शनि चालीसा आरती pdf

  1. Shani Chalisa PDF in Hindi
  2. Shri Shani Gayatri Mantra PDF
  3. Shani Chalisa : शनि चालीसा
  4. Shani Chalisa in Hindi
  5. [PDF] 51 आरती और चालीसा संग्रह
  6. Shani Chalisa : शनिवार को करें शनि चालीसा का पाठ, दूर हो जाएंगे कष्ट
  7. शनि चालीसा, Shani Chalisa, shani dev chalisa, shree shani chalisa, शनि देव चालीसा
  8. Shani Chalisa And Aarti: शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें शनि चालीसा का पाठ और ये आरती


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Shani Chalisa PDF in Hindi

Download PDF of Shani Chalisa Lyrics in Hindi | शनि चालीसा No of Pages 5 PDF Size 1 MB Langauge Hindi Source PDFNotes.co Shani Chalisa शनि देव महाराज का एक सबसे चर्चित पाठ है जिसे प्रत्येक शनिवार को बोला जाता है हिंदू धर्म में शनि देव का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि शनि देव की दृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ जाती है उसका जीवन नरक बन जाता है इसीलिए शनिदेव का सकारात्मक प्रभाव बनाए रखने के लिए शनि चालीसा के साथ-साथ शनि देव की आरती भी बोली जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति शनि चालीसा को प्रतिदिन बोलता है उसके जीवन में सभी तरीके के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं तथा उसे सभी प्रकार के सुख तथा धन लाभ भी मिलता है उसके शत्रु भी दूर हो जाते हैं यानी शनि देव की महिमा जिस भी व्यक्ति पर हो जाती है वह व्यक्ति गरीब से अमीर बन जाता है और अगर वह कमजोर हैं तो सबसे ताकतवर बन जाता है. इसीलिए शनि देव जी की चालीसा पढ़ने मात्र से ही लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव हो जाता है उन्हें सभी तरीके की खुशियां मिलने लगती है इसीलिए शनि देवता को खुश करने के लिए शनि चालीसा के साथ-साथ शनि आरती भी की जाती है ऐसा भी कहा जाता है कि मैं इस शो को उसके बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही देते हैं मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि अगर शनिदेव किसी पर प्रसन्न होते हैं तो रंक को भी राजा बना देते हैं। See also 51 Shakti Peeth Name List PDF शनि देव को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है और वैसे भी हम जानते हैं कि सूर्य भगवान का तेज जिस व्यक्ति में हो वह व्यक्ति सबसे उत्तम गुणों वाला होता है। ज्योतिषी में शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए अनेक प्रकार की पूजा का वर्णन किया गया है उनमें से शनि चालीसा भी सबसे महत्वपूर्ण है। • शनि...

Shri Shani Gayatri Mantra PDF

Mehandipur Balaji ki Aarti | मेहन्दीपुर बालाजी की आरती सभी प्रकार के दुष्ट और काली नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति प्रदान करने वाला महा मन्त्र है. मेहन्दीपुर बालाजी को भी बजरंगबली हनुमान जी का ही रूप माना जाता है. मान्यता है की इस मेहन्दीपुर बालाजी के धाम में आने से सभी प्रकार के नकारात्मक काली शक्तियों … • Shani Dev Ki Aarti | श्री शनिदेव की आरती ENGLISH FORMATE ( इंगलिश में ) जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी……… श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी……… क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।मुक्तन की … • भगवान् विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए Vishnu Chalisa/विष्णु चालीसा एक महत्वपूर्ण साधन है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान् विष्णु इस श्रृष्टि के पालनहार हैं. वे सदा समस्त प्राणियों पर अपनी कृपा दृष्टि रखतें हैं. वे इस श्रृष्टि के समस्त प्राणियों का पालन-पोषण करतें हैं. Vishnu Chalisa/विष्णु चालीसा और Vishnu Aarti/विष्णु आरती इस websites में … • Read in this post about Krishna Bhagwan Ki Aarti ( Aarti Kunj Bihari ki). For the getting of blessing of Lord Krishna Krishna aarti is a great method. भगवान् कृष्ण का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने के लिए कृष्णा आरती एक सफल माध्यम है. भगवान् कृष्ण विष्णु भगवान् के अवतार हैं. जिनपर कृष्ण भगवान् की … • भगवान् श्री कृष्ण को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए Krishna Chalisa/कृष्ण चालीसा एक महत्वपूर्ण साधन है. भगवान् श्रीकृष्ण विष्णु भगवान् के अवतार हैं. उनकी कृपा से मनुष्य इस जीवन के सारे शुख भोग कर अंत में मोक्...

Shani Chalisa : शनि चालीसा

Chanting Shani Chalisa is a very good and well known method to pleased Lord Shani. Reciting Shani Chalisa every शनि चालीसा / Shani Chalisa भगवान् श्री शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्ति करने का सर्वोत्तम साधन है. भगवान् श्री भगवान् श्री शनि देव इस पृथ्वी के समस्त मनुष्यों के अच्छे और बुरे कर्मो का हिसाब रखतें हैं. मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार उन्हें उनके कर्मों का फल प्रदान करतें हैं. • • • • • • • मनुष्य के अच्छे कर्मों का अच्छा फल प्रदान करतें हैं. उनकी सभी समस्याओं का समाधान करतें हैं. अच्छे कर्म करने वालों को सुख और शान्ति प्रदान करतें हैं. मनुष्य के बुरे कर्मो का श्री शनि देव दण्ड देते हैं. वे मनुष्य के बुरे कर्मों के अनुसार उन्हें दण्ड देतें हैं. ताकि वे सही मार्ग पर आ जाएँ और अच्छे कर्म करें. शनि चालीसा हिंदी / Shani Chalisa Hindi में निचे दिया जा रहा है. आप लोग अगर हो सके तो प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें. शनि चालीसा का पाठ करने से भगवान् श्री शनि देव की कृपा प्राप्ति होगी. जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज । करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥ ॥चौपाई॥ जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ॥ परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥ कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके ॥ कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥ पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुःख भंजन ॥ सौरी, मन्द, शनि, दशनामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥ जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं । रंकहुं राव करैं क्षण माहीं ॥ पर्वतहू तृण होई निहारत । तृणहू क...

Shani Chalisa in Hindi

शनि देव की महानता का गुण गान करना अपने आप में ही एक सौभाग्य की बात है। हिंदू धर्म में शनि देव को दंडाधिकारी माना गया है। हिन्दू धर्म में शनि महाराज सबसे बड़े न्यायाधीश है। सूर्यपुत्र शनिदेव के बारे में लोगों के बीच कई मिथ्या हैं। लेकिन मान्यता है कि भगवान शनिदेव जातकों के केवल उसके अच्छे और बुरे कर्मों का ही फल देते हैं। शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक के जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। शिव पुराण में वर्णित है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने शनिदेव को “श्री शनि चालीसा” से प्रसन्न किया था। शनि चालीसा निम्न है। शनि साढ़ेसाती और शनि महादशा के दौरान ज्योतिषी श्री शनि चालीसा का पाठ करने की सलाह देते हैं। शनि देव की महिमा जिस पर भी हो जाती है वो गरीब से अमिर बन जाते हैं कमजोर से ताकतवर बन जाते हैं। महाराज शनि देव की कहानी भी है हम उसको भी लिखेंगे लेकिन अभी शनि चालीसा का पाठ कीजिये और अपने सभी दुःख दर्द को भगवान शनि के आगे रख दीजिये। भगवान सूर्य जी के पुत्र शनिदेव जी महाराज जिनकी पूजा अर्चना मात्र से ही लोगों के दुःख दूर हो जाते है। शनि चालीसा का पाठ करने से ही लोगों के सारे कष्ट का निवारण हो जाता है। शनि देव कि महिमा के लिए साढ़े साती, शनि साढ़े साती, ढैया अथवा शनि महादशा के समय शनि चालीसा, दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ ने भी शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए “शनि चालीसा का पाठ” किया था। अत: कोई भी व्यक्ति जीवन में परेशानियों से गुजर रहे है तो शनि चालीसा का पाठ आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगा। शनि चालीसा का पाठ कैसे करना चाहिए? अधिकतर लोगों के मन में आता है कि शनिदेव की असीम कृपा पाने के लिए पाठ कैसे करे या फिर शनि चालीसा का उच...

