सिस पेन्सिल मध्ये कोणता रासायनिक पदार्थ वापरतात

  1. रासायनिक बंधन और उनके प्रकार, सिंद्धांत ~ Mathtricks
  2. रासायनिक तत्वों की सूची
  3. रासायनिक युद्ध (Chemical Warfare) – मराठी विश्वकोश
  4. पदार्थ
  5. रासायनिक तत्वों की सूची
  6. English to Hindi Transliterate
  7. रासायनिक बंधन और उनके प्रकार, सिंद्धांत ~ Mathtricks
  8. रासायनिक युद्ध (Chemical Warfare) – मराठी विश्वकोश
  9. पदार्थ
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रासायनिक बंधन और उनके प्रकार, सिंद्धांत ~ Mathtricks

वह आकर्षक बल जो विभिन्न घटकों (परमाणु, आयन, आदि) को एक साथ रखता है और ऊर्जा के समग्र नुकसान से उन्हें स्थिर करता है, रासायनिक बंधन के रूप में जाना जाता है।इसलिए, यह समझा जा सकता है किरासायनिक यौगिकइसके घटकों के बीच रासायनिक बंधों की ताकत पर निर्भर हैं;घटकों के बीच संबंध जितना मजबूत होगा, परिणामी यौगिक उतना ही अधिक स्थिर होगा। जब भी पदार्थ किसी अन्य प्रकार के पदार्थ के साथ परस्पर क्रिया करता है, तो एक के द्वारा दूसरे पर बल लगाया जाता है।जब बलों की प्रकृति आकर्षक होती है, तो ऊर्जा कम हो जाती है।जबबलों कीप्रकृतिप्रतिकारकहोती है, तो ऊर्जा में वृद्धि होती है।दो परमाणुओं को आपस में बांधने वाला आकर्षक बल रासायनिक बंध कहलाता है। जैसा कि विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं, ये विपरीत आवेशित कण अपने बीच विद्यमान इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के एक मजबूत बल द्वारा एक साथ रखे जाते हैं।उदाहरण के लिए, MgCl2, मैग्नीशियम आयन और क्लोरीन आयन इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के बल द्वारा एक साथ रखे जाते हैं।दो विपरीत आवेशित कणों के बीच विद्यमान इस प्रकार के रासायनिक बंधन को इलेक्ट्रोवैलेंट बॉन्ड के रूप में जाना जाता है। 1916 में कोसल और लुईस ने उत्कृष्ट गैसों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की अवधारणा के आधार पर एक सफल व्याख्या देने में सफलता प्राप्त की कि परमाणु अणु मिलकर अणु क्यों बनाते हैं।उत्कृष्ट गैसों केपरमाणुओं मेंएक दूसरे के साथ या अन्य तत्वों के परमाणुओं के साथ संयोग करने की प्रवृत्ति बहुत कम या बिल्कुल नहीं होती है।इसका मतलब है कि इन परमाणुओं में स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होना चाहिए। आयनिक बंधन एक प्रकार का रासायनिक बंधन है जिसमें एक परमाणु या अणु से दूसरे में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण शामिल होता ...

रासायनिक तत्वों की सूची

इन्हें भी देखें: नीचे परमाणु क्रमांक (Z) तत्त्व का नाम प्रतीक आवर्त समूह द्रव्यमान ( 1 H 1 1 00,00,001 1.00794(7) 2 He 1 18 00,00,004 4.002602(2) 3 Li 2 1 00,00,006 6.941(2) 4 Be 2 2 9.012182(3) 5 B 2 13 00,00,010 10.811(7) 6 C 2 14 00,00,012 12.0107(8) 7 N 2 15 00,00,014 14.0067(2) 8 O 2 16 00,00,015 15.9994(3) 9 F 2 17 00,00,018 18.9984032(5) 10 Ne 2 18 00,00,020 20.1797(6) 11 Na 3 1 00,00,022 22.98976928(2) 12 Mg 3 2 00,00,024 24.3050(6) 13 Al 3 13 00,00,026 26.9815386(8) 14 Si 3 14 00,00,028 28.0855(3) 15 P 3 15 00,00,030 30.973762(2) 16 S 3 16 00,00,032 32.065(5) 17 Cl 3 17 00,00,035 35.453(2) 18 Ar 3 18 00,00,039 39.948(1) 19 K 4 1 00,00,039 39.0983(1) 20 Ca 4 2 00,00,040 40.078(4) 21 Sc 4 3 00,00,044 44.955912(6) 22 Ti 4 4 00,00,047 47.867(1) 23 V 4 5 00,00,050 50.9415(1) 24 Cr 4 6 00,00,051 51.9961(6) 25 Mn 4 7 00,00,054 54.938045(5) 26 Fe 4 8 00,00,055 55.845(2) 27 Co 4 9 00,00,058 58.933195(5) 28 Ni 4 10 00,00,058 58.6934(2) 29 Cu 4 11 00,00,063 63.546(3) 30 Zn 4 12 00,00,065 65.409(4) 31 Ga 4 13 00,00,069 69.723(1) 32 Ge 4 14 00,00,072 72.64(1) 33 As 4 15 00,00,074 74.92160(2) 34 Se 4 16 00,00,078 78.96(3) 35 Br 4 17 00,00,079 79.904(1) 36 Kr 4 18 00,00,083 83.798(2) 37 Rb 5 1 00,00,085 85.4678(3) 38 Sr 5 2 00,00,087 87.62(1) 39 Y 5 3 00,00,088 88.90585(2) 40 Zr 5 4 00,00,091 91.224(2) 41 Nb 5 5 00,00,092 92.906 38(2) 42 Mo 5 6 00,00,095 95.94(2) 43 Tc 5 7 00,00,098 [98.9063] 44 Ru 5 8 00,00,101 101.07(2) 45 Rh 5 9 00,00,102 102.90550(2) 46 Pd 5 10 00,00,106 10...

