Thyroid test kaise hota hai

  1. थायराइड के लक्षण कारण व उपचार Thyroid Symptoms & Treatment in Hindi
  2. थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) टेस्ट क्या है, खर्च, कब, क्यों, कैसे होता है
  3. हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण और ईलाज
  4. सलाह:थायरॉयड में T3, T4 और Tsh टेस्ट का क्या मतलब? जानें मरीज कैसे चेक करें अपनी रिपोर्ट
  5. जानिये थायराइड कैसे होता है, इन लक्षणों से पता करे थायराइड का
  6. थायराइड के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपचार
  7. थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट, प्रक्रिया, रिजल्ट और कीमत
  8. Thyroid Stimulating Hormone TSH: TSH Levels Test
  9. tsh test kya hai


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थायराइड के लक्षण कारण व उपचार Thyroid Symptoms & Treatment in Hindi

थायराइड क्या होता है? / Thyroid in Hindi Thyroid गले में स्थित एक ग्रंथि (gland) का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के metabolic processes * को control करने के काम आता है। *शरीर में होने वाले कैमिकल रिएक्शनस को जो हमारे जीवन के लिए ज़रूरी हैं। थायराइड की समस्याएं क्या होती हैं? / Thyroid Gland से produce होने वाले hormones शरीर में होने वाले सभी मेटाबोलिक प्रक्रियाओं को affect करते हैं। थायराइड disorders से घेंघा जैसी छोटी बीमारी से लेकर जानलेवा कैंसर तक हो सकता है। लेकिन जो सबसे common थायराइड प्रॉब्लम होती है वो है थायराइड हॉर्मोन्स का सही मात्रा में प्रोडक्शन ना होना। इसमें दो तरह की समस्या आती है- • Hyperthyroidism (हाइपरथायरायडिज्म / अतिगलग्रंथिता ): ज़रुरत से अधिक hormones का पैदा होना • Hypothyroidism (हाइपोथायरायडिज्म / अवटु-अल्पक्रियता): ज़रूअत से कम हॉर्मोन्स का प्रोडक्शन होना इन समस्याओं की वजह से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन अगर सही से diagnose करके इलाज किया जाए तो इन्हें अच्छे से manage किया जा सकता है। Hyperthyroidism (Overactive Thyroid) कई बार डॉक्टर Hyperthyroidism को overactive thyroid कह कर भी बुलाते हैं। थाइरोइड ग्लैंड से निकलने वाले hormones शरीर के लगभग सभी हिस्सों को प्रभावित करते हैं, skin, brain, muscles, कुछ भी इससे अछूता नहीं है। इनका सबसे एहम काम होता है बॉडी द्वारा use हो रही energy को कण्ट्रोल करना, जिसे हम metabolism के नाम से जानते हैं। इसमें दिल कैसे धड़कता है, body का temperature कैसे कंट्रोल होता है और हम कैसे अपनी कैलोरीज बर्न करते हैं; ये सब शामिल ...

थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) टेस्ट क्या है, खर्च, कब, क्यों, कैसे होता है

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हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण और ईलाज

Hypothyroidism यह महिलाओं में पाया जानेवाला एक hormonal हैं। कई महिलाओं को हाइपोथायरायडिज्म होते हुए भी इस बीमारी का पता लंबे समय तक नहीं चलता है और अचानक किसी अन्य समस्या के लिए जांच किये जानेपर इस रोग की जानकारी मिलती हैं। Hypothyroidism के कारण महिलाओं के शरीर में कई दुष्परिणाम होते है और इसके लिए महिलाओं को इस रोग के लक्षण और उपचार की जानकारी होना बेहद जरुरी हैं। Hypothyroidism के कई सारे लक्षण हैं और जरुरी नहीं हैं की Hypothyroidism के मरीज में यह सारे लक्षण नजर आए। Hypothyroidism के लक्षण इस प्रकार हैं : 1.शुष्क त्वचा – Dry Skin 2.थकान – tiredness 3.अकारण वजन बढना – unexplained weight gain 4. चिडचिडापन – irritability 5. ठण्ड सहन न होना – intolerance to cold 6. ह्रदय की गती कम होना – slow heart rate 7. कम पसीना आना – decreased sweating 8. तनाव / मायूसी – depression 9. चेहरे पर सुजन – swelling over face 10. गले में सुजन – Goiter 11. कब्ज – constipation 12. बदनदर्द – body ache 13. अनियमित मासिक – irregular or heavy menses 14. सूखे बाल या बालो का झड़ना – dry hair or excess hair fall 15. याददाश्त कम होना – memory problems 16. भंगुर नाख़ून – brittle nails नवजात बच्चो में Hypothyroidism में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं : 1. त्वचा में पीलापन – Yellowing of the skin 2. लंबी और बाहर निकलने वाली जबान – large and protruding tongue 3. चेहरे पर सुजन – puffy face 4. बार-बार दम घुटना – frequent choking 5. शारीरिक और मानसिक वृद्धि सामान्य से कम होना – slow growth 6. आलस्य – laziness 1. Thyroid Profile : Hypothyroidism का निदान करने के लिए डॉक्टर आपको Thyroid Profile यह खून जांच कराने...

