स्टारलिंक सैटेलाइट

  1. SpaceX Starlink: सौर तूफान ने 24 घंटे में 'मार डाले' SpaceX के 40 स्टारलिंक सैटेलाइट्स, धरती की ओर जलते हुए गिरे
  2. एलन मस्क की स्पेस
  3. क्या है स्टारलिंक सैटेलाइट सर्विस, कैसे करती है ये काम? रूस
  4. स्टारलिंक प्रोजेक्ट (Starlink Project) : डेली करेंट अफेयर्स
  5. स्टारलिंक क्या है प्लान फायदे, नुकसान


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SpaceX Starlink: सौर तूफान ने 24 घंटे में 'मार डाले' SpaceX के 40 स्टारलिंक सैटेलाइट्स, धरती की ओर जलते हुए गिरे

3 फरवरी 2022 को अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस कंपनी SpaceX ने फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से फॉल्कन-9 (Falcon-9) रॉकेट में 49 स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट (Starlink Internet Satellite) अंतरिक्ष में लॉन्च किए. दुर्भाग्य देखिए कि 24 घंटे के अंदर ही यानी 4 फरवरी 2022 को सूरज से आए जियोमैग्नेटिक तूफान (Geomagnetic Storm) ने 49 में से 40 स्टारलिंक को स्पेस में ही मौत की नींद सुला दिया. (फोटोः स्पेसएक्स) SpaceX ने एक बयान में कहा कि हमारे 40 स्टारलिंक सैटेलाइट्स पर जियोमैग्नेटिक तूफान का हमला हुआ है. जिसमें वह खराब हो गए. प्राथमिक जांच में पता चला है कि इससे पहले कि वह सुरक्षित ऑर्बिट में पहुंचते या पहुंचाया जाता, सौर तूफान (Solar Storm) ने उन्हें नष्ट कर दिया. इसके बाद वह धरती के वायुमंडल में जलते हुए दिखाई दिए. सौर तूफान ने इन सैटेलाइट्स पर हमला तब किया जब वो धरती से ऊपर 210 किलोमीटर की कक्षा में चक्कर लगा रहे थे. (फोटोः Eddie Irizarry/ Sociedad de Astronomia del Caribe) स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट (Starlink Internet Satellite) की कक्षा को जानबूझकर काफी नीचे रखा गया है. ताकि लॉन्च के बाद अगर कोई हादसा हो तो ये सैटेलाइट धरती की ओर गिरते-गिरते खत्म हो जाएं. ऐसा नहीं है कि स्टारलिंक सैटेलाइट्स को सौर तूफान से बचने के लिए प्रोग्राम नहीं किया गया है. इन्हें एज-ऑन (Edge-on) पोजिशन में रहने के लिए सेट किया गया है. ताकि सौर तूफान का असर कम हो. लेकिन जब सौर तूफान आया तब इन्हें अपनी यह पोजिशन लेने का समय नहीं मिला. (फोटोः स्पेसएक्स) SpaceX ने कहा कि 40 स्टारलिंक सैटेलाइट धरती पर आते समय वायुमंडल में ही जलकर खत्म हो गए. न ही अंतरिक्ष में कोई कचरा पैदा हुआ. न ही किसी ...

एलन मस्क की स्पेस

June 12, 2023 | 02:53 pm 1 मिनट में पढ़ें एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-X ने सबसे कम उम्र के कर्मचारी कैरन काजी को नियुक्त किया काजी ने "तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण" और "मजेदार" इंटरव्यू प्रक्रिया को पूरा करके यह सफलता हासिल की है। काजी ने स्पेस-X के साथ अपने नए सफर की घोषणा करते हुए अपनी जॉब अपडेट को लिंक्डइन प्लेटफॉर्म पर शेयर किया। जान लेते हैं काजी का अब तक का सफर कैसा रहा है। उम्र को नियुक्ति का बेंचमार्क न बनाए जाने पर स्पेस-X की सराहना काजी ने कहा कि वह स्टारलिंक इंजीनियरिंग टीम में शामिल होंगे। 14 वर्षीय इस जीनियस ने बताया कि वह स्टारलिंक इंजीनियरिंग टीम में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कंपनी में शामिल होंगे। काजी ने स्पेस-X को उन चुनिंदा कंपनियों में से एक कहा, जिन्होंने क्षमता और परिपक्वता का निर्धारण करने के लिए उनकी उम्र को एक मनमाना और पुराना बेंचमार्क नहीं माना। बता दें, काजी को पता था कि उनके लिए स्कूली शिक्षा नहीं है पर्याप्त काजी ने अपनी उपलब्धि को सांता क्लारा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक पूरा करने से ठीक पहले शेयर किया। यूनिवर्सिटी में काजी फिर से कॉलेज के सबसे कम उम्र के ग्रेजुएट के रूप में इतिहास रचेंगे। LA टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जीनियस काजी जब कक्षा 3 में थे तब उनकी उम्र 9 साल थी और उसी समय उन्हें पता चल गया था कि उनके एडवांस नॉलेज के लिए सिर्फ स्कूली शिक्षा पर्याप्त नहीं थी। काजी का एक्सपीरियंस कुछ महीने बाद काजी को इंटेल लैब्स में AI रिसर्च को-ऑप फेलो के रूप में इंटर्नशिप मिली और उन्होंने 11 साल की उम्र में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लिया। 2022 में काजी ने साइबर इंटेलिजेंस फर्म ब्लैकबर्ड.AI में मशीन लर्...

