सबसे अच्छी हस्त रेखा कौन सी होती है

  1. [Solved] रनवे की सबसे अच्छी दिशा कौन सी है?
  2. बाएं हाथ की मध्यमा उंगली कौन सी होती है? – ElegantAnswer.com
  3. हस्त रेखा में त्रिशूल का क्या महत्व है? – ElegantAnswer.com
  4. हस्तरेखा शास्त्र
  5. हस्त रेखा : जानें कौन सी रेखा से होता है धन का नुकसान?
  6. हस्त रेखा ज्ञान
  7. अस्थमा दूर करने का मंत्र
  8. अपनी हस्तरेखा से जानिए आपकी लव मैरिज होगी या अरेंज


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[Solved] रनवे की सबसे अच्छी दिशा कौन सी है?

संकल्पना: विंड रोज आरेख • विंड रोज एक ग्राफिक उपकरण है जिसका उपयोग मौसम विज्ञानियों द्वारा एक संक्षिप्त दृश्य देने के लिए किया जाता है कि वायुकी गति और दिशा आमतौर पर किसी विशिष्टस्थान पर कैसे वितरित की जाती है। • ऐतिहासिक रूप से, विंड रोज दिक्सूचक रोज़(चार्ट पर पाए गए) के पूर्ववर्ती थे, क्योंकि चतुर्दिश और ऐसी दिशा से बहने वाली वायु के बीच कोई अंतर नहीं था। • ग्रिडिंग की एक ध्रुवीय समन्वय प्रणाली का उपयोग करते हुए, एक समय अवधि में पवनकी आवृत्ति को पवन की दिशा से प्लॉट किया जाता है, जिसमें रंगीन बैंड वायु की गति सीमा दिखाते हैं। • सबसे लंबे स्पोक की दिशा सबसे बड़ी आवृत्ति के साथ वायु की दिशा को दर्शाती है। • विंड रोज आरेख आपको एक साइट पर वायु के पैटर्न की कल्पना करने में मदद करते हैं। अपने डिजाइन निर्णयों को बेहतर ढंग से सूचित करने के लिए इनका उपयोग करें, लेकिन अद्वितीय माइक्रॉक्लाइमेट और साइट के विचारों से अवगत रहें कि वायु की तीव्रता संबंधित दिशा से बहती है। • इस प्रकार के विंड रोजसे रनवे के अभिविन्यास को निर्धारित करने की प्रक्रिया नीचे वर्णित की गई है। एक पारदर्शी कागज की पट्टी पर तीन समानान्तर समानांतर रेखाएँ इस प्रकार खींचिए कि दो पास की समानांतर रेखाओं के बीच की दूरी अनुमतक्रॉसविंड घटक के बराबर हो। • रनवे की सबसे अच्छी दिशा विंडरोज आरेख पर सबसे लंबी लाइन की दिशा के साथ होती है।

बाएं हाथ की मध्यमा उंगली कौन सी होती है? – ElegantAnswer.com

बाएं हाथ की मध्यमा उंगली कौन सी होती है? इसे सुनेंरोकेंअनामिका और तर्जनी उंगली के मध्य में जो उंगली होती है उसे मध्यमा उंगली कहते हैं। इस उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। शनि पर्वत ही वह स्थान है जिसे हस्तरेखा विज्ञान में भाग्य स्थान कहा गया है। हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार जिनकी हथेली में मध्यमा उंगली के नीचे का भाग अधिक उठा हुआ होता है उनका जीवन असाधारण होता है तर्जनी उंगली कौनसी है? इसे सुनेंरोकेंहाथ की उंगलियों में दर्द औेर सूजन अनुराग शाही के अनुसार, डायबिटीज के रोगियों को हाथ की उंगलियों में सूजन और दर्द की समस्या रहती है. इसके अलावा, उंगलियां हाथ की ओर मुड़ने लग जाती हैं और उन्हें सीधा करने पर दर्द होने लगता है. ऐसे लोगों को भविष्य में डायबिटीज को लेकर सतर्क रहना चाहिए कनिष्ठा कौन सी उंगली होती है? इसे सुनेंरोकेंसबसे छोटी उंगली कनिष्ठा को बुध की उंगली कहते हैं तर्जनी उंगली बड़ी हो तो क्या फल मिलता है? इसे सुनेंरोकेंहस्तरेखा विज्ञान कहता है कि तर्जनी उंगली की लंबाई अगर मध्यमा से अधिक है तो व्यक्ति भाग्यशाली हैं। ऐसे व्यक्ति मान-सम्मान और पद प्रति‌ष्ठा प्राप्त करते हैं। इनकी आर्थि‌क स्थिति भी अच्छी होती है। जि‌नकी तर्जनी उंगली अनामिका उंगली के बराबर रहती है वह वफादार और कर्तव्यन‌िष्ठ होते हैं। हाथ की उंगली में दर्द हो तो क्या करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंअगर आप की दिल की धड़कन तेज है तो हलके हाथों से अंगूठे पर मसाज करें और हल्का सा खींचें। इससे आप को आराम मिलेगा और धड़कन सामान्य हो जाएगी। ये उंगली आंतों से जुड़ी होती है। अगर आप के पेट में दर्द है तो इस उंगली को हल्का सा रगड़ें, तो दवाई से पहले दर्द गायब हो जाएगा। उंगली कट जाने पर क्या करें? इसे सुनेंरोकेंडॉक्टर सिद्धार्थ ...