रासायनिक युद्ध (Chemical Warfare) – मराठी विश्वकोश

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पदार्थ

अनुक्रम • 1 परिभाषा • 2 विशेषताएँ तथा गुणधर्म • 2.1 भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म • 3 पदार्थ की अवस्थाएं • 3.1 ठोस • 3.2 द्रव • 3.3 गैस • 4 पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन • 5 भारतीय दर्शन में पदार्थ • 6 सन्दर्भ • 7 इन्हें भी देखें • 8 बाहरीकड़ियाँ परिभाषा [ ] पदार्थ की एक सामान्य या पारम्परिक परिभाषा है "कुछ भी जिसमें विशेषताएँ तथा गुणधर्म [ ] पदार्थ के कणों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं। • पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है। • पदार्थ के कण अत्यधिक क्षुद्र होते हैं। • पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है। • पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं। • पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म [ ] प्रत्येक पदार्थ के विशिष्ट या अभिलाक्षणिक गुणधर्म होते हैं। इन धर्मों को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है- भौतिक गुणधर्म उदाहरणार्थ भौतिक गुणधर्मो को पदार्थ की पहचान या संगठन को परिवर्तित किए बिना पदार्थ की अवस्थाएं [ ] पदार्थ तीन अवस्थाओं- ठोस [ ] ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (Force of attaraction) आधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उद्हरण - जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस आदि। द्रव [ ] द्रव में कणों के मध्य बन्धन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकर नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है। गैस [ ] गैस में कणों के मध्य बन्धन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (Shape) और न ही निश्चित आयतन (Volume) होता है। पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन [ ] पदार्थ तीन भौतिक अवस्था...

रासायनिक तत्वों की सूची

इन्हें भी देखें: नीचे परमाणु क्रमांक (Z) तत्त्व का नाम प्रतीक आवर्त समूह द्रव्यमान ( 1 H 1 1 00,00,001 1.00794(7) 2 He 1 18 00,00,004 4.002602(2) 3 Li 2 1 00,00,006 6.941(2) 4 Be 2 2 9.012182(3) 5 B 2 13 00,00,010 10.811(7) 6 C 2 14 00,00,012 12.0107(8) 7 N 2 15 00,00,014 14.0067(2) 8 O 2 16 00,00,015 15.9994(3) 9 F 2 17 00,00,018 18.9984032(5) 10 Ne 2 18 00,00,020 20.1797(6) 11 Na 3 1 00,00,022 22.98976928(2) 12 Mg 3 2 00,00,024 24.3050(6) 13 Al 3 13 00,00,026 26.9815386(8) 14 Si 3 14 00,00,028 28.0855(3) 15 P 3 15 00,00,030 30.973762(2) 16 S 3 16 00,00,032 32.065(5) 17 Cl 3 17 00,00,035 35.453(2) 18 Ar 3 18 00,00,039 39.948(1) 19 K 4 1 00,00,039 39.0983(1) 20 Ca 4 2 00,00,040 40.078(4) 21 Sc 4 3 00,00,044 44.955912(6) 22 Ti 4 4 00,00,047 47.867(1) 23 V 4 5 00,00,050 50.9415(1) 24 Cr 4 6 00,00,051 51.9961(6) 25 Mn 4 7 00,00,054 54.938045(5) 26 Fe 4 8 00,00,055 55.845(2) 27 Co 4 9 00,00,058 58.933195(5) 28 Ni 4 10 00,00,058 58.6934(2) 29 Cu 4 11 00,00,063 63.546(3) 30 Zn 4 12 00,00,065 65.409(4) 31 Ga 4 13 00,00,069 69.723(1) 32 Ge 4 14 00,00,072 72.64(1) 33 As 4 15 00,00,074 74.92160(2) 34 Se 4 16 00,00,078 78.96(3) 35 Br 4 17 00,00,079 79.904(1) 36 Kr 4 18 00,00,083 83.798(2) 37 Rb 5 1 00,00,085 85.4678(3) 38 Sr 5 2 00,00,087 87.62(1) 39 Y 5 3 00,00,088 88.90585(2) 40 Zr 5 4 00,00,091 91.224(2) 41 Nb 5 5 00,00,092 92.906 38(2) 42 Mo 5 6 00,00,095 95.94(2) 43 Tc 5 7 00,00,098 [98.9063] 44 Ru 5 8 00,00,101 101.07(2) 45 Rh 5 9 00,00,102 102.90550(2) 46 Pd 5 10 00,00,106 10...

