स्वामी नारायण मंदिर गुजरात

  1. Swaminarayan Dharamshala in Rajkot
  2. Swaminarayan Dharamshala In Surat
  3. अहमदाबाद: श्रद्धालुओं के लिए खुला स्‍वामीनारायण मंदिर, 3000 kg सेब से लगेगा भगवान को भोग
  4. Swaminarayan dharamshala in Vadodara
  5. जाने! एक ऐसे मंदिर के बारे में, जिसे भूकम्प भी नहीं कर सका ध्वस्त
  6. सोमनाथ मन्दिर


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Swaminarayan Dharamshala in Rajkot

गुजरात का चौथा सबसे बड़ा शहर राजकोट अपने खुबसूरत पर्यटन स्थलों के साथ सांस्कृतिक वेशभूषा और खानपान के लिए पूरे देश में जाना जाता है। यहां का रंजित विलास पैलेस दो सौ एकड़ में फैले होने के साथ अपने अंदर राजकोट के इतिहास को समेटे हुए है‌। राजकोट वहीं जगह हैं जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। यहां की लालपरी झील में बोटिंग के साथ आप रात के नजारों का भी आनंद उठा सकते हैं। यदि आप भी राजकोट आएं हैं तो यहां पर स्थित स्वामी नारायण धर्मशाला की सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में उपलब्ध हो जाएगी। राजकोट में स्थित यह प्रसिद्ध हिंदू मंदिर राजकोट के लिए सबसे अधिक भीड़ और लोगों का श्रध्दा स्थल है, स्वामीनारायण भगवान मंदिर मुख्य मार्ग के किनारे स्थित होकर यहां से गुजरने वाले लोगों को आकर्षण दृश्य उपलब्ध कराता है। यदि आप राजकोट के कहीं बाहर से आएं हैं और ठहरने के लिए कोई धर्मशाला देख रहें हैं, तो आपको यहीं मंदिर परिसर में स्थित धर्मशाला में हीं ठहरने की अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है। यहां पर आपको आवास भी पर्याप्त पार्किंग के साथ उपलब्ध है, जो राजकोट के मुख्य स्टेशन डिपो के पास स्थित है। यहां पर आपको एयरकंडीशन वाले रूम डबल बेड में उपलब्ध होने के साथ आपके भोजन की भी यहां व्यवस्था उपलब्ध रहती है, जो आपको मंदिर के कैंटीन में उपलब्ध हो जाता है। धर्मशाला में सभी प्रकार के हिंदू धर्म के लोग ठहर सकते हैं। राजकोट के दिल में स्थित बीएपीएस स्वामी नारायण का यह मंदिर वास्तुकला और आस्था का एक शानदार नमूना पेश करता है। इस मंदिर की राजकोट जंक्शन से दूरी 5 किलोमीटर है, जहां आप रिक्शा से आसानी से पहुंच सकते हैं। मंदिर का रात का नजारा देखने में बहुत ही अद्भुत होता है। मंदिर...

Swaminarayan Dharamshala In Surat

गुजरात के प्रमुख शहर सूरत को टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के जगदीश चन्द्र एक्वेरियम में आपको मछलियों की 100 से भी ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल जाती है और सरथाना नेचर पार्क में आपको चिड़ियाघर के सभी पशु-पक्षी देखने को मिल जाते हैं। सूरत अपने कपड़ा उद्योगों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध रहा हैं। सूरत में स्थित गोपी झील में आपको बोटिंग और बंपर राइडिंग जैसी एक्टीविटीज भी कराई जाती है। अगर आप सूरत आएं है, तो यहां पर स्थित स्वामी नारायण धर्मशाला की सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में उपलब्ध हो जाएगी। सूरत रेलवे स्टेशन से 6.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वामीनारायण जी का यह मंदिर आपको ठहरने की भी सुविधा उपलब्ध करवाता है। घुमावदार बलुआ पत्थर से बने बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर में आपको एक बगीचा, सुनहरी मूर्तियां और सांस्कृतिक प्रदर्शनियां देखने को मिल जाती हैं। यहां आने वाले Visiters के लिए परिसर में हीं Rest House बना हुआ है, जहां आप आराम कर सकते हैं। यहां पर आपको Hygienic Food भी उपलब्ध हो जाता है। ठंडे मौसम में आपको गर्म पानी की व्यवस्था भी रेस्ट हाउस में उपलब्ध हो जाती है। यहां दर्शानार्थियों की संख्या बहुत अधिक रहती है, इसलिए आपको ठहरना हो तो आप बुकिंग नम्बर पर काॅल करके अपना रूम बुक करा सकते हैं। वेद रोड़ पर सूरत रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वामी नारायण जी के इस मंदिर का Architecture देखने लायक होता है। यहां पर आपको एयरकंडीशन तथा गैर एयरकंडीशनर वाले रूम अच्छी फैसिलिटी के साथ उपलब्ध हो जाते हैं। पार्किंग के लिए यहां पर बहुत सारी जगह उपलब्ध है, जहां पर वाहन का हार्न बजाना पूर्ण प्रतिबन्धित होता है। आपको यहां स्थ...