हस्त रेखा में त्रिशूल का क्या महत्व है? – ElegantAnswer.com

हस्त रेखा में त्रिशूल का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंजिस व्यक्ति की हथेली पर हृदय रेखा के स‌िरे पर गुरु पर्वत के समीप त्रिशूल का निशान हो वह समाज में गौरव और प्रतिभावान बनता है। यदि ये चिन्ह भाग्य रेखा पर हो तो वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है और उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है। त्रिशूल के चिन्ह के साथ अन्य रेखाएं निकलने पर विपरीत परिणाम की प्राप्ति होती है। सबसे अच्छी हस्त रेखा कौन सी होती है? हस्तरेखा शास्त्र • कारावागियो द्वारा द फोर्च्यून टेलर (1594-95; कैनवास, लौवर), ज्योत्षी हथेली पढ़ने का चित्रण • 1 हस्तकला में हाथ की रेखाओं 1: जीवन रेखा – 2: मस्तिष्क रेखा – 3: दिल की रेखा – 4: सूचक और मध्यम उंगलियों के बीच के कटिसूत्र वीनस – 5: सूर्य रेखा – 6: बुध रेखा – 7: भाग्य रेखा माथे पर लकीर होने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंमाथे की एक रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाती है. यह रेखा जितनी साफ और स्पष्ट होती है उतनी ही उत्तम मानी जाती है. यानि 25 वर्ष में आप जीवन में सबकुछ पा सकते हैं. मेरी हस्तरेखा क्या कहती है? इसे सुनेंरोकेंहस्तरेखा शास्त्र (Hast Rekha Shastra) के अनुसार हाथ की लकीरों से व्यक्ति के भाग्य से जुड़ी बहुत सी बातों को जाना जा सकता है. हथेलियों के पर्वत व्यक्ति की मनोदशा की स्थिति बताते हैं. वहीं, रेखाओं से व्यक्ति के भविष्य का पता चलता है. कलाई के बीच से शुरू होकर ऊपर की ओर जानी वाली रेखा को भाग्य रेखा कहा जाता है. हाथ में त्रिशूल का निशान क्या दर्शाता है? इसे सुनेंरोकेंसूर्य पर्वत पर त्रिशूल- सूर्य पर्वत पर मौजूद त्रिशूल का निशान हथेली पर स्टार के निशान की ही तरह ही माना जाता है. यहां पर त्रिशूल होने का मतलब है कि शख्स अमीर, सफल और करियर में तरक्की प्राप्त ...

हस्तरेखा शास्त्र

हस्तरेखा शास्त्र या काइरमैन्सी (जिसे केरोमन्सी‍ ऐसे भी लिखा जाता है, जो यूनानी शब्द चेइर (cheir) (χειρ) "हाथ" और मंटिया (manteia) (μαντεία) ( हथेली को पढ़कर लक्षण का वर्णन और भविष्य बताने की कला है जिसे हस्तरेखा अध्ययन या हस्तरेखा शास्त्र भी कहा जाता है। इस कला का प्रयोग कई सांस्कृतिक विविधताओं के साथ दुनिया भर में देखा जाता है। जो हस्तरेखा पढ़ते हैं, उन्हें आम तौर पर हस्तरेखाविद्, हथेली पढ़ने वाला, हाथ पढ़ने वाला, हस्तरेखा विश्लेषक या हस्तरेखा शास्त्री भी कहा जाता है। हस्तरेखा शास्त्र को आम तौर पर अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 तकनीकें • 3 बाएं और दाएं हाथ का महत्व • 4 हाथ का आकार • 5 विज्ञान और आलोचना • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] हस्तरेखा शास्त्र की जड़ें [ [ • ला कैरोगेनोमी का प्रकाशन किया। • लेस मिस्टेरेस डे ला मेन का प्रकाशन किया • • • काउंट लुई चैलेंज ( केरोज लैंग्वेज ऑफ हैंड प्रकाशित की। • लॉज ऑफ साइंटिफिक हैंड रीडिंग का प्रकाशन किया। • • • तकनीकें [ ] आदमी के दाहिने हाथ की हथेली हस्तरेखा शास्त्र में हाथ व्यक्ति की एक हस्तरेखाविद् आमतौर पर व्यक्ति के 'प्रमुख हाथ' (जिससे वह लिखता है/लिखती है या जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है) (जो कभी-कभी सचेत मन का प्रतिनिधित्व करता है और दूसरा हाथ अवचेतन का संकेत करता है). हस्तरेखा विज्ञान की कुछ परंपराओं में दूसरे हाथ को वंशानुगत या परिवार के लक्षणों को धारण किया हुआ या हस्तरेखाविद् के ब्रह्माण्ड संबंधी विश्वासों पर आधारित माना जाता है, जिससे अतीत के जीवन या पूर्व जन्म की शर्तों के बारे में जानकारी मिलती है। "शास्त्रीय" हस्तरेखा शास्त्र के लिए बुनियादी ढांचे (जो सबसे व्यापक रूप से सिखाया जाता है और परं...

