शिवसेना कृषि मंत्री

  1. शरद पवार
  2. 3 बार महाराष्ट्र के CM रहे, रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री पद भी संभाला; ऐसा रहा शरद पवार का राजनीतिक सफर
  3. भारत के कृषि मंत्री कौन है 2022
  4. Aaditya Thackeray
  5. Union Minister Narendra Tomar at ABVP Agrivision conference Farmers and scientists deserve appreciation
  6. Aaditya Thackeray
  7. 3 बार महाराष्ट्र के CM रहे, रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री पद भी संभाला; ऐसा रहा शरद पवार का राजनीतिक सफर
  8. शरद पवार
  9. Union Minister Narendra Tomar at ABVP Agrivision conference Farmers and scientists deserve appreciation
  10. भारत के कृषि मंत्री कौन है 2022


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शरद पवार

अनुक्रम • 1 प्रारंभिक जीवन और परिवार का इतिहास • 2 जीवन • 3 १९९० के दशक • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ प्रारंभिक जीवन और परिवार का इतिहास [ ] शरद पवार का जन्म १२ दिसंबर १९४० को पुणे के बारामती गांव में हुआ था। पिता का नाम गोविंदराव पवार और माता का नाम शारदाबाई पवार है। शारदाबाई पवार पुणे जिला एम. पवार एक ग्यारह बच्चों (सात बेटे और चार बेटियों) गोविंदराव पवार और शारदाबाई (भोंसले) को जन्म की है। गोविंदराव पवार ये निरा केनाल सहकारी सोसायटी के सेक्रेटरी थे।बाद में वे बारामती सहकारी बेंक के व्यवस्थापक नियुक्त हुए।शारदाबाई पवार यह इ स १९३८ में पुणे जिला लोकल बोर्ड शिक्षा समिती की प्रमुख बनी।सांसद सुप्रिया सुळे ये पवार जी की बेटी है तो पूर्व सिंचाईमंत्री अजित पवार ये उनके भतीजे है।गोविंदराव बारामती किसानों की सहकारी (सहकारी Kharedi Vikri संघ) द्वारा नियोजित किया गया था उसकी माँ whilst Katewadi, बारामती से दस किलोमीटर की दूरी पर परिवार के खेत के बाद देखा. भाई बहन की सबसे अच्छी तरह से शिक्षित थे और या तो पेशेवरों थे या अपने स्वयं के व्यवसाय भागा. श्री पवार ने पुणे में BrihanMaharashtra के वाणिज्य (BMCC) कॉलेज में अध्ययन किया। वह एक औसत छात्र था, तथापि, छात्र राजनीति में सक्रिय. श्री पवार पहले राजनीतिक कार्य जब वह Pravaranagar में गोवा के स्वतंत्रता के लिए मार्च 1956 में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। [2] श्री पवार प्रतिभा शादी है (nee शिंदे). वे एक बेटी, सुप्रिया सदानंद सुले के लिए जो शादीशुदा है और अब राजनीति में सक्रिय है। श्री पवार के भतीजे अजीत पवार भी अपने ही अधिकार में एक प्रमुख राजनीतिज्ञ है। श्री पवार के छोटे भाई, प्रताप प्रभावशाली मराठी दैनिक सकाल अखबार के संपादक है।...

3 बार महाराष्ट्र के CM रहे, रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री पद भी संभाला; ऐसा रहा शरद पवार का राजनीतिक सफर

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर भूचाल सा आ गया है। हालांकि, अभी तक शरद पवार ने अपने इस इस्तीफे को लेकर कोई वजह नहीं बताई है। एनसीपी महाराष्ट्र के महा-विकास अघाड़ी गठबंधन में सहयोगी है। आइए जानते है शरद पवार का राजनीतिक सफर कैसा रहा है... शरद पवार पूरा नाम है शरद गोविंदराव पवार। इनका जन्म 12 दिसंबर 1940 को पुणे के बारामती गांव में हुआ था। इनके पिता गोविंदराव पवार नीरा नहर सहकारी समिति के सचिव के पद पर कार्यरत थे। वहीं, मां शारदाबाई साल 1938 में पुणे जिला स्थानीय बोर्ड शिक्षा समिति की अध्यक्ष रहीं। वर्तमान समय में देश की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार का नाम प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में शुमार है। महाराष्ट्र के 3 बार मुख्यमंत्री रहे हैं। शरद पवार ने रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री के पद पर भी काम किया है। 56 साल पहले रखा था राजनीति में कदम पुणे विश्वविद्यालय ब्रिहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स से तालिम हासिल कर चुके शरद पवार की पढ़ाई के साथ राजनीति में रुचि थी। साल 1967 में राजनीति में उन्होंने अपना पहला कदम रखा। भारतीय युवक कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई में अध्यक्ष बने। इसके बाद तो जैसे उनका राजनीतिक सफर रफतार पकड़ने लगा। इसी साल यानी 1967 में ही उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव बारामती क्षेत्र लड़ा और जीत हासिल की। साल 1984 में बारामती से ही पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत का ताज पहना। साल 1988 से 1991 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। 1991 में वे 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए। इसी साल से 1993 तक उन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद 1993 से 1995 तक दूसरी बार महा...

