स्थितिज ऊर्जा का सूत्र

  1. स्थितिज ऊर्जा क्या है, परिभाषा सूत्र मात्रक प्रकार लिखिए स्प्रिंग की sthitij urjaa
  2. ऊर्जा क्या है,सूत्र, उपयोग, गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत, ऊर्जा के स्त्रोत(Energy in hindi
  3. उर्जा किसे कहते हैं? : परिभाषा, प्रकार, उदाहरण
  4. सिद्ध कीजिए कि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (P.E.)=mgh.
  5. ऊर्जा की परिभाषा, ऊर्जा के प्रकार, सूत्र और प्रश्न
  6. स्थितिज ऊर्जा : प्रत्यास्थ ,गुरुत्वाकर्षण (गुरुत्वीय), विद्युत स्थितिज उर्जा (potential energy in hindi) – 11th , 12th notes In hindi


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स्थितिज ऊर्जा क्या है, परिभाषा सूत्र मात्रक प्रकार लिखिए स्प्रिंग की sthitij urjaa

इसे PE अथवा U से प्रदर्शित करते हैं। स्थितिज ऊर्जा अदिश राशि है तथा इसका मात्रक जूल होता है। स्थितिज ऊर्जा के विभिन्न स्वरुप गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा: मान लिया m द्रव्यमान के एक पिंड को पृथ्वी तल से किसी निश्चित ऊंचाई h तक उठाया जाता है तो इसके लिए गुरुत्व बल F के विरुद्ध किया गया कार्य वस्तु में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। जिसे उस वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। V=mgh प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा: विरूपक बलों के कारण वस्तुओं में संचित ऊर्जा को प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। किसी स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा का सूत्र स्प्रिंग को इस प्रकार बनाया जाता है कि वह प्रत्यास्थता के गुण के कारण खींचे जाने अथवा दबाये जाने का विरोध करता है। अतः स्प्रिंग को दबाने अथवा खींचने के लिए कुछ न कुछ कार्य करना पड़ता है। यह कार्य स्प्रिंग में प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। माना m द्रव्यमान का एक पिंड द्रव्यमान रहित स्प्रिंग (आदर्श स्प्रिंग) के एक सिरे से जुड़ा है तथा स्प्रिंग का दूसरा सिरा किसी दृढ़ दीवार से जुड़ा है। Question: 2 किग्रा द्रव्यमान का एक पिंड 5 मीटर ऊंचाई से एक स्प्रिंग पर गिरता है। यदि स्प्रिंग के स्प्रिंग नियतांक का मान 2000 न्यूटन/मीटर हो तो स्प्रिंग कितना संकुचित होगा ? Solution: दिया गया है : m = 2 kg , h = 5m तथा k = 2000 N/m माना स्प्रिंग का अधिकतम संकुचन x है। पिंड द्वारा किया गया कार्य ही स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित होगा। स्थितिज ऊर्जा से सम्बंधित प्रश्न-उत्तर 1. स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं ?

ऊर्जा क्या है,सूत्र, उपयोग, गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत, ऊर्जा के स्त्रोत(Energy in hindi

Energy in hindi-क्या आप ऊर्जा की मूल बातें जानना चाहते हैं? क्या आप इसके सूत्र, उपयोग और स्रोतों के बारे में उत्सुक हैं? क्या आप गतिज और संभावित ऊर्जा को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं? अगर ऐसा है, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है! हम ऊर्जा की परिभाषा(Energy hindi meaning), इसके उपयोग और स्रोतों के साथ-साथ ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांतों की खोज करेंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ऊर्जा (Energy in hindi) “ कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहा जाता है। (Capacity of doing work is called energy.) किसी वस्तु में निहित ऊर्जा का मापन उस कुल कार्य से किया जाता है जिसे वह अपनी वर्तमान स्थिति से किसी प्रामाणिक स्थिति तक आने में कर सकती है।“ ऊर्जा के मात्रक (Units of energy) -ऊर्जा का SI मात्रक J होता है। [ द्रष्टव्य : ऊर्जा और कार्य के मात्रक समान होते हैं । ऊर्जा एवं कार्य के अन्य वैकल्पिक मात्रक (जूल में व्यक्त) निम्नांकित हैं • 1 अर्ग (erg) = 10^-7J • 1 इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV) = 1.6 ×10^-19 J • 1 कैलोरी (cal) = 4.186 J • 1 किलोवाट घंटा (kWh) = 3.6 × 10^6 J. यांत्रिक ऊर्जा के प्रकार (Kinds of Mechanical Energy in hindi) यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है- • गतिज ऊर्जा (kinetic energy) • स्थितिज ऊर्जा ( potential energy) गतिज ऊर्जा (Kinetic energy in hindi) – किसी वस्तु की वह ऊर्जा, जो उसकी गति के कारण होती है, गतिज ऊर्जा कहलाती है। इसे प्रायः Ek से प्रदर्शित किया जाता है। यदि m द्रव्यमान की वस्तु वेग से जा रही हो, तो उसकी गतिज ऊर्जा Ek 1 = ½(mv^2) अन्य ऊर्जाओं की भाँति गतिज ऊर्जा भी एक अदिश राशि (scalar quantity) है। स्थितिज ऊर्जा (Potential energy in hindi) – कि...