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प्रतिजैव (अँटिबायॉटिक) पदार्थांचा एक गट. [→ प्रतिजैव पदार्थ] संरचनेच्या (रेणूमधील अणू एकमेकांस जोडले जाण्याच्या पद्धतीच्या) दृष्टीने यांचे एकमेकांशी जवळचे नाते आहे. पेनिसिलीन हे नाव पेनिसिलियम नोटॅटम या बुरशीपासून [हरितद्रव्यरहित वनस्पतीपासून; → कवक; पेनिसिलियम] मिळालेल्या व प्रतिजैव (इतर प्रतिस्पर्धा सूक्ष्मजीवांची वाढ होण्यास प्रतिबंध करण्याचा) गुण असलेल्या पदार्थांला प्रथम दिले गेले. परंतु हा पदार्थ एक मिश्रण आहे असे कळून आल्यावर त्यातील घटकांना, ते एकमेकांशी संबद्ध आहेत हे दर्शविणारी, उदा., पेनिसिलीन जी, पेनिसिलीन एफ इ. नावे देण्यात आली. इतिहास इ. स. १९२९ मध्ये अॅलेक्झांडर फ्लेमिंग यांना असे आढळले की, संवर्धन माध्यमात (सूक्ष्मजीवांची वाढ व्हावी यासाठी तयार केलेल्या पोषक पदार्थांच्या मिश्रणात) होत असलेली स्टॅफिलोकॉकस जंतूंची वाढ अकस्मात एका बुरशीच्या संसर्गाने खुंटली. ही बुरशी पेनिसिलियम वंशाची आहे आणि तिचे संवर्धन केले असता मिळणारा द्रव आणि त्यातील पदार्थ यांच्या अंगी जंतुप्रतिकारक गुण आहे, असे दिसून आल्यावरून त्यांनी त्या पदार्थांला ‘पेनिसिलीन’ हे नाव दिले. ही बुरशी पेनिसिलयम नोटॅटम आहे हे चार्ल्स टॉम यांनी दाखविले. पेनिसिलीन अस्थिर असल्यामुळे ते शुद्ध रूपात वेगळे काढणे आणि त्याच्या गुणधर्मांचा अभ्यास करणे त्या वेळी शक्य झाले नाही. बुरशीचे संवर्धन करून पेनिसिलीन वेगळे करण्यासंबंधीचे प्राथमिक प्रयोग पी. डब्ल्यू. क्लटरबक, आर्. लोएल आणि एच्. रेसट्रिक यांनी १९३२ च्या सुमारास केले. त्यानंतर १९३८-४० या कालखंडात एच्. डब्ल्यू. फ्लोरी, ई. चेन आणि त्यांचे सहकारी यांनी ऑक्सफर्ड येथे संशोधन करून पेनिसिलिनाचे एक घनरूप लवण मिळविले. हे पूर्णपणे शुद्ध नव्हते, तरी मानव व इतर प्राणी या...

