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  1. Har Ghar Tiranga Certificate 2022
  2. History of Indian Flag in hindi; भारतीय तिरंगा झण्डा का इतिहास
  3. भीखाजी कामा


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Har Ghar Tiranga Certificate 2022

Table of Contents • • • • • • • Name Of Certificate : Har Ghar Tiranga Certificate 2022 आज 75वें स्वतंत्रता दिवस अमृत महोत्सव में भाग लेने के लिए यह मानकर कि आप भी प्रत्येक घर में तिरंगा मिशन को सूचीबद्ध करने का प्रयास करते हैं। इस मूल लेख के माध्यम से, आप में से प्रत्येक अपने बहुमुखी प्रतिभा के माध्यम से घर बैठेHar Ghar Tiranga Certificate 2022नामांकन और डाउनलोड कर सकता है। आपको बता दें कि भारत राष्ट्र में स्वतंत्रता के 75वें स्मरणोत्सव के शुभ अवसर पर स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की सराहना की जा रही है। हर घर तिरंगा प्रमाणपत्र डाउनलोड करने से पहले आपको हर घर तिरंगा अभियान के लिए नामांकन करना होगा। उसके बाद आप वास्तव में harghartirang.com सर्टिफिकेट डाउनलोड करना चाहेंगे। आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 13 अगस्त से 15 अगस्त तक पूरे भारत में हर घर तिरंगा धर्मयुद्ध की सराहना की जा रही है। इस लेख के माध्यम से हम आपको हर घर से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण बातों से परिचित कराएंगे। घर तिरंगा अभियान और हर घर तिरंगा प्रमाणपत्र डाउनलोड करने का पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है । मेरी ओर से मेरे पूरे परिवार की ओर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। Har Ghar Tiranga Certificate 2022 Har Ghar Tiranga Certificate – Overview हर घर तिरंगा प्रमाणपत्र अवलोकन Department Name सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार name of government भारत सरकार Campaign name हर घर तिरंगा National flag तिरंगा झंडा Anniversary 75वी The year 2022 place भारत every house tricolor date 13/08/2022 से 15/08/2022 campaign level राष्ट्रीय स्तर download process ऑनलाइन grade official website harghartiranga.com Purpose ...

History of Indian Flag in hindi; भारतीय तिरंगा झण्डा का इतिहास

History of Indian Flag in hindi; भारतीय तिरंगा झण्डा का इतिहास राष्ट्रीय झंडा अंगीकरण दिवस; 22 जुलाई राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की एकता और अखंडता की शान होती है। भारत का भी राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा के नाम से जाना जाता है। यह भी हमारे देश की आन-बान और शान है। इस तिरंगे को पाने के लिए कितने वीर वाकुंरों ने अपनी जान हंसते-हंसते गवां दी। प्रतिवर्ष 22 जुलाई के दिन को “राष्ट्रीय झंडा अंगिकरण दिवस” के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि आज ही के दिन 22 जुलाई 1947 को तिरंगे झंडे को भारतीय संविधान ने अपनाया था। भारतीय झंडे का इतिहास • 7 August 1906 ई• में भारत की पहली ध्वज Frist indian flag पहली बार तत्कालीन कलकता (वर्तमान कोलकाता) में इस झण्डे को फहराया था। इस बंगाल विभाजन के विरोध में निकाले गए जुलूस में शचीद्र कुमार बोस ने तीन रंग के झंडे शामिल किए। इस झंडे में ऊपर में हरा, बीच में पीला और नीचे लाल रंग का उपयोग किया गया था। हरे रंग वाले हिस्से में 8 कमल के अध खिले फूल छपे थे। सबसे नीचे लाल रंग वाले हिस्से में एक सुर्य और एक चन्द्रमा बना था। जबकि बीच वाले पीले पट्टी में हिंदी में वंदे मातरम् लिखा हुआ था। • 1907 ई• में दुसरी भारतीय ध्वज Second indian flag, 1907 मैडम भीकाजी कामा ने जर्मनी में दूसरे इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस में दुसरा तिरंगा झंडा फहराया था। यह ध्वज भी लगभग पहले जैसा ही था। इस ध्वज में थोड़ा ही बदलाव किया गया था। इस ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया रंग था। जबकि बीच में पीला और सबसे नीचे हरा रंग बना हुआ था। • तीसरी बार 1917 ई• में भारतीय झंडा फहराया गया Third indian flag, 1917 इस झण्डे को एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक ने होमरूल आंदोलन के दौरान था। यह ध्वज पहले बनाए गए ध्वज से...

भीखाजी कामा

भीखाजी कामा Bhikhaji Cama जन्म 24 सितंबर 1861 मृत्यु 13 अगस्त 1936 (आयु 74) बॉम्बे, ब्रिटिश भारत Father name= sorabji patel श्रीमती भीखाजी जी रूस्तम कामा (मैडम कामा) ( ( हिन्दुस्तानी उच्चारण: ) (24 सितंबर 1861-13 अगस्त 1936) भारतीय मूल की पारसी नागरिक थीं जिन्होने उनके द्वारा धनी परिवार में जन्म लेने के बावजूद इस साहसी महिला ने आदर्श और दृढ़ संकल्प के बल पर निरापद तथा सुखी जीवनवाले वातावरण को तिलांजलि दे दी और शक्ति के चरमोत्कर्ष पर पहुँचे साम्राज्य के विरुद्ध क्रांतिकारी कार्यों से उपजे खतरों तथा कठिनाइयों का सामना किया। श्रीमती कामा का बहुत बड़ा योगदान साम्राज्यवाद के विरुद्ध विश्व जनमत जाग्रत करना तथा विदेशी शासन से मुक्ति के लिए भारत की इच्छा को दावे के साथ प्रस्तुत करना था। भारत की स्वाधीनता के लिए लड़ते हुए उन्होंने लंबी अवधि तक निर्वासित जीवन बिताया था। तथ्यों के मुताबिक भीकाजी हालांकि अहिंसा में विश्वास रखती थीं लेकिन उन्होंने अन्यायपूर्ण हिंसा के विरोध का आह्वान भी किया था। उन्होंने आगे बढ़ो, हम भारत के लिए हैं और भारत भारतीयों के लिए है। जीवन परिचय [ ] भीकाजी कामा का जन्म 24 सितम्बर 1861 को भीकाजी कामा ने 22 अगस्त 1907 को वह अपने क्रांतिकारी विचार अपने समाचार-पत्र ‘वंदेमातरम्’ तथा ‘तलवार’ में प्रकट करती थीं। श्रीमती कामा की लड़ाई दुनिया-भर के साम्रज्यवाद के विरुद्ध थी। वह भारत के स्वाधीनता आंदोलन के महत्त्व को खूब समझती थीं, जिसका लक्ष्य संपूर्ण पृथ्वी से साम्राज्यवाद के प्रभुत्व को समाप्त करना था। उनके सहयोगी उन्हें ‘भारतीय क्रांति की माता’ मानते थे; जबकि अंग्रेज उन्हें कुख्यात् महिला, खतरनाक क्रांतिकारी, अराजकतावादी क्रांतिकारी, ब्रिटिश विरोधी तथा असंगत कहते थे...