हस्त रेखा : जानें कौन सी रेखा से होता है धन का नुकसान?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ की रेखाएं और अलग-अलग प्रकार के चिह्न से जातक के भविष्य से संबंधित जानकारी मिल सकती है। मान्यता है कि हथेली में कई प्रकार के पर्वत बने होते हैं जो मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। आइये जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से हाथ की रेखाओं और चिह्नों के बारे में जिससे धन लाभ होने की संभावना होती है। कैसे पहचानें धन रेखा को ? हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अनामिका और छोटी उंगली के नीचे सीधी रेखा को धन की रेखा कहा जाता है। धन रेखा के माध्यम से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पता की जा सकती है। मान्यता है कि पुरुषों के दाएं हाथ जबकि महिलाओं के बाएं हाथ में धन की रेखा होती है। परन्तु हस्त शास्त्र के अनुसार जिस हाथ से व्यक्ति ज्यादा काम करता है उसी हाथ में धन रेखा का विश्लेषण करना चाहिए। इसके साथ ही हाथ में कटी-फटी रेखाएं जीवन में संघर्ष को दर्शाती हैं। यह भी पढ़ें: हथेली में क्रॉस का निशान – वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि क्रॉस का निशान शुभ स्थान पर हो तो जातक को धन लाभ होता है। परन्तु अशुभ स्थिति में क्रॉस का निशान होने से जातक का जीवन नष्ट हो सकता है। मान्यता है कि गलत जगह पर क्रॉस का निशान है तो होगा धन का नुकसान। आइए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से जानते हैं हथेली में क्रॉस का निशान होना किस स्थान पर शुभ होता है और किस पर अशुभ – • हथेली में क्रॉस का निशान केवल एक ही स्थान पर होना शुभ होता है – गुरु पर्वत। हथेली की पहली उंगली के नीचे का भाग गुरु पर्वत होता है। इस स्थान पर क्रॉस का निशान होना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में ढेर सारा धन और सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है। इससे व्यवसाय में भी तरक्की मिलती है। और समाज में यश तथा ऐश्वर्य प्राप्त हो...

हस्त रेखा ज्ञान

हस्त रेखा ज्ञान एक ऐसी विद्या है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और तीनों कालों (भूत, वतर्मान, भविष्य) के बारे में जाना जा सकता है। हस्त रेखा विज्ञान पर यूनान के महान दार्शनिक अरस्तू ने अपने विचार रखते हुए कहा था, ‘मनुष्य के हाथों की रेखाएं बिना किसी वजह से उकरी हुई नहीं होती हैं बल्कि ये उसके भविष्य की संभावनाओं को प्रकट करती हैं।’’ शास्त्रों के अनुसार हस्त रेखा ज्योतिष को विष्णु शास्त्र का घटक माना गया है। हस्तरेखा विज्ञान में हाथ की रेखाओं के साथ-साथ हाथ के आकार, बनावट, रंग, त्वचा और नाखून का भी अध्ययन किया जाता है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में हस्तरेखा को दखने की विधि बतायी गई है। हस्त रेखा ज्योतिष का महत्व मनुष्य अपने भविष्य को लेकर हमेशा से जिज्ञासु रहा है। उसके मन अपने आने वाले कल को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। वह अपने करियर, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार, विवाह, प्रेम आदि के बारे में जानने की कोशिश करता है। ऐसे में हस्त रेखा विज्ञान उसकी मदद करता है। इस ज्योतिष विद्या से वह भविष्य में आने वाली चुनौतियों को जानकर उनका समाधान निकाल सकता है। कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य को उसकी वास्तविक क्षमता का आभास नहीं हो पाता है जिसके कारण वह ग़लत दिशा में अपनी ऊर्जा व्यय करता है। परंतु यदि उसको अपनी वास्तविक शक्ति ज्ञात हो जाए तो वह सकारात्मक दिशा की ओर बढ़कर सफलता प्राप्त करता है। हस्त रेखा ज्ञान से वह अपनी शक्तियों को पहचान सकता है। हस्त रेखा पर ग्रह क्षेत्र हमारी हथेली पर ग्रह क्षेत्रों को निर्धारित किया गया है। इन ग्रह क्षेत्रों को पर्वत कहा जाता है। हथेली पर स्थित ग्रह के स्थानों पर या तो उभार होता है या फिर ये एक दम सपाट होते हैं। ग्रह क्षेत्रों का उभरना ज...