अहमदाबाद: श्रद्धालुओं के लिए खुला स्‍वामीनारायण मंदिर, 3000 kg सेब से लगेगा भगवान को भोग

अहमदाबाद. कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus epidemic) के बीच विश्‍व प्रसिद्ध श्री स्वामीनारायण मंदिर (Shree Swaminarayan Mandir) के कपाट मंगलवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इस बीच गुजरात के अहमदाबाद स्थित श्री स्‍वामीनारायण मंदिर में आज लगभग 3000 किलोग्राम सेब देखकर श्रद्धालु हैरान थे. भारी मात्रा में सेब को देखकर लोग अलग-अलग कयास लगा रहे थे. दरअसल, स्वामीनारायण मंदिर में तीन हजार किलो सेब से मंदिर में सजावट की गयी है और उसे भोग में भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसपर मंदिर के एक पुजारी ने कहा, 'पूजा के बाद, सेब को कोविड-19 रोगियों और स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के बीच वितरित किया जाएगा.' आज लगभग साढ़े छह महीने के बाद मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. बता दें कि श्री स्वामीनारायण मंदिर के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए नई शर्तों खोले गए. अब वही लोग मंदिर में जा सकेंगे जिन्‍होंने मास्‍क पहन रखी होगी. मास्‍क पहनना अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही अपने साथ सैनिटाइजर भी रखना होगा. नए प्रावधानों के तहत श्रद्धालुओं को सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों का भी सख्‍ती से पालन करना होगा. इसके अलावा एंट्री गेट पर थर्मल स्‍कैनिंग भी की जाएगी. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ये सभी सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे, ताकि सभी लोग संक्रमण से सुरक्षित रह सकें. Gujarat: Around 3000 kgs of apple put at display at Shree Swaminarayan Mandir in Ahmedabad; the temple has been re-opened for devotees from today. A priest says, "After puja, the apples will be distributed among — ANI (@ANI) बदली गई है टाइमिंग कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के साथ ही श्री स्वामीनारायण मंदिर में प्रवेश की...