क्या है स्टारलिंक सैटेलाइट सर्विस, कैसे करती है ये काम? रूस

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में SpaceX के CEO एलन मस्क (Elon Musk) ने यूक्रेन की मदद के लिए Starlink टर्निमल्स भेजे थे, जिससे यूक्रेन में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के उप-प्रधानमंत्री Mykhailo Fedorov ने ट्विटर पर एलन मस्क से मदद मांगी थी, जिसे बाद उन्होंने स्टारलिंक टर्मिनल यूक्रेन भेजे थे. रूस के लगातार हवाई हमलों और बम विस्फोटों से यूक्रेन में जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं जिनमें से इंटरनेट भी एक है. युद्ध के दौरान यूक्रेन में इंटरनेट की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और इसे दुरुस्त करने के लिए एलन मस्क ने स्टारलिंक सेटेलाइट इंटरनेट सुविधा यूक्रेन को मुहैया करायी हैं. एलन मस्‍क की इंटरनेट सर्विस ‘स्‍टारलिंक’ (Starlink) सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट मुहैया कराती है. रूस के हमलों के बीच SpaceX ने यूक्रेन में 'स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस' शुरू कर दी है. एलन मस्क ने ट्वीट कर इसका ऐलान करते हुए कहा था कि इस तरह की और भी टर्मिनल सेवाएं वो जल्दी ही पूरे यूक्रेन के लिए शुरू करेंगे. दरअसल, ट्विटर पर एलन मस्क से मदद मांगते हुए यूक्रेन के उप-प्रधानमंत्री ने कहा था, “जहां आप अंतरिक्ष को व्यवस्थित कर रहे हैं, रूस यूक्रेन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है. जहां आपके रॉकेट अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लैंड कर रहे हैं, रूस के रॉकेट यूक्रेन की आम जनता पर हमला कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि आप यूक्रेन को स्टारलिंक स्टेशन दें ताकि हम रूस के हमले का सामना कर सकें.” इसके जवाब में एलन मस्क ने लिखा था, “यूक्रेन में स्टारलिंक सर्विस शुरू कर दी गई है और अन्य टर्मिनल जल्द वहां पहुंचेंगे.” ऐसे में सवाल उठता है कि क्या है ये 'स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस' और कैसे ये...