अस्थमा दूर करने का मंत्र

अस्थमा दूर करने का मंत्र – अस्थमा में सबसे प्रभावशाली मंत्र और जाप विधि –हमारा गलत खान-पान और खराब जीवनशैली के कारण अस्थमा की बीमारी होती हैं. कई बार हमारे आसपास के खराब वातावरण के कारण भी अस्थमा जैसी बीमारी हो जाती हैं. यह बीमारी होने के बाद कई बार इलाज करवाने के बाद भी अस्थमा की बीमारी से छुटकारा नहीं मिलता हैं. लेकिन हमारे प्राचीन ग्रंथो में अस्थमा की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कुछ मंत्र बताए गए हैं. जिसके जाप से अस्थमा जैसी बीमारी से छुटकारा मिल जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अस्थमा दूर करने का मंत्र बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. ओम कं केतवे नम: अगर काफी इलाज करवाने के बाद भी अस्थमा की बीमारी से छुटकारा नही मिल रहा हैं. तो ऊपर दिया गया मंत्र अस्थमा की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए काफी कारगर और प्रभावशाली माना जाता हैं. इस मंत्र का जाप करने के लिए नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखे. किस लोटे से जल चढ़ाना चाहिए / तांबे के लोटे से पूजा करना चाहिए या नहीं मंत्र जाप में ध्यान रखने वाली बाते • अस्थमा की बीमारी के लिए यह मंत्र काफी अच्छा और कारगर माना जाता हैं. इसलिए इस मंत्र का जाप आपको श्रद्धा पूर्वक होना होगा. • अस्थमा की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आपको इस मंत्र का जाप रोजाना करना होगा. अगर आप रोजाना इस मंत्र का जाप करते हैं. तो कम से कम एक माला यानी की 108 बार इस मंत्र का जाप अवश्य करे. • इस मंत्र का जाप करने से पहले एक बात का विशेष ध्यान रखे की मंत्र जाप हमेशा सूर्यास्त होने के बाद करे. • अगर आप सूर्यास्त होने के ...

अपनी हस्तरेखा से जानिए आपकी लव मैरिज होगी या अरेंज

Most Read: हेयर डाई का अच्छा होगा असर, बस इन बातों का रखें ध्यान ह्रदय रेखा एक अन्य रेखा है जिसके बारे में भी आपको यह जानने से पहले कि आपकी लव मैरिज होगी या अरेंज, पता होना बेहद ज़रूरी है वह है ह्रदय रेखा। यह रेखा हमारी हथेली की सबसे महत्वपूर्ण और गहरी रेखा होती है। एक इंसान का चरित्र, व्यक्तित्व और स्वभाव बताने के साथ साथ यह रेखा उसके प्रेम जीवन के बारे में भी बहुत कुछ बताती है क्योंकि ह्रदय ही वह जगह है जहां से प्रेम की शुरुआत होती है। आइए जानते हैं क्या कहती है आपकी शादी और प्रेम को लेकर आपकी हस्त रेखा। 1. अगर शादी की रेखा और हृदय रेखा दोनों एक दूसरे से बहुत दूर हैं तो ऐसे में यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आप की शादी बहुत जल्दी हो जाएगी। हो सकता है आपका विवाह बीस की उम्र से पहले हो जाए। इसका यह भी अर्थ होता है कि आप अपने लिए जीवनसाथी स्वयं चुनेंगे यानी आपकी लव मैरिज हो सकती है। 2. यदि आपकी शादी की रेखा के आरंभ में पहाड़ जैसा चिन्ह बना है तो ऐसे में यह संभावना होती है कि लड़की की शादी किसी ग़लतफहमी में होगी। 3. यदि विवाह रेखा के शुरुआत में दो शाखाएं हो तो यह एक अशुभ संकेत होता है। यह इस बात की और संकेत करता है कि आपके दांपत्य जीवन में समस्याएं आएंगी। हो सकता है आपकी शादी टूट भी जाए। 4. अगर शादी की रेखा के पास त्रिशूल का निशान बना हो तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। इसका मतलब होता है कि आपको अपना मनपसंद जीवनसाथी मिलेगा और आपकी शादीशुदा ज़िंदगी भी खुशियों से भरी रहेगी। Most Read: किन्नरों को भगवान राम से मिला था ये आशीर्वाद