उर्जा किसे कहते हैं? : परिभाषा, प्रकार, उदाहरण

ऊर्जा विभिन्न वस्तुओं में पायी जाती है इसलिए ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप हैं :- • यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) • रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) • विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy) • नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy) • ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal Energy) आदि। ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों को समग्र रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है :- • गतिज ऊर्जा • स्थितिज ऊर्जा 1. गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं? किसी वस्तु में उसकी या स्वयं की गति के कारण उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को गतिज ऊर्जा (Kinetic energy)कहते हैं। गतिज ऊर्जा का सूत्र, गतिज ऊर्जा (KE) = 1/2mV2 गतिज ऊर्जा के उदाहरण – यह निम्न प्रकार से हैं- • चलती हवा में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • घूमते पहिए में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • बहते जल में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • दौड़ती वाष्प में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • चलती रेलगाड़ी में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है। 2. स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं? किसी वस्तु में अपनी स्थित के कारण उत्पन्न ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा (Potential energy)कहते हैं। स्थितिज ऊर्जा का सूत्र, स्थितिज ऊर्जा (PE) = mgh स्थितिज ऊर्जा के उदाहरण – यह निम्न प्रकार से हैं- • घड़ी में लिपटी हुई स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • जमीन से उंचाई पर स्थित जल में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • ओवरहेड टंकी में दबाई गई गैस में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है। • किसी भी ऊंचाई पर रखी वस्तु में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।

सिद्ध कीजिए कि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (P.E.)=mgh.

सिद्ध कीजिए कि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा पी बराबर mgh2 देखे तो प्रश्न में हमको यहां पर सिद्ध करना है गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ठीक है तू गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा क्या होती है दोस्तों अगर पृथ्वी की सतह से अगर किसी ऊंचाई पर कुछ वस्तु है दोस्तों को स्वस्थ में जो स्थितिज ऊर्जा को उसी को हम लोग भी स्थितिज ऊर्जा बोलते हैं दोस्तों ठीक है तू दिखे मालूम है या चित्र के माध्यम से समझाता हूं दोस्तों मान लो यह हमारी क्या है दोस्तों पृथ्वी है ठीक है और यह जो माल लो इसकी त्रिज्या यहां पर हम लोग यह मान लो यह पृथ्वी की त्रिज्या आ रहे दोस्तों ठीक है यह क्या है आर यस का केंद्र है ठीक है दोस्तों आप इस्तेमाल लो हम लोग को एक ऊंचाई पर यह जो है यहां से एक ऊंचाई यह कितना है दोस्तों यह तो चाय यहां पर कोई एक वस्तु रखा है इस उचाई पर ठीक है इस वस्तु का हमको क्या लिखना है गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ठीक है दोस्तों तो आप देखिए यह मालूम पृथ्वी का द्रव्यमान को हम लोग हम से डरता रहे हैं ठीक है सुबह के गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का हम लोग सूत्र किस तरह कैसे लिखते हैं दोस्तों गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा इसका सूत्र मिलता है क्या है हमको इसको हम लोग यू से दर्शाते हैं ठीक है और इसका सूत्र आम को क्या मिलता है g.n.m. बटा आर ठीक है अब यह क्या है दोस्तों यह सब तुम इसको हम लोग समझते हैं ठीक है जी यहां पर क्या बता रहे दोस्तों यहां पर क्या बता रहा है गुरु ही नहीं शाम को बता रहा है यह सार्वत्रिक नहीं तंग सार्वत्रिक वाकर नीता ठीक है दोस्तों यहां पर क्या बता रहा है जो है यहां पर पृथ्वी का द्रव्यमान को बता रहा है छोटा लाइन क्या है जो वस्तु का द्रव्यमान बता रहा है जो पृथ्वी से ऊंचाई पर है वस्तु का द्रव्यमान और भार यहां पर क्या बताता है दो...