स्टारलिंक प्रोजेक्ट (Starlink Project) : डेली करेंट अफेयर्स

स्टारलिंकप्रोजेक्ट (Starlink Project) हालहीमें, एलॉनमस्कनेसंकेतदियाहैकिसरकारीमंजूरीमिलतेहीवेभारतमेंस्टारलिंकप्रोजेक्टकीशुरुआतकरदेंगे। दरअसल, स्टारलिंकसैटेलाइटआधारितइंटरनेटसेवाहै।एलॉनमस्कनेसाल 2015 मेंइससर्विसकाऐलानकियाथा।स्टारलिंकप्रोजेक्टमेंलो-ऑर्बिटसैटेलाइटकेजरियेपूरीधरतीपरसमानरूपसेइंटरनेटसेवादीजाएगी।दूसरीतरहकेइंटरनेटसेवामेंसमुद्रऔरमहासागरोंकेनीचेलंबे-लंबेतारदौड़ाएजातेहैंऔरइसीसेदुनियाकेएककोनेसेदूसरेकोनेतकइंटरनेटपहुंचायाजाताहै।इससमयभारतमेंवायरलेसइंटरनेटकेनामपरवायमैक्ससर्विसेसऔरमोबाइलइंटरनेटउपलब्धहै, परयहसैटेलाइटसेडायरेक्टलिंकनहोकरटेरेस्टेरियलनेटवर्कसेजुड़ाहै।इसवजहसेजिनइलाकोंमेंटॉवर्सनहींहोते, वहांइंटरनेटसर्विसेसनहींमिलपाती।इतनाहीनहींवायमैक्ससेमिलनेवालाइंटरनेटभीकाफीधीमाहोताहै।स्टारलिंकप्रोजेक्टकेजरिएइलोनमस्कआसमानमेंकईहजारसैटेलाइटलॉन्चकरेंगे।इनसैटेलाइट्सकोआपसमेंलेजरकेजरिएजोड़ाजाएगा।ग़ौरतलबहैकिकंपनीद्वाराआसमानमेंकुछसैटेलाइट्सलांचभीकियेजाचुकेहैं।कंपनीकीयोजनाकरीब 42 हजारसैटेलाइटलॉन्चकरनेकीहै।इतनीबड़ीसंख्यामेंसैटेलाइटलॉन्चहोनेसेआपकेधीमेइंटरनेटकीसमस्याखत्महोजाएगी।साथहीस्टारलिंकसेइंटरनेटसस्ताभीहोजाएगा। वैसेतोस्टारलिंकप्रोजेक्टकाफीमहत्वकांक्षीबतायाजारहाहै, लेकिनविशेषज्ञोंनेइसकोलेकरकुछचिंताएंभीज़ाहिरकीहैं।इसमेंसबसेबड़ाकंसर्नअंतरिक्षकचरेकोलेकरहै।चूंकिकंपनीनेअंतरिक्षमें 42 हजारसैटेलाइटलॉन्चकरनेकीयोजनाबनाईहै, ऐसेमेंअंतरिक्षमेंसैटेलाइटहीसैटेलाइटकीभरमारहोजाएगीऔरउनकेआपसमेंटकरानेकाभीखतराहै।इसतरहअंतरिक्षमेंकचराभीबढ़ेगा।

स्टारलिंक क्या है प्लान फायदे, नुकसान

स्टारलिंक क्या है भारत में प्लान फायदे, नुकसान, जानकारी | Starlink Kya Hai in Hindi टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क के द्वारा स्टारलिंक को दुनिया भर में लॉन्च किया जा रहा है और अनुमान के मुताबिक साल 2022 के आखिरी महीने में अथवा साल 2023 के फरवरी महीने तक भारत में भी यह सर्विस लॉन्च हो जाएगी। इस सर्विस की इतनी अधिक चर्चा होने की वजह इसके द्वारा तेज इंटरनेट स्पीड प्रदान करना है साथ ही यह भारत के ग्रामीण इलाके में भी फोकस करेगी। इसलिए काफी लोग Starlink के बारे में जानना चाहते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको “स्टारलिंक इंटरनेट क्या है” और “स्टारलिंक प्राइस प्लान इन हिंदी” की जानकारी दे रहे हैं। स्टारलिंक क्या है भारत में प्लान फायदे, नुकसान, जानकारी | Starlink Kya Hai in Hindi आप चाहें तो इसे ऑर्बिटल सेटेलाइट का नेटवर्क भी समझ सकते हैं। साल 2015 में स्पेस एक्स के द्वारा इसे लॉन्च करने के पश्चात साल 2018 में सैटेलाइट को इनके ऑर्बिट में लांच किया गया और सबसे आखरी बार साल 2021 में इसकी लॉन्चिंग हुई। अभी तक कंपनी के द्वारा 1000 से भी अधिक सेटेलाइट को लांच कर दिया गया है, जिनमें से तकरीबन 60 सैटेलाइट तो इसने सिर्फ साल 2021 में ही कैनेडी स्पेस सेंटर के द्वारा लांच किए। स्पेसएक्स के द्वारा Starlink इंटरनेट को धीरे-धीरे दुनिया भर में फैलाया जा रहा है और खुशखबरी की बात यह है कि यह हमारे भारत देश में भी जल्दी आने वाला है जिससे भारतीय लोगों को तेज इंटरनेट स्पीड प्राप्त होगी, जिससे इंटरनेट पर किए जाने वाले काम तेजी के साथ पूर्ण कर लिए जाएंगे। Starlink इंटरनेट प्लान की कीमत प्राप्त जानकारी के अनुसार यूजर को तकरीबन हर महीने $110 की पेमेंट स्टारलिंक की सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए चुकाना होगा। ...