रासायनिक बंधन और उनके प्रकार, सिंद्धांत ~ Mathtricks

वह आकर्षक बल जो विभिन्न घटकों (परमाणु, आयन, आदि) को एक साथ रखता है और ऊर्जा के समग्र नुकसान से उन्हें स्थिर करता है, रासायनिक बंधन के रूप में जाना जाता है।इसलिए, यह समझा जा सकता है किरासायनिक यौगिकइसके घटकों के बीच रासायनिक बंधों की ताकत पर निर्भर हैं;घटकों के बीच संबंध जितना मजबूत होगा, परिणामी यौगिक उतना ही अधिक स्थिर होगा। जब भी पदार्थ किसी अन्य प्रकार के पदार्थ के साथ परस्पर क्रिया करता है, तो एक के द्वारा दूसरे पर बल लगाया जाता है।जब बलों की प्रकृति आकर्षक होती है, तो ऊर्जा कम हो जाती है।जबबलों कीप्रकृतिप्रतिकारकहोती है, तो ऊर्जा में वृद्धि होती है।दो परमाणुओं को आपस में बांधने वाला आकर्षक बल रासायनिक बंध कहलाता है। जैसा कि विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं, ये विपरीत आवेशित कण अपने बीच विद्यमान इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के एक मजबूत बल द्वारा एक साथ रखे जाते हैं।उदाहरण के लिए, MgCl2, मैग्नीशियम आयन और क्लोरीन आयन इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण के बल द्वारा एक साथ रखे जाते हैं।दो विपरीत आवेशित कणों के बीच विद्यमान इस प्रकार के रासायनिक बंधन को इलेक्ट्रोवैलेंट बॉन्ड के रूप में जाना जाता है। 1916 में कोसल और लुईस ने उत्कृष्ट गैसों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की अवधारणा के आधार पर एक सफल व्याख्या देने में सफलता प्राप्त की कि परमाणु अणु मिलकर अणु क्यों बनाते हैं।उत्कृष्ट गैसों केपरमाणुओं मेंएक दूसरे के साथ या अन्य तत्वों के परमाणुओं के साथ संयोग करने की प्रवृत्ति बहुत कम या बिल्कुल नहीं होती है।इसका मतलब है कि इन परमाणुओं में स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होना चाहिए। आयनिक बंधन एक प्रकार का रासायनिक बंधन है जिसमें एक परमाणु या अणु से दूसरे में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण शामिल होता ...

रासायनिक युद्ध (Chemical Warfare) – मराठी विश्वकोश

• आमच्याविषयी • मराठी विश्वकोश इतिहास • पूर्व अध्यक्ष तथा प्रमुख संपादक • विश्वकोश संरचना • मराठी विश्वकोश खंड – विक्री केंद्रे • ठळक वार्ता.. • पुरस्कार.. • बिंदूनामावली • विश्वकोश प्रथमावृत्ती • विश्वकोश प्रकाशन • कुमार विश्वकोश • मराठी विश्वकोश परिभाषा कोश • मराठी विश्वकोश परिचय-ग्रंथ • अकारविल्हे नोंदसूची • सूचिखंड • मराठी विश्वकोश अभिमान गीत • लेखनाकरिता • ज्ञानसरिता • नोंद • आशयसंपादन • भाषासंपादन • संदर्भ • भाषांतर • विश्वकोशीय नोंद लेखनाच्या सूचना • ज्ञानमंडळ • ज्ञानसंस्कृती • मराठी परिभाषा कोश • मराठी शुद्धलेखनाचे नियम • महत्त्वाचे दुवे • मराठी भाषा विभाग • भाषा संचालनालय • साहित्य संस्कृती मंडळ • राज्य मराठी विकास संस्था • अभिप्राय • Toggle website search प्रस्तावना : रासायनिक युद्धपद्धतीमध्ये रसायनांचा, त्यांच्या वैषिक गुणधर्माला अनुसरून, शस्त्रास्त्र म्हणून वापर केला जातो. रासायनिक शस्त्रास्त्रे अत्यंत सहज रीतीने वायू, तरल पदार्थ, आणि घन या माध्यमांतून पसरवली जाऊ शकतात आणि त्यामुळे प्रायोजित लक्ष्याशिवाय ती इतरत्रही इजा पोहोचवू शकतात. रासायनिक अस्त्र हे विशिष्ट रसायनांच्या मिश्रणातून विकसित केलेले असून ते मानवांवर प्राणघातक इजा/तात्पुरते अपंगत्व पोहोचविण्यासाठी तयार केलेले असते. रासायनिक शस्त्र ही संज्ञा कोणत्याही विषारी रसायनास किंवा त्याच्या घटकांस, जे शारीरिक इजा, तात्पुरते अपंगत्व, मृत्यू किंवा मज्जासंस्थेचा दाह घडवून आणू शकतात अशा वैषिक रसायनांना लागू होते. ज्या युद्धोपयोगी साहित्य किंवा इतर वितरक संसाधनातून, भरलेली अथवा रिकामी, रासायनिक अस्त्र पोहोचविले जाते, त्यांनाही अस्त्रच समजले जाते. रासायनिक युद्धाच्या संप्रेरकांचे वर्गीकरण : रासायनिक युद्धाच्या संप...

