सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डरना

  1. सब सुख लहै तुम्हारी सरना , तुम रक्षक काहू को डरना दोहे का अर्थ क्या है?
  2. Hanuman Jayanti विशेष
  3. Top 4 Doha’s of Lord Hanuman in Hindi
  4. हनुमान जी के सभी चमत्कारिक मंत्र हिंदी अर्थ सहित
  5. Hanuman Chalisa:हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मिलती है भय से मुक्ति और पूरी होती है मनोकामनाएं


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सब सुख लहै तुम्हारी सरना , तुम रक्षक काहू को डरना दोहे का अर्थ क्या है?

हनुमान चालीसा के इस दोहे का अर्थ क्या है? हम सभी लोग श्री हनुमान चालीसा में इस दोहे को पढ़ते हैं। चालीसा में आने वाले Sab sukh lahe tumahri sharna, tum rakshak kahu ko darna दोहे का क्या अर्थ है ये इस पोस्ट के मध्यम से हम जानेंगे. अर्थ –हनुमान चालीसा के इस दोहे में कहा गया है कि हे हनुमान जी,आपकी शरण में आने पर सभी सुख मिल जाते हैं और जब आप मेरे रक्षक हो अर्थात् मेरी रक्षा कर रहे हो तो फिर मुझे किसी बात का डर नहीं है । अर्थ– जिनकी गति मन की तरह और वायु के समान वेग है, जो परम जितेंद्रिय और बुद्धिमानों में सबसे श्रेष्ठ हैं, उन वानरों में अग्रणी श्रीरामजी के दूत पवनपुत्र की मैं शरण लेता हूं। इस कलयुग में हनुमान जी की भक्ति से बढ़कर और कुछ नहीं है। उपरोक्त पंक्तियों को पढ़कर ही बजरंगबली हनुमान जी की प्रभुता का भान हो जाता है। इनके शरण मात्र में जीवन के तमाम सुख सिमटे हुए हैं। अगर इनकी कृपा हमारे ऊपर हो तो फिर किसी का भय व्यक्ति को नहीं सताता। हनुमान जी जितेंद्रिय, बुद्धि में श्रेष्ठ, बल में श्रेष्ठ, वायुपुत्र, वानरों में अग्रणी और भगवान श्री राम के अत्यंत प्रिय है। इस कलियुग में श्री हनुमान जी को जागृत अवस्था वाला देव माना जाता है। मुसीबत के समय में इनके स्मरण मात्र से ही सारी मुश्किलें छू मंतर हो जाती है और आगे बढ़ने का नया रास्ता दिखाई देता है। श्री हनुमान चालीसा, चालीस मन्त्रों का एक जाग्रत शक्तिपुञ्ज है। इसे सिद्ध करने की चालीस विधियां हैं, परन्तु सामान्यतया चार प्रकार की विधियाॅ ही गृहस्थों के लिए उपयोगी हैं। शेष विधियां उग्र प्रयोग हैं और तान्त्रिको के लिये ही वैध हैं। इन उग्र प्रयोगों से प्राण भी संकट में पड़ सकते हैं तथा इन्हें सिद्ध करना भी काफी कष्टकारक होता है। साधना...

Hanuman Jayanti विशेष

हनुमान चालीसा – श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। Hanuman Jayanti विशेष ( फोटो – गूगल ) जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।। जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।...

Top 4 Doha’s of Lord Hanuman in Hindi

Top 4 Doha’s of Lord Hanuman in Hindi! Hindi Doha # 1. श्री हनुमान चालीसा: ।। दोहा ।। श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि । बरनऊं रधुबर बिमल जस, जो दायकु फल चारि ।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ।। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।। रामदूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।। महावीर विक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।। कंचन बरन विराज सुवेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।। ADVERTISEMENTS: हाथ वज्र और ध्वजा विराजै । कांधे मूंज जनेऊ साजै ।। शंकर सुवन केसरी नन्दन । तेज प्रताप महा जगवन्दन ।। विद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । विकट रूप धरि लक जरावा ।। भीम रूप धरि असुर संहारे । रामचन्द्र जी के काज संवारे ।। लाय संजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाए ।। रधुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।। सहस बदन तुम्हरो यश गावै । अस कहि श्रीपति कंठ लगावै ।। संकट ते हनुमान छुड़ावै । मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ।। सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ।। और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै । । चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।। साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।। अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता । अस वर दीन जानकी माता ।। राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।। तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।। अन्त काल रधुबर पुर जाई । जहां जन्म हरि भक्त कहाई ।। और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेई सर्व सुख करई ।। संकट कटै मिटै...

हनुमान जी के सभी चमत्कारिक मंत्र हिंदी अर्थ सहित

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।(रामरक्षास्तोत्रम् 23) भावार्थ: जिनकी मन की गति और हवा की गति, जो बुद्धिमान और विवेकपूर्ण के बीच अधिक है, मैं हवा के पुत्र श्री राम दत्त वानरों के सिर में शरण लेता हूं। इस कलि योग में हनुमान जी की भक्ति से बढ़कर भक्ति में कोई शक्ति नहीं है। राम रक्षा स्तोत्र से लिए गए हनुमान जी की शरण में जाने के लिए इस श्लोक या मंत्र का पाठ करने से हनुमान जी तुरंत साधक की विनती सुन लेते हैं और उन्हें अपनी शरण में ले लेते हैं। जो लोग प्रतिदिन हनुमान जी का ध्यान करते हैं, हनुमान जी उनकी बुद्धि से क्रोध को दूर करते हैं और शक्ति बढ़ाते हैं।

Hanuman Chalisa:हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मिलती है भय से मुक्ति और पूरी होती है मनोकामनाएं

Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से मिलती है भय से मुक्ति और पूरी होती है मनोकामनाएं भगवान हनुमान के बल, पराक्रम, शौर्य और स्तुति का वर्णन हनुमान चालीसा में किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखा गया हनुमान चालीसा में भगवान हनुमानजी के कई चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया गया है। हनुमान चालीसा के पाठ से सभी लोगों के दुखों और परेशानियों को स्वयं भगवान हनुमान हर लेते हैं। पवन पुत्र हनुमान जी भोलेनाथ के रूद्रावतार हैं। कलयुग के समय में हनुमान जी की आराधना शीघ्र फलदायी मानी गई है। हिंदू धर्म में भगवान हनुमानजी की पूजा, आराधना और वंदना बड़े ही श्रद्धा व भक्ति भाव से की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमानजी ऐसे देवता हैं, जो बहुत जल्द प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमानजी ऐसे एक देवता हैं जो कलयुग समय में भी पृथ्वी लोक पर मौजूद हैं और अपने भक्तों के ऊपर आने वाली हर विपदा को दूर करते रहते हैं। हर प्रकार के दुखों के निवारण, भय से मुक्ति और अपने आराध्य हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ अवश्य किया जाता है। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा में चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया गया है, जिनका पाठ करने से हनुमंत कृपा जरूर मिलती है। हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार ...