सिद्धार्थ का चरित्र चित्रण कीजिए

  1. उसने कहा था’ कहानी के नायक लहनासिंह का चरित्र
  2. बात अठन्नी की Sahitya Sagar Workbook Answers
  3. ICSE Class 10 Hindi Solutions एकांकी
  4. कहानी के तत्व


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उसने कहा था’ कहानी के नायक लहनासिंह का चरित्र

लहनासिंह कहानी का नायक है। उसके चरित्र की कतिपय विशेषताएँ निम्नलिखित हैं – प्रत्युत्पन्नमति मान –खन्दक में जर्मन अधिकारी को पहचान लेने के बाद लहनासिंह ने निर्णय लेने में तनिक भी देर नहीं लगाई। वजीरासिंह को जगाकर सूबेदार को लौटा लाने के लिए तुरन्त भेज दिया। तनिक-सी देरी सारी खन्दक को उड़ा देती और सबके प्राण ले लेती। उसने मूर्छित जर्मन अफसर की जेबों की तलाशी लेकर सारे कागज भी निकाल लिए। कर्तव्यनिष्ठ –लहनासिंह की कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा की जानी चाहिए। खन्दक में खड़े होकर जहाँ एक ओर वह एक सिपाही के कर्तव्य का निर्वहन कर रहा था वहीं दूसरी ओर बीमार साथी के प्रति भी अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा था। दो-दो घाव लगने के बाद भी वह अपने कर्तव्य को नहीं भूला । प्रेम के क्षेत्र में भी उसने अपने कर्तव्य का निर्वाह किया। सूबेदारनी को उसने जो वचन दिया था उसे भी उसने पूरी तरह निभाया। निश्छल-प्रेमी –वह प्रेम के सच्चे अर्थ को समझता था। बचपन में आठ वर्ष की लड़की से दो-तीन बार मिलने पर उसके हृदय में जो प्रेम प्रस्फुटित हुआ था, वह सच्चा प्रेम था। तभी तो सम्भावना के विरुद्ध उत्तर सुनकर उस पर जो प्रभाव पड़ा वह उसके सच्चे प्रेम का उदाहरण है। उसने बचपन के प्रेम को अन्तिम समय तक निभाया। यह सूबेदारनी से किये हुए प्रेम का ही परिणाम था कि उसने बोधासिंह का ध्यान रखा ।। त्यागी –लहनासिंह के त्याग़ का बहुत अच्छा उदाहरण है-बोधासिंह की रक्षा । खन्दक में ठण्ड होने पर अपना कम्बल, ओवरकोट और जरसी तक बोधासिंह को दे दिया। स्वयं एक कुरते में ही खड़ा रहा। दूसरी ओर उसने अपने प्रेम के लिए अपना जीवन दाँव पर लगा दिया। सूबेदारनी ने जो चाहा था लहनासिंह ने वही किया। साहसी –वह बहुत साहसी था। जर्मन अफसर ने धोखे से सूबेदार क...