ऊर्जा की परिभाषा, ऊर्जा के प्रकार, सूत्र और प्रश्न

उदाहरण के लिए बंदूक से छोड़ी गयी गोली लक्ष्य से टकराकर विस्थापन उत्पन करती है। ऊर्जा को अंग्रेजी में Energy कहते है। किन्तु यह सभी ऊर्जाए पृथ्वी पर केवल दो रूपों में ही मिलती हैं। • गतिज ऊर्जा • स्थितिज ऊर्जा 1.गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने की जो क्षमता आ जाती हैं उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। माना, m द्रव्यमान की कोई वस्तु v वेग से चल रही हैं तो गतिज ऊर्जा (KE) होगी। K. E. = ½ mv² गतिज ऊर्जा = ½ द्रव्यमान/(वेग)² गजित ऊर्जा सदैव धनात्मक होती है। 2. स्थितिज ऊर्जा(PotentialEnergy) जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था या स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती हैं तो उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे :- • बाँध बनाकर इकट्ठा किये गए पानी की ऊर्जा • घड़ी की चाभी में संचित ऊर्जा • तनी हुई स्प्रिंग या कमानी की ऊर्जा गुरुत्व बल के विरूद्ध संचित स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक हैं। P.E. = mgh जहाँ :- m = द्रव्यमान g = गुरुत्वजनित त्वरण h = ऊँचाई ऊर्जा के प्रकार ऊर्जा के अनेक रूप है लेकिन कुछ मुख्य प्रकार निम्नानुसार है। 1. रासायनिक ऊर्जा परमाणु बंधनों के बीच संग्रहित ऊर्जा रसायनिक ऊर्जा है। उदाहरण : लकड़ी, कोयले को जलाने से ईंधनों से उत्पन्न होने वाली रसायनिक ऊर्जा का उपयोग करते हैं। 2. विद्युत ऊर्जा बिजली के कंडक्टर में इलेक्ट्रॉनों द्वारा वहन की जाने वाली ऊर्जा विद्युत ऊर्जा है। यह ऊर्जा के सबसे आम और उपयोगी रूपों में से एक है। उदाहरण : बिजली भी ऊर्जा का रूप है ऊर्जा के अन्य रूप भी विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किये जा सकते हैं उदाहरण के लिए, ऊर्जा संयंत्र कोयले जैसे ईंधन में संग्रहीत रसायनिक ऊर्जा को उसके विभिन्न रूपों में परिवर्तित कर विद्युत ऊर्...

स्थितिज ऊर्जा : प्रत्यास्थ ,गुरुत्वाकर्षण (गुरुत्वीय), विद्युत स्थितिज उर्जा (potential energy in hindi) – 11th , 12th notes In hindi

इसी प्रकार तीर को धनुष में इसकी स्थिति के कारण इसमें स्थितिज ऊर्जा निहित रहती है , धनुष को जब छोड़ा जाता है तो इसमें विद्यमान स्थितिज ऊर्जा , गतिज उर्जा में परिवर्तित होने लगती है। धनुष को जितना अधिक खिंचा जाए इसकी स्थितिज ऊर्जा उतनी ही अधिक होती है और जब छोड़ा जायेगा तो उतनी अधिक मात्रा में गतिज ऊर्जा होगी इसलिए जोर से खिंचकर छोड़ने से तीर अधिक दूर जाकर गिरता है। स्थितिज ऊर्जा के प्रकार (types of potential energy)