Swaminarayan dharamshala in Vadodara

गुजरात की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर प्रसिद्ध वड़ोदरा जिसे हम बड़ौदा भी कहते हैं, गुजरात की संस्कृति और परंपरा का अनूठा मिश्रण है। अपने भव्य महलो, स्मारकों और ऐतिहासिक मंदिरों के कारण यह प्राचीन शहर आज गुजरात की प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक है। यहां का लक्ष्मी विलास पैलेस काफी बड़े क्षेत्र में फैले होने के साथ देश के आलीशान भवनों में शामिल है। यहां पर स्थित सूरसागर झील में आप बोटिंग भी कर सकते हैं और बहुत ऊंची शिव प्रतिमा को भी निहार सकते हैं। यदि आप भी वडोदरा आएं है , तो यहां पर स्थित स्वामी नारायण धर्मशाला की सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में उपलब्ध हो जाएगी। वडोदरा रेलवे जंक्शन से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर बहुत शांतिपूर्ण जगह पर स्थित है। यह पूरा मंदिर बहुत हीं सुंदर होने के साथ एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है, जो भक्तों से खचाखच भरा हुआ रहता है। मंदिर के चारों ओर की साफ-सफाई बहुत अच्छी और व्यवस्थित तरीके से होती है। मंदिर परिसर के सामने हीं बीएपीएस धर्मशाला भी स्थित है, जो बाहर से आएं हुए आंगतुको को एक आध्यात्मिक माहौल प्रदान करती है। एक – दो दिन रूकने के हिसाब से यह धर्मशाला आपको अच्छी और सफाई वाली फैसिलिटी उपलब्ध कराती है। धर्मशाला में आपको एयरकंडीशनर वाले रूम डबल बेड के साथ उपलब्ध हो जाते है, आप चाहें तो साधारण रूम में भी ठहर सकते है, जिसमें आपको दो सिंगल बेड उपलब्ध हो जाते हैं। रूम के अंदर हीं आपको कपड़े रखने के लिए अलमारी और अटेच बाथरूम की सुविधा भी उपलब्ध हो जाती है। धर्मशाला के भोजनालय में आपको सुबह का लंच और शाम का डीनर निशुल्क उपलब्ध हो जाता है, जो आपको प्रसाद के रूप में दिया जाता है। धर्मशाला के साथ मंदिर परिसर म...

जाने! एक ऐसे मंदिर के बारे में, जिसे भूकम्प भी नहीं कर सका ध्वस्त

कहीं जलती हुई सिगरेट, तो कहीं रॉयल इंफील्ड , ये हैं इन मंदिरों के प्रमुख देवता इस मंदिर का पुननिर्माण संगमरमर और सोने से किया गया, जिसकी चमक देखकर आपकी आँखें खुली की खुली रह जायेंगी। स्वामी नारायण मंदिर शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है, जिसके चलते आप यहां एक असीम शांति का एहसास कर सकते हैं। आइये आपको तस्वीरों के जरिये इस मंदिर की खूबसूरती का दीदार कराते हैं।

सोमनाथ मन्दिर

गुजरात में अवस्थिति 20°53′16.9″N 70°24′5.0″E / 20.888028°N 70.401389°E / 20.888028; 70.401389 20°53′16.9″N 70°24′5.0″E / 20.888028°N 70.401389°E / 20.888028; 70.401389 वास्तु विवरण प्रकार निर्माण पूर्ण 1951 (वर्तमान भवन) वेबसाइट .somnath .org - .bharatvarshgyan .com /2020 /05 /history-of-somnath-temple .html सोमनाथ मन्दिर भूमण्डल में दक्षिण एशिया स्थित यह मन्दिर हिन्दू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है। अत्यन्त वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया। वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरम्भ भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् लौहपुरुष सोमनाथजी के मन्दिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन, बाग-बगीचे देकर आय का प्रबन्ध किया है। यह तीर्थ पितृगणों के अनुक्रम • 1 किंवदन्तियाँ • 2 इतिहास • 2.1 भारत की स्वतन्त्रता के बाद पुनर्निर्माण • 3 तीर्थ स्थान और मन्दिर • 4 बाहरी क्षेत्र के प्रमुख मन्दिर • 5 अन्य दर्शनीय स्थल व मन्दिर • 6 आवागमन • 7 चित्र वीथिका • 8 बाहरी कड़ियाँ • 9 सन्दर्भ किंवदन्तियाँ [ ] प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार में बताये कथानक के अनुसार सोम अर्थात् चन्द्र ने, दक्षप्रजापति राजा की 27 कन्याओं से विवाह किया था। लेकिन उनमें से रोहिणी नामक अपनी पत्नी को अधिक प्यार व सम्मान दिया कर होते हुए अन्याय को देखकर क्रोध में आकर दक्ष ने चन्द्रदेव को शाप दे दिया कि अब से हर दिन तुम्हारा तेज (काँति, चमक) क्षीण होता रहेगा। फलस्वरूप हर दूसरे दिन चन्द्र का तेज घटने लगा। शाप से विचलित और दु:खी सोम ने भगवान शिव की आराधना शुरू कर दी। अन्ततः शिव प्रसन्न हुए और सोम-चन्द्र के शाप का निवारण किया। ...