सलाह:थायरॉयड में T3, T4 और Tsh टेस्ट का क्या मतलब? जानें मरीज कैसे चेक करें अपनी रिपोर्ट

Medically Reviewed by डॉ. राजन गांधी जनरल फिजिशियन, चाइल्डकेयर हॉस्पिटल, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल डिग्री- एम.बी.बी.एस, डिप्लोमा सी.एच अनुभव- 25 वर्ष थायरॉयड एक आम बीमारी है, लेकिन यह तेजी से अपने पांस पसार रही है। भारत में लाखों लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। खासकर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉयड की समस्या खूब देखने को मिलती है। हालांकि यह जांचने के लिए कि थायरॉयड की समस्या है या नहीं, डॉक्टर टेस्ट कराते हैं। अगर आपने कभी थायरॉयड का टेस्ट कराया हो तो आपने ध्यान दिया होगा कि रिपोर्ट पर T3, T4, TSH जैसे कुछ मेडिकल शब्द लिखे होते हैं। क्या आप जानते हैं कि इनका मतलब क्या होता है? आइए जानते हैं इसके बारे में... दरअसल, थायरॉयड तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो शरीर की कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि थायरॉयड दो प्रमुख हार्मोन पैदा करती है, जिसे ट्राईआयोडीनथायरोक्सिन यानी T3 और थायरॉक्सिन यानी T4 के नाम से जाना जाता है। जब शरीर अधिक या कम थायरॉयड हार्मोन बनाता है, तो डॉक्टर टेस्ट कराने के लिए कहते हैं। थायरॉयड टेस्ट रिपोर्ट में T3 का क्या मतलब? • T3 टेस्ट ट्राईआयोडीनथायरोक्सिन हार्मोन के स्तर की जांच करता है। आमतौर पर डॉक्टर यह टेस्ट तब करवाने के लिए कहते हैं, जब T4 और TSH टेस्ट के बाद हाइपरथायरॉयडिज्म की आशंका हो। यह समस्या तब होती है जब थायरॉयड ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन का बहुत अधिक उत्पादन करती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हाइपरथायरॉयडिज्म शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज कर सकता है, जिससे अचानक से वजन कम हो सकता है और दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है। थायरॉयड टेस्ट रिपोर्ट में T4 का क्या मतलब? • T4 टेस्ट को थायरॉक्सिन टेस्ट के नाम से भी जाना ...

जानिये थायराइड कैसे होता है, इन लक्षणों से पता करे थायराइड का

जानिये थायराइड कैसे होता है , इन लक्षणों से पता करे थायराइड का | Jaaniye thyroid kaise hota hai, in lakshano se pata kare thyroid ka. थाइराइड के सही तरीके से काम न करने के लक्षण- थायराइड को साइलेंट किलर (silent killer) माना जाता है क्‍योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं, यह ग्रंथि खाने को शरीर के लिए उपयोगी उर्जा (energy) में बदलती है, अगर यह सही तरीके से काम न करे तो कई प्रकार की समस्‍या हो सकती है। 1 थायराइड की समस्‍ या थायराइड को साइलेंट किलर भी माना जाता है क्‍योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। हम जो खाते हैं उसे थाइराइड ग्रंथि शरीर के लिए उपयोगी उर्जा में बदलती है, इसके लिए थाइराइड हार्मोन (hormone) की भूमिका अहम होती है। थाइराइड ग्रंथि से दो प्रकार के हार्मोन निकलते हैं। थायरॉक्सिन टी-4 में चार आयोडीन (iodine) और ट्राईआयोडोथाइरीन टी-3 में तीन आयोडीन होते हैं। टी-4 जरूरत के अनुसार, टी-3 में बदल जाते हैं। दिक्‍कत तब आती है जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती। इस स्थिति में थकान, कमजोरी, जल्द जुकाम होने, त्वचा के सूखने, बाल गिरने, हाथ-पैर ठंडे रहने, मोटापा, तनाव और अवसाद, कब्ज, अनिद्रा, याददाश्त कमजोर (weak memory) होने की समस्‍या होती है। अगर आपका थायराइड ठीक से काम नहीं कर रहा है तो इसके कुछ लक्षण भी हैं इनको समझें। 2 थकान लगना थायराइड ग्रंथि जब सही तरीके से काम नहीं करती तो इसके कारण थकान लगता है। यह समस्‍या तब अधिक होती है जब थायराइड ओवरएक्टिव (over active) हो जाता है। ओवरएक्टिव थायराइड होने पर व्‍यक्ति ज्‍यादा एनर्जे‍टिक (energetic) अनुभव करता है लेकिन उसे बहुत जल्‍दी थकान भी होने लगता है। व्‍यक्ति का शरीर सुस्त हो जाता है, आलस (laziness) आता है। CLICK HE...