भारत के कृषि मंत्री कौन है 2022

Explanation : वर्तमान में भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर है। वह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता और मोदी सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण के कैबिनेट मंत्री है। इससे पहले वह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का काम भी संभाल चुके है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्में तोमर को मुन्ना भैया के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम उन्हें बाबू लाल गौर ने दिया था। उन्होंने जीवाजी विवि से ग्रैजुएशन किया था। अपने शहर में बीजेपी युवा मोर्चा के चार साल तक अध्यक्ष (1980 से 1984) रहे। आगे धीमे-धीमे संगठन में कद बढ़ता गया और 1998 में विधानसभा पहुंचे। फिर 2003 में मध्य प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री, 2006 में सूबे के बीजेपी चीफ और 2009 में राज्यसभा सदस्य बने। 2014 और 2019 के आम चुनाव में जीते और दोनों ही बार कैबिनेट में जगह मिली। नरेंद्र सिंह तोमर मध्‍य प्रदेश के मुरैना से सांसद हैं।

Aaditya Thackeray

Pic: Social Media नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ महाराष्ट्र (Maharashtra) के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) ने किसानों की आए दिन हो रही आत्महत्या को लेकर एक बड़ा ही सनसनीखेज बयान दिया है।वहीं उनके इस बयान पर अब शिवसेना के उद्धव गुट के युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) भी लामबंद हो गए हैं। दरअसल कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि किसानों की आत्महत्या कोई बड़ी और नई बात नहीं है और ऐसी घटनाएं कई सालों से होती आ रही हैं। बता दें कि, हाल ही में सत्तार के निर्वाचन क्षेत्र सिल्लोड़ में किसानों ने आत्महत्या की थी, जिसके बाद पत्रकारों ने इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणी मांगी थी। वहीं कृषि मंत्री सत्तार के इस बयान पर आदित्य ठाकरे बोले कि, “कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने परेशान किसानों के पक्ष में कुछ नहीं कहा है और पहले एक महिला सांसद के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। ये मंत्री अपने पद से जुड़े हैं, अपने काम से बिल्कुल नहीं।” Maharashtra | Agriculture minister Abdul Sattar has said nothing in favour of troubled farmers & had previously used foul language for a woman MP. These ministers are attached to their positions, not to their work: Yuva Sena President Aaditya Thackeray on comments made by state… — ANI (@ANI) किसान आत्महत्या कोई नया नहीं: सत्तार बता दें कि पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राज्य कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा था कि, किसान आत्महत्या का मामला कोई बड़ा और नया केस नहीं है। ऐसी घटनाएं तो कई सालों से होटी आ रही हैं। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सदस्य सत्तार ने यह भी कहा था कि, “मुझे लगता है कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र सह...

Union Minister Narendra Tomar at ABVP Agrivision conference Farmers and scientists deserve appreciation

ABVP Agrivision Conference: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘अगर एक किसान से हमारा पेट भरता है तो हम उसे गरीब कहने के बजाय अमीर क्यों नहीं कह सकते।’ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शनिवार को दिल्ली में कृषि के सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था। सम्मेलन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने छात्रों और कृषि शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि सम्मेलन के दौरान कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ भारतीय कृषि परिषद की स्थापना और कृषि विश्वविद्यालयों में स्थायी प्रोफेसरों की नियुक्ति की मांग की गई। किसान को गरीब कहने की बजाय अमीर क्यों नहीं कह सकते: नरेंद्र सिंह तोमर कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ”अगर एक किसान से हमारा पेट भरता है तो हम उसे गरीब कहने के बजाय अमीर, संपन्न या अन्नदाता किसान क्यों नहीं कह सकते? उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, हमारे देश की रीढ़ है। कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हमारे किसान और वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसी दिशा में प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि को प्राथमिकता पर लेकर इस क्षेत्र को कई नए आयामों से जोडऩे का प्रयत्न किया है, जिनकी सफलता आज हमें परिलक्षित हो रही है। ‘किसान के पसीने की बूंदे खेत में गिरती हैं तो उत्पादन बढ़ता है’ ‘प्राकृतिक प्रकोप का किसी पर इलाज नहीं’ तोमर ने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप होते हैं, इसका किसी के पास इलाज नहीं है, लेकिन नुकसान की भरपा...

