सचिन पायलट बीजेपी में शामिल

  1. सचिन पायलट ने कहा
  2. बीजेपी में शामिल होंगे सचिन पायलट? जानें क्या बोले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
  3. Sachin Pilot close Subhash Maharia joins BJP is this the beginning of change in Rajasthan Politics
  4. Congress ready to board Ashok Gehlot boat What will Sachin Pilot do
  5. Jaipur it has become more difficult for sachin to become the pilot of rajasthan due to politics of cm gehlot political future of sachin on these four possibilities


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सचिन पायलट ने कहा

राजस्थान के डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं. लेकिन उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा है कि वो बीजेपी नहीं ज्वाइन करने जा रहे हैं. राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए सचिन पायलट को राजस्थान के डिप्टी CM और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है. इस बीच खबर आ रही है कि बीजेपी ने सचिन पायलट को अपनी पार्टी ज्वाइन करने का न्योता दिया है. सचिन पायलट ने फिलहाल सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए ये साफ कर दिया है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होने वाले हैं. साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद सचिन पायलट को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका दी गई थी. इसके बाद उन्होंने और उनके समर्थक कार्यकर्ताओं/नेताओं ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए जो संघर्ष किया था. राजस्थान में दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले ही गहलोत और पायलट के बीच तकरार शुरू हो गई थी. विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चयन के दौरान विवाद सामने आया था, इसके बाद यह तब बढ़ गया जब पार्टी हाई कमान ने अनुभवी गहलोत को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना. ये भी पढ़ें-

बीजेपी में शामिल होंगे सचिन पायलट? जानें क्या बोले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की टकरार किसी से छिपी नहीं है. सचिन पायलट खुलकर गहलोत सरकार पर हमलावर हैं. इस सबके बीच पायलट के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं जोरों पर हैं. हालांकि इन दावों को पहले भी कई बार पायलट खारिज कर चुके हैं. इस सबके बीच इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का भी बयान सामने आया है. दरअसल, प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और पेपर लीक मामलों में सचिन पायलट ने मोर्चा खोला हुआ है. 15 मई को अजमेर से जन संघर्ष यात्रा की शुरुआत करने के बाद सचिन पायलट ने प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचार और पेपर लीक मामले में कार्रवाई करने के लिए 31 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. वहीं अब 31 मई को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर में एक जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं. इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि जनसभा में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट भाजपा का दामन थाम सकते हैं. वहीं इसको बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी अपने बयान से हवा दी है. हालांकि उन्होंने खुलकर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. सीपी जोशी ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि इस बारे में कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन यह तय है कि पूरे देश में लोग जानते हैं कि भविष्य की पार्टी कौन है. कौन ऐसी पार्टी है, जिसके पास मजबूत नेतृत्व है, जो विचारों के आधार पर चलती है. उन्होंने कहा कि 600 से अधिक मामले एसीबी ने दर्ज किए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन फाइलों को दबाकर बैठे हैं. खुद को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार ही अब कहने लगे हैं कि बिना पैसे के फाइल इस सरकार में नहीं चलती है. सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचा...

Sachin Pilot close Subhash Maharia joins BJP is this the beginning of change in Rajasthan Politics

Rajasthan Politics : सचिन पायलट के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. 1999 के चुनाव में सीकर से कांग्रेस के नेता बलराम जाखड़ को हराकर चर्चा में आए थे. महरिया सीकर से तीन बार सांसद बनें. जब सचिन पायलट पीसीसी चीफ के पद पर थे तो महरिया को कांग्रेस पार्टी में लाने में उसकी बड़ी भूमिका थी. अब चर्चा है कि बीजेपी की तरफ से महरिया को आगामी विधानसभा चुनावों में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ ही मैदान में उतार सकती है.आज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकते हैं. सचिन पायलट के करीबी महरिया अक्टूबर 1999 से जनरी 2003 तक ग्रामीण विकास मंत्री रहें . फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जनवरी 2003-2004 तक उपभोक्ता मामला खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री बने. सुभाष महरिया ने साल 1998 से लेकर 2009तक सीकर से बीजेपी की टीकट पर तीन बार सांसद का चुनाव लड़ा और जीते. लेकिन फिर 2009 में महादेव सिंह खंडेला ने हार गये. साल 2014 में बीजेपी ने महरिया को टिकट नहीं दिया तो वो निर्दलीय लड़े. जिसके बाद सचिन पायलट के कहने पर महरिया ने कांग्रेस पार्टी में एंट्री ली. साल 2019 में महरिया को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया. महरिया को कांग्रेस में लाने में पायलट के अलावा तत्कालीन एआईसीसी के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत और पूर्व पीसीसी प्रमुख नारायणसिंह की मुख्य भूमिका थी. सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद उनके कांग्रेस में रहने, नहीं रहने या फिर नई पार्टी बनाने पर अटकलों का बाजार गर्म है. इस बीच पायलट के करीबी सुभाष महरिया ने बीजेपी का दामन फिर से थामने का फैसला कर लिया है. ...