थायराइड के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपचार

विश्वभर में थायराइड तेजी से अपने पांव पसार रहा है, जो चिंताजनक विषय है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख से हम थाइराइड की जानकारी देने जा रहे हैं, ताकि आप इससे जागरूक हो सकें। इस लेख में हम थायराइड क्या है, थायराइड क्यों होता है, थायराइड के लक्षण और थायराइड के प्रकार से जुड़ी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा, यहां आपको थायराइड के घरेलू उपचार भी जानने को मिलेंगे। हालांकि, यह घरेलू उपचार थायराइड बीमारी को पूरी तरह ठीक तो नहीं कर सकते, लेकिन इसके लक्षणों व अन्य शारीरिक समस्याओं से राहत जरूर दिला सकते हैं। साथ ही यह थायराइड की दवाई के असर को बढ़ाने में भी मददगार हो सकते हैं। वहीं, थायराइड ऐसी समस्या है, जिसमें मेडिकल ट्रीटमेंट सबसे अहम है। इसलिए, लेख में थायराइड की दवाई से जुड़े कुछ सुझाव भी शामिल किए गए हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • थायराइड क्या है? – What is Thyroid in Hindi थायराइड बीमारी नहीं, बल्कि गले में आगे की तरफ पाए जाने वाली एक ग्रंथि होती है। यह तितली के आकार की होती है। यही ग्रंथि शरीर की कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। यह भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। थायराइड ग्रंथि टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन और टी4 यानी थायरॉक्सिन हार्मोंन का निर्माण करती है। इन हार्मोंस का सीधा असर सांस, हृदय गति, पाचन तंत्र और शरीर के तापमान पर पड़ता है। साथ ही ये हड्डियों, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करते हैं। जब ये हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं, तो वजन कम या ज्यादा होने लगता है, इसे ही थायराइड की समस्या कहते हैं ( इसके अलावा, मस्तिष्क में पिट्यूरी ग्रंथि से एक अन्य हार्मोन निकलता है, जिसे थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) कहते हैं। ...

थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट, प्रक्रिया, रिजल्ट और कीमत

TSH Test In Hindi: थायरॉयड-स्टिमुलेटिंग हार्मोन परीक्षण, थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट का एक प्रकार है, जो यह निर्धारित करने में मदद करता है, कि थायरॉयड ग्रंथि सही तरीके से काम कर रही है या नहीं। थायराइड-उत्तेजक हार्मोन (TSH) का सामान्य स्तर आमतौर पर 0.4 से 4.0 मिली यूनिट प्रति लीटर (mU/L) के बीच पाया जाता है। जब TSH और थायराइड हार्मोन के स्तर संतुलन की स्थिति से बाहर हो जाते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों, श्वास, शरीर के तापमान से संबंधित अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है और मनुष्य के जीवन को खतरे में डाल सकती हैं। अतः हाइपोथायरायडिज्म या एक अंडरएक्टिव थायरॉयड तथा हाइपरथायरायडिज्म या एक ओवरएक्टिव थायराइड जैसी समस्याओं की जांच करने के लिए थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट आवश्यक होता है। थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट एक प्रकार का रक्त परीक्षण है, जो किसी व्यक्ति में थायराइड विकारों की एक श्रृंखला का निदान करने में मदद करता है। थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन परीक्षण अक्सर थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के अंतर्गत थायराइड हार्मोन के असामान्य स्तर के अंतर्निहित कारण को निर्धारित और सक्रिय या अतिसक्रिय थायराइड ग्रंथि की जांच (स्क्रीनिंग) कर सकता है। रक्त में THS के स्तर को मापकर, डॉक्टर यह निर्धारित कर सकता है, कि थायराइड कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है। थाइरोइड, गले की एक छोटी तितली (butterfly) के आकार की ग्रंथि होती है, जो थायराइड हार्मोन रीलीज करती है। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार के प्राथमिक हार्मोन बनाती है: • ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) (triiodothyronine) • थायरोक्सिन (T4) (thyroxine) • कैल्सीटोनिन (calcitonin) यह हार्मोन चयापचय और अन्य शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करते हैं। थाइरोइड...