पदार्थ

अनुक्रम • 1 परिभाषा • 2 विशेषताएँ तथा गुणधर्म • 2.1 भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म • 3 पदार्थ की अवस्थाएं • 3.1 ठोस • 3.2 द्रव • 3.3 गैस • 4 पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन • 5 भारतीय दर्शन में पदार्थ • 6 सन्दर्भ • 7 इन्हें भी देखें • 8 बाहरीकड़ियाँ परिभाषा [ ] पदार्थ की एक सामान्य या पारम्परिक परिभाषा है "कुछ भी जिसमें विशेषताएँ तथा गुणधर्म [ ] पदार्थ के कणों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं। • पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है। • पदार्थ के कण अत्यधिक क्षुद्र होते हैं। • पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है। • पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं। • पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म [ ] प्रत्येक पदार्थ के विशिष्ट या अभिलाक्षणिक गुणधर्म होते हैं। इन धर्मों को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है- भौतिक गुणधर्म उदाहरणार्थ भौतिक गुणधर्मो को पदार्थ की पहचान या संगठन को परिवर्तित किए बिना पदार्थ की अवस्थाएं [ ] पदार्थ तीन अवस्थाओं- ठोस [ ] ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (Force of attaraction) आधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उद्हरण - जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस आदि। द्रव [ ] द्रव में कणों के मध्य बन्धन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकर नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है। गैस [ ] गैस में कणों के मध्य बन्धन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (Shape) और न ही निश्चित आयतन (Volume) होता है। पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन [ ] पदार्थ तीन भौतिक अवस्था...

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प्रतिजैव (अँटिबायॉटिक) पदार्थांचा एक गट. [→ प्रतिजैव पदार्थ] संरचनेच्या (रेणूमधील अणू एकमेकांस जोडले जाण्याच्या पद्धतीच्या) दृष्टीने यांचे एकमेकांशी जवळचे नाते आहे. पेनिसिलीन हे नाव पेनिसिलियम नोटॅटम या बुरशीपासून [हरितद्रव्यरहित वनस्पतीपासून; → कवक; पेनिसिलियम] मिळालेल्या व प्रतिजैव (इतर प्रतिस्पर्धा सूक्ष्मजीवांची वाढ होण्यास प्रतिबंध करण्याचा) गुण असलेल्या पदार्थांला प्रथम दिले गेले. परंतु हा पदार्थ एक मिश्रण आहे असे कळून आल्यावर त्यातील घटकांना, ते एकमेकांशी संबद्ध आहेत हे दर्शविणारी, उदा., पेनिसिलीन जी, पेनिसिलीन एफ इ. नावे देण्यात आली. इतिहास इ. स. १९२९ मध्ये अॅलेक्झांडर फ्लेमिंग यांना असे आढळले की, संवर्धन माध्यमात (सूक्ष्मजीवांची वाढ व्हावी यासाठी तयार केलेल्या पोषक पदार्थांच्या मिश्रणात) होत असलेली स्टॅफिलोकॉकस जंतूंची वाढ अकस्मात एका बुरशीच्या संसर्गाने खुंटली. ही बुरशी पेनिसिलियम वंशाची आहे आणि तिचे संवर्धन केले असता मिळणारा द्रव आणि त्यातील पदार्थ यांच्या अंगी जंतुप्रतिकारक गुण आहे, असे दिसून आल्यावरून त्यांनी त्या पदार्थांला ‘पेनिसिलीन’ हे नाव दिले. ही बुरशी पेनिसिलयम नोटॅटम आहे हे चार्ल्स टॉम यांनी दाखविले. पेनिसिलीन अस्थिर असल्यामुळे ते शुद्ध रूपात वेगळे काढणे आणि त्याच्या गुणधर्मांचा अभ्यास करणे त्या वेळी शक्य झाले नाही. बुरशीचे संवर्धन करून पेनिसिलीन वेगळे करण्यासंबंधीचे प्राथमिक प्रयोग पी. डब्ल्यू. क्लटरबक, आर्. लोएल आणि एच्. रेसट्रिक यांनी १९३२ च्या सुमारास केले. त्यानंतर १९३८-४० या कालखंडात एच्. डब्ल्यू. फ्लोरी, ई. चेन आणि त्यांचे सहकारी यांनी ऑक्सफर्ड येथे संशोधन करून पेनिसिलिनाचे एक घनरूप लवण मिळविले. हे पूर्णपणे शुद्ध नव्हते, तरी मानव व इतर प्राणी या...