्दों से मिलकर बना है – सम् + धि। जिसका अर्थ होता है ‘मिलना ‘। हमारी हिंदी भाषा में संधि के द्वारा पूरे शब्दों को लिखने की परम्परा नहीं है। लेकिन संस्कृत में संधि के बिना कोई काम नहीं चलता। संस्कृत की व्याकरण की परम्परा बहुत पुरानी है। संस्कृत भाषा को अच्छी तरह जानने के लिए व्याकरण को पढना जरूरी है। शब्द रचना में भी संधियाँ काम करती हैं। जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं उसे संधि कहते हैं। अथार्त संधि किये गये शब्दों को अलग-अलग करके पहले की तरह करना ही संधि विच्छेद कहलाता है। अथार्त जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनती हैं तब जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। Advertisement संधि के उदाहरण :-हिमालय = हिम + आलय, सत् + आनंद =सदानंद। संधि विच्छेद- संधि के पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद हैै। जैसे- हिम + आलय= हिमालय (यह संधि है), अत्यधिक= अति + अधिक (यह संधि विच्छेद है) • यथा + उचित= यथोचित • यशः + इच्छा= यशइच्छ • अखि + ईश्वर= अखिलेश्वर • आत्मा + उत्सर्ग= आत्मोत्सर्ग • महा + ऋषि= महर्षि • लोक + उक्ति= लोकोक्ति संधि के प्रकार या संधि के भेद (Sandhi Ke Prakar) : संधि तीन प्रकार की होती हैं :- Advertisement • स्वर संधि (Swar Sandhi) •...

संधि की परिभाषा

संधि की परिभाषा | संधि के भेद एवं उदाहरण (Sandhi Ki Paribhasha | Sandhi Ke Bhed evem Udaharan) Click Here To Join Telegram Group संधि की परिभाषा | संधि के भेद एवं उदाहरण (Sandhi Ki Paribhasha | Sandhi Ke Bhed evem Udaharan) हेलो दोस्‍तों , Study fundaaa द्वारा आप सभी को प्रतिदिन प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित जानकारी Share की जाती है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रत्‍येक Competitive Exams में कम्‍प्‍यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. आज इस पोस्ट में हम आपके समक्ष जो जानकारी share कर रहे हैं वह संधि की परिभाषा | संधि के भेद एवं उदाहरण (Sandhi Ki Paribhasha | Sandhi Ke Bhed evem Udaharan) की है. यह पोस्ट विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है संधि की परिभाषा (Sandhi ki paribhasha) संधि शब्द का अर्थ दो से अधिक वर्णों का ‘ मेल‘ है। संधि (सम्+ धि) शब्द का अर्थ है‘ मेल‘ या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह ‘ संधि‘ कहलाता है। अर्थात् संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में परस्पर स्वरों या वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते है। (sandhi kise kahate hain) संधि के भेद (Sandhi ke bhed) संधि के मुख्यतः तीन भेद होते हैं : अ. स्वर संधि ब. व्यंजन संधि स. विसर्ग संधि जरूर पढे़- वाक्‍य की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण (अ) स्वर संधि (Swar sandhi) स्वर के बाद स्वर अर्थात् दो स्वरों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है , स्वर-संधि कहलाता है। (swar sandhi kise kahate hain) जैसे- सूर्य + अस्त = सूर्यास्त, महा+ आत्मा = महात्मा। स्वर संधि के भेद (Swar sandhi ke bhed) 1. दीर्घ संधि 2. गुण संधि 3. वृद्धि संधि 4. यण संध...

हिंदी संधि नोट्स, संधि परिभाषा,भेद Sandhi in Hindi, Paribhasha, Udaharan

1.5 विसर्ग सन्धि Visarg Sandhi सन्धि – दो वर्णों या ध्वनियों के संयोग से होने वाले विकार (परिवर्तन) को सन्धि कहते हैं। सन्धि करते समय कभी–कभी एक अक्षर में, कभी–कभी दोनों अक्षरों में परिवर्तन होता है और कभी–कभी दोनों अक्षरों के स्थान पर एक तीसरा अक्षर बन जाता है। इस सन्धि पद्धति द्वारा भी शब्द–रचना होती है; जैसे- सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र, विद्या + आलय = विद्यालय, सत् + आनन्द = सदानन्द। इन शब्द खण्डों में प्रथम खण्ड का अन्त्याक्षर और दूसरे खण्ड का प्रथमाक्षर मिलकर एक भिन्न वर्ण बन गया है, इस प्रकार के मेल को सन्धि कहते हैं। Contact Us On Whatsapp For Notes Job Alert Notification – 9352018749 Download Sandhi Notes Pdf सन्धि नोट्स पीडीऍफ़ Click Here सन्धि के भेद/सन्धि के प्रकार सन्धियाँ तीन प्रकार की होती हैं • स्वर सन्धि a. दीर्घ सन्धि b- गुण संधि c. वृद्धि सन्धि d. अयादि संधि e. यण सन्धि • व्यंजन सन्धि • विसर्ग सन्धि Language Teaching Method Notes Sanskrit Teaching Method Notes Click Here स्वर सन्धि Swar Sandhi स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं। स्वर सन्धि के पाँच भेद हैं- (i) दीर्घ सन्धि सवर्ण ह्रस्व या दीर्घ स्वरों के मिलने से उनके स्थान में सवर्ण दीर्घ स्वर हो जाता है। वर्गों का संयोग चाहे ह्रस्व + ह्रस्व हो या ह्रस्व + दीर्घ और चाहे दीर्घ + दीर्घ हो, यदि सवर्ण स्वर है तो दीर्घ हो जाएगा। इस सन्धि को दीर्घ सन्धि कहते हैं; जैसे सन्धि – उदाहरण अ + अ = आ – पुष्प + अवली = पुष्पावली अ + आ = आ – हिम + आलय = हिमालय आ + अ = आ – माया + अधीन = मायाधीन Hindi Vyakaran Notes हिंदी व्याकरण नोट्स व्यंजन सन्धि Vyanjan Sandhi व्यंजन के साथ व्यंजन या ...