Aaditya Thackeray

Pic: Social Media नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ महाराष्ट्र (Maharashtra) के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) ने किसानों की आए दिन हो रही आत्महत्या को लेकर एक बड़ा ही सनसनीखेज बयान दिया है।वहीं उनके इस बयान पर अब शिवसेना के उद्धव गुट के युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) भी लामबंद हो गए हैं। दरअसल कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि किसानों की आत्महत्या कोई बड़ी और नई बात नहीं है और ऐसी घटनाएं कई सालों से होती आ रही हैं। बता दें कि, हाल ही में सत्तार के निर्वाचन क्षेत्र सिल्लोड़ में किसानों ने आत्महत्या की थी, जिसके बाद पत्रकारों ने इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणी मांगी थी। वहीं कृषि मंत्री सत्तार के इस बयान पर आदित्य ठाकरे बोले कि, “कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने परेशान किसानों के पक्ष में कुछ नहीं कहा है और पहले एक महिला सांसद के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। ये मंत्री अपने पद से जुड़े हैं, अपने काम से बिल्कुल नहीं।” Maharashtra | Agriculture minister Abdul Sattar has said nothing in favour of troubled farmers & had previously used foul language for a woman MP. These ministers are attached to their positions, not to their work: Yuva Sena President Aaditya Thackeray on comments made by state… — ANI (@ANI) किसान आत्महत्या कोई नया नहीं: सत्तार बता दें कि पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राज्य कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा था कि, किसान आत्महत्या का मामला कोई बड़ा और नया केस नहीं है। ऐसी घटनाएं तो कई सालों से होटी आ रही हैं। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सदस्य सत्तार ने यह भी कहा था कि, “मुझे लगता है कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र सह...

3 बार महाराष्ट्र के CM रहे, रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री पद भी संभाला; ऐसा रहा शरद पवार का राजनीतिक सफर

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर भूचाल सा आ गया है। हालांकि, अभी तक शरद पवार ने अपने इस इस्तीफे को लेकर कोई वजह नहीं बताई है। एनसीपी महाराष्ट्र के महा-विकास अघाड़ी गठबंधन में सहयोगी है। आइए जानते है शरद पवार का राजनीतिक सफर कैसा रहा है... शरद पवार पूरा नाम है शरद गोविंदराव पवार। इनका जन्म 12 दिसंबर 1940 को पुणे के बारामती गांव में हुआ था। इनके पिता गोविंदराव पवार नीरा नहर सहकारी समिति के सचिव के पद पर कार्यरत थे। वहीं, मां शारदाबाई साल 1938 में पुणे जिला स्थानीय बोर्ड शिक्षा समिति की अध्यक्ष रहीं। वर्तमान समय में देश की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार का नाम प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में शुमार है। महाराष्ट्र के 3 बार मुख्यमंत्री रहे हैं। शरद पवार ने रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री के पद पर भी काम किया है। 56 साल पहले रखा था राजनीति में कदम पुणे विश्वविद्यालय ब्रिहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स से तालिम हासिल कर चुके शरद पवार की पढ़ाई के साथ राजनीति में रुचि थी। साल 1967 में राजनीति में उन्होंने अपना पहला कदम रखा। भारतीय युवक कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई में अध्यक्ष बने। इसके बाद तो जैसे उनका राजनीतिक सफर रफतार पकड़ने लगा। इसी साल यानी 1967 में ही उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव बारामती क्षेत्र लड़ा और जीत हासिल की। साल 1984 में बारामती से ही पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत का ताज पहना। साल 1988 से 1991 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। 1991 में वे 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए। इसी साल से 1993 तक उन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद 1993 से 1995 तक दूसरी बार महा...