बात अठन्नी की Sahitya Sagar Workbook Answers

Baat Athani Ki Workbook Answers अभ्यास-माला अवतरण 1. “जिला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन इंजीनियर बाबू के पड़ोस में रहते थे। उनके चौकीदार मियांँ रमजा़न और रसीला में बहुत मैत्री थी । दोनों घंटो साथ बैठते, बातें करते ।” (i) रसीला कौन है? उसने अपने मालिक से वेतन के विषय में क्या बात की? उत्तर. रसीला बाबू जगत सिंह का नौकर था। उसने अपने मालिक से वेतन अधिक करने की बात की। (ii) वेतन न बढ़ाने पर भी रसीला इंजीनियर साहब की नौकरी क्यों नहीं छोड़ना चाहता था? उत्तर. वेतन न बढ़ाने पर भी रसीला इंजीनियर साहब की नौकरी नहीं छोड़ना चाहता था, क्योंकि वह सोचता था कि यहांँ जैसा सम्मान और भरोसा करने वाला मालिक और कहीं नहीं मिलेगा। (iii) रसीला ने जब मालिक से वेतन के विषय में बात की तो मालिक ने क्या जवाब दिया? उनका जवाब उनके चरित्र के विषय में क्या बताता था? उत्तर. रसीला ने जब अपने मालिक से वेतन बढ़ाने की मांँग की तो उसके मालिक ने वेतन बढ़ाने से मना कर दिया और कहा कि इससे अधिक कहीं और वेतन मिले, तो अवश्य नौकरी छोड़ देना। उनका क्या जवाब बताता है कि वह लालची एवं निर्दयी थे। (iv) रसीला की चारित्रिक विशेषता बताइए। उत्तर. रसीला एक मेहनती, सत्यवादी, ईमानदार, एवं बहुत अच्छा मित्र था। अवतरण 2. ” रमजा़न ने ठंडी सांँस भरी। उसने रसीला को ठहरने का संकेत किया और आप कोठरी में चला गया। थोड़ी देर बाद कुछ रुपए रसीला की हथेली पर रख दिए। “ (i) रसीला की उदासी का क्या कारण था? उत्तर. रसीला के बच्चे बीमार थे। किंतु उसके पास उनका इलाज कराने के रुपए नहीं थे। इसलिए वह उदास था। (ii) रमजा़न की हठ पर जब उसने रमजा़न को अपनी उदासी कारण बताया तो रमजा़न में क्या सलाह दी? उत्तर. रमजा़न की हठ पर जब उसने रमजा़न को अपनी उदासी कारण बताया...

ICSE Class 10 Hindi Solutions एकांकी

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कहानी के तत्व

कहानी के तत्व का अर्थ , कहानी के तत्वों का उल्लेख कीजिए मूल्यांकन की दृष्टि से कहानी के कुछ तत्व निर्धारित किये गये हैं। समीक्षकों ने कथा साहित्य के रूप में उपन्यास और कहानी को एक समान मानकर मापदण्ड की एक ही पद्धति अपनाई है , और उपन्यास की भाँति कहानी के भी छः तत्व माने हैं: 1 कथानक- कथानक का अर्थ • कथानक का अर्थ है कहानी में प्रयोग की गई कथावस्तु या वह वस्तु जो कथा में विषय रूप में चुनी गई हो। • कहानी में सामाजिक , धार्मिक , ऐतिहासिक , वैज्ञानिक आदि में से किसी एक विषय को लेकर घटना का विकास किया जाता है। • कथानक में स्वाभाविकता लाने के लिए उसमें यथार्थ , कल्पना , मनोविज्ञान आदि का समावेश यथोचित रूप में किया जाता है। कथानक के विकास की चार स्थितियाँ मानी गई है- आरम्भ , विकास , चरमोत्कर्ष और अन्त । • कहानी का आरम्भ रोचक ढंग से होना चाहिए ताकि पाठक के मन में आगे की घटनाओं के लिए जिज्ञासा उत्पन्न हो सके। जिससे पाठक कहानी में इस कदर डूब जाये कि उसके मन में कहानी को शीघ्रातिशीघ्र समाप्त करने का लालच आ जाय। • विकास अथवा आरोह में घटना क्रम में सहजता और पात्रों के स्वाभाविक मनः स्थिति का विकास दिखाया जाना चाहिए। जिससे पाठक को कथानक समझने में आसानी एंव संपूर्ण कथानक उसके मन-मस्तिष्क में एक चलचित्र की भाँति चलने लगे। • तीसरी स्थिति चरमोत्कर्ष वह अवस्था है जहाँ पर कहानी की रोचकता में क्षणभर के लिए स्तब्धता आ जाती है। पाठक कहानी का अन्तिम फल जानने के लिए उत्तेजित हो उठता है एंव वह अनायास ही कयास लगाने लगता है। • कहानी के अन्त में परिणाम निहित रहता है , जिससे पाठक को सकून की अनुभूति प्राप्त होती है। • अतः कहानी का उद्देश्य एंव कथानक स्पष्ट होना चाहिए। यह न तो विस्तृत होना चाहिए और न ही ...