Congress ready to board Ashok Gehlot boat What will Sachin Pilot do

Ashok Gehlot Sachin Pilot : राजस्थान में चुनावी बिगुल बजने में अब महज 3 महीने का वक्त बचा है, लिहाजा ऐसे में कांग्रेस और भाजपा समेत तमाम सारी पार्टियों में चुनावी तैयारियां जोरों पर है. वहीं राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट का विवाद अब भी पूरी तरह से सुलझा नहीं है. कांग्रेस के सामने अभी एक बड़ी चुनौती यह है कि आखिर विधानसभा चुनाव में गहलोत और पायलट में से किसके नाम को आगे कर कर चुनाव में उत्तर आ जाए. वहीं अब चर्चाएं हैं कि कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत के नाव में सवार होने को तैयार है, ऐसे में सियासी हलकों में पूछा जा रहा है कि आखिर सचिन पायलट क्या करेंगे. दरअसल साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जन कल्याणकारी योजनाओं के बलबूते चुनाव में उतरने को तैयार है, इन्हीं योजनाओं के बलबूते कांग्रेस राजस्थान में भाजपा से मुकाबला करती नजर आएगी. कांग्रेस को अशोक गहलोत की योजनाओं पर भी भरोसा है, क्योंकि ओल्ड पेंशन स्कीम और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जन कल्याणकारी योजना को ही फ्रंट फुट पर रखकर हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस ने जीत हासिल की. वहीं अब प्रदेश में सस्ता सिलेंडर देने से लेकर बिजली बिलों की दरों में छूट और मुफ्त इलाज जैसी योजनाओं को पूरे सराहा जा रहा है. लिहाजा इन योजनाओं को कई अन्य राज्य भी अपना रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ओपीएस और फ्रीबीज भरोसे चुनाव में उतरने को तैयार है. पायलट के लिए कांग्रेस में क्या वही कांग्रेस सचिन पायलट की नई भूमिका की भी तलाश कर रही है. सचिन पायलट ने खुद को कांग्रेस से अलग होने का विचार छोड़ दिया है. ऐसे में अब कांग्रेस उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका दे सकती है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खर...

Jaipur it has become more difficult for sachin to become the pilot of rajasthan due to politics of cm gehlot political future of sachin on these four possibilities

जयपुर. मारवाड़ के ‘गांधी’ सीएम अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को राजनीति का ‘जादूगर’ यूं ही नहीं कहा जाता. इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के जमाने के दिग्गज सीएम हरिदेव जोशी को उनके बेटे राजीव (Rajiv Gandhi) के काल में कुर्सी गंवानी पड़ी थी. तब इसके पीछे गहलोत का बड़ा हाथ बताया गया था. जोशी के पतन के साथ ही राज्य की सियासत में गहलोत का सूरज चढ़ता गया. अब वह सचिन पायलट नाम की चुनौती को ठिकाने लगाने के जोड़-तोड़ में लगे हैं. इसके लिए फ्रीबी योजनाओं (Freebie Schemes- मुफ्त की सुव‍िधाएं) से लेकर वर्ग-विशेष को साधने, जातिगत वोटों में गहरी पैठ बनाने में लगे हैं. राजस्थान में पिछले तीस साल से सरकारों को बदलने की परिपाटी रही है. कांग्रेस के बाद बीजेपी यहां चलन में है, लेकिन इस बार सीएम गहलोत और सचिन पायलट कांग्रेस सरकार को रिपीट करने के दावे कर रहे हैं. कांग्रेस रिपीट हो तो श्रेय ‘सरकार’ को ही मिले यही वजह है कि सीएम ने चुनावी साल में कई लोकलुभावनी और फ्रीबी घोषणाओं की झड़ी लगा दी. वो हर वर्ग-समुदाय को खुश करने में लगे हैं. हालात ऐसे बन रहे हैं कि यदि इस साल के आखिरी में होने वाले चुनावों में सरकारें बदलने की रिवायत टूटती है और कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिलता है तब सीएम अशोक गहलोत निश्चित रूप से सफलता के श्रेय अपने ही ‘ऐतिहासिक कामकाज’ को देंगे. क्योंकि तीन दशक में ऐसा नहीं हुआ कि मौजूदा सरकार को एंटी इंकम्बेंसी न झेलनी पड़ी है. यदि कांग्रेस को रिपीट कराने का सेहरा सरकार के सिर बंधता है तो सरकार के मुखिया को फिर से ‘पायलट’ यानि सीएम बनाने की दावेदारी होने लगेगी. माफी मांग कर सीएम ने बचा ली थी कुर्सी बड़ा सवाल यही है कि ऐसे हालात में पायलट कैंप के पास क्या विकल्प हैं?...