शरद पवार

अनुक्रम • 1 प्रारंभिक जीवन और परिवार का इतिहास • 2 जीवन • 3 १९९० के दशक • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ प्रारंभिक जीवन और परिवार का इतिहास [ ] शरद पवार का जन्म १२ दिसंबर १९४० को पुणे के बारामती गांव में हुआ था। पिता का नाम गोविंदराव पवार और माता का नाम शारदाबाई पवार है। शारदाबाई पवार पुणे जिला एम. पवार एक ग्यारह बच्चों (सात बेटे और चार बेटियों) गोविंदराव पवार और शारदाबाई (भोंसले) को जन्म की है। गोविंदराव पवार ये निरा केनाल सहकारी सोसायटी के सेक्रेटरी थे।बाद में वे बारामती सहकारी बेंक के व्यवस्थापक नियुक्त हुए।शारदाबाई पवार यह इ स १९३८ में पुणे जिला लोकल बोर्ड शिक्षा समिती की प्रमुख बनी।सांसद सुप्रिया सुळे ये पवार जी की बेटी है तो पूर्व सिंचाईमंत्री अजित पवार ये उनके भतीजे है।गोविंदराव बारामती किसानों की सहकारी (सहकारी Kharedi Vikri संघ) द्वारा नियोजित किया गया था उसकी माँ whilst Katewadi, बारामती से दस किलोमीटर की दूरी पर परिवार के खेत के बाद देखा. भाई बहन की सबसे अच्छी तरह से शिक्षित थे और या तो पेशेवरों थे या अपने स्वयं के व्यवसाय भागा. श्री पवार ने पुणे में BrihanMaharashtra के वाणिज्य (BMCC) कॉलेज में अध्ययन किया। वह एक औसत छात्र था, तथापि, छात्र राजनीति में सक्रिय. श्री पवार पहले राजनीतिक कार्य जब वह Pravaranagar में गोवा के स्वतंत्रता के लिए मार्च 1956 में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। [2] श्री पवार प्रतिभा शादी है (nee शिंदे). वे एक बेटी, सुप्रिया सदानंद सुले के लिए जो शादीशुदा है और अब राजनीति में सक्रिय है। श्री पवार के भतीजे अजीत पवार भी अपने ही अधिकार में एक प्रमुख राजनीतिज्ञ है। श्री पवार के छोटे भाई, प्रताप प्रभावशाली मराठी दैनिक सकाल अखबार के संपादक है।...

Union Minister Narendra Tomar at ABVP Agrivision conference Farmers and scientists deserve appreciation

ABVP Agrivision Conference: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘अगर एक किसान से हमारा पेट भरता है तो हम उसे गरीब कहने के बजाय अमीर क्यों नहीं कह सकते।’ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शनिवार को दिल्ली में कृषि के सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था। सम्मेलन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने छात्रों और कृषि शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि सम्मेलन के दौरान कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ भारतीय कृषि परिषद की स्थापना और कृषि विश्वविद्यालयों में स्थायी प्रोफेसरों की नियुक्ति की मांग की गई। किसान को गरीब कहने की बजाय अमीर क्यों नहीं कह सकते: नरेंद्र सिंह तोमर कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ”अगर एक किसान से हमारा पेट भरता है तो हम उसे गरीब कहने के बजाय अमीर, संपन्न या अन्नदाता किसान क्यों नहीं कह सकते? उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, हमारे देश की रीढ़ है। कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हमारे किसान और वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसी दिशा में प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि को प्राथमिकता पर लेकर इस क्षेत्र को कई नए आयामों से जोडऩे का प्रयत्न किया है, जिनकी सफलता आज हमें परिलक्षित हो रही है। ‘किसान के पसीने की बूंदे खेत में गिरती हैं तो उत्पादन बढ़ता है’ ‘प्राकृतिक प्रकोप का किसी पर इलाज नहीं’ तोमर ने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप होते हैं, इसका किसी के पास इलाज नहीं है, लेकिन नुकसान की भरपा...

भारत के कृषि मंत्री कौन है 2022

Explanation : वर्तमान में भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर है। वह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता और मोदी सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण के कैबिनेट मंत्री है। इससे पहले वह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का काम भी संभाल चुके है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्में तोमर को मुन्ना भैया के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम उन्हें बाबू लाल गौर ने दिया था। उन्होंने जीवाजी विवि से ग्रैजुएशन किया था। अपने शहर में बीजेपी युवा मोर्चा के चार साल तक अध्यक्ष (1980 से 1984) रहे। आगे धीमे-धीमे संगठन में कद बढ़ता गया और 1998 में विधानसभा पहुंचे। फिर 2003 में मध्य प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री, 2006 में सूबे के बीजेपी चीफ और 2009 में राज्यसभा सदस्य बने। 2014 और 2019 के आम चुनाव में जीते और दोनों ही बार कैबिनेट में जगह मिली। नरेंद्र सिंह तोमर मध्‍य प्रदेश के मुरैना से सांसद हैं।