Thyroid Stimulating Hormone TSH: TSH Levels Test

थायराइड आम बीमारी हो गई है। पहले यह समस्या बड़ी उम्र वालों, और खासतौर पर महिलाओं में ज्यादा होती थी, लेकिन अस्वस्थ खान-पान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण बड़ी संख्या में युवा तथा बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। डायग्नोस्टिक चेन एसआरएल की 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, '32 फीसदी भारतीय थायरॉइड से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हैं'। अब तो थायराइड कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं। ऑस्टिन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के अध्ययन में पता चला है कि 'थायराइड कैंसर के कारण हर साल लाखों मरीजों को अपनी थायराइड ग्रंथि या इसका कोई हिस्सा निकलवाना पड़ रहा है।' अमेरिका के गैर-सरकारी संगठन एएआरपी के अनुसार, 'थायराइड दुनिया की उन 9 बीमारियों में शामिल हैं, जिन्हें पहचानने में डॉक्टर गलती कर जाते हैं।' इसलिए यह जानना जरूरी है कि कौन-सा टेस्ट करवाने से थायराइड का सही-सही पता लगाया जा सकता है। इसका जवाब है-टीएसएच यानी थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट। जानिए इसके बारे में - थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट थायराइड ग्रंथि पर किया जाता है। इससे पता लगाया जाता है कि थायराइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं? कहीं यह ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव तो नहीं? ये दोनों ही परिस्थितियां नुकसानदायक होती हैं। सबसे खास बात यह है कि इस टेस्ट से शरीर में थायराइड का कोई लक्षण नजर आने से पहले ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है। पहले जानें थायराइड क्या है मानव शरीर में ग्रंथी (ग्लैंड) एक ऐसा अंग है जो शरीर के विकास के लिए जरूरी रासायनिक पदार्थों को स्रावित (निकालता) करता है। थायराइड ग्रंथी टी4 सहित विभिन्न हार्मोन निकालता है जिन्हें संयुक्त रूप से थायराइड हार्मोन कहते हैं। ये हार्मोन पूरे शरीर...

tsh test kya hai

मानव शरीर में पाए जानेवाली गर्दन के पास तितलीनुमा अकार के ग्रंथि को थायरोड के नाम से जाना जाता हैं । आपके जानकारी के लिए बता दू की पुरुष के मक़ाबले महिलाओं में थायराइड के लक्षण सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं । इस थायरोड ग्रंथि का स्थान हमारे शरीर के गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर पाया जाता हैं । थायरोड को एंडोक्राइन ग्रंथि के नाम से भी जानते हैं जो मुख्य रूप से हार्मोन बनाने का काम करती हैं । दोस्तों आज हम लेख में थायरोड से जुड़े उन तमाम जानकारी को जानने की कोशिस करेंगे जो आपके लिए महत्वपूर्ण है इसलिए इस आर्टिकल में thyroid kya hota hai , thyroid kaise hota hai , thyroid symptoms hindi ,tsh kya hota hai थायराइड के शुरुआती लक्षण , types of thyroid in hindi , और thyroid kya hai इसके बारे में हमने जान लिया हैं तो चलिए अब आगे इसको पुरे विस्तारपूर्वक समझने के प्रयाश करते हैं । अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन जीने के वजह से थायरॉइड से सम्बन्धित बीमारी होती है और आयुर्वेद में इसे , वात, कफ व पित्त से प्रभावित होकर थायरॉइड से जुड़े रोग होता है। सबसे अच्छी बात यह हैं की आयुर्वेदिक उपचार के मदद से भी इसे ठीक किया जा सकता हैं और आप चाहे तो उच्च घरेलु नुस्खे को अपनाकर इससे आराम पा सकते हैं जिसके बारे में आगे बताया गया हैं । थायरोड कितने तरह के होते हैं -(thyroid kitne prakar ka hota hai) इसके मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं जिसे हाइपोथाइरोडिस्मऔर हाइपरथाइरोडिस्मके नाम जाना जाता हैं जब हमारे थाइरोड ग्रंथि में हॉर्मोन के उत्पादन ज्यादा होता है तो हाइपरथाइरोडिस्म और जब कम मात्रा में बनता हैं तो हाइपोथाइरोडिस्म होने का खतरा बना रहता हैं । hypothyroidism symptoms in hindi- हाइपो थायराइ...