[PDF] 51 आरती और चालीसा संग्रह

चालीसा और आरती की यादी इस किताब में सभी देवी देवता की 50 से भी ज्यादा आरती और चालीसा लिखी हुई है, एस एक किताब की pdf डाउनलोड करके साथ रखके आप सभी भगवान की उपासना कर सकते है. चालीसा क्रम देवता खण्ड • १. श्री गणेश • २. श्री राम • ३. श्री शिव • ४. श्री हनुमान • ५. हनुमानाष्टक, बजरंग बाण • ६. श्री कृष्ण • ७. श्री विष्णु • ८. श्री गोपाल • ९. श्री ब्रह्मा • १०. श्री शनि (१) • ११. श्री शनि (२). • १२. श्री भैरव • १३. श्री बटुक भैरव • १४. श्री सूर्य • १५. श्री नवग्रह • १६. श्री विश्वकर्मा • १७. श्री रविदास • १८. श्री गोरख नाथ. • १९ श्री जाहरवीर • २४ श्री अंतराज सरकार • २१. श्री बालाजी • २३. श्री गिरिराज • २४. श्री महावीर परशुराम • २५. श्री (तीर्थंकर) • २६. श्री श्याम (खाटू) • २७. श्री रामदेव • २८. श्री पितर • २९. बाबा गंगाराम देवी खण्ड • ३०. श्री दुर्गा • ३१. श्री विन्ध्येश्वरी • ३२. श्री लक्ष्मी (श्री महालक्ष्मी) • ३३. श्री महालक्ष्मी (श्री लक्ष्मी) • ३४. श्री सरस्वती • ३९. श्री राधा • ४०. श्री तुलसी • ४१. श्री वैष्णो देवी • ४२. श्री संतोषी माँ • ४३. श्री अन्नपूर्णा • ४४. श्री पार्वती • ४५. श्री बगलामुखी • ४६. श्री गंगा • ४७. श्री नर्मदा • ४८. श्री शारदा • ४९. श्री शाकम्भरी • ५०. श्री ललिता • ३५१. श्री राणी सती

Shani Chalisa : शनिवार को करें शनि चालीसा का पाठ, दूर हो जाएंगे कष्ट

Shani Chalisa in Hindi: अक्सर शनिदेव को लेकर मन में बहुत सारे सवाल रहते हैं लेकिन आपको बता दें कि शनिदेव न्यायप्रिय हैं, इसलिए वो दंड भी देते हैं और पुरस्कार भी। उनकी पूजा सच्चे मन से करने पर इंसान के दुखों का अंत तो होता ही है साथ ही वो सुख का भी भागीदार बनता है इसलिए हर किसी को शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से इंसान को धन वैभव की भी प्राप्ति होती है। • जयति जयति शनिदेव दयाला। • करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ • चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। • माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥ • परम विशाल मनोहर भाला। • टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥ • कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। • हिय माल मुक्तन मणि दमके॥ • कर में गदा त्रिशूल कुठारा। • पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥ • पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन। • यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥ • सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। • भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥ • जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। • रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥ • पर्वतहू तृण होई निहारत। • तृणहू को पर्वत करि डारत॥ • राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। • कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥ • बनहूँ में मृग कपट दिखाई। • मातु जानकी गई चुराई॥ • लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। • मचिगा दल में हाहाकारा॥ • रावण की गति-मति बौराई। • रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥ • दियो कीट करि कंचन लंका। • बजि बजरंग बीर की डंका॥ • नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। • चित्र मयूर निगलि गै हारा॥ • हार नौलखा लाग्यो चोरी। • हाथ पैर डरवायो तोरी॥ • भारी दशा निकृष्ट दिखायो। • तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥ • विनय राग दीपक महं कीन्हयों। • तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥ • हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। • आपहुं भरे डोम घर पानी॥ • तैसे नल पर दशा सिरानी। • भूंजी-मीन कूद गई पानी॥ ...

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हिंदू धर्म में शनि देव को दंडाधिकारी माना गया है। सूर्यपुत्र शनिदेव के बारे में लोगों के बीच कई मिथ्य हैं। लेकिन मान्यता है कि भगवान शनिदेव जातकों के केवल उसके अच्छे और बुरे कर्मों का ही फल देते हैं। शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक के जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। शिव पुराण में वर्णित है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने शनिदेव को "शनि चालीसा" से प्रसन्न किया था। शनि चालीसा निम्न है। शनि साढ़ेसाती और शनि महादशा के दौरान ज्योतिषी शनि चालीसा का पाठ करने की सलाह देते हैं।

Shani Chalisa And Aarti: शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें शनि चालीसा का पाठ और ये आरती

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष के अनुसार अगर शनि ग्रह कमजोर हो जाए तो बनते काम बिगड़ने लगते हैं। लेकिन माना ये भी जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में ये ग्रह मजबूत होता है ऐसा इंसान जीवन में काफी तरक्की करता है। तो आप पर भी बनी रहे शनि देव की कृपा उसके लिए हम आपको बता रहे हैं एक सरल तरीका। शनिवार के दिन इस शनि चालीसा का जरूर करें पाठ और शनिदेव की विधि विधान पूजा कर उनकी आरती जरूर उतारें… शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa in Hindi) : जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥ परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥ कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके॥ कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥ पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥ सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥ जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥ पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥ राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥ बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई॥ लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥ रावण की गति-मति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥ दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥ नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥ हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवायो तोरी॥ भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥ विनय राग दीपक महं कीन्हयों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन...